सर्दियों का हल्का कोहरा फसलों के लिए नुकसान नहीं, बल्कि फायदा पहुंचाता है. जानिए आखिर कोहरा कैसे खेत में लगी फसलों की कैसे रक्षा करता है. खासकर गेहूं और अन्य रबी फसलों की बढ़वार में यह कैसे मदद करता है.
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि सहकारिता के जरिए खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाया जा सकता है. KRIBHCO कार्यक्रम में PACS, ऑर्गेनिक खेती, डिजिटल एग्रीकल्चर और अमूल जैसे मॉडल को किसानों के लिए गेमचेंजर बताया.
पायलट प्रोजेक्ट में 5 जिलों के करीब 20 हजार किसानों ने ऐप के जरिए 60 हजार से ज्यादा यूरिया बैग खरीदे, अब पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी.
UP Vidhan Sabha: वेलफेयर योजनाओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा कि सरकार ने कभी चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ नहीं दिया. आवास, राशन, उज्ज्वला गैस, आयुष्मान कार्ड और मुख्यमंत्री राहत कोष हर योजना बिना भेदभाव लागू की गई है. सूची में उन गरीबों को भी जोड़ा गया.
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के तहत धान, मक्का, ज्वार और रागी की सरकारी खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने का फैसला.
घर पर गमले में शलजम उगाना बेहद आसान है. ठंड के मौसम में सही मिट्टी, धूप और थोड़ी देखभाल से आप बालकनी या छत पर स्वादिष्ट शलजम उगा सकते हैं. इस लेख में बीज बोने से लेकर देखभाल और कटाई तक की आसान जानकारी दी गई है, जिसे बच्चे भी आसानी से समझ सकते हैं.
100 साल पूरे कर रहा CCRI जलवायु परिवर्तन, मजदूरी लागत और घटती पैदावार से निपटने के लिए नई कॉफी किस्में विकसित कर रहा है. जर्मप्लाज्म, बायोटेक्नोलॉजी और मशीनरी के जरिए किसानों को बेहतर उपज और गुणवत्ता देने की तैयारी है. बालेहोन्नूर स्थित CCRI ने कॉफी किसानों की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए दो नई अरेबिका किस्में पेश की हैं.
देश के अधिकांश हिस्सों में गेहूं की बुआई अब पूरी हो गई है. लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी बुआई होना बाकी है. ऐसे में जिन किसानों ने अभी तक बुआई नहीं की है, उन्हें भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने सलाह दी है कि वे अच्छी पैदावार के लिए पछेती खेती के लिए उन्नत किस्में ही चुनें.
Poultry Chicken ब्रायलर मुर्गे के मुकाबले लेयर बर्ड बहुत सस्ती होती है. हालांकि मुर्गों में होने वाली मुर्गियों की मिलावट को पकड़ना कोई नामुमकिन नहीं है. अगर दोनों के बीच शरीरिक बनावट के अंतर को पहचान लिया जाए तो आसानी से अंडे देने वाली मुर्गी को पहचाना जा सकता है.
जब किसी के पास संसाधन नहीं होते तो वो खोजता है जुगाड़ और कई बार इन जुगाड़ों से कोई ऐसी चीज बन जाती है जो किसी सुपर मशीन से कम नहीं होती. बिहार के बांका जिले से भी ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है, जहां मोहम्मद कमर तौहीद नाम के एक किसान ने कबाड़ से ये देसी मशीन बना डाली. तौहीद पेशे से एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और अपने इसी कौशल से उन्होंने एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान खोज निकाला. मोहम्मद कमर तौहीद ने ये देखा कि छोटे और बिखरे हुए खेतों वाले किसानों के लिए, बड़े ट्रैक्टर या महंगी मशीनें खरीदना मुमकिन नहीं है. इसलिए उन्होंने अपने इंजीनियरिंग कौशल से एक ऐसी 'पावर टिलर कम जीरो टिलेज मशीन' तैयार की है.
अगर आपका ट्रैक्टर पुराना हो गया है. रंग उड़ गया है, आवाज ज़्यादा आने लगी है या इसकी पावर में पहले जैसा दम नहीं रहा तो घबराइए मत. अभी आपको नया ट्रैक्टर नहीं खरीदना होगा. बहुत सारे ऐसे तरीके हैं, जिनसे आपके ट्रैक्टर की उम्र अभी कई साल और खिंच सकती है. इसलिए आज मैं आपको कुछ ऐसे देसी टिप्स बताने वाला हूं, जिनसे आपका पुराना ट्रैक्टर फिर से नया जैसा दौड़ेगा, वो भी बिना ज़्यादा खर्च किए.
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी में आयोजित वृहद किसान सम्मेलन में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने किसानों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं और नई ग्रामीण विकास नीति का विस्तार से उल्लेख किया. सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्य के कई मंत्री, सांसद, विधायक और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि सरकार अगले संसद सत्र में नया बीज कानून पेश करेगी, जिससे किसानों को फायदा होगा.
अक्सर आम के बाग पुराने होने पर फल देना कम कर देते हैं, जिससे किसानों की कमाई घट जाती है. इसको काट देते हैं, लेकिन अब पुराने पेड़ों को काटने के बजाय जीर्णोद्धार तकनीक अपनाकर उन्हें फिर से जवान बनाया जा सकता है. इस विधि में पेड़ों की सूखी और घनी टहनियों की वैज्ञानिक तरीके से छंटाई की जाती है, जिससे सूरज की रोशनी सीधे तने तक पहुंचती है और नई शाखाएं निकलती हैं.
महाराष्ट्र का ई-फसल सर्वे, जिसे 'ई-पिक पाहणी' के नाम से जाना जाता है, किसानों को एक मोबाइल एप के जरिए अपनी फसल की जानकारी खुद देने की सुविधा देता है. बावनकुले ने कहा कि जो किसान तकनीकी दिक्कतों या बाकी कारणों से ई-फसल सर्वे रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं कर पाए हैं, वे 15 जनवरी तक संबंधित अधिकारियों को ऑफलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं.
Poultry Farm पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक एक दिन के चूजे से लेकर पांच से 5.5 हफ्ते तक के चूजों को सर्दी के मौसम में हीट की जरूरत होती है. क्योंकि शुरुआती दिनों में चूजों के पंख नहीं होते हैं. चूजों को हीट देने के लिए आर्टिफिशियल तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. कई बार तो बिजली के बल्ब से भी चूजों को हीट जाती है.
सीड ट्रीटमेंट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बुआई से पहले बीजों को फफूंदनाशक, कीटनाशक, ऑर्गेनिक एजेंट या पोषक तत्वों से उपचारित किया जाता है. इसका उद्देश्य बीज और शुरुआती पौधों को मिट्टी व बीज जनित रोगों, कीटों और प्रतिकूल मौसम से बचाना होता है. सर्दियों के मौसम में तापमान कम होने के कारण बीजों का अंकुरण धीमा हो जाता है.
ऑस्ट्रेलियाई मौसम एजेंसी के अनुसार इंडियन ओशन डाइपोल अब न्यूट्रल, जबकि ट्रॉपिकल पैसिफिक में ला नीना से बारिश और तूफानों का खतरा बना हुआ है.
Himchal Pradesh Natural Farming: हिमाचल प्रदेश सरकार 9.61 लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे किसानों की लागत घटेगी, मिट्टी की सेहत सुधरेगी और ग्रामीण आय बढ़ेगी. जानिए पूरा प्लान...
धौलपुर के किसान आलू की खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं. पेप्सीको और अन्य चिप्स कंपनियों से जुड़ी के साथ ओमपाल सिंह जैसे किसान एन-ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल कर पानी, बिजली और खाद घनत्व हुए उच्च पैदावार कर रहे हैं. पंच गौरव योजना और आधुनिक तकनीक से धौलपुर का आलू देशभर में लोकप्रिय हो रहा है.
खराब बारिश, गिरती कीमतें और अमेरिकी GM फसलों के संभावित आयात से सोयाबीन और मक्का किसानों को अपने भविष्य पर खतरा नजर आ रहा है.
भारत दूध उत्पान में नंबर वन है. बावजूद इसके डेयरी प्रोडक्ट का उतना एक्सपोर्ट नहीं होता है. लेकिन अच्छी बात ये है कि डेयरी प्रोडक्ट में खासतौर से घी-मक्खन, दही और चीज की विदेशी बाजारों में डिमांड बढ़ रही है. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट से ये आंकड़ा सामने आया है.
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