HADP की बहु-स्तरीय परियोजनाओं से जम्मू-कश्मीर में खेती-किसानी को बड़ा सहारा मिला है. कई जिलों में विशेष फसलों, डेयरी और मत्स्य विकास की रफ्तार बढ़ी है. डिजिटल प्लेटफॉर्म और फील्ड ट्रैकिंग से योजनाओं का असर जमीन पर ज्यादा स्पष्ट दिख रहा है.
वियाटिना-19 जैसी रिकॉर्ड तोड़ने वाली गायों से लेकर होल्स्टीन, नेलोर, बेल्जियन ब्लू, वाग्यू, गिर और साहीवाल जैसी मशहूर नस्लों तक, उनकी कीमतों, खासियतों और दूध उत्पादन की क्षमता के बारे में पूरी जानकारी मौजूद है. यह जानकारी किसानों और आम लोगों दोनों के लिए काम की है.
मंगलवार को बिहार के दो मंत्रियों ने संभाला अपने विभाग का कार्यभार. रामकृपाल यादव ने कृषि मंत्री तो सहकारिता विभाग सह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रमोद कुमार ने मंत्री पद का कार्यभार संभाला. दोनों मंत्रियों ने कहा विभागीय योजनाओं को पूरा करना पहली प्राथमिकता है.
राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा में डूंगरी बांध परियोजना के विरोध में हजारों किसानों ने महापंचायत की. राकेश टिकैत ने आंदोलन को गैर-राजनीतिक रखने की अपील की और चेतावनी दी कि बांध निर्माण सामग्री आई तो वापस नहीं जाएगी. किसानों ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित परियोजना से 88 गांव और 87,000 बीघा जमीन डूब क्षेत्र में आएगी. समिति ने कहा—1 दिसंबर तक सरकार से वार्ता सफल न होने पर 10 दिसंबर से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.
Horticulture Crops Promotion: आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने रायलसीमा और प्रकाशम में 18 उच्च मांग वाली हॉर्टिकल्चर फसलों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजना तैयार करने की बात कही है. इसके के तहत 18 फसलों की खेती करने वाले किसानों की मदद कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा.
सोरघम बूंदी लड्डू एक स्वादिष्ट और सेहतमंद मिठाई है, जिसे ज्वार के आटे और बेसन से तैयार किया जाता है. सुनहरी बूंदी, शक्कर की चाशनी, घी और सूखे मेवों का शानदार स्वाद इसे खास बनाता है. यह रेसिपी आसानी से घर पर बनाई जा सकती है और त्योहारों या खास मौकों के लिए बिल्कुल परफेक्ट है.
इस साल देश में बागवानी फसलों के एरिया और प्रोडक्शन में काफी बढ़ोतरी हुई है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024-25 में फलों, सब्जियों, मसालों और औषधीय पौधों का प्रोडक्शन तेजी से बढ़ा है. यह बढ़ोतरी किसानों की कड़ी मेहनत और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों का नतीजा है.
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर में 20 दिनों के दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह ने किया. देश के अलग अलग राज्यों के छात्र छात्राओं ने पूसा कृषि विश्वविद्यालय में नामांकन लिया है जिनका सत्र शुरू करने से पहले दीक्षारंभ किया जाना है. जिसमे कई विधाओं में छात्रों को टिप्स दिए जाएंगे.
रामकृपाल यादव ने बिहार सरकार में कृषि मंत्री के रूप में पद संभाला है. उनके नेतृत्व में राज्य में कृषि सुधार, किसानों की समस्याओं का समाधान और उत्पादन बढ़ाने की दिशा में नई पहलें देखने को मिल सकती हैं. मंत्री बनने के बाद उनकी जिम्मेवारी और नीतिगत फोकस पर सभी नजरें टिक गई हैं.
बिहार में गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. गन्ना मंत्री संजय पासवान ने घोषणा की कि राज्य की बंद चीनी मिलों को दोबारा चालू करने पर विचार किया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर फैसला लिया जाएगा, जिससे किसानों को गन्ना बिक्री और आय में बड़ा लाभ मिल सकेगा.
देश में गेहूं की अगेती बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. अब रबी सीजन की इस सबसे महत्वपूर्ण फसल में सिंचाई और खरपतवार यानी खेत में उगने वाली अनचाही घास पर ध्यान देना जरूरी है. गेहूं के खेतों में आमतौर पर गेहूं का मामा, कृष्णनील, मोथा, बथुआ, चटरी-मटरी, हिरनखुरी, सैंजी, अंकरी-अंकरा, जंगली जई, जंगली पालक और जंगली गाजर जैसे खरपतवार उगते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कुरुक्षेत्र में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, उससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रत्न मान ने करनाल समेत हरियाणा की कुछ मंडियों में हुए धान घोटाले की सीबीआई जांच औऱ धान घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर, कुरुक्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री और कुरुक्षेत्र जिला उपायुक्त को मेल के माध्यम से पत्र लिखा है.
वाईएस शर्मिला ने आंध्र सरकार पर किसानों के साथ पांच बड़े धोखे का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 17 महीनों में खेती को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और किसानों को MSP नहीं मिला, राहत योजनाएं बंद हैं और किसान खाद-बीज की कमी से कर्ज में डूबे हैं.
एग्रीविजय ने किसानों को क्लीन एनर्जी सॉल्यूशन देकर बड़ी सफलता हासिल की है. कंपनी ने 105% सालाना ग्रोथ हासिल की है और दो इन्वेस्टर्स को सफल एग्जिट मिला है, जिससे 400% रिटर्न मिला है. एग्रीविजय ने 18 राज्यों में 10,000 से ज़्यादा ग्रामीण घरों को ग्रीन एनर्जी दी है, जिससे किसानों की लागत कम करने और उनकी इनकम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.
महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में सोयाबीन की सरकारी खरीद भारी मात्रा में चल रही है, लेकिन नमी बढ़ने और दानों का रंग बदलने के कारण हजारों क्विंटल सोयाबीन वेयरहाउस से रिजेक्ट हो रहा है. सरकारी नियमों के चलते 12% से अधिक नमी वाली उपज स्वीकार नहीं की जा रही, जिससे किसानों में नाराजगी और नुकसान बढ़ रहा है. कई प्रमुख खरीद केंद्र अब भी बंद हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है.
हाइब्रिड टमाटर अब 90 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहे हैं. वहीं लोकल वैरायटी हालांकि थोड़ी सस्ती है लेकिन अभी भी 60 से 80 रुपये प्रति किलो पर ही है.जो परिवार रोजाना टमाटर खाते हैं, उनके लिए इसका मतलब है कि या तो मात्रा कम करनी होगी या प्यूरी, पैकेज्ड पल्प, या बिना टमाटर वाली रेसिपी जैसे ऑप्शन अपनाने होंगे.
National Milk Day इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (आईडीएफ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा गाय के दूध का उत्पादन भारत में हो रहा है. गाय के दूध उत्पादन के मामले में भारत ने यूएसए और चीन तक को पीछे छोड़ दिया है.
दूध न सिर्फ पोषण का सबसे भरोसेमंद स्रोत माना जाता है, बल्कि भारतीय परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा भी है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस दूध को हम बचपन से पीते आ रहे हैं, उसका रंग हमेशा सफेद ही क्यों होता है. दरअसल इसके पीछे पूरा एक विज्ञान होता है और इस वजह से कभी दूध क्रीम कलर का तो कभी सफेद नजर आता है.
भारत में पिछले कुछ सालों में मटर की डिमांड काफी बढ़ी है और शहरों, सुपरमार्केट, होटल इंडस्ट्री और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों में इस फसल की बहुत ज्यादा डिमांड है. मटर की खेती करते समय कई अहम बातों का ध्यान रखना पड़ता है. सर्दियों में मटर की खेती की सही प्लानिंग, साइंटिफिक तरीकों और मॉडर्न मार्केट की स्टडी से किसान सिर्फ 90 से 110 दिनों में एक एकड़ से लाखों रुपये कमा सकते हैं.
पोल्ट्री इंडिया हर साल नवंबर में एक्सपो और नॉलेज डे का आयोजन करती है. चार दिन के इस प्रोग्राम का आयोजन हैदराबाद में किया जाता है. जहां दूसरे 25 देशों के अलावा भारत के 1500 से ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं. नॉलेज डे में पूरा दिन पोल्ट्री से जुड़े विषयों पर चर्चा होती है.
Soyabean Mandi Rates: देशभर में कई कठिनाइयां झेलन के बाद सोयाबीन का उत्पादन किया लेकिन, इसके बाद अब मंडियों में कीमतें चुनौती बन गई हैं. महाराष्ट्र में कई जगह कीमतें MSP से 2300 रुपये तक नीचे पहुंच गईं. चंद्रपुर जैसे बाजारों में 1800 रुपये तक भाव गिरने से किसानों में निराशा बढ़ी है. जानिए ताजा भाव...
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