Kheti Tips: बहुत सारे किसान ये गलती करते हैं कि खेत में डीएपी खाद और जिंक को एक साथ डाल देते हैं. किसान ऐसा अपनी मेहनत और लागत बचाने के लिए करते हैं मगर DAP और Zinc को साथ डालने से उल्टा फसल को नुकसान ही होता है. इसलिए आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ अहम बातें बता रहे हैं.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसान अब रोजमैरी की खेती करने लगे हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि हर्बल खेती से किसानों को आय के नए स्रोत मिल रहे हैं. साथ ही, सरकार भी औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी और तकनीकी सहयोग उपलब्ध करा रही है.
Sugarcane Crops: उत्तर भारत में भारी बारिश से गन्ने की खेतो पानी भरने के कारण फसल की बढ़वार रुक गई है और बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, फसल बचाने के लिए तुरंत खेत से पानी निकालें. पानी उतरने के बाद नाइट्रोजन, पोटाश और सल्फर डालें. पौधे को तुरंत ताकत देने के लिए यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करें. फंगस और कीटों से बचाव के लिए भी जरूरी उपाय अपनाएं.
अधिकांश लोग बताते हैं कि उनके घर में लगे पौधों में फूल नहीं आते हैं. इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं कि घर के गार्डन या बालकनी में लगे फूलों के पौधों में ढेरों फूल खिलाने के लिए क्या करना चाहिए.
हर किसान की चाहत होती है कि उसकी फसल की उपज बंपर हो और बाज़ार में उसे अच्छी कीमत मिले. अगस्त के बाद का यह समय सब्जियों की खेती के लिए बिल्कुल सही है, और ज़्यादातर किसान खराब मौसम जैसे अगस्त, सितंबर में नर्सरी तैयार करते हैं. बहुत ज्यादा बारिश के कारण नर्सरी खराब हो जाती है. अब चिंता किए बिना सब्जियों की स्वस्थ नर्सरी तैयार कर सकते हैं, जिसकी डिटेल जानकारी दी गई है.
बीजामृत एक जैविक घोल (Organic Solution) है, जिसका उपयोग बीज उपचार के लिए किया जाता है.
कटे हुए फूलों की मांग घरेलू बाजार में दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है. इसलिए, डच रोज की व्यावसायिक खेती किसानों के लिए एक बहुत अच्छा और मुनाफे वाला विकल्प बन सकती है. डच गुलाब की खेती लाखों कमाने का एक शानदार तरीका है. हाई-टेक तकनीक जैसे पॉलीहाउस या नेटहाउस का उपयोग करके किसान हर महीने लाखों रुपये या उससे भी अधिक की कमाई कर सकते हैं. हाइटेक तकनीक से इसकी खेती कम जगह में ज्यादा उत्पादन और मुनाफा देती है.
कुछ सालों से देश में फूड इंडस्ट्री में जबरदस्त काम हुआ है. खासतौर पर प्रोसेस्ड फूड की बंपर डिमांड बढ़ी है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर कमाई करने वाले लोगों को फर्म की शुरुआत करने वाले लोगों को कानूनी बातें जानना भी जरूरी है.
सितंबर-अक्टूबर का समय ग्लैडियोलस की खेती के लिए बेहतर है, जिससे किसान मात्र 3 से 4 महीनों में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. इस फूल की बाजार में, विशेषकर शादी-विवाह और अन्य समारोहों के लिए भारी मांग रहती है, जिन्हें बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
आज हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप अपने गुलाब के पौधों की अच्छी देखभाल कर सकते हैं.
कई लोग बालकनी में सब्जी या फूल उगाने की सोचते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में ऐसा नहीं कर पाते हैं. धनिया को बालकनी में सबसे आसानी से उगा सकते हैं. इसमें ज्यादा कुछ खास नहीं करना पड़ता है. कुछ तरीके अपनाकर 20 से 25 दिन में बालकनी में धनिया की खूब पैदावार पा सकते हैं.
खेती करना और अच्छी पैदावार के बीच किसान की मेहनत और मौसम की मेहरबानी का सबसे बड़ा योगदान होता है. अगर फसल की देखभाल नहीं की गई तो खड़ी खेती बर्बाद हो जाती है. इस खबर में आपको बता देते हैं कि दलहन फसलों की अच्छी ग्रोथ के लिए क्या करना चाहिए.
सावधान! मक्का और बाजरा की फसल पर फॉल आर्मी वर्म का गंभीर खतरा है, जो पत्तियों को खाकर पूरी फसल नष्ट कर सकता है. इस खतरनाक कीट की समय पर सही पहचान और तुरंत नियंत्रण ही फसल को भारी नुकसान से बचाने का एकमात्र उपाय है जिसकी पूरी डिटेल जानकारी नीचे दी गई है.
अब आपको बाज़ार से मूली खरीदने की ज़रूरत नहीं. अब आप इस तरीके को फॉलो करके अपने घर में ही मूली उगाइए और सर्दियों में मज़ेदार मूली परांठे और ताज़ा सलाद का मज़ा लीजिए.
अब मार्केट से लाने की ज़रूरत नहीं, इस बार ठंड में अपने घर की क्यारी या गमले में ही शलजम उगाइए और 40–50 दिनों में ताज़ा, हेल्दी और ऑर्गैनिक सब्ज़ी का मज़ा लीजिए.
होम गार्डनिंग करने वाले अधिकांश लोगों की शिकायत है कि उनके घर में लगाए गए पौधों में मनमुताबिक फल नहीं आते हैं. इस खबर में आपको पपीते के पौधे में फल लाने की ट्रिक बताने जा रहे हैं.
अरंडी एक बेहद मुनाफे वाली तिलहनी फसल है जिसमें लागत कम लगती है. इसकी सफल खेती के लिए उन्नत किस्मों का चुनाव, सही समय पर बुवाई, और संतुलित खाद का प्रयोग ज़रूरी है. इन स्मार्ट तरीकों को अपनाकर किसान कम खर्च में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
इसका शुष्क क्षेत्रों में भी आसानी से पनप सकता है. यही कारण है कि लेमनग्रास सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी खेती के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. इसके अलावा, इस प्राकृतिक तौर पर भी पौधे को उर्वरकों की भी जरूरत नहीं होती है. सिर्फ 20,000 रुपये के निवेश से, आप केवल एक हेक्टेयर भूमि से प्रति वर्ष 4-5 लाख रुपये तक का फायदा कमा सकते हैं.
अगर होम गार्डनिंग करने वाले लोग घर में अनोखे पौधे लगाना चाहते हैं तो कॉफी का पौधा लगा सकते हैं. कॉफी उगाने के लिए खास तापमान और वातावरण की जरूरत होती है. आइए घर में उगाने के लिए जरूरी बातें जान लेते हैं.
आलान विधि से खेती करने वाले किसानों को सरकार अनुदान देगी. बिहार सरकार इस विधि को अपनाने वाले किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है. इस वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने इसके लिए 4 करोड़ 50 लाख रुपये जारी किए हैं.
Tomato Farming: टमाटर की फसल में अक्सर रूट-नॉट नेमाटोड, फफूंद और सफेद मक्खी जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. नीम का पाउडर इन सभी रोगों और कीटों पर प्राकृतिक ढाल की तरह काम करता है. किसान अगर बुवाई के समय खेत में नीम पाउडर मिलाएं तो फसल की शुरुआती अवस्था से ही कीटों का असर कम हो जाता है.
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