सरकारी आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो ज्यादातर प्रमुख खरीफ और रबी फसलों की थोक कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से से नीचे लुढ़क चुकी हैं. स्थिति यह है कि किसानों को अब अपनी उपज पर मुनाफा भी नहीं मिल रहा है और एमएसपी तक भी हासिल नहीं हो पा रही है. 24 अक्टूबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, मक्का, सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंग जैसी प्रमुख फसलों के भाव नीचे चल रहे हैं.
राजस्थान के प्याज किसानों की मजबूरी बढ़ती जा रही है. मंडी में प्याज के कम दाम मिलने के कारण किसान अपनी फसल सड़क और नदी में फेंकने को मजबूर हैं. जानिए पूरी खबर और किसानों की समस्याओं के बारे में.
किसानों को राहत देते हुए ओडिशा सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025–26 के लिए धान की खरीद कीमत बढ़ाई. अब सामान्य ग्रेड धान की MSP 3,169 रुपये और ग्रेड-A धान की एमएसपी 3,189 रुपये प्रति क्विंटल होगी.
Paddy Procurement: करनाल मंडी में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां फर्जी गेट पास जारी करने से जुड़े मामले में करनाल पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज की है. ऐसे में इस सीजन की ये तीसरी एफआईआर है.
सरकारी धान की खरीद में तेजी देखी जा रही है. दरअसल, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 70 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद की है, जबकि एक साल पहले यह लगभग 60 लाख टन था.
भारी बारिश और मिट्टी में नमी के कारण हिमाचल के सिरमौर जिले में अदरक की फसल को भारी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि इस बार फसल का बड़ा हिस्सा खेत में ही सड़ गया है, जिससे अदरक की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं.
भारत सरकार ने पीली मटर के आयात पर 30% टैक्स लगाकर बड़ा कदम उठाया है. किसान महापंचायत ने इस फैसले का स्वागत किया. संगठन प्रमुख रामपाल जाट ने कहा, इससे दाल किसानों को राहत मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका के बाद केंद्र ने यह फैसला लिया है.
जामनगर मार्केटिंग यार्ड में मूंगफली की आवक बढ़ने से दाम गिर गए हैं. बेमौसम बारिश से फसल भीगने पर किसान जल्दबाजी में उपज बेच रहे हैं. सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद न होने से किसान दोहरी मार झेल रहे हैं और उचित दाम की मांग कर रहे हैं.
हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि नई पद्धति मौजूदा वेब-आधारित गेट पास मॉड्यूल की जगह लेगी, जिसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली नवंबर से धान खरीद शुरू होगी, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी. योगी सरकार ने धान (कॉमन) का एमएसपी 2369 और (ग्रेड ए) का 2389 रुपये तय किया है. दो महीने में 2.17 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है और 48 घंटे में भुगतान की व्यवस्था की गई है.
Kodo-Kutki Procurement: मध्य प्रदेश सरकार ने कोदो-कुटकी उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है. इस वर्ष पहली बार रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत सरकारी खरीद होगी. योजना 16 जिलों में लागू की जा रही है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2025–26 के लिए तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दलहन-तिलहन की बड़ी खरीद योजनाओं को दी मंजूरी. शिवराज सिंह बोले कि उपज खरीदी का सीधा लाभ किसानों को मिलना चाहिए, इस संबंध में निगरानी रखी जाएं.
राजस्थान की अलवर मंडी, जो नासिक के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी है, इस बार किसानों के लिए संकट का कारण बन गई है. मंडी में प्याज के दाम मात्र 200 से 600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं, जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. खराब मौसम और बाजार में कर्नाटक-महाराष्ट्र के प्याज की अधिकता के चलते अलवर के प्याज की डिमांड घटी है.
उत्तर प्रदेश में धान की सरकारी बिक्री के लिए 25 अक्टूबर तक 1,54,035 किसानों ने करा लिया पंजीकरण, पिछले वर्ष इस अवधि तक 1,51,374 किसानों ने कराया था पंजीकरण. सत्र 2025-26 में 44127.91 मीट्रिक टन हुई धान खरीद, 2024-25 में इस अवधि तक की गई थी 25329.75 मीट्रिक टन की खरीद.
हरियाणा व्यापार मंडल अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार धान, बाजरा और कपास की खरीद एमएसपी पर नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को औने-पौने दाम पर फसल बेचनी पड़ रही है और कपास-सरसों की कमीशन खत्म कर सरकार आढ़तियों को बर्बाद कर रही है.
हरियाणा में नई अनाज मंडी कनीना और अनाज मंडी कोसली में ई-खरीद पोर्टल और मार्केट कमेटी के एच-रजिस्टर की ऑक्शन में अंतर की शिकायत मिली थी. इस खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मे बड़ा एक्शन लिया है. सीएम सैनी ने कनीना और कोसली मंडियों के अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
धान की आवक प्रभावित होने के साथ ही राज्य की खरीद एजेंसियों के लिए एक और बड़ी चिंता का विषय है, दूसरे राज्यों से सस्ते धान की तस्करी. दरअसल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से तस्करी करके उसे ऊंचे न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर सरकारी खरीद के लिए भेजा जा रहा है.
किसान मंडी कतार से बचने के लिए निजी गोदामों में धान बेच रहे हैं, व्यापारियों द्वारा भारी कटौती और फर्जी तरीके से नमी की जांच की जा रही है. ऐसे में किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है.
मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme) के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तिलहन और दलहन की खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है, जबकि सरकार ने एक महीने पहले इसे मंजूरी दे दी थी.
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