खाद वितरण में अव्यवस्था और किसानों की परेशानी के बीच कृषि मंत्री ने हंगामे को साजिश बताया, ई-विकास पोर्टल फेल होने से कई जिलों में खाद वितरण ठप.
कच्चे जूट के निर्यात पर बांग्लादेश की पाबंदी से भारतीय जूट उद्योग संकट में, IJMA ने गोल्डन फाइबर से बने उत्पादों के आयात को सख्ती से रेगुलेट करने की अपील की.
बहराइच जिले के संचालित बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति रायबोझा के उपकेंद्र शंकरपुर थाना रुपईडीहा का है, जहां किसानों को बिक्री की जाने वाली यूरिया खाद लेने गए बस्ती गांव निवासी किसान रंजीत वर्मा ने जब केंद्र संचालक पंकज मिश्रा से दो बोरी यूरिया खाद मांगी तो उन्होंने खाद देने से इनकार कर दिया और गाली दी.
लखनऊ से बहराइच तक खाद केंद्रों पर अफरा-तफरी, घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रही यूरिया, इंडो-नेपाल बॉर्डर इलाकों में हालात सबसे बदतर.
ओडिशा के संबलपुर में धान की तेज खरीद की मांग को लेकर किसानों के बंद का असर दिखा. बाजार, बैंक और दफ्तर बंद रहे. आंदोलन शांतिपूर्ण रहा. किसान टोकन न मिलने से नाराज हैं, जबकि प्रशासन ने खरीद में सुधार का दावा किया है.
किसानों से खाद की कालाबाज़ारी को लेकर नाराज़गी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के दौरान उस वक्त माहौल गर्म हो गया, जब कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से किसानों ने सीधा सवाल कर दिया..सुनिए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने क्या कहा....
विशेषज्ञों के अनुसार तेजी से बढ़ती घरेलू मांग, बेहतर बाजार व्यवस्था, कम लागत और मिट्टी सुधार जैसे फायदे सोयाबीन को किसानों की पसंदीदा फसल बना रहे हैं. यही कारण है कि आज भारत सोयाबीन उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है और आने वाले समय में इसका दायरा और बढ़ने की पूरी संभावना है.
Polythene and Cow खाने की चीजों के साथ पॉलिथीन खाने के मामले में सबसे ज्यादा पीडि़त गाय हैं. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि गाय के पॉलिथीन खाने की कई वजह होती हैं. इसमे जो बड़ी वजह हैं वो शरीर में मिनरल्स की कमी, खुराक में संतुलित पशु आहार शामिल नहीं होने और पेट भरने के लिए पशुओं को छुट्टा छोड़ना है.
अधिक उपज के लिए आप अपने घरों में चेरी टमाटर उगा सकते हैं. चेरी टमाटर सामान्य टमाटर की तुलना में आकार में छोटे होते हैं. इनकी खासियत यह है कि एक पौष्टिक विकल्प होते हैं. यही कारण है कि ये सामान्य टमाटर की तुलना में महंगे बिकते हैं.
सर्दियों में खाई जाने वाली एक आम सी सब्जी खेत के लिए बड़ा काम कर जाती है. यह फसल सिर्फ पैदावार नहीं देती, बल्कि मिट्टी की ताकत भी बढ़ाती है. किसान इसे उगाकर अगली फसल में फायदा देखते हैं. आखिर क्या है इस सब्जी की खासियत, जो इसे साधारण से अलग बनाती है, जानिए Fact Of The Day में.
अगर किसान सच में बंपर उपज चाहते हैं, तो उन्हें सिर्फ NPK तक सीमित नहीं रहना चाहिए. मिट्टी जांच के आधार पर S, Zn और B का सही इस्तेमाल करके कम लागत में ज्यादा उत्पादन हासिल किया जा सकता है. यही तीन पोषक तत्व आज की खेती में बंपर पैदावार का असली फॉर्मूला बन चुके हैं. सल्फर, जिंक और बोरॉन तीनों मिलकर पौधे के संपूर्ण विकास में मदद करते हैं.
बकाया भुगतान, गन्ना तौल में गड़बड़ी और कमीशनखोरी के आरोपों को लेकर चार दिनों से आंदोलन, मांगें न मानी गईं तो 21 दिसंबर को महापंचायत की चेतावनी.
बोक चॉय ठंडे मौसम की सब्जी है, इसलिए यह भारतीय सर्दियों के लिए एकदम सही है. उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश इसकी खेती का सही समय अक्टूबर से फरवरी तक माना जाता है. वहीं दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु और केरल में यह सब्जी तब उगती है जब यहां पर हल्की सर्दियां होती हैं.
Azola Fodder अजोला उत्पादन के लिए एक्सपर्ट टिप्स का पालन किया जाए तो अजोला का खूब उत्पादन भी होता है और कोई बीमारी भी नहीं लगती है. इसे छोटी उपज में गिना जाता है तो कम जगह वाले लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं. दूध-अंडे का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही ये मुर्गे और भैंस के शरीर की ग्रोथ में भी मददगार है और मीट का उत्पादन बढ़ता है.
UP के महोबा जिले में सरकारी योजना में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. पुलिस ने इस मामले से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें इफको टोकियो के तत्कालीन शाखा प्रबंधक भी शामिल हैं.
Onion and Potato Mandi Rate: फुटकर बाजार में महंगी दिखने वाली सब्जियां किसानों को राहत नहीं दे पा रही हैं. एगमार्कनेट पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, आलू और प्याज के थोक भाव एक साल पहले के मुकाबले काफी नीचे हैं. हफ्ते और महीने की हल्की तेजी के बावजूद किसानों को लागत के मुताबिक दाम नहीं मिल पा रहे हैं. देखें ताजा हाल...
Dairy-NLM पशुपालन को बढ़ावा देते हुए रोजगार के अवसर खोलने के लिए भारत सरकार ने केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एनएलएम के तहत लाइव स्टॉक से जुड़े अलग-अलग सेक्टर में सब्सिडी देने के लिए ये योजना शुरू की थी. वहीं आरजीएम योजना की शुरुआत में योजना के लिए 2400 करोड़ रुपये दिए गए थे.
उत्तर प्रदेश के बांदा में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां बबेरू तहसील क्षेत्र के आहार गांव में व्यापारियों के द्वारा धान खरीद में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. आरोप है कि बिना लाइसेंस के दुकान खोलकर व्यापारी किसानों से धान खरीद रहे थे...सुनिए इसको लेकर किसानों और मंडी सचिव ने क्या बताया है...
कड़ाके की ठंड से किसानों की फसल बर्बादी के कगार पर आ गए हैं, जिससे किसानों की तैयार लाही, मटर और आलू की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है. वहीं, पड़ रही कड़ाके की ठंड से आम जन जीवन अस्त-व्यस्त है.
Cow Milk Plant चार साल में देखते ही देखते 141 करोड़ की लागत वाले प्लांट पर 140 रुपये की कीमत वाला ताला लग गया. लेकिन अब साल 2026 में इस प्लांट का ताला खुल सकता है. नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इस प्लांट को 10 साल के लिए यूपी सरकार से लीज पर लिया है. प्लांट के अंदर विदेशों से मंगाई गईं करोड़ रुपये की कीमत वाली मशीनें भी हैं.
ICAR-KVK के वैज्ञानिक मार्गदर्शन से अर्का कल्याण प्याज की खेती ने पारंपरिक किस्मों को पीछे छोड़ा, उत्पादन बढ़ा और आयात पर निर्भरता घटी.
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