प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एन.एफ.डी.पी.) पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. अब तक बिहार के 1.39 लाख मत्स्य किसान एन.एफ.डी.पी. पर रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं. केंद्र और राज्य सरकार मछुआरों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनेक प्रकार से लाभ प्रदान कर रही है.
Farming Tips: बाढ़ के बाद कीचड़ भरे खेतों में ट्रैक्टर का प्रयोग सोच-समझकर और सावधानी से करना जरूरी है. सही ट्रैक्टर, सही उपकरण और नियंत्रित तरीके से काम करने पर किसान खेतों को जल्दी तैयार कर सकते हैं और अगली फसल की बुवाई समय पर कर सकते हैं.
Aphids attack: एफिड्स का लक्षण यह है कि छोटे भूरे और सफेद कीड़े धान के आधार पर इकट्ठा होते हैं और पौधों से रस चूसते हैं. इससे पौधे पीले पड़ जाते हैं और धीरे-धीरे मुरझा जाते हैं. वैज्ञानिकों ने इसे नियंत्रित करने की कुछ खास विधियां बताई हैं. उनका कहना है कि ये रोग और इसे नियंत्रित करने के उपाय सिर्फ केरल ही नहीं बल्कि देश के उन सभी हिस्सों में अपनाया जा सकता है, जहां पर धान की खेती की जाती है.
सितंबर में तुलसी को पानी देने के तरीके पर विशेष ध्यान देना चाहिए. बरसात के बाद मिट्टी में सामान्य तौर पर नमी बनी रहती है, इसलिए रोजाना पानी देना सही नहीं होता. पौधे को तभी पानी देना चाहिए जब मिट्टी ऊपर से सूखी दिखाई दे. गमले या गड्ढे में पानी रुकने से जड़ों के सड़ने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए निकास की व्यवस्था सही होनी चाहिए. इस महीने तुलसी को पर्याप्त धूप और हल्की हवा मिलना भी बहुत जरूरी है.
कम डीजल में ज्यादा काम लें! जानिए ट्रैक्टर का माइलेज बढ़ाने के 7 आसान और असरदार तरीके, जिससे खेती का खर्च कम और मुनाफा ज्यादा होगा.
किचन गार्डन में लगे पौधों के लिए बारिश का मौसम कई चुनौतियां लेकर आता है. अधिक नमी, सूरज की रोशनी की कमी और मिट्टी में फंगस लगने का खतरा, ये सब आपके पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
अगर आप एग्री बिजनेस आइडिया की तलाश में हैं तो वर्मी कंपोस्ट बनाकर बेच सकते हैं. इस खबर में वर्मी कंपोस्ट बनाने का तरीका और इसकी कीमत के बारे में बताया गया है.
देश में बागवानी फसलों व सब्जियों का क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है. इन फसलों पर कई तरह के कीट नुकसान पहुंचाते हैं. आपको एक ऐसे ट्रैप के बारे में बताते हैं जिससे फसल सुरक्षा होगी.
घरेलू सामग्री का उपयोग करके आसानी से असरदार जैविक कीटनाशक बना सकते हैं. यह रासायनिक कीटनाशकों का एक सुरक्षित और सस्ता विकल्प है. इन प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग आपकी फसल को कीटों से बचाता है, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता है, और खेती की लागत को कम करता है. इससे आपकी उपज की गुणवत्ता बढ़ती है और आप बाज़ार में बेहतर दाम पाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं.
आपने कई तरह के जूते पहने होंगे, जाहिए है जूतों का जिक्र आए तो लेदर के जूते ही जेहन में आते होंगे. आज आपको टमाटर से बने जूतों के खास प्रयोग बताने जा रहे हैं.
क्या आप फैटी लिवर से पीड़ित हैं? ऐसे में जानें कि क्या खाएं, क्या न खाएं और कौन से घरेलू उपाय अपनाएं. फैटी लिवर के लिए खानपान और सही खान-पान बेहद ज़रूरी है. इस कड़ी में जानिए डेली डाइट प्लान, फायदेमंद और नुकसानदेह चीज़ों की पूरी सूची.
अगर बाढ़ से आपकी फसल बर्बाद हो गई है तो निराश न हों. आप सही तरीकों से न केवल अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं, बल्कि मुनाफा भी कमा सकते हैं. इसके लिए कम समय में तैयार होने वाली फसलें उगाएं. हिम्मत और सही जानकारी के साथ, आप इस मुश्किल समय से उबरकर फिर से अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह मुश्किल है, पर नामुमकिन नहीं है.
Soil Fertility Tips: बाढ़ और भारी जलभराव के बाद खेत की मिट्टी की सेहत बुरी तरह खराब होती है. बाढ़ के बाद खेत में ना सिर्फ गाद जमा हो जाती है, बल्कि मिट्टी उर्वरता भी चली जाती है. इसलिए हम आपको अपने खेत की मिट्टी की सेहत सही करने की कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं.
बाढ़ का पानी अपने साथ मिट्टी, रेत और खनिज पदार्थ लेकर आती है जिससे खेत में गाद जमा हो जाती है. इसके बाद खेत में कोई भी फसल आसानी से नहीं उगा सकते हैं. आइए जान लेते हैं कि बाढ़ के बाद कौन सी फसल उगाएं?
पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. विशेषकर किन्नू, अमरूद और आम जैसे फलों के बाग हफ्तों से पानी में डूबे हुए हैं, जिससे पेड़ों की जड़ें गलने और उनके सूखने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है. चूंकि बागवानी, खासकर पंजाब में 1 लाख हेक्टेयर में फैली किन्नू सहित दूसरो फलों की खेती, राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम है. इसलिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) के वैज्ञानिकों ने किसानों को इस नुकसान को कम करने के लिए जरूरी सलाह दी है.
Post Flood Crop Care: बाढ़ के बाद धान और मक्का की फसलों की तुरंत देखभाल जरूरी है. खेत से पानी निकालें, गिरी फसल को सीधा करें, जिंक व यूरिया की खुराक दें और कीट-रोग नियंत्रण करें. जानिए रबी सीजन से जुड़ी टिप्स...
गमले में सौंफ का पौधा उगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बीज का चुनाव करना होता है. अगर आपने गलत बीज चुन लिया तो सौंफ उगाने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा. इसके लिए जरूरी है कि बीज का चुनाव सही हो. इसके बाद गमले में बीज बोकर पानी का छिड़काव करना चाहिए. गमले को ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां 4 से 6 घंटे की धूप आती हो.
बड़े शहरों में रहने वाले लोगों की अक्सर शिकायत रहती है कि उन्हें अच्छा सरसों नहीं मिल पाता है जिससे वह साग बनाएं.
बाढ़ फसलों को पूरी तरह नुकसान पहुंचाने के बाद आने वाली फसलों के लिए भी मुश्किल पैदा करती है. बाढ़ के बाद फसलों में गाद और खरपतवार का भी खतरा बढ़ जाता है. खरपतवार मिट्टी में जहर की तरह काम करते हैं जिससे उनकी उपजाऊ क्षमता प्रभावित होती है.
Farming After Flood: बाढ़ और भारी बारिश के बाद तबाह हो गए खेत? जानिए दोबारा कैसे शुरू करें खेती: पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण खेती को भारी नुकसान हुआ है. इस वजह से बाढ़ प्रभावित खेतों में अगली फसल लगाना नामुमकिन सा हो जाता है. ऐसे में हम आपको इन खेतों में फिर से खेती शुरू करने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड बता रहे हैं.
बरसात के मौसम में गुड़हल के पौधों पर सफेद कीड़े लग जाते हैं. ये कीड़े रूई जैसे दिखते हैं और पत्तियों, तनों और फूलों के आसपास जमा हो जाते हैं. इन्हें मिलीबग्स (Mealybugs) कहा जाता है.
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