Onion Price: महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज किसानों को राहत मिली है क्योंकि न्यूनतम और मॉडल भाव में सुधार देखा गया है. अहमदनगर, अमरावती और चंद्रपुर जैसी मंडियों में रेट बढ़ने से उम्मीदें जगी हैं. वहीं मध्य प्रदेश में हालात खराब हैं और भोपाल व इंदौर की मंडियों में प्याज के दाम बेहद गिर चुके हैं.
Rabies Infection कुत्ते इंसान ही नहीं दूसरे पशुओं पर भी हमला करते हैं. गाय-भैंस को भी काटते हैं. ऐसे में कई बार गाय-भैंस पालने वाले को ये पता ही नहीं चलता है. और वो पशुपालन उस गाय-भैंस का दूध बेचता रहता है. लेकिन जब लक्षण सामने आते हैं तो तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि 2027 तक किसानों को दिन में बिजली दी जाएगी. पाला को राज्य सरकार ने आपदा में शामिल कर नुकसान की भरपाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी स्तरों पर अधिकारी लगे हैं और वोट चोरी के आरोपों को जनता ने नकार दिया है.
Fruit Crop Insurance: महाराष्ट्र सरकार ने मौसम आधारित फल फसल बीमा योजना की पंजीकरण तिथि 15 दिसंबर तक बढ़ा दी है. विस्तारित अवधि में भी केंद्र की प्रीमियम हिस्सेदारी लागू रहेगी और सभी किसानों को इसमें शामिल होने का मौका मिलेगा. जानिए किन फसलों पर बीमा का लाभ मिलेगा...
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के चंदेरी गांव के किसानों ने प्याज का उचित दाम न मिलने पर अनोखे तरीके से विरोध जताया. दरअसल नाराज किसानों ने ग्राम चंदेरी–बिलकिसगंज रोड हाईवे पर राहगीरों को मुफ्त में किलो प्याज की कट्टियां बांटी...सुनिए इसको लेकर किसान ने और क्या कुछ बताया...
अरंडी के पत्ते बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने में बहुत असरदार माने जाते हैं. ये पत्ते मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्व बढ़ाकर पौधों की तेज़ी से ग्रोथ में मदद करते हैं. इनका इस्तेमाल नेचुरल पेस्टिसाइड, मल्चिंग और कम्पोस्टिंग के तौर पर भी किया जाता है. जानें कि अरंडी के पत्ते मिट्टी की सेहत को बेहतर बनाकर किसानों के लिए इनकम के नए मौके कैसे बनाते हैं.
भारत में धान के बाद गेहूं सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है, जिसका वार्षिक उत्पादन लगभग 1150 लाख टन और रकबा करीब 328 लाख हेक्टेयर है. लेकिन इस भारी-भरकम उत्पादन को सबसे बड़ी चुनौती दे रही है—गेहूं की रस्ट बीमारियां, जो न केवल भारत बल्कि दुनिया के अधिकतर गेहूं उगाने वाले देशों में खतरा पैदा करती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, स्टेम रस्ट और स्ट्राइप रस्ट जैसे रोग खेतों में 100% तक फसल का नुकसान कर सकते हैं, जबकि पत्ती का रस्ट अनुकूल मौसम में 45–50% तक नुकसान पहुंचा सकता है.
मुजफ्फरपुर के मुसहरी प्रखंड का छपरा मेघ गांव अपने पवित्र शिवगंगा तालाब और दूधिया पोखर की मान्यता के लिए प्रसिद्ध है. ग्रामीण मछलियों को दैवीय स्वरूप मानते हैं और उनका शिकार वर्जित है. सदियों पुरानी आस्था के कारण लोग मछलियों को दाना खिलाकर मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं.
यह उत्तर प्रदेश सरकार और IIT रुड़की की मिली-जुली पहल है, जिसके तहत किसान अब अपनी मिट्टी में जमा हो रहे कार्बन को कार्बन क्रेडिट में बदलकर सीधे इनकम कमा सकेंगे. इन साइंटिफिक तरीके से मापे गए क्रेडिट की बिक्री से होने वाली कमाई सीधे किसानों के अकाउंट में जाएगी. यह मॉडल किसानों की इनकम बढ़ाने, मिट्टी की सेहत सुधारने और भारत के नेट-ज़ीरो 2070 लक्ष्य को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
Animal Farming for Product किसी भी दूसरे पशु और पक्षिायों के मुकाबले बकरी पालन करना आसान है. ये ऐसे युवाओं की मदद करता है जिनके पास कम पैसे और जगह है. नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (एनएलएम) योजना के आंकड़े बताते हैं कि पशुपालन लोन के लिए आने वाले आवेदन में भी 80 फीसद बकरी पालन के लिए होते हैं. सरकारी बकरी पालन ट्रेनिंग सेंटर में भी 8वीं पास से लेकर पीएचडी रिसर्च स्कॉलर तक आ रहे हैं.
रबी फसलों के लिए बीमा आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है. गेहूं और सरसों पर किसानों को केवल 1.5% प्रीमियम देना होगा, जबकि शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार वहन करेंगी. प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर 72 घंटे के भीतर सूचना देना जरूरी है.
पंजाब के जालंधर में आने वाले चरके गांव के किसान 54 साल के अमरजीत सिंह भंगू ने अपने पूरे खेत में ऑर्गेनिक खेती शुरू कर दी है. उन्होंने एक ऐसा कस्टमर बेस बनाया है जो अब पूरे पंजाब में फैला हुआ है. यह कस्टमर बेस इतना मजबूत है कि उनके प्रोडक्ट्स, खासकर गुड़, शक्कर (गुड़ का पाउडर) और हल्दी, मार्च 2027 तक बुक हो चुके हैं. स्थिति ऐसी है कि वह बढ़ती डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
Green Fodder and Animals पशुओं को रोजाना बैलेंस्ड डाइट की जरूरत होती है. ऐसी डाइट मिलने के बाद ही पशु दूध-मीट का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करता है. क्योंकि पशुओं को एक ही तरह का हरा चारा देना फायदेमंद नहीं होता है. पशुओं को दिनभर दी जाने वाली खुराक में कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स शामिल होना भी जरूरी होता है.
शिवराज सिंह ने लोकसभा में कहा कि दुनिया भर में नारियल उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है और कोयंबटूर का पोलाची एक प्रमुख उत्पादक है, जहां 1.2 लाख हेक्टेयर में नारियल के बागान फैले हुए हैं. कृषि मंत्री के शब्दों में, 'हमने पोलाची में एक नारियल क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है इस पर काम चल रहा है.'
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि महाराष्ट्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे का आकलन करते हुए NICRA परियोजना जिला स्तर पर लागू की गई है. छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जल-संरक्षण तकनीकें, माइक्रो-इरिगेशन और फसल सुरक्षा उपायों से किसानों को तैयार किया जा रहा है.
ठंड की लहर में रबी मक्का पर कम तापमान का असर बढ़ रहा है, जिससे पौधे पीले या बैंगनी पड़ रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सिंचाई, स्प्रे, मल्चिंग और धुआं तकनीक जैसे उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि उपज पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े.
मुर्गियों का अपने ही अंडे खा लेना पशुपालकों में आम बात है, लेकिन कुछ आसान तरीकों से इसे रोका जा सकता है. स्ट्रेस कम करने से लेकर सही कैल्शियम फ़ीड, साफ़ घोंसले के बक्से, बार-बार अंडे इकट्ठा करने और नकली अंडों के इस्तेमाल तक- इस फ़ोटो गैलरी में मुर्गियों को अंडे खाने से रोकने के आसान और असरदार तरीकों के बारे में जानें.
रबी सीजन में अनुकूल मौसम, कम रोग-कीट प्रकोप और उन्नत बीजों के उपयोग से बिहार की मक्का पैदावार राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है, लेकिन किसानों को वास्तविक लाभ उचित बाजार मूल्य और खरीद व्यवस्था मिलने पर ही मिलेगा.
टारगेटेड फर्टिलाइजर के प्रयोग को दिया गया है. ये फसलों को सिर्फ वही पोषक तत्व देते हैं जिनकी उन्हें जरूरत होती है. साथ ही बीज टेक्नोलॉजी, खेती की जमीन की क्वालिटी और मशीनीकरण में हुई तरक्की को भी क्रेडिट दिया जाता है. चीन को बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा स्मार्ट और टिकाऊ तरीके चीन में रिकॉर्ड तोड़ पैदावार दे रहे हैं.
इस साल बंपर फसल होने के बावजूद, झारखंड के रामगढ़ जिले के किसानों को सरकार के समय पर धान खरीद केंद्र न खोलने की वजह से बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मजबूरन उन्हें अपना धान बिचौलियों को 14-16 रुपये प्रति किलो के हिसाब से औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है, जिससे वे अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
बिहार सरकार ने बंद चीनी मिलों को चालू करने और गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए हाई-लेवल रिव्यू शुरू किया है, वहीं किसानों ने गन्ने का दाम 600 रुपये प्रति क्विंटल करने, समय पर भुगतान और बेहतर सप्लाई-चेन व्यवस्थाओं की मांगें सरकार के सामने रखी हैं.
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