कई बार मक्के की फसल पर कुछ ऐसे रोग लग जाते हैं जिसे किसानों का बड़ा नुकसान हो जाता है. इसलिए इनको रोगों से बचाना बहुत जरूरी है. फ्यूजेरियम तना गलन रोग को मक्का का सबसे सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. इससे उपज में 10 से 42 प्रतिशत तक का नुकसान होने की संभावना रहती है
बुवाई से पहले गन्ने के सेट को कवकनाशी जैसे कार्बेन्डाजिम 0.2 प्रतिशत से 15 मिनट तक उपचारित करने से स्मट रोग को रोका जा सकता है. दो आंखों वाली या तीन आंखों वाली पोरियों को 6 प्रतिशत पारायुक्त ऐमीसान या 0.25 प्रतिशत मैंकोजेब के 100 लीटर पानी के घोल में 4-5 मिनट तक डुबोकर लगाएं.
अगर आप बाजार से शहद खरीदने जा रहे हैं तो आपको रंग के आधार पर शहद की पहचान करने में दिक्कत आ सकती है. हम आपको शहद की पहचान करने का सही तरीका बता रहे हैं. इसकी मदद से आप शहद को आसानी से पहचान सकेंगे.
उत्तर भारत में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में कमर्शियल उत्पादकों की भी पसंद है. लेकिन इसमें कई तरह के रोग लगते हैं, उनसे बचाव करना बहुत जरूरी है. वरना किसान को फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है. जेली बीज रोग इनमे से एक है. जेली बीज रोग में आम की गुठली के आसपास मध्यभित्ति का गूदा अत्यधिक नरम तथा प्रभावित भाग स्वादहीन हो जाता है.
तुलसी की खेती बहुत लाभकारी हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो कम लागत में अधिक आय कमाना चाहते हैं. तुलसी की खेती संभावनाओं से भरपूर है, लेकिन इसके लिए सही किस्म और योजना की जरूरत होती है. पवित्र तुलसी की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है जो कम लागत और कम समय में अच्छी कमाई प्राप्त कर सकते हैं.
बरसात वाली फसल के लिए बलुई दोमट भूमि का चयन करना चाहिए, जिसमें जल निकास अच्छा हो.खेत की एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से तथा तीन-चार बार हैरो या देसी हल से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए.बुआई के समय खेत में उपयुक्त नमी होनी अति आवश्यक है.
नीलगाय के आतंक से कई राज्यों के किसान काफी परेशान हैं. वहीं बिहार सरकार ने तो उनको मारने के लिए शूटर भी नियुक्त कर दिए थे. बिहार के अलावा पड़ोसी राज्य यूपी और मध्य प्रदेश में भी नीलगायों का आतंक देखने को मिल रहा है.
ओडिशा के गंजम जिले में आने वाले राधामोहनपुर गांव के लोगों ने एक ऐसा कमाल किया है जिससे उनकी किस्मत ही बदल गई है. इन्होंने अपनी बदकिस्मती को अपना सौभाग्य बनाया है और आज यहां कई परिवार अमीर हो गए हैं. अब इन लोगों को मजदूरी करने के लिए दूसरी जगहों पर नहीं जाना पड़ता है बल्कि मशरूम की खेती से इन्होंने अपनी सफलता की नई कहानी लिख डाली है.
अयोध्या जनपद में एक ऐसा किसान है जिससे फसल तकनीक को सीखने के लिए वैज्ञानिक भी आते हैं. जनपद के सुहावल ब्लॉक के मकसुमपुर गांव के रहने वाले शोभाराम एक साथ खेत में पूरे साल भर की फसलों का मॉडल तैयार कर देते हैं जिससे कि उनके खेत से लगातार पूरे साल तक उत्पादन मिलता रहता है.
एक्सपर्ट बताते हैं कि दुधारू पशुओं को ऐसे स्थान में रखना चाहिए जहां उन पर गर्मी और सर्दी का प्रभाव कम हो. पशुओं को सूरज की सीधी किरणों और हवा के थपेड़ों से बचाना जरूरी होता है. ऐसा नहीं करें तो दूध उत्पादन घट सकता है.
नारियल तो आप सभी लोग खाते हैं लेकिन अक्सर लोग नारियल खाने के बाद उसके रेशेदार छिलके को कचरे में फेंक देते हैं, लेकिन अब ऐसा ना करें क्योंकि पके हुए नारियल के बाहरी रेशेदार छिलके में कई तरह के जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं.
गर्मी का मौसम आते ही मार्केट में मीठे और रसीले आमों की मांग बढ़ जाती है. आम में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपको अपने घर के आंगन या टैरेस में आम का पौधा लगाने से भी मिल जाएंगे.
दूध देने वाले पशुओं के आहार की बात करें तो उन्हें दलहनी चारे का मिश्रण खिलाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि पांच लीटर दूध देने वाले पशुओं को केवल अच्छे प्रकार का हरा चारा खिलाकर दूध प्राप्त किया जा सकता है.
गर्मी का मौसम है और इस गर्मी से लड़ने के लिए बेहद मददगार हैं इस मौसम में आने वाले फल. ऐसा ही एक फल है तरबूज. मीठा और रसीला तरबूज स्वाद का शहंशाह तो है ही गर्मी से भी राहत देता है. मगर सबसे बड़ी चुनौती होती है इसकी सही पहचान करना.
एग्रीबोट MX_V1 में अत्याधुनिक मोटर्स, प्रोपेलर और ESC से लैस स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली (प्रपोल्शन सिस्टम) वाला ड्रोन है. IoTechWorld को भारत में निर्मित प्रपोल्शन सिस्टम का इकलौता प्रोवाइडर होने पर गर्व है. एग्रीनेट ऐप के माध्यम से एकड़ कवरेज को ट्रैक करने के लिए एक विज़ुअल एरर डिटेक्शन सिस्टम और एडवांस्ड सॉफ्टवेयर सपोर्ट से यह लैस है.
किसानों के लिए यह फायदे की खेती बनती जा रही है. इसकी खूबी यह है कि इसे सूखा प्रभावित इलाकों में भी लगाया जा सकता है. किसान सही तरीके से इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा और उत्पादन दोनों ले सकते हैं. लेमनग्रास एक सुगंधित बारहमासी घास है.
अल्फांसो आम किसे नहीं पसंद होगा और आम का सीजन आते ही इसकी किस्म की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में आम की हापुस किस्म के उत्पादकों के पास इस साल इस आम के प्रेमियों के लिए एक खास सलाह है. बाजार में जो कुछ भी हापुस के रूप में ब्रांडेड है वह हापुस नहीं है. ग्राहकों को सावधानी बरतने और सिर्फ कोंकण से वास्तविक उपज के लिए भुगतान करने की सलाह दी गई है.
टमाटर का उपयोग सब्जी के साथ-साथ सलाद, चटनी और सूप में भी किया जाता है. आज देशभर में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की जाती है और लोग टमाटर, जो कभी विदेशी बैंगन था, बड़े चाव से खाते हैं. इतना ही नहीं कई बार तो टमाटर के दाम आसमान छूने को भी तैयार रहते हैं.
किसान नीलगाय से खड़ी फसल को सुरक्षित रखने के लिए खेतों में एक ऐसी मशीन लगा सकते हैं जिसे चलाने के लिए बिजली या गैस की कोई जरूरत नहीं है और न ही आपको इसे इस्तेमाल या चालू करने के लिए खेत में जाने की जरूरत है.
अपने उच्च पोषण वैल्यू के कारण भिंडी का सेवन सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए लाभदायक है. इसमें मैग्निशियम, पोटेशियम, विटामिन ए, बी, तथा कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. चूंकि यह उपभोक्ताओं में अत्यंत लोकप्रिय है इसलिए इसका बाजार मूल्य अच्छा मिलता है.
अप्रैल के महीने में सेब के फलों में कुछ रोग और कीट लगने के भी खतरे बढ़ जाते हैं. वहीं बढ़ते तापमान से पेड़ के तने को गर्मी से बचाने के लिए तनों में घास बांध देना चाहिए. इस मौसम में पेड़ के अलग-बगल में कई प्रकार के पौधे और घास निकलने लगते हैं जिन्हें निकालना जरूरी होता है.
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