एग्रोकेमिकल कंपनी बेस्ट एग्रोलाइफ (Best Agrolife Group) के बयान में कहा गया है कि कंपनी ने लागत प्रभावी फफूंदनाशक मीडिएटरी प्रॉसेस के लिए मैन्यूफैक्चरिंग का पेटेंट हासिल किया है.
Farmers News: सीसीई एग्री ऐप और जीसीईएस ऐप जैसे अत्याधुनिक उपकरण फसल कटाई प्रक्रिया को न केवल तेज बल्कि प्रभावी भी बनाते हैं. यह ऐप्स फसल की स्थिति, उत्पादन क्षमता और संभावित क्षति का सटीक डेटा उपलब्ध कराते हैं, जिससे बीमा कंपनियों को सही जानकारी मिलती है और किसानों को समय पर मुआवजा मिलना सुनिश्चित होता है.
प्याज की खुदरा कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. तमाम सरकारी कोशिशों के बावजूद प्याज का रुतबा टाइट बना हुआ है. इधर ग्राहक परेशान हैं क्योंकि उन्हें 60-70 रुपये से कम भाव पर प्याज नहीं मिल रहा है. मंडियों में बंपर आवक के बावजूद प्याज के भाव में कोई गिरावट नहीं देखी जा रही है.
अंडा उत्पादन के लिए केज फ्री मुर्गी पालन की बात हो रही है. एनजीओ लगातार ये मांग कर रही हैं. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अंडा खाने वालों, प्रोडक्शन और भारत में महंगी जमीन और उसकी कमी को देखते हुए ये मुमकिन नहीं दिखाई पड़ता. केज फ्री कानून लागू होते ही प्रोटीन का सबसे बड़ा सोर्स और सात रुपये वाला अंडा गरीब की थाली से दूर हो जाएगा.
कीटों से मिलने वाले तत्वों से झींगा, मछली और अन्य पशुओं के लिए आहार बनाने वाली कंपनी लूपवॉर्म (Loopworm) की ओर से बयान में कहा गया है कि उसने पालतू और पशु पोषण दोनों के लिए अपने रेशमकीट प्यूपा से मिलने वाले तत्व से बने प्रोडक्ट के लिए EU TRACES प्रमाणन हासिल किया है.
शरद नागरे शुरू में बहुत ही पुराने तरीकों से खेती करते थे. यहां तक कि प्लाऊ, हार्वेस्टर, ट्रैक्टर, आधुनिक यंत्र और नई-नई तकनीकों से वे हमेशा दूर ही रहे. इससे उन्हें बेहद कम आमदनी होती थी. हालांकि उनके अंदर कुछ नया करने की ललक जरूर थी. लिहाजा उन्होंने हॉर्टिकल्चर विभाग से खेती के बारे में जानने के लिए मदद ली. वहां से गाइडेंस मिलने के बाद उनकी स्थिति और सोच बदलने लगी.
किसान नेताओं ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का आह्वान किया है. इस बीच सोमवार को अंबाला एसपी ने किसान नेताओं के एक दल को मार्च से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए बुलाया. इसके बाद पुलिस और किसान नेताओं की मीटिंग हुई. इसमें किसानों ने अपने विरोध-प्रदर्शन की जानकारी साझा की. हालांकि अभी प्रशासन ने मार्च की इजाजत नहीं दी है.
होम गार्डनिंग करने वाले लोगों को घर में ही ताजे फल और सब्जी मिल जाते हैं, जो हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. आप भी होम गार्डनिंग की शुरुआत करना चाहते हैं तो दिसंबर का महीना अच्छा बताया जाता है. आप भी दिसंबर में होम गार्डनिंग करना चाहते हैं तो खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिसके बारे में इस खबर में बताने जा रहे हैं.
2002 में सरकार ने लुधियाना के पास लाधोवाल में एक बिजनेस ग्रुप को कृषि के लिए मात्र 2,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 300 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित की थी. यह पता चलने पर कि जमीन का उपयोग इस काम के लिए नहीं किया जा रहा था, कमीशन ने इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसके आधार पर बिजनेस ग्रुप ने बिना किसी मुकदमे के राज्य को जमीन वापस कर दी.
कॉफी किस्म अरेबिका का भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है. लेकिन, कॉफी उत्पादकों ने अभी कटाई शुरू की है और फेंगल की वजह से बारिश हो गई है. किसानों ने कहा कि इस समय बारिश फसल के लिए बहुत खराब है, क्योंकि कटाई एक समस्या बन जाती है. साथ ही सुखाने में भी समस्या भी होती है. इसलिए यह स्थितियां किसानों के लिए मुश्किल बनेंगी.
इंडियन पोल्ट्री इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IPEMA), पोल्ट्री इंडिया की ओर से हैदराबाद में 27 से 29 नवंबर तक पोल्ट्री एक्सपो-2024 का आयोजन किया गया था. इसी एक्सपो के तहत 26 नवंबर को नॉलेज डे का आयोजन किया गया था. जहां नई एसोसिएशन PI-CIPA के गठन का ऐलान किया गया था.
खुले बाजार में गेहूं की कीमत को नियंत्रित करने के लिए ओपेन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) 2024 के तहत गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए ई-नीलामी की जाएगी. भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई के जरिए पहली साप्ताहिक ई-नीलामी 4 दिसंबर को 1 लाख टन के लिए होगी.
UP News: मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के जरिये 10 गायों की क्षमता वाली हाइटेक डेयरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी. हर इकाई पर लगभग 23.60 लाख का खर्च आएगा, जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों का योगदान होगा.
देश में हर साल बड़े पैमाने पर खाद्य तेल आयात किया जाता है. वहीं, अंतराराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमतें भी अधिक चल रहीं हैं. इस बीच इस साल भारत में अच्छी बारिश होने के साथ ही तिलहन फसलों- सोयाबीन, मूंगफली और बिनोला का बंपर उत्पादन हुआ है, जो पाम ऑयल के दाम को टक्कर दे रहे हैं.
बंगाल सरकार के फैसले के बाद, पुलिस ने राज्य से बाहर आलू की खेप भेजने को रोकने के लिए राज्य की सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है. इसके कारण कई ट्रक सीमा पार से फंसे हुए हैं. प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ के सचिव लालू मुखर्जी ने बताया, "अगर सरकार प्रतिबंध नहीं हटाती है तो हम मंगलवार से हड़ताल पर चले जाएंगे."
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के ताजा बुवाई आंकड़ों के अनुसार देशभर में चना, मसूर और मटर की बुवाई में किसानों की दिलचस्पी कम होती दिख रही है. क्योंकि, ताजा रकबे में गिरावट दर्ज की गई है. चना का रकबा 4 लाख हेक्टेयर घटकर 74.39 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसी तरह मसूर का 1 लाख हेक्टेयर और मटर का रकबा 10 हजार हेक्टेयर घट गया है.
कृषि मंत्रालय के एक ड्राफ्ट में सुझाव दिया गया है कि कृषि मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक मार्केटिंग रिफॉर्म कमेटी बना सकता है जिसमें राज्यों के कृषि मंत्री शामिल होंगे. जिस तरह जीएसटी पैनल में राज्यों के वित्त मंत्रियों को रखा गया है, उसी तरह एग्रीकल्चर मार्केटिंग के लिए राज्यों के कृषि मंत्रियों का पैनल बनाया जा सकता है.
इस समय तक बड़ी संख्या में किसान चना की बुवाई कर चुके किसानों के खेत में फसल में कई रोगों और कीटों के हमले का खतरा रहता है. आज हम आपको चना फसल के ऐसे खतरनाक रोग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फसल चौपट करने में ज्यादा समय नहीं लेता. इसकी रोकथाम और बचाव के लिए ये उपाय करना चाहिए.
धान खरीद के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्यभर में 1412 से अधिक खरीद केंद्र बनाए हैं. इन केंद्रों पर किसान पूरे सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक धान की फसल क्रय केंद्रों पर बेच सकेंगे. किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
सर्दियों के दिनों में भारतीय सब्जी-मंडियों में भरपूर मात्रा में मटर की आवक होती है. ज्यादा मुनाफा होने के कारण बड़ी संख्या में किसान मटर की खेती करते है, लेकिन दिसंबर में इस फसल में कई रोग और कीटों के हमले का खतरा रहता है. ऐसे में आज हम आपको इनकी रोकथाम के उपाय बताने जा रहे हैं.
Milk Production: प्रदेश में इस समय 18 क्लस्टर दुग्ध संघ कार्य कर रहे हैं. पीसीडीएफ द्वारा बरेली, प्रयागराज, मुरादाबाद, झांसी, आजमगढ, अयोध्या, लखनऊ, मेरठ, कन्नौज, गोरखपुर व कानपुर में डेयरी प्लांट्स का संचालन किया जा रहा है.
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