महाराष्ट्र के बीजेपी मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और एक चीनी मिल के निदेशकों सहित 53 अन्य लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके किसानों के नाम पर लगभग 9 करोड़ रुपये का लोन लेने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. एक अधिकारी ने कहा कि मामला सोमवार को राहाता की एक अदालत के निर्देश के बाद अहिल्यानगर जिले के लोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है.
तेलंगाना में धान के किसान गिरती कीमतों से पहले ही परेशान हैं. खुले बाजार में धान की कीमत में भारी गिरावट ने रबी किसानों में डर की स्थिति पैदा कर दी है. संकट में बिक्री को रोकने के लिए समानांतर खरीद के मकसद से सरकार ने बाजार हस्तक्षेप जरूर किया है. लेकिन इस पहल के बावजूद इसका प्रभाव बहुत कम रहा है. निजी खरीदार खासतौर पर मिल मालिक, बाजार से काफी हद तक गायब हैं.
पिछले कई सालों से कर्ज को बोझ उन पर बढ़ता जा रहा है और कर्ज किसानों की आत्महत्या का एक बड़ा कारण बन गया है. इस साल जो आंकड़ें आए हैं, वो और ज्यादा डरावने हैं. 115 दिनों के अंदर 90 किसानों ने जान ले दी है. अगर इस सरकारी आंकड़ें पर यकीन करें तो हर 30 घंटे में एक किसान जान दे रहा है. फरवरी में 25 किसानों ने आत्महत्या की तो मार्च में 27 किसानों ने अपनी जान दी.
पंजाब के किसान 7501 और 7301 जैसी 'सावा' किस्मों की खेती कर रहे हैं. यह किस्में नर्सरी अवधि सहित 125 से 130 दिनों में पक जाती हैं. किसानों की मानें तो इन किस्मों को अपने छोटे फसल चक्र के कारण करीब 35 किलोग्राम कम बीज की जरूरत होती है. ऐसे में पानी की भी अच्छी बचत होती है. किसानों की मानें तो हाइब्रिड किस्में पारंपरिक किस्मों की तुलना में ज्यादा फायदा देती हैं.
टिकैत ने कश्मीर के हालात पर बात करते हुए कहा कि वहां के 95% लोग शांति से रहना चाहते हैं, लेकिन 5% लोग गलत सोच के साथ माहौल खराब कर रहे हैं. उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों को पहचाना जाए और बाहर निकाला जाए. उन्होंने कहा कि, "देश की सुरक्षा के लिए हमें ऐसी विचारधारा का खात्मा करना होगा.
जो नया फैसला सरकार ने लिया है, उसके अनुसार, अब किसान खरीफ के लिए 2 प्रतिशत, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और नकदी फसलों के लिए इंश्योर्ड अमाउंट का 5 प्रतिशत प्रीमियम अदा करेंगे. साल 2023 में महायुति सरकार की तरफ से 1 रुपये में फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई थी. पहले इस योजना के तहत किसानों को अपनी जेब से सिर्फ 1 रुपये का प्रीमियम देना होता था.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 29 अप्रैल को एक बयान में बताया कि उन्होंने 26 अप्रैल को खुद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को फोन करके बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) की तकनीकी समिति के निर्णय की जानकारी दी थी.
समय से पहले धान की खेती रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. गांव के सचिव, पटवारी और कृषि अधिकारी की एक ज्वॉइन्ट टीमों का गठन किया गया है. यह टीमें पुलिस के साथ जाकर खेतों में निरीक्षण करेंगी. अगर कोई किसान 15 जून से पहले धान की रोपाई करता पाया गया तो उसकी फसल तुरंत नष्ट कर दी जाएगी. कृषि विभाग ने डिविजन सेक्शन लेवल पर खास टीमें बनाई हैं.
किसानों की खुशहाली के लक्ष्य को फोकस रखते हुए केंद्रीय मंत्री चौहान ने बैठक की शुरुआत में कहा कि जब अंतिम पंक्ति का किसान समृद्ध बनेगा, तभी सही मायनों में विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा. चौहान ने प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर बीज किस्में विकसित करने पर जोर दिया.
किसानों को प्रति एकड़ 12 हजार से 16 हजार तक अदा करने पड़ रहे हैं. ऐसे में उन पर दोहरी मार पड़ रही है क्योंकि बाजार में प्याज की कोइ कीमत नहीं मिल रही है. प्रवासी मजूदर 8 से 10 घंटे तक काम कर सकते हैं. किसानों को इन मजदूरों को छाया, पानी से लेकर कभी-कभी खाना तक मुहैया कराना पड़ता है. किसान इस बार इस समस्या से काफी परेशान हैं.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा कि अगर उनकी पार्टी आगामी चुनावों में सत्ता में आती है, तो वे ताड़ी पर लगी रोक को हटा देंगे. उन्होंने यह बात पटना में पासी समुदाय के एक कार्यक्रम में कही. तेजस्वी का कहना है कि ताड़ी इस समुदाय का मुख्य रोजगार है और शराबबंदी से उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है.
अटारी बॉर्डर के बंद होने से अफगानिस्तान से उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन पर उल्टा प्रभाव पड़ेगा. बताया जा रहा है कि बॉर्डर के दूसरी तरफ से करीब 30 ट्रक भारत में दाखिल होने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. पड़ोसी पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सीमाओं के बंद होने से अफगानिस्तान से भारत को होने वाली सप्लाई में मुश्किलें आने की पूरी संभावना है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अधिकारियों ने बैठक में बताया कि ग्रीष्मकालीन बुआई के मौसम के लिए 27 अप्रैल 2025 तक धान की बुआई में पिछले वर्ष की तुलना में 4.03 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.64 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.67 लाख हेक्टेयर हो गई है. मूंग और उड़द के रकबे में भी क्रमशः 3.13 लाख हेक्टेयर और 0.43 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है (25 अप्रैल 2025 तक).
टिकैत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को सस्पेंड नहीं करना चाहिए था क्योंकि इससे पड़ोसी देश के आम लोग, खासकर किसान प्रभावित होंगे.
किसानों के कर्ज को कम करने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने से लेकर मजबूत मशीनरी वितरण और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर (डीबीटी), में हरियाणा साफतौर पर पंजाब से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. अखबार के मुताबिक हरियाणा में करीब 45 फीसदी आबादी खेती में लगी हुई है. यह आबादी 36.46 लाख हेक्टेयर जमीन पर खेती करती है.
सहारनपुर पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का दिया बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. नरेश टिकैत बोले, भारत-पाकिस्तान का समझौता ऐसे ही रहना चाहिए, पानी बंद करना हम सही नहीं मानते, गलती कुछ लोगों की होती है लेकिन भुगतना लाखों लोगों को पड़ता है.
राकेश टिकैत ने आगे लिखा, बिजली आपूर्ति के समय किसी भी तकनीकी कारणों से की गई कटौती को इन 9 घंटों में पूरा नहीं किया जा रहा है जिससे तकनीकी खराबी का समय भी इन्हीं घंटों में जुड़ रहा है. इतने कम समय में कटौती के साथ में किसान फसलों की सिंचाई समय से नहीं कर पाएगा.
यह एक अहम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है जिसका एक बड़ा हिस्सा पंजाब से होकर गुजरता है. प्रोजेक्ट के एक हिस्से के रूप में खासतौर पर राजपुरा-पटियाला में एक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है. मार्च में पांच गांवों में अधिग्रहित करीब 61 एकड़ भूमि के भुगतान के तौर पर जारी किए गए चेक अब तक तीन बार बाउंस हो चुके हैं. इससे प्रभावित किसान नाराज और आर्थिक रूप से परेशान हैं.
किसान नेताओं का कहना है कि बैठक के बाद पंजाब सरकार ने धोखे से कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके साथ ही शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलनों को जबरदस्ती और हिंसक तरीके से खत्म किया गया.
बारीक किस्म के चावल के रकबे में इजाफे के पीछे राज्य सरकार की तरफ से घोषित 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस जिम्मेदार है. इस बोनस का ऐलान पहली बार खरीफ सीजन के दौरान किया गया था और रबी में भी यह बोनस जारी रहा. नागरिक आपूर्ति आयुक्त डीएस चौहान ने रकबे में वृद्धि का श्रेय सीधे तौर पर इस किसानों के लिए मददगार बोनस को दिया है.
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघ ने पिछली घटना के बाद अब चार मई को होने वाली वार्ता के लिए पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल न करने की अपील की है. संगठनों का कहना है कि अगर पंजाब सरकार के प्रतिनिधि वार्ता में शामिल होते हैं तो फिर न चाहते हुए भी उन्हें इस वार्ता से दूरी बनानी पड़ेगी. संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपने फैसले के बारे में जल्द से जल्द चिट्ठी के जरिए उन्हें बताएं.
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