खेती-किसानी में दिसंबर के महीने में किसानों को क्या करना चाहिए, इस बात का भी ध्यान रखना काफी जरूरी होता है. ऐसे में बिहार कृषि विभाग की ओर से इस महीने किन फसलों में क्या करना है उसकी जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि किसान अपनी खेतों में क्या करें.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धान खरीद पर किसानों के लिए 48.60 करोड़ रुपये के बोनस को मंजूरी दी. MSP और बोनस मिलाकर किसानों को 2,450 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे और 48 घंटे में एकमुश्त भुगतान किया जाएगा. विपक्ष के विरोध के बीच सरकार का बड़ा कदम.
खजूर के रस एक तरह का ताड़ी होता है और इसे पीने का सबसे ज्यादा प्रचलन बिहार में है. झारखण्ड और बिहार में अगर इस खजूर के रस का उपयोग सही ढंग से किया जाए तो लोग इसको पी कर नशा नहीं करेंगे. सरकार इस पर ध्यान दे तो एक बड़े कुटीर उद्योग की स्थापना इसी रस से की जा सकती है.
उत्तर प्रदेश में मखाना विकास योजना (Makhana Development Scheme) शुरू की जा रही है, जो किसानों को नए मौके देगी. ₹158 लाख की मंज़ूर रकम से तालाब बनाने, ट्रेनिंग, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जाएगा. पूर्वांचल के ज़िलों को मखाना की खेती के लिए सबसे सही माना गया है, जिससे किसानों की इनकम में काफ़ी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
मौजूदा वक्त में किसानों को खेती में मार्गदर्शन करने के लिए एग्रीकल्चर मोबाइल ऐप सबसे सुविधाजनक और उपयोगी माध्यम है. इसमें किसी भी फसल या सब्जियों की खेती, बुवाई या कटाई के उचित वैज्ञानिक तरीके और कीट या कीट के हमलों से फसलों को कैसे बचाएं, ये जानकारी भी आसानी से मिल जाती है.
कृषि मंत्रालय की नई रबी बुआई रिपोर्ट के अनुसार 5 दिसंबर तक गेहूं की बुआई में 24% की जबरदस्त बढ़त दर्ज हुई है. तिलहन और दलहन में मामूली बढ़त, जबकि कुल रबी बुआई रकबा 479 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. जानें, कौन-सी फसलों में कितनी प्रगति हुई.
पश्चिम मिदनापुर के पासांग गांव में गाय के दूध से प्रसाद खाने के बाद गाय की मौत से हड़कंप मच गया. रेबीज की आशंका में 222 लोगों ने वैक्सीन लगवाई. हेल्थ विभाग ने कहा, दूध से रेबीज फैलने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं.
बैंगन के पौधों को फल बनाने के लिए पोटैशियम की बहुत जरूरत होती है. केला और उसके छिलके पोटैशियम के प्राकृतिक स्रोत हैं, जो पौधे में फूल बनने में मदद करता है, फल गिरने से रोकते हैं, फल का आकार बढ़ाते हैं और पौधे की जड़ें मजबूत करता है. इसी तरह ये कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्र में वंदे मातरम का जिक्र किया. साथ ही कहा कि किसान देश की आत्मा हैं और मोदी सरकार के प्रयासों से कृषि क्षेत्र में खासा इजाफा हुआ है. कृषि मंत्री ने कहा कि साल 2014 से अब तक गन्ना उत्पादन में 44 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. साथ ही देश में 3,300 जलवायु–अनुकूल बीज विकसित किए जा चुके हैं.
हरियाणा में सामने आया धान खरीद का घोटाला जिसने सरकारी प्रोक्योरमेंट सिस्टम की कमियों को सामने ला दिया है. मंडियों, राइस मिलों और सरकारी पोर्टल के ज़रिए धान और बाजरे की कागजी खरीद को धोखे से दिखाकर हज़ारों करोड़ रुपये का स्कैम किया गया. SKM ने राज्य और केंद्र सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं और न्यायिक जांच की मांग की है.
फसलों में पोषक तत्वों की कमी और बीमारियों की पहचान करना किसानों के लिए बेहद जरूरी है. आयरन, सल्फर, जिंक, तांबा, कैल्सियम जैसे तत्वों की सही मात्रा रखकर इल्ली, फंगस, वायरस और कीटों से आसानी से बचाव किया जा सकता है. जानें, किस पोषक तत्व की कमी से कौन-से लक्षण दिखते हैं और फसल का नुकसान कैसे रोका जाए.
डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार ने सोमवार को राज्य में मक्का किसानों को होने वाली दिक्कतों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. डिप्टी CM ने इस मामले पर कुछ न बोलने के लिए हावेरी के सांसद और पूर्व CM बसवराज बोम्मई पर भी निशाना साधा.
Milk Scheme in Maharashtra विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को ध्यान में रखते हुए 2016 में एक पहल शुरू की गई थी. महाराष्ट्र सरकार और नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) ने मिलकर ये योजना शुरू की थी. मकसद बस यही था कि दूध का उत्पादन बढ़े, पशुपालकों का दूध वक्त से बिक जाए और उन्हें दूध का सही दाम मिल जाए. जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में सुधार आ सके.
तमिलनाडु की अदालत द्वारा किसान नेताओं पी. आर. पांड्यंन और सेल्वराज को तोड़फोड़ के आरोप में 13 साल की सजा सुनाने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने इसे झूठा मुकदमा बताया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोनों को जल्द रिहा नहीं किया गया, तो देशभर में बड़ा किसान आंदोलन छेड़ा जाएगा.
जीवामृत क्या है और यह कैसे बनता है? गाय के गोबर, गोमूत्र, गुड़ और मिट्टी से बने इस देसी ऑर्गेनिक घोल के फायदे, इस्तेमाल और आसान तरीका जानें. जीवामृत से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाएं और फसल की कुदरती ग्रोथ पाएं.
छत्तीसगढ़ के खैराढ़–छुईखदान–गंडई जिले में किसानों ने प्रस्तावित चूना पत्थर खदान परियोजना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि सीमेंट फैक्ट्री बनने से स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ेगा और फसल उत्पादन प्रभावित होगा. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया.
Maize in Poultry Feed पोल्ट्री प्रोडक्ट अंडा-चिकन का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. अंडे-चिकन की खपत को और बढ़ाने की चर्चाएं भी हो रही हैं. लेकिन पोल्ट्री फीड कैसे बढ़ेगा इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. लौट फिरकर जीएम मक्का की चर्चा होने लगती है. लेकिन देर आए, दुरुस्त आए हरियाणा ने पोल्ट्री फीड के अहम हिस्से मक्का का हल निकालने पर काम शुरू हो चुका है.
भारत में लगभग 50 फीसदी से अधिक लोग माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में जब प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, शरीर को अंदर से मजबूत करना अनिवार्य हो गया है. सरकार भी बायोफोर्टिफाइड अनाजों को मिड-डे मील, पीडीएस और सरकारी पोषण योजनाओं में शामिल कर रही है ताकि आम नागरिकों को अतिरिक्त पोषण आसानी से उपलब्ध हो सके.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में किसान अब प्रशासन की मदद से आम की खेती शुरू कर रहे हैं. ‘आम बगीचा परियोजना’ और ‘लखपति दीदी योजना’ से उन्हें आर्थिक सहारा मिला है. इससे स्थानीय किसानों की आमदनी बढ़ने और क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है.
केंद्र सरकार ने लंबे समय से लटके हुए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया है. इसको लेकर पौध संरक्षण उद्योग ने इस विधेयक पर गहरी चिंता व्यक्त की है. इंडस्ट्री का कहना है कि नया कानून 'लाइसेंस राज' को बढ़ावा दे सकता है.
टमाटर के फलों के फटने का सबसे बड़ा कारण अनियमित सिंचाई और बोरोन की कमी है. विशेषज्ञों ने मल्चिंग, कैल्शियम-बोरोन स्प्रे और नियमित नमी प्रबंधन को प्रभावी समाधान बताया.
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