UC डेविस के वैज्ञानिकों ने तैयार किए ऐसे गेहूं के पौधे जो खुद नाइट्रोजन बना सकेंगे. भारत में भी जल्द तैयार हो सकती है गेहूं-धान की ‘सेल्फ-फर्टिलाइजिंग’ किस्में.
ज्यादा नमी और गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर बोनस देने की चर्चा, मध्य प्रदेश के गेहूं किसानों को प्रभावित कर रही है. इसकी वजह से मध्य प्रदेश में बुआई पैटर्न कोपर असर पड़ते की संभावना है. 'मौजूदा कीमतें किसानों को चना बोने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रही हैं. एक और चिंता यह है कि हमें ऑस्ट्रेलिया से जो खेप आ रही वह भी एमएसपी से करीब 10 प्रतिशत कम हैं.
गुना जिले के बागेरी खाद केंद्र पर दो दिन से लाइन में लगी आदिवासी महिला भूरियाबाई की ठंड और तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची तो किसान निजी वाहन से अस्पताल ले गए. घटना पर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रशासन को निर्देश दिए, जबकि कलेक्टर ने मौत का कारण शुगर लेवल बढ़ना बताया.
पोल्ट्री फार्म से निकले कचरे और खाद का सही तरह से निपटान न करने का असर कर्मचारियों और पक्षियों की सेहत पर पड़ता है. वहीं प्रोडक्ट की क्वालिटी भी खराब हो जाती है. अंडे-चिकन के दाम भी अच्छे नहीं मिलते हैं. और इस सब के चलते होता ये है कि पोल्ट्री फार्म की लागत बढ़ जाती है.
Poultry India Expo पोल्ट्री फार्मर की इनकम बढ़ाने और अंडों का अच्छा दाम मिले इसके लिए एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. बीते कुछ वक्त से केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की सचिव अलका उपाध्याय के नेतृत्व में देश में पोल्ट्री डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. जिससे अंडों का एक्सपोर्ट बढ़ाया जा सके.
Poultry India Expo पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक अंडे-चिकन के कारोबार से जुड़ा पोल्ट्री सेक्टर हर साल तेजी से बढ़ रहा है. स्लाटरिंग और बिक्री के कानूनों में भी संशोधन की तैयारी चल रही है. लोग अब अपने सामने मुर्गा कटवा कर फ्रेश खरीदने के बजाए फ्रोजन की तरफ जा रहे हैं. अंडों की डिमांड भी आनलाइन बढ़ गई है.
मुर्गी और टर्की पालन तो आपने खूब सुना और देखा होगा, लेकिन पोल्ट्री में इसके साथ ही गिनी फाउल का पालन करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. बहुत सारे लोग गिनी फाउल का ब्रीडिंग सेंटर चलाकर चूजे बेच रहे हैं. गिनी फाउल पालन करने वालों की संख्या बढ़ रही है तो उन्हें चूजों की जरूरत होती है.
मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों पर मौसम और बाजार की दोहरी मार पड़ी है. बारिश की कमी, पीला मोजैक और इल्लियों के प्रकोप से उपज 3–5 क्विंटल/हेक्टेयर तक गिर गई है. ऊपर से बाजार भाव बेहद कम मिले. किसान भावांतर योजना से भी असंतुष्ट हैं क्योंकि एफएक्यू शर्तों के चलते छोटे किसानों को लाभ नहीं मिल रहा, जबकि व्यापारी फायदा उठा रहे हैं.
Montra Electric E-27 भारत का पहला ARAI सर्टिफाइड इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर है, जो 70% तक खर्च घटाता है और 5 साल में ₹10 लाख तक की बचत देता है. जानें फीचर्स, कीमत और किसानों के लिए फायदे. Montra Electric E-27 ट्रैक्टर किसानों के लिए किफायती, शक्तिशाली और पर्यावरण-friendly विकल्प है.
पंजाब के किसान मंजीत सिंह ने खेती का एक ऐसा 'स्मार्ट मॉडल' तैयार किया है जो पारंपरिक खेती से कहीं ज्यादा फायदेमंद है. इस तकनीक में नवंबर महीने में 'लो टनल' विधि का इस्तेमाल कर एक ही खेत में एक साथ कई फसलों बुवाई की जाती है. इससे आमदनी का ऐसा चक्र चलता है कि जनवरी से जून तक बंपर पैदावार मिलती है और लगातार कमाई होती रहती है.
देशभर में रबी फसलों की देखभाल का समय चल रहा है. विशेषज्ञों ने गेहूं में नियंत्रित सिंचाई और खरपतवार प्रबंधन, और सरसों में कीट नियंत्रण और जलजमाव से बचाव जैसे अहम उपाय सुझाए हैं. इन सुझावों का पालन करके किसान अपनी फसल की क्वालिटी और कुल उत्पादन को काफी बढ़ा सकते हैं.
गोदरेज जर्सी ने ‘गोदरेज जर्सी इंडिया लैक्टोग्राफ फाइंडिंग्स FY25-26’ का लॉन्च किया है. इस स्टडी में भारत में दूध उपभोग के पैटर्न से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण इनसाइट्स साझा किए गए हैं. रिसर्च पार्टनर YouGov ने यह स्टडी भारत के आठ शहरों में की. स्टडी के अनुसार, पारंपरिक दूध का गिलास अब कोल्ड ब्रू, स्मूदी, बादाम दूध, सीरियल बाउल और प्रोटीन शेक्स के रूप में बदल गया है.
उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ ही मौसम पूरी तरह से बदल चुका है और बदल चुका है किसानों के लिए बुआई का सीजन. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में शीतलहर के साथ ही किसान भी रबी की फसलों की बुआई में जुट गए हैं. मौसम विभाग (IMD) ने इस बार कड़ाके की ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है और किसानों को तैयार रहने की सलाह दी है. वहीं दूसरी ओर कर्नाटक और तमिलनाडु समेत दक्षिणी राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है. देश में रबी का सीजन की फसलों की बुआई जोर-शोर से जारी है तो खरीफ फसलों की खरीद का काम भी एक तरफ चल रहा है. आपको खाद-बीज से लेकर, खेती और गार्डनिंग के टिप्स और किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारियां और देशभर में हो रहे बड़े घटनाक्रमों की हर अपडेट भी इस लाइव और लगातार अपडेट के साथ मिलती रहेगी.
Ditwah Cyclone Update: साइक्लोन सेन्यार के कमजोर पड़ते ही बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम दितवाह तेज हो गया है. 27–30 नवंबर के बीच तमिलनाडु, पुदुचेरी, आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट है.
कावेरी वामन वह किस्म है जो आकार में छोटी है और यह तटीय क्षेत्रों में चलने वाली तेज हवाओं को सहने में सक्षम है. ट्रॉम्बे बनाना म्यूटेंट-9 (TBM-9) को हाल ही में भारत सरकार द्वारा ‘कावेरी वामन’ के तौर पर जारी करने का नोटिफिकेशन जारी किया है. कावेरी वामन का एक मुख्य फायदा इसका छोटा कद है, जिससे ये पौधे झुकने (यानी तने का झुकना या टूटना) के लिए बहुत ज्यादा प्रतिरोधी होते हैं.
Punajb MgNarega Probe: पंजाब में मनरेगा गड़बड़ियों की जांच के लिए केंद्र दल भेजेगा. जालंधर में समीक्षा के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि योजना गरीबों से जुड़ी है, हेराफेरी बर्दाश्त नहीं होगी. वहीं, बाढ़ प्रभावितों को राहत देते हुए मनरेगा में रोजगार 100 से बढ़ाकर 150 दिन किया गया है.
Subsidy on Solar Pumps: उप्र कृषि विभाग के निदेशक डॉ पंकज कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, किसानों द्वारा बैंक से ऋण लेकर किसान अंश जमा करने पर कृषि अवस्थापना निधि (एआईएफ) के अंतर्गत केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा तीन-तीन फीसदी (कुल छह फीसदी) की छूट ब्याज में प्रदान किए जाने का प्रावधान है.
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि खुद को पत्रकार बताने वाले एक युवक को गौशाला की कवरेज के दौरान, महिलाओं और अन्य कर्मी दौड़ाकर पीटे रहे हैं. इस वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर विपक्षी पार्टियों भी प्रदेश सरकार पर गौशालाओं की अव्यवस्थाओं को लेकर आरोप लगा रहे हैं. लेकिन सच्चाई कुछ और ही सामने आई.
कर्नाटक सरकार ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को अतिरिक्त 1,033 करोड़ रुपये जारी किए. CM सिद्धारमैया ने बताया कि 14.58 लाख हेक्टेयर फसल और 14.24 लाख किसान प्रभावित हुए.
श्मीर वैली फ्रूट ग्रोअर्स और डीलर्स यूनियन के चेयरमैन बशीर अहमद बशीर ने डार की बातों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बताए गए आंकड़े बागवानी और कृषि, दोनों क्षेत्रों को हुए नुकसान का कम करके दिखाते हैं. उनका कहना था कि ये तब है जब ये दोनों ही सेक्टर जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार हैं.
छत्रपति संभाजीनगर की CA प्रिया अग्रवाल ने तापमान नियंत्रित कमरे और वर्टिकल फार्मिंग तकनीक की मदद से गर्म इलाके में भी सफलतापूर्वक केसर उगाकर नया मॉडल पेश किया है. करीब 7–8 लाख की लागत से तैयार इस आर्टिफिशियल सेटअप ने साबित किया है कि सही तकनीक से कश्मीर जैसी फसलें भी शुष्क मराठवाड़ा में उगाई जा सकती हैं.
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