बिहार के वैशाली में नकली फर्टिलाइजर के बड़े रैकेट का भांडाफोड़ हुआ है. यहां खाद–बीज की दुकान की आड़ में नकली खाद बनाने का बड़ा धंधा चल रहा था, जहां छापा मारकर पुलिस ने जिले में इस बड़े सिंडिकेट को ध्वस्त किया है. ये मामला पटेढ़ी बेलसर थाना क्षेत्र के पटेढ़ी गांव में का है, जहां एक खाद–बीज का दुकानदार ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली फर्टिलाइज़र तैयार कर किसानों को बेच रहा था.
बांदा के बबेरू क्षेत्र में खाद की किल्लत से परेशान किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और करीब 300 किसानों ने बबेरू–बिसंडा हाइवे पर जाम लगा दिया. किसानों का आरोप है कि विभागीय मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी हो रही है और चहेतों को खाद दी जा रही है. धान की फसल पक चुकी है, लेकिन खाद न मिलने से रबी बुवाई लेट हो रही है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज खरीफ सीजन 2025-26 की प्रमुख फसलों के उत्पादन का प्रथम अग्रिम अनुमान जारी किया. इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में खरीफ फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होने की संभावना है. कुल खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 38.70 लाख टन बढ़कर 1733.30 लाख टन अनुमानित है.
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर पटना में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य में अलग डेयरी विभाग खोलने की जरूरत जताई. वहीं, अपर मुख्य सचिव ने COMFED की धीमी कार्य-प्रणाली पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि सुधार नहीं हुआ तो ‘सुधा’ का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. विकास आयुक्त ने भी अधिकारियों को नए बाजार के अनुरूप काम करने के निर्देश दिए.
महाराष्ट्र में सोयाबीन के गिरते दामों ने किसानों की कमर तोड़ दी है. एमएसपी 5328 रुपये होने के बावजूद बाजार में 4000–4400 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव मिलने से किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे. खरीद केंद्रों की कमी, बारिश से नुकसान और व्यापारियों की मनमानी के चलते किसान भारी आर्थिक संकट झेल रहे हैं और कई खेती छोड़ने की बात कह रहे हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2025-26 के खरीफ सीजन का प्रथम अग्रिम अनुमान जारी किया, जिसमें चावल, मक्का, तिलहन और गन्ने जैसी प्रमुख फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाई गई है. कुल खाद्यान्न उत्पादन 38.70 लाख टन बढ़ने का अनुमान है.
बोकारो के एक छोटे से गांव के प्रोग्रेसिव किसान गुप्तेश्वर महतो को मंडप मेथड और मल्चिंग टेक्निक के लिए जाना जाता है. इसी टेक्निक की मदद से आज वह 1.5 एकड़ जमीन पर खीरे की खेती कर रहे हैं. इस मॉडर्न तरीकों से अब वह घर बैठे दोगुना प्रॉफिट कमा रहे हैं. एक किसान परिवार से आने वाले गुप्तेश्वर कई सालों तक महाराष्ट्र में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में मजदूर के तौर पर काम करते थे.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान 26-27 नवंबर को पंजाब दौरे पर किसानों, मनरेगा लाभार्थियों और अधिकारियों से मिलकर ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे. मोगा के मॉडल गांव से लेकर जालंधर के सीपीआरआई तक वे पर्यावरण, खेती, रोजगार और तकनीक से जुड़े मुद्दों पर संवाद करेंगे.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जीरा–4 किस्म जल्दी पकने वाली वैरायटी है, जो औसतन 100 से 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी खासियत यह है कि यह रोगों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है जिससे फसल का जोखिम कम हो जाता है. जहां सामान्य किस्में 6–7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देती हैं, वहीं जीरा–4 किस्म करीब 8–10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने की क्षमता रखती है.
अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि फील्ड-स्तर के अधिकारी गांवों का दौरा करें और किसानों को खड़ी फसलों, कटे हुए उत्पाद और पशुधन की सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों के बारे में सलाह दें. उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने धान की कटाई पूरी कर ली है, उन्हें बिना देरी किए अपनी उपज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा देना चाहिए.
तरणतारण के कई गांवों में बाढ़ से बर्बाद हजारों एकड़ जमीन अब भी रेत और गाद से ढकी है, जिससे गेहूं की बुवाई रुकी हुई है. 300 से अधिक किसान मुआवजे के बिना संकट में हैं. सामाजिक संस्थाएं जमीन बहाली में जुटी हैं, जबकि प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.
साइक्लोन मोंथा के बाद एक और चक्रवात देश में दस्तक देने को तैयार है. मलक्का जलडमरूमध्य के ऊपर बना डीप डिप्रेशन बुधवार को तेज होकर चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’ में बदल गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी ) के अनुसार इसके इंडोनेशिया तट पर दोपहर में लैंडफॉल करने की संभावना है. इसी बीच, एजेंसी ने यह भी बताया है कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण श्रीलंका के निकटवर्ती क्षेत्रों में बना कम दबाव का क्षेत्र अब एक लो प्रेशर एरिया में बदल गया है और इसके अवदाब में बदलने की संभावना है. जानें क्या होगा इस नए बदलाव का असर देवेंद्र त्रिपाठी के साथ.
Poultry India Expo: सोशल मीडिया पर पोल्ट्री के खिलाफ होने वाले प्रचार पर पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े ज्यादातर लोग खामोश हैं. उन्होंने चुप्पी साधी हुई है. चुप्पी साधने की वजह चाहें जो भी हो. लेकिन अभी नहीं जागे तो फिर कुछ भी हो सकता है. हालांकि छोटे लेवल पर ही सही, लेकिन जागरुकता फैलाने का काम भी किया जा रहा है.
देश के अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए रबी मौसम की नई कृषि सलाह जारी हुई है, जिसमें चना और गेहूं की बुवाई की तैयारी, सरसों में पहली सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, बीज उपचार, सब्जियों की रोपाई और पशुपालन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश शामिल हैं.
चीन में घरेलू मांग घटने से सोयाबीन तेल की अधिकता भारत के लिए अवसर बन गई है. 2025 के पहले दस महीनों में चीन ने रिकॉर्ड मात्रा में सोयाबीन तेल की खेप भारत भेजी, जो 2024 से लगभग तीन गुना है. जानिए पूरा मामला...
कृषि वैज्ञानिकों ने उत्तर भारत के किसानों को बसंत–ग्रीष्म सीजन के लिए टमाटर की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी है. पूसा आधारित उच्च उत्पादक किस्में, संतुलित खाद प्रबंधन, सही दूरी पर रोपाई और रोग नियंत्रण उपाय अपनाकर किसान अधिक उपज और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
घर पर आने वाला दूध शुद्ध है या मिलावटी, यह जानना अब आसान है. FSSAI के बताए सरल घरेलू तरीकों से आप सिर्फ 30 सेकेंड में दूध में पानी, डिटर्जेंट, स्टार्च और यूरिया जैसी मिलावट की पहचान कर सकते हैं. ये आसान टेस्ट आपकी सेहत को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे.
महाराष्ट्र में ड्रोन और एआई जैसी एडवांस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए नागपुर में एग्रो व्हीजन कृषि प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें खेती को तेज, आसान और कम खर्चीला बनाने के लिए किसानों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग और जागरुकता दी गई.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी ) के अनुसार इसके इंडोनेशिया तट पर दोपहर में लैंडफॉल करने की संभावना है. इसी बीच, एजेंसी ने यह भी बताया है कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण श्रीलंका के निकटवर्ती क्षेत्रों में बना कम दबाव का क्षेत्र अब एक लो प्रेशर एरिया में बदल गया है और इसके अवदाब में बदलने की संभावना है.
USDA रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बढ़ती हेल्थ अवेयरनेस, आय और आबादी की वजह से बादाम, अखरोट और पिस्ता की खपत लगातार बढ़ रही है. 2025-26 में इन ट्री नट्स का इंपोर्ट 7% तक उछल सकता है, जबकि घरेलू उत्पादन कई मामलों में घट रहा है.
Increase Milk Production सिर्फ हरा-सूखा चारा खिलाने से पशुओं का ना तो दूध बढ़ता है, ना ही उनकी अच्छे से ग्रोथ होती है और हैल्थ भी अच्छी नहीं रहती है. गाय-भैंस तंदरुस्त रहे इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अच्छा खाने को मिले. जो खुराक उन्हें दी जा रही है उसमे हरा-सूखा चारा और मिनरल मिक्चर भी शामिल हो.
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