कर्नाटक में गन्ना किसानों के आंदोलन का आज 8वां दिन है. CM सिद्धारमैया ने किसानों और चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक की. इसके बाद सीएम का बयान सामने आया है. सीएम ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
कर्नाटक के बेलगावी में गन्ना किसानों का आंदोलन आठवें दिन उग्र हो गया. नाराज किसानों ने मंत्री शिवानंद पाटिल की कार पर चप्पलें फेंकीं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुगर मिल मालिकों की बैठक बुलाई और प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल मुलाकात की मांग की.
अमित शाह ने बेतिया रैली में कहा कि लालू यादव के ‘जंगल राज’ में बंद हुईं बिहार की चीनी मिलों को एनडीए सरकार दोबारा चालू करेगी. साथ ही 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से कोसी नदी परियोजना शुरू कर सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण को बढ़ावा दिया जाएगा.
उत्तरी कर्नाटक के गन्ना किसान 3,500 रुपये प्रति टन कीमत की मांग को लेकर सातवें दिन भी सड़क पर. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसानों से बातचीत के लिए बुलाया, कहा — राज्य सरकार किसानों के साथ है, लेकिन FRP केंद्र तय करता है.
कई जिलों के खेत पानी में डूब गए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं जिससे किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इस स्थिति मे सरकार की और से किसानों की मदद के लिए राहत पैकेज की घोषणा हो, उससे पहले कांग्रेस ने 'किसान जन आक्रोश यात्रा' शुरू कर दी है. गुजरात कांग्रेस का मकसद अपनी इस यात्रा के जरिये किसानों के हितों की लड़ाई को आगे बढ़ाना है.
कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन 7वें दिन भी जारी है. किसानों ने बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया से मिलने का न्योता ठुकरा दिया है. वे 3,500 रुपये प्रति टन कीमत की मांग पर अड़े हैं और सरकार को गुरुवार शाम तक दाम घोषित करने की डेडलाइन दी है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने एमएसपी पर गेहूं और धान की खरीद रोक दी है. वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव और खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने साफ किया कि एमएसपी पर खरीदी जारी रहेगी, केवल उपार्जन व्यवस्था में तकनीकी बदलाव हुआ है.
मराठवाड़ा के अलग-अलग जिलों में पिछले कुछ महीनों से हुई भारी बारिश ने किसानों की हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद कर दी है. सरकार ने किसानों को राहत और कर्जमाफी का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक न तो मुआवजा मिला है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार पर आरोप लगाया कि उसने धान और गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद से पीछे हटकर किसानों को संकट में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावी वादा तोड़कर किसानों को निजी व्यापारियों के भरोसे छोड़ दिया है.
बिहार चुनाव के पहले चरण का प्रचार थमने से पहले महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने किसानों और महिलाओं के लिए एक ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार बनने पर महिलाओं के खाते में एकमुश्त 30 हजार रुपये भेजेंगे और किसानों को बोनस देंगे.
महाराष्ट्र सरकार 30 जून 2026 तक फसल ऋण माफी पर अंतिम फैसला लेगी. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने किसानों से वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की अपील की और बताया कि शून्य ब्याज पर लोन की सुविधा भी दी जा रही है. जानिए पूरी योजना और सरकार का संदेश.
भारत पानी के बहाव को पूरी तरह से रोक या मोड़ नहीं सकता. लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण समय, जैसे गर्मी, में डैम ऑपरेशन में मामूली सा भी बदलाव पाकिस्तान के घनी आबादी वाले मैदानी इलाकों पर बड़ा असर डाल सकता है. पाकिस्तान के किसान 80 फीसदी सिंचित कृषि के लिए सिंधु बेसिन पर ही निर्भर हैं.
BKU (एकता उगराहां) के बैनर तले लड्डी गांव और जगजीतपुरा में किसानों ने पराली रोकने आई सरकारी टीम को घेर लिया. किसानों का कहना है कि पराली न जलाने पर भी फसलों की समय पर खरीद और मुआवजा सुनिश्चित नहीं किया जाता, गुलाबी सुंडी और पिंक बोरर के खतरों की चिंता भी है.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में धान खरीद में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार पर किसानों का शोषण करने और MSP से कम कीमत पर फसल खरीदने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की.
कर्नाटक के बेलगावी में गन्ना किसानों ने चीनी मिलों से न्यूनतम 3500 रुपये प्रति टन का रेट तय करने की मांग की है. डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद रोशन और एसपी भीमशंकर गुलेड ने किसानों से मुलाकात कर बातचीत का भरोसा दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की रैली में मगध का गौरव लौटाने, छोटे किसानों के विकास और विकसित बिहार के संकल्प का संदेश दिया.
बिहार में मतदान दो चरणों में होनी है - 6 और 11 नवंबर, जबकि चुनाव नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे. जहां एक ओर सत्तारूढ़ एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए बड़े वादे किए हैं तो वहीं महागठबंधन भी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़े सपने दिखा रही है.
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि किसानों के कर्ज पहले भी माफ किए जा चुके हैं. एक बार पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के कार्यकाल में और बाद में देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य सरकारों के दौरान भी ऐसा किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि कर्ज माफी कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे बार-बार किया जाना चाहिए.
राज्य के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने पिछले दिनों ऐलान किया है कि फसल नुकसान का सर्वे सात दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. कृषि विभाग के आधिकारिक गजट में अधिकारियों को 20 दिनों के अंदर यह प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए. अब इन विरोधाभासी बयानों ने सरकार के समन्वय और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
Gujarat Crop Survey: गुजरात में सालों बाद हुई बेमौसम बारिश से लाखों हेक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्थिति पर गहरी चिंता जताई और अधिकारियों को तुरंत सर्वे कर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.
Maharashtra Farm Loan Waiver: उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर किसानों को “मौत के मुहाने” पर धकेलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कर्जमाफी जून तक टालना किसानों के साथ छल है.
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