नई दिल्ली में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने नव नियुक्त राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटरों (एनएलएम) के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यशाला में चार प्रमुख कार्यक्रमों पर चर्चा की गई. इसमे राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम थे. इस दौरान मंत्रालय के अधिकारियों ने कार्यक्रमों के लक्ष्यों, रणनीतियों और चुनौतियों के बारे में जानकारी भी साझा की.
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वो जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के चलते अपनी फसल का बीमा करा लें. कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों को सुरक्षित कराने का अनुरोध किसानों से किया है. शाही का कहना है कि पिछले कई सालों से मौसम में अस्थिरता नजर आ रही है. ऐसे में किसानों को उन्होंने फसल बीमा योजना का फायदा उठाने की सलाह दी है.
कालानमक धान को केंद्र में रखकर पिछले दो दशक से काम कर रही गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ (पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन) के चेयरमैन पद्मश्री से सम्मानित कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी चौधरी के अनुसार पिछले दो वर्षो के दौरान उनकी संस्था ने सिंगापुर को 55 टन और नेपाल को 10 टन कालानमक चावल का निर्यात किया.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को विधानसभा में वादा किया है कि वह हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ में नुकसान झेलने वाले हर किसान की मदद करेंगे. बारिश की वजह से एक लाख एकड़ से ज्यादा के धान के खेत पानी में डूब गए हैं. राज्य में पिछले 10 दिनों से जारी बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
यूपी में जून से लेकर 23 जुलाई तक सामान्य बारिश 294.3 मिमी होनी चाहिए थी. इसके सापेक्ष अभी तक प्रदेश में 252 मिमी. बारिश हुई है. यह सामान्य के मुकाबले 85.60 फीसदी है. प्रदेश के 37 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है.
पूरे देश में मॉनसून की अच्छी बारिश हो रही है.उत्तर-भारत के राज्यों के साथ-साथ पूर्वी भारत के राज्यों में जबरदस्त बारिश देखी जा रही है. IMD ने अगले पांच दिनों के दौरान मध्य, पूर्वोत्तर, पूर्वी भारत और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है. जबकि कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और तटीय कर्नाटक में अगले चार-पांच दिनों के दौरान भारी वर्षा के साथ अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की भविष्यवाणी की गई है. झारखंड में एक सप्ताह बाद फिर मॉनसून सक्रिय हुआ है, जबकि बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अच्छी बारिश देखी जा रही है. भारी बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. वहीं हरियाणा विधानसभा चुनावों के शुरू होने से पहले ही एक बार फिर किसान आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. पिछले दिनों विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद किसान अपनी अगली रणनीति बनाने में जुट गए हैं.
इस साल 26 जुलाई तक 215.97 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई और बुवाई हुई है, जो कि पिछले वर्ष से 0.42 लाख हेक्टेयर कम है. हालांकि, देश में धान का कुल एरिया 401 लाख हेक्टेयर है. दूसरी ओर, प्रमुख तिलहन फसल सोयाबीन की बुवाई 121.73 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले वर्ष से 4.73 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
मौसम विभाग ने शुक्रवार को बताया कि राजस्थान में अगले एक सप्ताह तक मॉनसून सक्रिय रहने की संभावना है, जबकि राजस्थान के कई जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है. मौसम विभाग के जयपुर स्थित केंद्र के अनुसार, उत्तरी बंगाल की खाड़ी, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. साथ ही, मॉनसून की 'ट्रफ लाइन' अपनी सामान्य स्थिति में है. इसके चलते अगले एक सप्ताह तक पूर्वी राजस्थान में कई स्थानों पर मॉनसून सक्रिय रहने की संभावना है.
कुरुक्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और जिंदल इंडस्ट्रीज के मुखिया नवीन जिंदल आने वाले दिनों में पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. ऐसी खबरें हैं कि जिंदल आने वाले विधानसभा चुनावों में हिसार से परिवार के किसी सदस्य के लिए टिकट की मांग कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो फिर निश्चित तौर पर पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों का आंदोलन फिर से सुलग रहा है. कुछ किसान यूनियनें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)के लिए कानूनी गारंटी सहित अपनी लंबे समय से अटकी हुई मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च के लिए समर्थन जुटा रही हैं. पिछले दिनों पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को शंभू सीमा खोलने के लिए कहा है.
पूर्व भारतीय स्पिनर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने पिछले दिनों आए आम बजट पर अपनी निराशा व्यक्त की है. सिंह ने बजट की आलोचना करते हुए दावा किया कि इससे सिर्फ कुछ चुनिंदा राज्यों को ही फायदा हुआ है. पूर्व स्पिनर ने खुलासा किया कि उनके नोटिस देने के बाद भी उन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया जो उन्होंने उठाए थे. साथ ही उन्हें बोलने की भी अनुमति नहीं दी गई.
छत्तीसगढ़ में Tribal Communities की आजीविका का पारंपरिक सहारा सदियों से तेंदूपत्ता रहा है. बस्तर संभाग में आदिवासी परिवार Tendu Leaf Collection कर इसे मामूली कीमत पर बाजार में बेचने को मजबूर थे. तेंदूपत्ता खरीद से जुड़ी राज्य सरकार की एक योजना के कारण इस इलाके में आदिवासियों के लिए तेंदूपत्ता अब 'हरा सोना' बन कर उभरा है.
इन प्रजातियों में मुख्य रूप से सूर्या 555, कुदरत अन्नपूर्णा,रघुवंशी 777, कुदरत 17, कुदरत 9 आदि हैं. श्रीप्रकाश रघुवंशी ने बताया कि इन प्रजातियों को विकसित करने का उद्देश्य उत्कृष्ठ देशी बीजों का संरक्षण, मानव पोषण और उत्पादन को बढ़ावा देना है. एक बीज से पचास तक कल्ले और बालियों की लंबाई 10 इंच तक मिलती हैं.
IIMR के सीनियर साइंटिस्ट शंकर लाल जाट का कहना है कि असम में मक्के की खेती के अनुकूल मौसम और मिट्टी है. मक्के की खेती के लिए पर्याप्त बारिश होती है. इसलिए यहां के किसानों को इसकी खेती करना अधिक फायदेमंद है. ऐसे असम में धान की खेती ज्यादा होती है, लेकिन अब धीरे-धीरे यहां पर मक्का की खेती को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है.
बीजेपी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने संथाल परगना की बदल रही डेमोग्राफी और यहां बढ़ रही मुस्लिमों की आबादी का मामला उठाते हुए कहा कि 2000 में जब झारखंड अलग हुआ था, उस वक्त वहां पर आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी, पर आज इनकी आबादी 26 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर 10 प्रतिशत आबादी कहां गायब हो गई.
रोहू की जयंती किस्म का पालन देश के आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम राज्यों में होता है. वहीं दूसरे राज्यों में भी धीरे-धीरे इसका पालन बढ़ रहा है. इस किस्म का पालन छोटे-बड़े जलस्रोतों में भी आसानी से किया जा सकता है.
मंदसौर में बारिश नहीं होता देख कर उनके अध्यक्ष भदौरिया जी से सात दिन पहले यह तंत्र किया था. उन्होंने कहा कि बारिश नहीं होने पर बारिश बुलाने का यह टोटका कभी फेल नहीं होता है. इसका असर होता है और फायदा भी होता साथ ही बारिश भी होती है.
केन्द्रीय डेयरी और पशुपालन मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी सरिता चौहान का कहना है कि देश को पशुओं की बीमारी खुरपका-मुंहपका (FMD) फ्री बनाने के लिए तीन पॉइंट पर काम करना जरूरी है, जैसे पशुओं के एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने पर, बीमारी की निगरानी और बायो सिक्योरिटी की अनिवार्य आवश्यकता. तभी हम एफएमडी को कंट्रोल कर सकेंगे.
पंजाब के किसान एक बार फिर गुस्साए हुए हैं. मुफ्त बिजली सप्लाई वाले पंजाब राज्य में किसान पावर कट से परेशान हैं. गुरुवार को किसानों ने दोराहा में बिजली विभाग के ऑफिस में जमकर हंगामा किया. इन किसानों ने आरोप लगाया है कि उनके घरों पर आठ घंटे तक बिजली की सप्लाई नहीं हो रही है. उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. इन किसानों ने धमकी भी दी है कि अगर यह मसला नहीं सुलझा तो फिर वो सड़कों पर उतरेंगे.
महाराष्ट्र और गुजरात में लगातार हो रही भारी के कारण बाढ़ जैसी स्थिति देखी जा रही है. कई जगहों में नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर पानी भरा हुआ है. शहर के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. कई जिलों में हो रही भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है.
झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड के कोदवाटांड़ पंचायत के युवा मछली पालन के जरिए सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं. गोमिया प्रखंड का यह इलाका पहले कभी उग्रवाद प्रभावित था और यहां पर खेती भी अच्छे से नहीं हो पाती थी. क्षेत्र के अधिकांश युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते थे.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today