आम आदमी पार्टी से सांसद मालविंदर सिंह कंग ने किसानों को उर्वरक के साथ जबरन ‘बूस्टर’ बेचने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने केंद्र से ऐसी प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क बनाने, डिजिटल निगरानी, सख्त दंड और शिकायत निवारण प्रणाली की मांग की है.
बिहार के गौरीचक गांव की गलियों में शाम के सन्नाटे को तोड़ती है उन महिलाओं की आवाज, जो आजादी के नए आयामों—मोबाइल से जुड़ाव, मेट्रो की रौनक, सरकार की योजनाओं के वादों—के बीच अपनी असली जिंदगी की शिकायतें सुनाती हैं. एक ओर दस हजार रुपये की आर्थिक मदद और “विकास” के नारे हैं, दूसरी ओर बच्चों में बढ़ता नशा, अनपहुंची योजनाएं और शाम के बाद घर से निकलने का डर — ये हैं वे कहानियां, जो चुनावी साल में खास महत्त्व रखती हैं.
पत्र में कहा गया है कि प्रदेश की मंडियों में किसानों की धान की फसल पर अवैध कट लगाए जा रहे हैं. इसका तरीका वर्तमान व्यवस्था में सबसे पहले मंडी क्षेत्र के सेलरों (चावल मिल मालिकों) को धान दिया जाता है, फिर ब्लॉक स्तर पर, फिर जिले के अन्य सेलरों को और अंततः दूसरे जिलों के शेलरों को मौका दिया जाता है.
भावान्तर योजना सहित कई समस्याओं को लेकर किसानों के पक्ष में सरकार का विरोध करने पहुंचे जीतू पटवारी पर मामला दर्ज हो गया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कई समस्याओं का जिक्र किया है. आइए जान लेते हैं पूरा मामला क्या है?
मध्यप्रदेश के राजगढ़ में किसानों ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया. किसान मुआवज़े और सही फसल भाव की मांग कर रहे हैं. नकली खाद, बीज और बिजली की समस्याओं को लेकर भी वे सख्त कार्रवाई चाहते हैं. जानिए आंदोलन की पूरी कहानी.
केरल के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने कहा कि अगर लोगों को जंगली सूअर का मांस खाने की अनुमति दी जाए तो फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन जानवरों की समस्या खत्म हो सकती है. वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रिपोर्ट तलब की और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
पुलिस ने कहा कि इस किसान पंचायत की मंजूरी नहीं थी और गैरकानूनी तौर पर लोग जमा हुए थे. जब उन्हें समझाकर वापस लौटने को कहा तब उन्होंने पथराव किया जिसके बाद बल प्रयोग करना पड़ा. कुछ पुलिसकर्मियों को चोट आई है और उनको इलाज के लिए भेजा गया है.पंचायत के लिए पुलिस ने मंजूरी नहीं दी थी और इसके बाद पुलिस ने बोटाद की आने वाले पार्टी के सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया था.
एसडीएम का कहना है कि खाद की व्यवस्था कराई जा रही है, सभी किसानों को टोकन के हिसाब से खाद दिलाई जाएगी. बाजार में खाद को ऊंचे दामों पर ब्लैक किया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने राजस्व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का ऐलान किया और कहा कि वह भी यहां पर ड्यूटी देंगे. एसडीएम ने साफ कहा है खाद सिर्फ टोकन के हिसाब से ही किसानों को दी जाएगी.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बाबासाहेब पाटिल किसानों की कर्जमाफी पर एक विवादित बयान देकर मुसीबत में फंस गए हैं. पाटिल ने एक जनसभा में कहा है कि किसानों को कर्जमाफी की आदत लग गई है. इस बयान के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा प्रहार किया है.
पिछली कांग्रेस सरकार पर कृषि क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए, मोदी ने कहा कि विपक्षी दल के पास इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास के लिए "दृष्टिकोण" और रणनीति का अभाव था.
आदमी पार्टी गुजरात के किसान सेल के अध्यक्ष राजू करपड़ा को बोटाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसके बाद आम आदमी पार्टी गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष ईशुदान गढ़वी ने राज्य सरकार समेत डीजीपी पर शाब्दिक प्रहार किया है.
मराठवाड़ा में हुई मूसलाधार बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ने हबंरडा मोर्चा आयोजित किया गया. वहां किसानों के बीच राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों से धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम दर पर खरीदा जा रहा है. इससे किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. सिंह ने पत्र में अपनी चिट्ठी में बताया कि इस साल सरकार द्वारा 2369 रुपये प्रति क्विंटल के घोषित एमएसपी पर खरीद न होने के कारण, किसान मजबूरी में मात्र 1300 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेच रहे हैं.
बावनकुले ने संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया दी और शिवसेना (यूबीटी) मुखिया और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर 'निजाम जैसी मानसिकता' अपनाने का आरोप लगाया. राउत ने कहा था, 'मराठवाड़ा आज भी निजाम के राज में है.' बावनकुले ने कहा, 'उन्हें सुन कौन रहा है? मुख्यमंत्री और हमारी सरकार ने मराठवाड़ा का ध्यान रखा है और हर व्यक्ति की मदद के लिए फैसले लिए जा रहे हैं.
महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने कहा कि लोग कर्ज माफी के प्रति अत्यधिक उत्साही हो गए हैं. इसलिए चुनाव जीतने के लिए राजनेता उन्हें इसका आश्वासन दे देते हैं. उनके बयान पर साथी मंत्रियों ने भी आपत्ति जताई है. एक ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस इस पर ध्यान देंगे.
वीरचंद पटेल मार्ग से लेकर भिखना पहाड़ी तक, बिहार की राजनीति में उबाल — एक तरफ पुरानी सोच में जातीय समीकरण, तो दूसरी ओर युवाओं की विकास पर केंद्रित नई उम्मीदें.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकल ने पीएम मोदी से बारिश और बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए विशेष पैकेज की मांग की. उन्होंने राज्य सरकार के 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज को "क्रूर मज़ाक" बताया और किसानों को केंद्र की मदद की आवश्यकता बताई. साथ ही उन्होंने मंत्रियों की फोटो खिंचवाने पर भी हमला बोला.
बिहार के धान, गेहूं और मक्का किसानों को 2024-25 में स्वामीनाथन आयोग के C2+50% MSP फार्मूला न लागू होने से लगभग 10,000 करोड़ का नुकसान हुआ है. यह दावा ऑल इंडिया किसान सभा ने किया है. जानिए संगठन ने और क्या कहा.
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये का बड़ा राहत पैकेज जारी किया है. सभी सरकारी कर्मचारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन की तनख्वाह देने का निर्देश भी दिया गया है.
किसान संगठन ने 112 स्थानों पर किया प्रदर्शन, हजारों किसानों और मजदूरों ने ली भागीदारी. बाढ़ में खराब फसलों के लिए ₹70,000 प्रति एकड़ मुआवजे की मांग, खेत मजदूरों के लिए भी राहत. पराली जलाने पर एफआईआर और ₹30,000 जुर्माने के खिलाफ नाराजगी, वैकल्पिक प्रबंधन की मांग. प्रधानमंत्री ने राहत का ऐलान किया, पर किसान बोले—"यह नाकाफी है, चाहिए वास्तविक मदद".
महाराष्ट्र सरकार ने बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे पैकेज की घोषणा की और कहा कि कुल सहायता 48,000 रुपये प्रति हेक्टेयर होगी. मगर विपक्षी दलों ने राहत पैकेज को खोखला और बहुत कम बताया, जिससे किसानों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद नहीं मिलेगी.
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