योगी सरकार ने धान खरीद को तेज करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. एमएसपी बढ़ाया गया है, खरीद केंद्रों की संख्या 5,000 की जा रही है और भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेजा जा रहा है. सरकार ने फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई, मैनपावर बढ़ाने और खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो.
किसान ने नेचुरल खेती अपनाकर कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाया. देसी चावल, SRI तरीका और ऑर्गेनिक चीज़ों से मिट्टी उपजाऊ हुई और परिवार की सेहत बेहतर हुई. गांव का चैंपियन किसान बनकर, उसने दूसरों को केमिकल-फ़्री खेती का रास्ता दिखाया, जो हर किसान के लिए एक प्रेरणा है.
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने संसद में बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने में बड़ी गिरावट आई है, लेकिन सर्दियों में दिल्ली-NCR की हवा को खराब करने में वाहनों का धुआं, इंडस्ट्रियल उत्सर्जन, कचरा जलाना, कंस्ट्रक्शन से निकलने वाली धूल और मौसम के कारक भी जिम्मेदार हैं. 2025 में अच्छी हवा वाले दिनों की संख्या बढ़ी है, पर AQI अब भी गंभीर स्तर में फंसा हुआ है.
गोमिनी कंपनी 500 नए गार्जियन जोड़कर गायों पर आधारित एक सस्टेनेबल इकोसिस्टम बना रही है. यह पहल, जो गांव की महिलाओं को रोजगार देती है, नेचुरल खेती को बढ़ावा देती है, और देसी गायों की विरासत को बचाती है, शहरों और गांवों को एक नए ग्रीन विज़न से जोड़ती है.
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार 28 नवंबर तक रबी फसलों की बुवाई पिछले साल की तुलना में 35 लाख हेक्टेयर बढ़कर 393 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है. गेहूं की बुवाई 187 लाख हेक्टेयर को पार कर गई, जबकि दालों, तिलहन और मोटे अनाजों में भी अच्छी प्रगति दर्ज की गई है.
अगर जगह कम है तो भी ताज़े आलू उगाना अब बेहद आसान! इस गाइड में जानें कैसे सिर्फ एक पॉट में आप 60–120 दिनों में अपनी खुद की आलू की फसल तैयार कर सकते हैं. सही मौसम, मिट्टी, लगाने की विधि से लेकर कटाई तक-सब कुछ सरल भाषा में. घर बैठे उगाएं ताज़े, स्वादिष्ट और केमिकल-फ्री आलू!
किसान बिजली संशोधन विधेयक-2025 और बीज विधेयक-2025 दो विवादास्पद कानूनों को लेकर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं, जो सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने की संभावना है. इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे किसान यूनियन नेताओं का कहना है कि जितना ज़्यादा लोग अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करेंगे, सांसदों द्वारा उनकी आवाज़ सुने जाने की संभावना उतनी ही ज़्यादा होगी.
चना भारत की प्रमुख रबी फसल है, जिसकी पैदावार सिंचाई के सही समय और खाद के संतुलित इस्तेमाल पर निर्भर करती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, हल्की सिंचाई और फास्फोरस-नाइट्रोजन की उचित मात्रा फसल की क्वालिटी को काफी बढ़ाती है.
संसद के शीतकालीन सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और इस दौरान संसद के दोनों सदनों की 15-15 बैठकें होंगी. विपक्षी दल एसआईआर, आंतरिक सुरक्षा और लेबर कोड पर चर्चा की मांग कर रहे हैं.
Pregnant Animal Care गर्भवती गाय-भैंस के लिए अच्छा खानपान इसलिए जरूरी हो जाता है कि एक तो उसके गर्भ में बच्चा पल रहा होता है, दूसरे बच्चा देने के बाद उसे दूध भी देना है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुओं को बहुत सारे पोषक तत्वों की जरूरत होती है. खासतौर पर आखिरी के तीन महीने आठवां, नौंवा और 10वें महीने में.
भारत की दूसरी सबसे बड़ी एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री, शुगर सेक्टर, बिहार में कई चुनौतियों से गुजर रहा है—कम पैदावार, सिंचाई संकट, लेबर की कमी और खांडसारी-गुड़ उद्योग से मुकाबले ने मिलों की हालत कमजोर कर दी है.
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