Mustard Price: सरसों के मंडी भाव में जबरदस्त मजबूती बनी हुई है. राजस्थान और हरियाणा की मंडियों में भाव 6,200 से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. जानिए उपज से कितना मुनाफा हो रहा है...
देशभर की कई मंडियों में मक्का किसानों को लागत से कम भाव मिल रहा है. एमएसपी 2400 रुपये तय होने के बावजूद दाम 1000-1500 रुपये तक ही रह गए हैं. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में स्थिति सबसे खराब है. बढ़ते उत्पादन और भारी आवक ने बाजार भाव पर दबाव बढ़ा दिया है.
Onion Price: इस साल प्याज के दाम लगातार गिरे हैं और भारी उत्पादन के अनुमान से किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. महाराष्ट्र की मंडियों में आवक तेज है और यूनतम दाम 1 से 3 रुपये किलो देखे जा रहे हैं. जानिए प्याज के ताजा मंडी भाव...
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में हरियाणा ने QCI और NABL के साथ दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए. मंडियों में लगने वाली NABL लैब्स से किसानों को गुणवत्ता परीक्षण वहीं उपलब्ध होगा. इससे फसल आकलन की सटीकता बढ़ेगी और मंडी प्रणाली अधिक विश्वसनीय बनेगी.
आंध्र प्रदेश सरकार ने धान खरीद अभियान को रफ्तार देते हुए बड़ी मात्रा में उपज खरीदी और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने अब तक 1.7 लाख किसानों से 11.9 लाख टन धान खरीदा जा चुका है.
एक महीने में 13,774 किसानों ने बेचा धान. सुपौल, किशनगंज और पूर्णिया सबसे आगे. सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने खरीदी अभियान तेज करने को कहा.
2 रुपये पर आकर गिरे प्याज के भाव, 30,000 टन से अधिक स्टॉक बॉर्डर पर फंसा. महादीपुर में 50 किलो बोरी सिर्फ 100 रुपये, एक्सपोर्टर्स मजबूरन सड़ा प्याज लोकल मार्केट में बेच रहे.
योगी सरकार ने धान खरीद को तेज करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. एमएसपी बढ़ाया गया है, खरीद केंद्रों की संख्या 5,000 की जा रही है और भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेजा जा रहा है. सरकार ने फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई, मैनपावर बढ़ाने और खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो.
रिपोर्ट में धान खरीद से जुड़ी गंभीर गड़बड़ियों और एडमिनिस्ट्रेटिव लापरवाही का खुलासा हुआ है. सरकारी खरीद बंद होने के बाद भी देर रात धान का आना और गेट पास जारी होना, एक बड़े स्कैम का शक पैदा करता है. किसानों का आरोप है कि एडमिनिस्ट्रेशन जांच को धीमा करके सच छिपाने की कोशिश कर रहा है.
प्याज के रिकॉर्ड-निचले घरेलू दामों के बावजूद भारत की शिपमेंट्स में तेज गिरावट. बांग्लादेश, सऊदी और अन्य पारंपरिक खरीदार चीन–पाकिस्तान जैसे वैकल्पिक बाजारों की ओर मुड़े. निर्यात रोक नीतियों से खोया भरोसा, भारतीय बीज से पड़ोसी देश हो रहे आत्मनिर्भर.
महाराष्ट्र में सोयाबीन के गिरते दामों ने किसानों की कमर तोड़ दी है. एमएसपी 5328 रुपये होने के बावजूद बाजार में 4000–4400 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव मिलने से किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे. खरीद केंद्रों की कमी, बारिश से नुकसान और व्यापारियों की मनमानी के चलते किसान भारी आर्थिक संकट झेल रहे हैं और कई खेती छोड़ने की बात कह रहे हैं.
महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में सोयाबीन की सरकारी खरीद भारी मात्रा में चल रही है, लेकिन नमी बढ़ने और दानों का रंग बदलने के कारण हजारों क्विंटल सोयाबीन वेयरहाउस से रिजेक्ट हो रहा है. सरकारी नियमों के चलते 12% से अधिक नमी वाली उपज स्वीकार नहीं की जा रही, जिससे किसानों में नाराजगी और नुकसान बढ़ रहा है. कई प्रमुख खरीद केंद्र अब भी बंद हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है.
Soyabean Mandi Rates: देशभर में कई कठिनाइयां झेलन के बाद सोयाबीन का उत्पादन किया लेकिन, इसके बाद अब मंडियों में कीमतें चुनौती बन गई हैं. महाराष्ट्र में कई जगह कीमतें MSP से 2300 रुपये तक नीचे पहुंच गईं. चंद्रपुर जैसे बाजारों में 1800 रुपये तक भाव गिरने से किसानों में निराशा बढ़ी है. जानिए ताजा भाव...
दुनिया भर में मशहूर महाराष्ट्र का प्याज इस वक्त किसी काम का नहीं रह गया है. लासलगांव और नासिक जैसी बड़ी मंडियों में दाम 1,100–1,300 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुके हैं. बारिश, खराब क्वालिटी, बंपर आवक और एक्सपोर्ट बैन ने किसानों की उम्मीदें तोड़ दी हैं.
मप्र सरकार ने इस साल भी गेहूं 2600 रु. क्विंटल एमएसपी पर खरीदने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि राज्य 15 रु. प्रोत्साहन राशि जोड़ेगा. सोयाबीन भावांतर और धान बोनस भी जारी रहेगा. नागरिक आपूर्ति निगम खरीदी करेगा, जिससे किसानों को राहत मिलेगी.
गुजरात सरकार 24 नवंबर से खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के तहत किसानों से मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर सीधे धान, बाजरा, ज्वार, मक्का और रागी खरीदेगी. राजकोट में यह घोषणा करते हुए कृषि मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि रजिस्टर्ड किसानों से प्रति हेक्टेयर 1,500 किलोग्राम धान खरीदा जाएगा.
मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश और फसलों के नुकसान के कारण सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं. भोपाल की मंडियों में टमाटर 80-100 रुपए प्रति किलो और अन्य सब्जियां भी महंगी हो गई हैं. सप्लाई कम और मांग ज्यादा होने से आने वाले दिनों में भी कीमतों में कमी की उम्मीद कम है.
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