देश में बायो गैस और जैव ईंधन के उत्पादन को लेकर काफी काम हो रहा है सरकार के साथ साथ देश में कुछ निजी कंपनी भी इस दिशा में काम कर रही है. इसी क्रम में किसान तक ने बात की CEF समूह के CEO मनिंदर सिंह नय्यर ( Maninder Singh Nayyar) से जिन्होंने बताया कि उनकी कंपनी उत्तर प्रदेश समेत देशभर के कई राज्यों में गैस प्लांट लगा रही है.
खेती में आप तरह-तरह की विधि को अपनाते होंगे. जिससे आपको बेहतर फायदा मिले लेकिन अगर आप बटन मशरूम (Button Mushroom) की खेती करना चाहते है तो उसके लिए आप बैग की जगह बेड विधि से खेती कर सकते हैं. बेड विधि खेती करने में आपको कुछ आसानी होगी.
अक्सर किसानों के मन में सवाल रहता है कि गेहूं की कटाई के बाद किन फसलों की खेती करें? वहीं किसान ये भी सोचते हैं कि कम खर्च और कम अवधि वाली फसलों को ही लगाया जाए. आइए जानते हैं इस दौरान कौन सी फसलों की खेती करने से हैं किसानों को बेहतर मुनाफा हो सकता है और कितने दिनों में हो जाती है खेती.
मखाने को तैयार करते वक्त ही उसे ग्रेड के हिसाब से बांटा जाता है. आइए जानते हैं कि अच्छे क्वालिटी के मखाने की पहचान कैसे की जा सकती है, जिससे ग्राहक मखाना देख कर उसकी कीमत आसानी से तय कर सकते हैं.
देश के कई राज्यों में प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में आपको हवा को शुद्ध बनाने के लिए घर में कुछ ऐसे प्लांट्स लगाने चाहिए जोकि आपके घर की हवा के स्तर को सुधार सकते है. देखिए ये वीडियो.
पूरे उत्तर भारत में बेमौसम बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. बिहार भी इसमें एक है. यहां आम की फसल को बारिश और ओलावृष्टि ने तहस-नहस कर दिया है. आंधी चलने से छोटी-छोटी अमिया भी बड़े स्तर पर बर्बाद हुई है. किसान अभी इस नुकसान के आकलन में लगे हैं.
देशभर के कई ईलाकों में लगातार बारिश का कहर देखने को मिल रहा है और इसका सबसे ज्यादा असर किसानों की फसलों (crops) पर पड़ रहा है. खासकर अगर उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की बात की जाएं तो मौसम विभाग ने यूपी के कई जिलों में बारिश का अलर्ट (rain alert) जारी किया. लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की खड़ी फसल गिर चुकी है.
काशी आभा नाम की मिर्च विकसित की गई है. मिर्च की इस किस्म में खूब तीखापन है, जिसके चलते इस मिर्च की खेती करने वाले किसानों की आय में इजाफा हो रहा है.
शिवरामा कृष्णकनम और उनकी पत्नी अनुराधा बिलिस ट्री के नाम से कंपनी चला रहे हैं. किसान तक से बात करते हुए शिव ने बताया कि जब देश में मिलेट्स ईयर मनाने की घोषणा हुई तो उसके साथ ही यूरोपीय देशों से फोन आना शुरू हो गए. देखिए ये वीडियो.
छोटे-बड़े शहरों में लोगों की रुझान पेड़-पौधों को लेकर काफी बढ़ रहा है. इस दिशा में अगर आप नर्सरी से जुड़े काम की शुरूआत करना चाहते हैं तो ये आपके लिए मुनाफे से भरा हो सकता है. देखें ये वीडियो.
आप अपने पशुओं को बेहतर चारा खिलाते होंगे. खासकर गाय के दूध की क्षमता बढ़ाने के लिए उसको अच्छे से अच्छा चारा खिलाया जाता है लेकिन इस वीडियो में आप जानिए चमत्कारी चारे के बारे में. जिससे आपके पशु का 4 किलो तक दूध बढ़ सकता है. ये चमत्कारी चारा है चने की भूसी. दरअसल, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के श्री श्याम इंटरप्राइजेज दाल प्लान्ट के संचालक सुरेश गुप्ता मवेशियों की चारा बनाने की प्रोसेसिंग यूनिट चलाते हैं.
कुट्टू के आटे और सिंघाड़े के आटे में बाजार में मुनाफे के चलते मिलावट भी की जाती है. जिसको उपयोग करते समय ध्यान रखना जरूरी होता है. मिलावटी आटे की पहचान कैसे कर सकते हैं. देखें वीडियो.
किसानों के लिए पशुपालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है. वही किसानों को पशुपालन के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्हीं समस्याओं में एक है पशुओं को चोट लगने के बाद उनके घाव का उपचार.
ये साल मिलेट्स ईयर (international year of millets 2023) के रूप में मनाया जा रहा है. सरकार भी मिलेट्स को लेकर जोर दे रही है. लोग भी मिलेट्स से बने प्रोडक्ट्स को खाना पसंद कर रहे है. रागी को अपने खाने में इस्तेमाल करने से शरीर से तमाम रोगों को दूर किया जा सकता है.
पूरे देश में चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. वही इस मौके पर श्रद्धालुु 9 दिन के व्रत रखते हैं, जिनमें फलाहार के लिए कुट्टू और सिंघाड़े के आटा का सेवन किया जाता है. कुट्टू को अंग्रेजी में बकव्हीट कहते हैं. यह कोई अनाज नहीं है बल्कि इसे ठंडे प्रदेशों में उगाया जाता है. कुट्टू के आटे का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है.
परंपरागत फसलों की खेती की तुलना में औषधीय पौधों की खेती से एक हेक्टेयर में किसानों को ज्यादा आमदनी होती है. इस वीडियो में जानें औषधीय पौधों की खेती के बारे में.
अगर आप भी मन बना रहे हैं बेकरी शॉप या बेकरी खोलने की तो यह वीडियो आपके लिए महत्वपूर्ण होगी. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे देश के युवा और महिलाएं अपने घर में कम जगह में भी इस सेटअप को लगाकर व्यापार शुरू कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं. देखिए ये खास रिपोर्ट
पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले 5 दिनों से बेमौसम बारिश हो रही है. प्रदेश के कई हिस्सों में ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों ही नहीं बल्कि आम की फसल को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है. उत्तर प्रदेश की 15 फल पट्टी 13 जिलों में फैली हुई है. वहीं इस बार आम के बौर से लगे हुए पेड़ को देखकर आम की अच्छी उपज की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है. मेरठ से लेकर लखनऊ और बनारस के लंगड़ा आम के बाग पर भी नुकसान हुआ है.
एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिसे हर घर की महिलाएं लगाना पसंद करती हैं. कुछ महिलाएं इसकी सब्जी बनाती हैं, तो कुछ लोग इसे अपने त्वचा पर भी लगाते हैं. एलोवेरा को ग्वारपाठा, घृतकुमारी या क्वारगंदल भी कहते हैं. इस पौधे पर ध्यान न देने पर इसके पत्ते पीले भी पड़ने लगते हैं.
इन दिनों मोटे अनाज और मिलेट्स को लेकर काफी जागरूकता फैलाई जा रही है. साथ ही बहुत से ऐसे स्टार्टअप भी हैं जो मिलेट्स को प्रोसेस कर इससे स्नैक, नमकीन और मिठाई बना रहे हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप है, फूडएड्स, जो मिलेट्स की नमकीन बना रहे हैं. देखिए ये वीडियो.
अगर आप गार्डनिंग के शाैकीन हैं तो गार्डनिंग शुरू करने के लिए ग्रो बैग्स में गार्डनिग करना एक आसान तरीका है. आज के समय में बागवानी करने वाले लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है ग्रो बैग में गार्डनिंग करना.
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