Poultry India Expo पोल्ट्री का उत्पादन बढ़ाने में हम कामयाब हो चुके हैं. पोल्ट्री की खपत को भी और बढ़ा लेंगे. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है पोल्ट्री फीड को बढ़ाने का. फीड को हम कैसे बढ़ाएंगे, उसके लिए हमारे पास क्या प्लान हैं, क्या आने वाले 10-20 साल की तैयारी हम अभी से कर रहे हैं. ये वो सवाल हैं जो पोल्ट्री इंडिया के एक्सपो 2025 में उठ रहे हैं.
पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में पानी की कमी और देर से बुवाई की चुनौतियों के बीच जीरो टिलेज तकनीक ने रेपसीड-सरसों की खेती की तस्वीर बदल दी. इंफाल की सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी और भरतपुर के रेपसीड-सरसों रिसर्च डायरेक्टरेट की पहल से किसानों को 105 दिनों में 27,388 रुपये प्रति हेक्टेयर का औसत मुनाफा मिला. मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल के 1,419 किसानों ने इस तकनीक को अपनाया और 1010 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी विस्तार हुआ.
उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ ही मौसम पूरी तरह से बदल चुका है और बदल चुका है किसानों के लिए बुआई का सीजन. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में शीतलहर के साथ ही किसान भी रबी की फसलों की बुआई में जुट गए हैं. मौसम विभाग (IMD) ने इस बार कड़ाके की ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है और किसानों को तैयार रहने की सलाह दी है. वहीं दूसरी ओर कर्नाटक और तमिलनाडु समेत दक्षिणी राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है. देश में रबी का सीजन की फसलों की बुआई जोर-शोर से जारी है तो खरीफ फसलों की खरीद का काम भी एक तरफ चल रहा है. आपको खाद-बीज से लेकर, खेती और गार्डनिंग के टिप्स और किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारियां और देशभर में हो रहे बड़े घटनाक्रमों की हर अपडेट भी इस लाइव और लगातार अपडेट के साथ मिलती रहेगी.
Senyar Cyclone Effect: चक्रवाती तूफान सेन्यार और बंगाल की खाड़ी के लो प्रेशर के कारण अंडमान-निकोबार, तमिलनाडु, तटीय आंध्र और रायलसीमा में 26 नवंबर से 1 दिसंबर तक भारी बारिश का अलर्ट है. तमिलनाडु में 29-30 नवंबर को अत्यधिक बारिश संभव. दिल्ली में हल्का कोहरा और ठंडी हवा बने रहने के आसार हैं.
कुछ लोगों को शरीफा खाना गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है. शरीफा स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर फल है लेकिन फिर भी डायबिटीज मरीज, वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोग, पाचन समस्या वाले लोग, एलर्जी प्रोन लोगों के साथ ही साथ ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी इससे दूर ही रहना चाहिए. किसी भी नई हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा विकल्प होता है.
इस साल प्याज उत्पादन में 26.88% बढ़ोतरी से कुल अनुमान 307.89 लाख टन पहुंच रहा है, जबकि देश की खपत लगभग 200 लाख टन ही है. ऐसे में निर्यात और एक नियत मात्रा में प्याज सड़ने के बाद भी देश में भारी मात्रा मेें उपज उपलब्ध रहेगी. जानिए पूरा मामला आखिर बढ़ा हुआ उत्पादन कैसे किसानाें के लिए मुसीबत बन सकता है...
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गौतमपुरा में भावांतर योजना के तहत किसानों को 249 करोड़ रुपये जारी किए. उन्होंने कहा कि सरकार हर किसान को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. भावांतर भुगतान से किसानों को बाजार की गिरती कीमतों से बचाव मिल रहा है.
Konsaseema Coconut Farmers Issue: कोनासीमा में नारियल बागानों को हुए नुकसान पर पवन कल्याण ने कहा कि लाखों लोगों की आजीविका दांव पर है. उन्होंने पिछली सरकार पर उपेक्षा के आरोप लगाए और एनडीए सरकार द्वारा सभी कारणों की जांच कर स्थायी समाधान देने का भरोसा दिया.
काली मिर्च के सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक में इस साल उत्पादन 86,000 टन से गिरकर 47,891 टन रह गया—44.3% की भारी कमी. लगातार बारिश, फुट रॉट और क्विक विल्ट जैसी बीमारियों, धूप की कमी और ठंडे मौसम के कारण बेलें नष्ट हो रही हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक फरवरी 2026 की मुख्य फसल में भी और गिरावट की आशंका है. केरल में भी उत्पादन 28.7% घटने का अनुमान है. हालांकि कीमतें 650–750 रुपये/किलो तक बढ़ी हैं, लेकिन भारी आयात के चलते किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा.
उत्तर भारत में इस समय किसान रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई में व्यस्त हैं. लेकिन जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, वैसे-वैसे चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार भी खेत में फैलने लगते हैं. ये खरपतवार गेहूं के पौधों से पोषक तत्व, धूप और पानी छीन लेते हैं, जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में किसान बुवाई के शुरुआती दिनों में ही एक सरल उपाय अपनाकर इस समस्या से पूरी तरह बच सकते हैं.
बिहार के वैशाली में नकली फर्टिलाइजर के बड़े रैकेट का भांडाफोड़ हुआ है. यहां खाद–बीज की दुकान की आड़ में नकली खाद बनाने का बड़ा धंधा चल रहा था, जहां छापा मारकर पुलिस ने जिले में इस बड़े सिंडिकेट को ध्वस्त किया है. ये मामला पटेढ़ी बेलसर थाना क्षेत्र के पटेढ़ी गांव में का है, जहां एक खाद–बीज का दुकानदार ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली फर्टिलाइज़र तैयार कर किसानों को बेच रहा था.
बांदा के बबेरू क्षेत्र में खाद की किल्लत से परेशान किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और करीब 300 किसानों ने बबेरू–बिसंडा हाइवे पर जाम लगा दिया. किसानों का आरोप है कि विभागीय मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी हो रही है और चहेतों को खाद दी जा रही है. धान की फसल पक चुकी है, लेकिन खाद न मिलने से रबी बुवाई लेट हो रही है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज खरीफ सीजन 2025-26 की प्रमुख फसलों के उत्पादन का प्रथम अग्रिम अनुमान जारी किया. इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में खरीफ फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होने की संभावना है. कुल खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 38.70 लाख टन बढ़कर 1733.30 लाख टन अनुमानित है.
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर पटना में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य में अलग डेयरी विभाग खोलने की जरूरत जताई. वहीं, अपर मुख्य सचिव ने COMFED की धीमी कार्य-प्रणाली पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि सुधार नहीं हुआ तो ‘सुधा’ का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. विकास आयुक्त ने भी अधिकारियों को नए बाजार के अनुरूप काम करने के निर्देश दिए.
महाराष्ट्र में सोयाबीन के गिरते दामों ने किसानों की कमर तोड़ दी है. एमएसपी 5328 रुपये होने के बावजूद बाजार में 4000–4400 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव मिलने से किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे. खरीद केंद्रों की कमी, बारिश से नुकसान और व्यापारियों की मनमानी के चलते किसान भारी आर्थिक संकट झेल रहे हैं और कई खेती छोड़ने की बात कह रहे हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2025-26 के खरीफ सीजन का प्रथम अग्रिम अनुमान जारी किया, जिसमें चावल, मक्का, तिलहन और गन्ने जैसी प्रमुख फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाई गई है. कुल खाद्यान्न उत्पादन 38.70 लाख टन बढ़ने का अनुमान है.
बोकारो के एक छोटे से गांव के प्रोग्रेसिव किसान गुप्तेश्वर महतो को मंडप मेथड और मल्चिंग टेक्निक के लिए जाना जाता है. इसी टेक्निक की मदद से आज वह 1.5 एकड़ जमीन पर खीरे की खेती कर रहे हैं. इस मॉडर्न तरीकों से अब वह घर बैठे दोगुना प्रॉफिट कमा रहे हैं. एक किसान परिवार से आने वाले गुप्तेश्वर कई सालों तक महाराष्ट्र में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में मजदूर के तौर पर काम करते थे.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान 26-27 नवंबर को पंजाब दौरे पर किसानों, मनरेगा लाभार्थियों और अधिकारियों से मिलकर ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे. मोगा के मॉडल गांव से लेकर जालंधर के सीपीआरआई तक वे पर्यावरण, खेती, रोजगार और तकनीक से जुड़े मुद्दों पर संवाद करेंगे.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जीरा–4 किस्म जल्दी पकने वाली वैरायटी है, जो औसतन 100 से 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी खासियत यह है कि यह रोगों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है जिससे फसल का जोखिम कम हो जाता है. जहां सामान्य किस्में 6–7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देती हैं, वहीं जीरा–4 किस्म करीब 8–10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने की क्षमता रखती है.
अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि फील्ड-स्तर के अधिकारी गांवों का दौरा करें और किसानों को खड़ी फसलों, कटे हुए उत्पाद और पशुधन की सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों के बारे में सलाह दें. उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने धान की कटाई पूरी कर ली है, उन्हें बिना देरी किए अपनी उपज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा देना चाहिए.
तरणतारण के कई गांवों में बाढ़ से बर्बाद हजारों एकड़ जमीन अब भी रेत और गाद से ढकी है, जिससे गेहूं की बुवाई रुकी हुई है. 300 से अधिक किसान मुआवजे के बिना संकट में हैं. सामाजिक संस्थाएं जमीन बहाली में जुटी हैं, जबकि प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.
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