
देशभर में किसानों को अब बागवानी और कृषि से जुड़े क्षेत्रों का महत्व समझ आ रहा है, क्योंकि इनसे तेजी से आय बढ़ाने में मदद मिलती है. कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है. यहां के कोरिया जिले में किसानों ने पारपंरिक खेती से हटकर फल और सब्जियों की खेती को अपनाकर अपनी आमदनी में इजाफा किया है. कोरिया जिले का गोलाघाट गांव, जो चारों ओर से पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा है, आज बदलती तस्वीर दिखा रहा है.
यहां के आदिवासी किसान अब सिर्फ परंपरागत धान की खेती तक सीमित नहीं रहे, बल्कि 18 एकड़ जमीन पर लीची, आम और सब्ज़ियों की खेती कर रहे हैं. इसका असर किसानों की बढ़ी हुई आमदनी और आत्मविश्वास के रूप में साफ दिख रहा है. गोलाघाट में आदिवासी किसानों का बागवानी की तरफ मुड़ने के पीछे राज्य सरकार की मंशा और पहल का बड़ा हाथ है.
दरअसल, उद्यानिकी विभाग ने किसानों को वनाधिकार पट्टे पर मिली जमीन पर बागवानी अपनाने के लिए तैयार किया. इसके बद सात किसानों- पावेरूस मिंज, जयप्रकाश, बीरबल, संतोष, विजय, विश्वास और मनोहर ने इस पहल को अपनाया और बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाया.
गांव के खेत अब लीची और आम की बागवानी से महक रहे हैं. पश्चिम बंगाल की ‘साही’ प्रजाति की 1600 से ज्यादा लीची पौधे लगाए गए हैं. इनके बीच में लौकी, टमाटर, करेला, बरबट्टी, खीरा और तोरई जैसी सब्ज़ियां उगाई जा रही हैं. वहीं, चौसा, दशहरी और लंगड़ा किस्म के 300 से ज्यादा आम के पौधे भी लगाए गए हैं. खेतों में ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और बोरिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, तीन साल में लीची की पैदावार शुरू हो जाएगी, लेकिन आम और सब्ज़ियों से किसानों की कमाई पहले ही शुरू हो चुकी है. किसान पावेरूस मिंज कहते हैं, “धान की तुलना में बागवानी से ज्यादा मुनाफा है. यह खेती हमें सिर्फ एक फसल पर निर्भर नहीं रहने देती है.”
मालूम हो कि राज्य सरकार किसानों को धान की खेती छोड़कर अन्य फसलों को अपनाने पर प्रोत्साहन राशि भी देती है, क्योंकि धान में पानी की खपत ज्यादा होती है. वहीं, सिंचाई की सुविधा न होने के कारण ज्यादातर क्षेत्राें में ट्यूबवेल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे भूजल में तेजी से गिरावट होती है. वहीं, गोलाघाट की यह पहल अब इलाके के दूसरे गांवों के लिए भी मॉडल बन रही है. यहां की कहानी बताती है कि सही योजना और तकनीक मिल जाए तो पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में भी खेती का चेहरा बदल सकता है.
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