Papaya Farmer Success Story: 1986 से पपीते की खेती कर रहे किसान कृष्णचंद्र हलदार ने बिना औपचारिक प्रशिक्षण के क्रॉस-पॉलिनेशन से अनोखी किस्म तैयार की. छोटे और समान आकार के पपीते बेहतर दाम दिलाते हैं. एक बीघा जमीन पर खेती कर वे इस फसल से 4 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं.
देसी कद्दू की खेती से अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के युवा किसान शेखर कद्दू की खेती से अच्छा मुनाफा कमा कर रहे हैं. एक बीघा में कद्दू की खेती के लिए 2 से 3 हजार रुपए खर्च आते हैं. जबकि इससे कमाई 60 से 70 हजार रुपए तक हो जाती है.
एक समय था जब आलू की खेती में घाटा होने से बचित्र सिंह को जमीन बेचनी पड़ी थी. अब सोयाबीन प्रोसेसिंग से उनकी किस्मत पूरी तरह बदल गई है. वह आज इसके कई उत्पाद बनाते हैं और लाखों में कमाई हो रही है.
गरीबी में पली-बढ़ी अंजू कुमारी ने कभी सोचा भी नहीं था कि खेती उन्हें राष्ट्रपति भवन तक ले जाएगी. लेकिन जैविक तरीके से तिलहन उत्पादन में उनके अनोखे प्रयासों ने उन्हें स्वतंत्रता दिवस समारोह का खास निमंत्रण मिला. पहली बार उन्हें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ चांदी की थाली और चम्मच में भोजन करने का अविस्मरणीय अनुभव भी मिला. पढ़ें पूरी कहानी.
उत्तर प्रदेश के सु्ल्तानपुर जिले के किसान रवि वर्मा तोरई की खेती से अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. रवि वर्मा 12वीं पास है. उसके बाद उन्होंने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी और सब्जी की खेती करने लगे. तोरई की खेती से रवि को लागत से 20 गुना मुनाफा हो रहा है.
गांव वालों के लिए सावन का महीना सबसे मुनाफे वाला समय होता है. इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने आते हैं. मंदिरों में फूलों की डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि कई बार सप्लाई कम पड़ जाती है.
बिहार की महिलाएं खेती से लेकर उद्यमिता तक रच रही हैं नई कहानी. राज्य की 38 लाख महिलाएं आधुनिक खेती का प्रशिक्षण ले चुकी हैं और शहद उत्पादन, ड्रोन संचालन, पशुपालन और नीरा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं.
Success Story: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक पारंपरिक केला किसान, जिसने 2018 में 27,000 वर्ग फुट भूमि पर तीन तालाबों के साथ मछली पालन को अपनाया था, अब 350 से अधिक किसानों के लिए मछली के बीज का सप्लायर बन गया है, जिसके पास अब 24 तालाब हैं.
पश्चिम बंगाल की तीन किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के 750 से ज्यादा किसानों ने मिट्टी को फिर से जीवन देने की दिशा में एकजुट होकर कदम बढ़ाए और अपनी आय को भी बढ़ाया. इस पहल की नींव तब रखी गई जब कूच बिहार सॉइल टेस्टिंग लैब की मदद से मिट्टी की जांच करवाई गई. वैज्ञानिक तरीके से हुए टेस्ट्स में यह बात साफ हुई कि परेशानी मेहनत की कमी नहीं, बल्कि मिट्टी की खराब सेहत भी है.
Success Story: झारखंड के चतरा जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाली मुनिया देवी मात्र 4 एकड़ की खेती से चारों तरफ से कमाई कर रहे हैं. इस महिला किसान ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का फायदा उठाकर अपनी तकदीप बदली है.
UP News: वर्तमान वर्ष में असलम ने 3 लाख पंगेशियस मत्स्य बीज संचित किया था. इससे लगभग 2.20 लाख मत्स्य बीज के सापेक्ष कुल 162 टन मछली की बिक्री की जा चुकी है. अभी उनके फार्म में औसत 400-500 ग्राम की लगभग 40 हजार मछली उपलब्ध है.
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले का गोलाघाट गांव अब आदिवासी किसानों की नई पहचान बना रहा है. यहां किसानों ने धान की जगह 18 एकड़ में लीची, आम और सब्जियों की खेती शुरू की है, जिससे उनकी आमदनी और आत्मविश्वास दोनों में तेजी से इजाफा हो रहा है.
Independence Day 2025: मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से सशक्त हो रही हैं. लखपति दीदी अभियान ने गरीब ग्रामीण महिलाओं को सशक्त उद्यमी बनने का मार्ग दिखाया है.
खेती-किसानी के बदलते दौर के साथ आगे बढ़कर आप अपनी आर्थिक स्थिति को बदल सकते हैं. बिहार के जमुई की महिला किसान शकुंतला देवी ने मात्र 1.25 एकड़ की जमीन में बागवानी कर 2 लाख से अधिक की कमाई कर रही हैं.
सरकारी नौकरी छोड़कर पटना में हाइड्रोपोनिक खेती का सफल मॉडल पेश कर रहे मोहम्मद जावेद आलम. वे आज पानी के सहारे फल, सब्जी सहित घर के अंदर रखने वाले प्लांट तैयार कर रहे हैं. वे कहते हैं कि आने वाला समय हाइड्रोपोनिक का है.
सुरेंद्र का बाग वहां काम करने वाली कई महिलाओं के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है. करीब 10-12 महिलाएं बाग में निराई, खुदाई और फल तोड़ने का काम करती हैं. वे पैकिंग भी करती हैं और अच्छी कमाई करती हैं.
उत्तर प्रदेश की रजनी अग्रवाल अपने पति के साथ मिलकर खुदरा पशु आहार का कारोबार करती थी. लेकिन MSME मंत्रालय की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) से लोन लेकर उन्होंने साल 2017 में यमुनोत्री कैटल फीड इंडस्ट्रीज की शुरुआत की. आज कंपनी का सालाना टर्नओवर 3.06 करोड़ रुपए है. कंपनी ने 25 लोगों को रोजगार भी दिया है.
Success Story: कग्गोद गांव में अपनी जमीन के लिए यूकेपी सिंचाई प्रोजेक्ट के पानी का इस्तेमाल करते हुए, नवीन मंगनावर उर्फ नूरंदा ने तीन साल पहले थाईलैंड से इंपोर्टेट 3,000 आम के पौधे सात एकड़ जमीन पर लगाए थे. आज वह पूरे साल इस आम की बिक्री से रोजाना 10,000 रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं. यही नहीं इन आमों की वजह से उनका खेत इस क्षेत्र के खेती के शौकीनों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बन गया है.
हमीरपुर, बुंदेलखंड में मधुमक्खी पालन ने किसानों की आय बढ़ाने में नया आयाम जोड़ा है. इस परियोजना के तहत वैज्ञानिक तरीके और प्रशिक्षण से किसानों को स्वरोजगार के अवसर मिले हैं. जानिए कैसे मधुमक्खी पालन ने बुंदेलखंड के किसानों की जिंदगी में बदलाव किया.
मुनि स्वामी राव एक छोटे किसान हैं जिनकी आजीविका का मुख्य साधन कृषि है. वे अपने परिवार के साथ तीन एकड़ ज़मीन पर टमाटर, मिर्च, गोभी, सेम जैसी सब्ज़ियों की खेती करते हैं. पहले वे पारंपरिक सिंचाई पद्धति का उपयोग करते थे जिससे पानी की काफी बर्बादी होती थी और पैदावार भी कम होती थी. संसाधनों की कमी के कारण वे आधुनिक तकनीक नहीं अपना पा रहे थे.
Farmer Sucess Story: राजनांदगांव के प्रगतिशील किसान सुरेश सिन्हा ने धान के अलावा सब्जियों की खेती का रुख किया. अब वह सालाना लाखों रुपये मुनाफा कमा रहे हैं. इससे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलावा आया है. वह खीरा, टमाटर और शिमला मिर्च से लाखों में मुनाफा कमा रहे हैं. पढ़ें सक्सेस स्टोरी...
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today