खाद स्प्रेडेयर एक ऐसी कृषि मशीन है, जिसकी मदद से खेतों में यूरिया, डीएपी, पोटाश, कंपोस्ट या जैविक खाद को समान मात्रा में फैलाया जा सकता है. यह मशीन हाथ से चलने वाली, बैटरी चालित, ट्रैक्टर से जुड़ने वाली या पावर टिलर आधारित हो सकती है. मशीन खाद को नियंत्रित गति और मात्रा में खेत में फैलाती है, जिससे फसल को संतुलित पोषण मिलता है.
भारत–बांग्लादेश संबंधों में तल्खी के बीच भी द्विपक्षीय व्यापार मजबूत बना हुआ है. प्याज की बढ़ती कीमतों और महंगे विकल्पों के कारण बांग्लादेश को फिर भारत से प्याज और चावल आयात करना पड़ा, जिससे भारत पर उसकी निर्भरता उजागर हुई है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा खेती को जानबूझकर मुश्किल बना रही है, ताकि किसान खेती छोड़ दें. उन्होंने आलू खरीद के वादों पर सरकार को घेरा और कहा कि किसानों के शोषण के लिए भाजपा जिम्मेदार है.
रबी सीजन के लिए प्रति एकड़ 6,000 रुपये की आर्थिक मदद की राशि जनवरी में, संक्रांति त्योहार के समय, सरकार द्वारा सैटेलाइट-आधारित खेती का डेटा मिलने और उसका विश्लेषण करने के बाद बांटी जाएगी. कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सैटेलाइट मैपिंग प्रक्रिया में तेजी लाने और जनवरी के पहले हफ्ते तक खेती वाली जमीनों पर एक पूरी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.
Green Fodder रामचन्द्र चौधरी, अध्यक्ष, अजमेर डेयरी संघ का आरोप है कि देश के ज्यादातर राज्यों को रिजका बीज की सप्लाई गुजरात करता है. नॉर्थ इंडिया के ज्यादातर पशुपालक बुवाई के दौरान रिजका बीज के लिए भटकते रहे, लेकिन रिजका बीज नहीं मिला. बाजार में जो बीज मिल भी रहा है तो वो ब्लैक में बिक रहा था.
बिहार सरकार ने रबी 2025-26 में खाद की कमी के आरोपों को खारिज किया है. कृषि विभाग के अनुसार राज्य में यूरिया, डीएपी समेत सभी उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. कालाबाजारी और तस्करी पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत 86 प्रतिष्ठानों पर FIR दर्ज की गई है, जबकि खाद को लेकर सियासत तेज हो गई है.
मध्य प्रदेश में किसान कर्ज माफी को लेकर सियासत फिर गरमा गई है. मोहन सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कमलनाथ सरकार पर फर्जी किसानों का कर्ज माफ करने का आरोप लगाया. इस पर पूर्व CM कमलनाथ ने आंकड़ों के साथ पलटवार करते हुए माफी की मांग की है.
FSSAI के नए स्पष्टीकरण के अनुसार सिर्फ कैमेलिया साइनेंसिस से बने पेय ही कहलाएंगे चाय, अन्य इन्फ्यूजन (मिश्रण) को ‘चाय’ कहना होगा मिसब्रांडिंग.
ओडिशा के कालाहांडी और नबरंगपुर के किसानों ने दुबई को 1000 किलो ताजा सब्जी और फल भेजकर इतिहास रचा. पहली बार राज्य से लहसुन और फ्रेंच बीन्स का निर्यात हुआ. भुवनेश्वर एयरपोर्ट से दुबई पहुंची ताजा उपज की खेप ने ओडिशा के किसानों के लिए नए अवसर खोले हैं.
राजस्थान के प्रगतिशील किसान रावल चंद जी ने यह साबित कर दिया है कि असली शोध लैब में नहीं, बल्कि सीधे खेत की मिट्टी में होता है. उन्होंने अपने अनुभव से शकरकंद की तीन खास किस्में विकसित की हैं जो मिठास और सेहत से भरपूर हैं. वहीं कम शुगर के कारण शुगर मरीजों के लिए वरदान हैं. ये किस्में न केवल कम पानी में उगती हैं, बल्कि इनमें बीमारियां भी कम लगती हैं.
Animal Disease इंटरनेशनल लेवल पर मिलने वाली इस कामयाबी से भारत को पशुपालन और एनिमल डेयरी प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट में मदद मिलेगी. ICAR -राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD), भोपाल को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा कैटेगिरी A रिंडरपेस्ट होल्डिंग सुविधा (आरएचएफ) के रूप में मान्यता दी गई.
ईरान, इराक और चीन को बढ़े शिपमेंट से चाय निर्यात में 150–200 लाख किलोग्राम की बढ़त संभव, 2025 में उत्पादन 3% तक बढ़ने का अनुमान.
जो किस्में जारी की गई हैं उनमें छह मक्का की, दो अंबरी सेब के चयन, चार दालों की किस्मों के अलावा चावल, गेहूं, जई और तिलहन की एक-एक किस्म शामिल है. मुख्य किस्मों में से एक है शालीमार राइस-10, जो पारंपरिक मुश्कबुदजी चावल का जल्दी पकने वाला और ब्लास्ट प्रतिरोधी संस्करण है. पिछले कुछ सालों से घाटी के किसान मौसम में उतार-चढ़ाव से काफी परेशान हैं. लेकिन अब उम्मीद है कि उन्हें कुछ राहत मिल सकेगी.
गेहूं की खेती में अधिक पैदावार के लिए सिंचाई का सही समय और तरीका बेहद जरूरी है. जानिए गेहूं की क्रांतिक अवस्थाएं, 6 सिंचाइयों का सही चक्र, आधुनिक सिंचाई विधियां और पानी की क्वालिटी का फसल पर प्रभाव.
Food Sector अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि 2030 तक देश के अंदर डेयरी, पोल्ट्री, पशुपालन और फिशरीज में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. नौकरी और रोजागार की भरमार होगी. जिस ग्रामीण क्षेत्र को नौकरी के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता है वहां सबसे ज्यादा नौकरी और रोजगार के मौके युवाओं को मिलेंगे.
UP News: शाही ने बताया कि इसी लापरवाही और प्रशासनिक विफलता को देखते हुए यह दंडात्मक कार्यवाही की गई है. उन्होंने आगे कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों को सचेत किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उर्वरकों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करें और अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं.
नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और दूसरी कई तरह की प्रॉपर्टी होती हैं. इसके बावजूद नीम के पेड़ कीड़ों और बीमारियों से बच नहीं पाते हैं. साल 2022 में भी इस बीमारी को देखा गया था. डेक्कन क्रोनिकल की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ सालों में हजारों नीम के पेड़ सूख चुके हैं. इन पेड़ों को तेलंगाना में स्वास्थ्य और विरासत के प्रतीक माना जाता है.
उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ मौसम पूरी तरह बदल चुका है और किसानों के लिए बुआई का व्यस्त सीजन शुरू हो गया है. पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बढ़ती शीतलहर के बीच रबी फसलों की बुवाई तेजी पकड़ रही है. वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश का दौर जारी है. इस लाइव और लगातार अपडेट होते सेक्शन में आपको खाद-बीज, खेती और गार्डनिंग के उपयोगी टिप्स, किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारी और कृषि जगत से जुड़े बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रम एक ही जगह मिलते रहेंगे.
Jhansi FPO Story: झांसी के ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक प्रखर कुमार ने बताया कि एगमार्क से उत्पाद की गुणवत्ता प्रमाणित होती है. इस एगमार्क के उपयोग की निर्धारित प्रक्रिया होती है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है. मकसद है कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो और किसानों की आमदनी में इजाफा हो.
उत्तर भारत और पूर्वी भारत में घना कोहरा और शीतलहर का कहर जारी है. बिहार, यूपी, पंजाब और हरियाणा में रेड-ऑरेंज अलर्ट है. कई इलाकों में विज़िबिलिटी 50 मीटर से भी कम रह सकती है, जिससे ठंड और यातायात दोनों प्रभावित होंगे.
हरी मटर के लिए भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी जरूरी होती है. इसके लिए 50 प्रतिशत सामान्य बगीचे की मिट्टी, 30 प्रतिशत अच्छी सड़ी गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट, 20 प्रतिशत बालू या कोकोपीट ले लें. इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर गमले में भरें. इससे मिट्टी में हवा का संचार अच्छा रहेगा और जड़ें मजबूत होंगी. बीज बोने से पहले मटर के बीजों को 8 से 10 घंटे पानी में भिगो देना चाहिए.
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