जनवरी-अक्टूबर की अवधि में चाय शिपमेंट 6882.91 करोड़ रुपये रहा है. यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 18 परसेंट ज्यादा है. पिछले साल निर्यात इसी अवधि के दौरान 5831.1 करोड़ रुपये था. यूनिट कीमत में 10.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह पिछले साल के 271.67 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 301.20 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया.
उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ मौसम पूरी तरह बदल चुका है और किसानों के लिए बुआई का व्यस्त सीजन शुरू हो गया है. पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बढ़ती शीतलहर के बीच रबी फसलों की बुवाई तेजी पकड़ रही है. वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश का दौर जारी है. इस लाइव और लगातार अपडेट होते सेक्शन में आपको खाद-बीज, खेती और गार्डनिंग के उपयोगी टिप्स, किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारी और कृषि जगत से जुड़े बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रम एक ही जगह मिलते रहेंगे.
Milk Product Export डेयरी एक्सपर्ट डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए ऐसे ही कुछ बिन्दुओं पर काम करने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि आने वाले सात से आठ साल डेयरी सेक्टर और लाइव स्टॉक के हैं. इसमे निवेश भी बढ़ेगा तो नौकरियों के रास्ते भी खुलेंगे.
IMD Weahter Update: देशभर में सर्दी तेज हो गई है. IMD ने अपने पूर्वानुमान में कई राज्यों में 13 दिसंबर तक शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है. मध्य भारत, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र में पारा लगातार गिर रहा है. जानिए विभिन्न राज्यों में मौसम कैसा रहेगा.
किनोआ का लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे डायबिटीज मरीजों के लिए भी उपयोगी बनाता है. यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे अचानक शुगर स्पाइक का खतरा कम होता है. फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा पेट को लंबे समय तक भरा रखती है, जिससे वजन कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. किनोआ को अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल करना बेहद आसान है.
Gehu Mandi Bhav: नवंबर 2025 में गेहूं के दाम पिछले साल की तुलना में ज्यादातर राज्यों में नीचे रहे. बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी में सालाना आधार पर 4% से 12% तक कमी रही. जानिए किसानों को कितना भाव मिला...
हनुमानगढ़ के टिब्बी क्षेत्र में निर्माणाधीन इथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसानों का विरोध बुधवार को उग्र हो गया. सैकड़ों किसानों ने महापंचायत के बाद फैक्ट्री की दीवारें तोड़ी और स्थल पर कब्जा कर लिया. पर्यावरण और जमीन बंजर होने की आशंका जताते हुए किसानों ने फैक्ट्री को हटाने की मांग की, जबकि पुलिस के हल्के बल प्रयोग में विधायक अभिमन्यु पुनिया घायल हो गए.
सर्दियों में पत्तागोभी की बुआई में देरी अब किसानों के लिए चिंता की बात नहीं है. कृषि वैज्ञानिकों की बनाई एक नई तकनीक से फसल तेज़ी से बढ़ती है, पत्तागोभी का साइज़ बेहतर होता है और पैदावार भी बढ़ती है. यह तरीका कन्नौज के किसानों के लिए कम लागत में ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित हो रहा है.
सरसों के खेत के पीले फूल केवल सुंदर नहीं, मधुमक्खियों को बुलाने का संकेत भी हैं. उनकी महीन खुशबू को मधुमक्खियां दूर से पहचानकर खेत तक पहुंचती हैं और परागण कर उपज बढ़ाती हैं. पढ़ें यह प्रक्रिया कितनी मजेदार है...
मुजफ्फरनगर के यहियापुर गांव में आयोजित कृषि चौपाल में 500 से अधिक किसानों ने यूपी सरकार की योजनाओं जैसे किसान सम्मान निधि, कुसुम योजना, सब्सिडी कृषि यंत्र, मिनीकिट वितरण और किसान पाठशाला से मिले लाभ का जिक्र किया. विकसित कृषि संकल्प अभियान और गन्ना मूल्य वृद्धि को भी किसानों ने बड़ी राहत बताया.
हरियाणा CM नायब सिंह सैनी ने पैक्स किसानों के अतिदेय ऋण निपटान के लिए एकमुश्त योजना शुरू की है. मूल राशि जमा करने पर 6.81 लाख किसानों को 2,266 करोड़ रुपये की ब्याज माफी मिलेगी. मृत किसानों के 2.25 लाख परिवार भी लाभान्वित होंगे. किसान बाद में नया लोन भी ले सकेंगे.
रबी मक्का को ठंड, पाला और तेज हवाओं से बचाने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने 10 प्रमुख उपाय सुझाए हैं, जिनमें नियमित सिंचाई, पोटाश और सल्फर का उपयोग, मल्चिंग, हवा बाधक लगाना और कीट–रोग नियंत्रण शामिल हैं. यह उपाय अपनाकर किसान अपनी फसल को नुकसान से बचाते हुए बेहतर उपज पा सकते हैं.
हरियाणा सरकार ने फर्टिलाइजर बांटने के काम को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है, इसे "मेरी फसल-मेरा ब्यौरा" और iFMS सिस्टम से जोड़ दिया है. नए सिस्टम से फर्टिलाइजर की गलत इस्तेमाल रुकी है, खपत कम हुई है, और सब्सिडी में काफी बचत हुई है. इस ट्रांसपेरेंट सिस्टम की वजह से, अब हर किसान को समय पर और सही मात्रा में फर्टिलाइज़र मिलता है.
सरकार ने कालाबाजारी, जमाखोरी और घटिया गुणवत्ता की खाद का वितरण करने के मामलों में 5,371 फर्टिलाइजर कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी. नड्डा ने यह जानकारी बीजेपी की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब के तौर पर कही.
आमतौर पर गेहूं की बुवाई के लिए 15 दिसंबर तक का समय उत्तम माना जाता है, लेकिन खेत तैयार या खाली नहीं होने की वजह से किसान 15 दिसंबर के बाद तक गेहूं की बुवाई करते हैं. वहीं बाद में भी बहुत सारे किसान गेहूं के सामान्य किस्मों की ही बुवाई कर देते हैं. नतीजतन उपज कम होती है, जबकि गेहूं की पछेती बुवाई करके अच्छी उपज लेने के लिए बाजार में उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हैं.
मुजफ्फरनगर में किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रस्तावित बीज विधेयक 2025 के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होनें अपने आवास पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा सुनिए....
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक जगह ऐसी है जहां मछलियों को खाया नहीं, बल्कि पूजा जाता है. हम बात कर रहे हैं मुसहरी प्रखंड में स्थित छपरा मेघ गांव की. ये सिर्फ एक साधारण सा गांव नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और रहस्यमयी मान्यताओं से भरा एक अनोखा स्थान है. यहां के लोग मछली खाते तो हैं, लेकिन अपने ही गांव के तालाब की मछलियों को छूना पाप मानते हैं. ये परंपरा कोई नई नहीं है. बल्कि सदियों पुरानी आस्था पर टिकी हुई है. देखिए पूरी रिपोर्ट.
Dairy Milk Production कुछ वक्त पहले तक हर घर के सामने एक गाय या भैंस नजर आती थी. गाय-भैंस नहीं पाल सकता था वो बकरी पालता था. शायद इसीलिए बकरी को गरीब की गाय भी कहा जाता था. लेकिन मकसद था हर घर में दूध. दूध शुरु से हमारे खानपान का हिस्सा रहा है. दही-घी के बिना तो खाने की थाली भी अधूरी मानी जाती थी.
Onion Price Drop: मध्य प्रदेश में प्याज गिरती कीमतों पर सियासत तेज है. कृषि मंत्री कंसाना ने कहा कि अच्छी सप्लाई के कारण किसान प्याज फेंक रहे हैं. कांग्रेस ने इसे किसानों का अपमान बताया और सरकार पर गलत नीतियों, आर्थिक कर्ज और फिजूलखर्च का आरोप लगाया.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने दावा किया कि नैनो यूरिया से फसल की पैदावार और क्वालिटी पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि PAU और अन्य संस्थानों के शोध में 50% RDN के साथ नैनो यूरिया के उपयोग से चावल और गेहूं की उपज और प्रोटीन मात्रा में गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि कुछ स्थानों पर इसके सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं. सरकार ने इसके प्रभावों का व्यापक अध्ययन कराने की घोषणा की है.
हरियाणा में बाढ़ से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने 53,821 किसानों को ₹116 करोड़ का मुआवज़ा दिया है. चरखी दादरी, हिसार और भिवानी सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले थे. फ़सल के नुकसान का अंदाज़ा लगाने के बाद किसानों को मदद दी गई. सरकार ने कहा कि वह हमेशा किसानों के साथ खड़ी है.
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