अप्रैल महीने में तापमान बढ़ने की वजह से आम के उत्पादन पर असर दिख रहा है. वहीं गर्मी को देखते हुए किसान आम और लीची के बाग में नमी बनाए रखें. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 48 घंटों के दौरान दो से चार डिग्री तक तापमान बढ़ने की उम्मीद है.
देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25-30 प्रतिशत है. साथ ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है. हालांकि ऐसी आशंकाएं थीं कि न्यूनतम मूल्य लागू करने से बाजार पाकिस्तान में उत्पादित बासमती की ओर स्थानांतरित हो सकता है.
किसान विक्रम सिंह ने कहा कि मैंने जोखिम उठाया और आलू की खेती की, जिससे आसपास के कई किसान प्रेरित हुए. संभव है कि अब इस क्षेत्र में आलू भी बंपर पैदा होगा. उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां किसानों को बीज उपलब्ध कराती हैं और खेती में पूरी सहायता करती हैं.
सीएम योगी ने पूछा कि वो अपने घोषणापत्र में लिख रहे हैं अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद के खान-पान का अधिकारी दिया जाएगा. आखिर अल्पसंख्यकों का ऐसा कौन सा खान-पान है जो शेष समुदाय से अलग है.
गोबर के उपले से खाद बनाने के लिए आपको गोबर के उपले, पानी, दही, गुड़, हरी और सूखी पौधे कि पत्तियां, घास, और छोटी टहनियों की आवश्यकता होती है. ये सारी सामग्री आपकी खाद को अधिक पोषक और प्रभावी बनाने में मदद करती हैं.
इस महीने की शुरुआत में, खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि उसका इरादा सार्वजनिक रूप से रखे गए स्टॉक के लिए 30-32 मिलियन टन खरीदने का है. एक अधिकारी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों और सभी कल्याण कार्यक्रमों के लिए कुल आवश्यकता लगभग 23 मिलियन टन है.
इलायची उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश होने और अधिकतम तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से इसकी फसल पर बुरा असर पड़ा है. अधिक गर्मी की वजह से इलायची के पौधों की टिलर और बालियां सूखने लगी हैं.
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी से पश्चिमी सतही हवाओं के बढ़ने के कारण अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान मौजूदा स्तर से दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना है.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मोटे अनाजों का सेवन करने के प्रति बढ़ी जागरूकता की वजह से भी बड़े शहरों में मक्के की मांग बढ़ी है और इसकी वजह से दाम बढ़ रहा है. मक्का का एमएसपी इस समय 2090 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि 26 अप्रैल को मुंबई की मंडी में इसका न्यूनतम दाम 2600, अधिकतम दाम 4000 और औसत दाम 3500 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
फलों में ज्यादातर आम, केला, सेब, पपीता, अमरूद और संतरा आदि सहित कई फलों की मार्केट में हमेशा डिमांड रहती है. वहीं भारत में सबसे अधिक फलों का उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है. यहां के किसान हर साल बंपर फलों का उत्पादन करते हैं.
दोनों ही राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीदारी 2400 रुपये प्रति क्विंटल हो रही है. असल में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने दोनाें ही राज्यों से 2700 रुपये क्विंटल पर गेहूं की खरीदारी करने का वादा किया था. इसी क्रम में सरकार बनने बाद दोनों ही राज्यों की सरकार ने गेहूं की MSP 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस देने की घोषणा की है.
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि ब्रोकली में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता प्रदान करते हैं. इसमें उपस्थित विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमाता को बढ़ाता है. पोषण के साथ-साथ यह किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने में सक्षम है, क्योंकि इसका रेट बाजार में बहुत अच्छा मिलता है.
महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है लेकिन आरोप है कि यहां के किसानों को सरकार की वजह से सही दाम नहीं मिल रहा है. इसलिए किसानों का कहना है कि जब उन्हें प्याज उगाकर कोई फायदा ही नहीं मिलने वाला तो इसकी खेती क्यों करेंगे. इसकी खेती वो बंद कर देंगे. फिर क्या होगा?
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, खरीफ और रबी सीजन के दौरान भारत का चावल उत्पादन 2022-23 में 125.51 मिलियन टन की तुलना में 123.83 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है.
गुलाब के पौधों में लाल मकड़ी का घुन शुरू में पत्तियों के निचले हिस्से पर दिखाई देता है लेकिन बाद में पूरे पौधे में फैल जाता है. लाल मकड़ी पत्तियों से रस भी चूसती है जिससे प्रभावित पौधों की पत्तियां हरी से सफेद होने लगती हैं. गर्मी के मौसम में वातावरण में उच्च तापमान और कम आर्द्रता के कारण गुलाब पर लाल मकड़ी का आक्रमण होता है.
क्रॉपलाइफ इंडिया के महासचिव दुर्गेश चंद्र ने मंत्रालय के नए कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कृषि रसायन बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी. खास कर विशेष रूप से ड्रोन दीदी योजना को बढ़ावा मिलेगा.
खीरे की बुआई मैदानी क्षेत्रों में दो बार की जाती है. गर्मी के मौसम में इसकी बुआई अप्रैल से मई तक की जाती है. वहीं, बरसात के लिए किसान इसकी खेती जून-जुलाई में भी कर सकते हैं. वहीं खीरे की खेती के लिए 32 से 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त माना जाता है.
कई बार मक्के की फसल पर कुछ ऐसे रोग लग जाते हैं जिसे किसानों का बड़ा नुकसान हो जाता है. इसलिए इनको रोगों से बचाना बहुत जरूरी है. फ्यूजेरियम तना गलन रोग को मक्का का सबसे सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. इससे उपज में 10 से 42 प्रतिशत तक का नुकसान होने की संभावना रहती है
कम से कम एक लाख की भैंस, 40 हजार की गाय और लाखों रुपये की कीमत वाले मुर्गे-मुर्गियों और मछलियों को खतरनाक बीमारियों से बचाने और अच्छे रेट के लिए उन्हें हेल्दी बनाए रखना जरूरी हो हो गया है. वर्ना एक छोटी से छोटी बीमारी भी पूरा पोल्ट्री फार्म साफ कर जाती है. खुरपका-मुंहपका बीमारी से भैंस की मौत तक हो जाती है.
सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और किसानों की सहकारी संस्था नेफेड को किसानों से बफर के लिए बाजार मूल्य पर 0.5 मिलियन टन (एमटी) प्याज की खरीद शुरू करने का निर्देश दिया था, क्योंकि रबी की फसल बाजार में आनी शुरू हो गई है.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन धान की उन्नत किस्म पूसा बासमती 1692 और पूसा बासमती 1509 बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today