Onion Price: इस साल प्याज के दाम लगातार गिरे हैं और भारी उत्पादन के अनुमान से किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. महाराष्ट्र की मंडियों में आवक तेज है और यूनतम दाम 1 से 3 रुपये किलो देखे जा रहे हैं. जानिए प्याज के ताजा मंडी भाव...
देशभर में प्याज, धान और कपास के दाम MSP से नीचे. SKM का आरोप—किसानों को लागत भी नहीं मिल रही जबकि उपभोक्ता महंगा खरीदने को मजबूर हैं. तीन राज्यों में C2+50% पर खरीद की मिसाल, बाकी देश में MSP लागू न होना ‘नीतिगत विफलता’.
देश में सहकारी क्षेत्र का विस्तार बढ़ाने के लिए सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा लगातार नए प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में सहकारी मॉडल को मिली बड़ी सफलता के बाद अब ट्रांसपोर्टेशन यानी परिवहन क्षेत्र में भी सहकारी मॉडल की एंट्री हो गई है.
Maharashtra Crop Compensation: महाराष्ट्र सरकार ने जून-सितंबर 2025 की भीषण बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान के लिए केंद्र से NDRF के तहत तत्काल राहत फंड मांगा है. मालूम हो कि राज्य के मराठवाड़ा, कोंकण, विदर्भ सहित कई क्षेत्रों में फसल और इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ था. पढ़ें डिटेल...
भारत के प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्र नासिक में इस सीजन बारिश, रोग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट लॉस के कारण किसानों को भारी आर्थिक झटका. गलत खेती तकनीक और निर्यात बाधाएं भी बनीं कीमत गिरने की बड़ी वजह.
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो इस बार गेहूं का रकबा देशभर में पिछले साल की अपेक्षा बढ़ेगा. इन सब तथ्यों को देखते हुए भारत सरकार ने इतने लाख टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले साल से 2 लाख टन अधिक है.
पूर्व सांसद नकुलनाथ और कांग्रेस नेताओं ने MP विधानसभा के बाहर किसान बचाओ आंदोलन का जोरदार प्रदर्शन किया. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस ने MSP और किसान संकट को लेकर सरकार पर हमला किया. कांग्रेस के विधायक इस बार बंदर का रूप धारण कर विधानसभा पहुंचे और ‘बंदर के हाथ में उस्तरा’ के नारे के साथ विरोध जताया.
मध्यप्रदेश के छतरपुर में यूरिया खाद वितरण के दौरान नायब तहसीलदार रितु सिंघई द्वारा लाइन में लगी महिला किसानों के बाल खींचने और मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है. घटना के बाद अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. घटना के बाद आक्रोशित किसानों ने क्या कहा है...
राज्य का मऊ जिला जो पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक खास जगह है अपने मसाला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. यह खास तौर पर बड़ी मात्रा में लाल मिर्च पाउडर बनाने के लिए जाना जाता है. जिले का इतिहास बहुत पुराना है, जो मुगल काल से जुड़ा हुआ है. बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान यह व्यापार और मिलिट्री सेंटर के तौर पर विकसित हुआ.
Milk Production Rate डेयरी सेक्टर और पशुपालन की तरक्की का कुल सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) में योगदान भी करीब 30 फीसद पर पहुंच गया है. दूध हो या फिर अंडा, मीट और चिकन सभी में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है. पोल्ट्री सेक्टर में भी भारत की रफ्तार सात से आठ फीसद पर पहुंच गई है.
बिहार में 2024–25 में मछली उत्पादन 9.5 लाख टन के करीब पहुंचा और प्रति व्यक्ति उपलब्धता बढ़ी, लेकिन स्थानीय फिश सीड की क्वालिटी कमजोर होने से उत्पादक किसानों का खर्च और चुनौतियां बढ़ीं.
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