उज्जैन के उटेसरा गांव के किसान हाईवे निर्माण के कारण अपनी जमीन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. हाईवे और खेतों के बीच गहरी खाई और छोटे अंडरपास के कारण ट्रैक्टर या बैलगाड़ी से जाना मुश्किल हो गया है. किसानों की लगातार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई समाधान नहीं दिया, जिससे उनकी खेती ठप हो गई है.
साल 2025 भारतीय इलायची के लिए वापसी का साल बना. बेहतर बारिश, साफ सप्लाई चेन और मजबूत निर्यात मांग से कीमतें पूरे सीजन अच्छी रहीं. किसानों को लंबे समय बाद अच्छा रिटर्न मिला. जानिए अब 2026 में कैसी स्थिति रहने की उम्मीद है...
नीलगिरि में कड़ाके की सर्दी और पाले की वजह से चाय की तुड़ाई प्रभावित हुई है. इसका असर कूनूर चाय नीलामी पर साफ दिखा, जहां चाय की आवक घटी और दामों में गिरावट दर्ज की गई. सर्द मौसम से चाय मजदूरों की आजीविका भी प्रभावित हुई है.
वायनाड के डीप-टेक स्टार्ट-अप न्यूबायोम लैब्स ने कॉफी किसानों के लिए ‘कैनोपी’ प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. यह सैटेलाइट, एआई और स्थानीय मौसम डेटा की मदद से फसल की सेहत, पैदावार और जोखिम की जानकारी देता है. कम लागत में यह तकनीक छोटे किसानों को सुरक्षित, टिकाऊ और लाभकारी कॉफी खेती में मदद करेगी.
रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की फसलों में फुटाव का समय आ गया है. ऐसे में किसानों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि गेहूं में अधिक से अधिक फुटाव के लिए किसान क्या करें और कौन सी दवा डालें?
यूपी सरकार की तरफ से शहरी बागवानी और रूफटॉप गार्डनिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही सीमित स्थान में भी सब्जियों और पौधों की खेती संभव है, इस संदेश को भी बढ़ावा मिल रहा है. गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में शहरी बागवानी के लिए निशुल्क बीज, सीडलिंग और प्लांटिंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.
महाराष्ट्र के अंगूर उगाने वालों के एसोसिएशन के हवाले से अखबार बिजनेसलाइन ने लिखा है कि चीन में किशमिश का सीजन पिछले महीने शुरू हुआ है.इसके बाद चीनी किशमिश दुबई एक्सपोर्ट की जाती है और फिर अफगानिस्तान के रास्ते भारत भेजी जाती है. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि यह नी किशमिश कुछ भारतीय खिलाड़ी अफगान किशमिश के तौर पर इंपोर्ट करके बाजार में बेच रहे हैं.
उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ मौसम पूरी तरह बदल चुका है और ठंड का असर साफ नजर आने लगा है. पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बढ़ती शीतलहर के बीच जनजीवन और खेती-किसानी की गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश का दौर बना हुआ है. इस लाइव और लगातार अपडेट होते सेक्शन में आपको खाद-बीज से जुड़ी जानकारी, खेती और गार्डनिंग के उपयोगी टिप्स, किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाएं और कृषि जगत से जुड़े बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रम एक ही जगह मिलते रहेंगे.
फूलों में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. जब ये फूल सड़ते हैं तो जैविक रूप से टूटकर मिट्टी में मिल जाते हैं और पौधों को जरूरी पोषण देते हैं. यह खाद रासायनिक उर्वरकों के मुकाबले सस्ती, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होती है. फूलों से बनी कंपोस्ट या खाद से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. इसके अलावा केंचुओं और गुड माइक्रो-बैक्टीरिया भी मिट्टी में बढ़ते हैं.
मौसम विभाग ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर तक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी 2026 तक रात/सुबह के घंटों में घना से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, जिसके बाद इसमें कमी आएगी. मौसम विभाग ने लोगों को कोहरे, शीतलहर और ठंड को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है. खासकर सुबह और रात के समय यात्रा करने वालों को अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सद्गुरु और ‘कावेरी कॉलिंग’ अभियान की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह अभियान सफल हो रहा है और भारत सरकार ट्री बेस्ड एग्रीकल्चर पर गंभीरता से विचार करेगी. शिवराज ने बताया कि वे पिछले पांच सालों से रोज एक पेड़ लगा रहे हैं और सद्गुरु का संदेश है कि बेटी-बेटा होने पर पेड़ जरूर लगाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के किसान अमन प्रताप सिंह ने अनोखा ट्री हाउस बनाकर सबका ध्यान खींचा है. मालदीव में ट्री हाउस देखकर उन्हें यह आइडिया आया. गूगल की नौकरी छोड़कर खेती कर रहे अमन ने पापुलर के पेड़ पर लोहे के गाटर से यह ट्री हाउस तैयार किया है, जहां स्वच्छ हवा और प्रकृति से जुड़ाव महसूस होता है.
शिवराज सिंह ने उत्तराखंड के फ्रूट्स में असीम संभावनाएं बताते हुए घोषणा की कि 100 करोड़ रुपये की लागत से ICAR-CITH मुक्तेश्वर में 'क्लीन प्लांट सेंटर' स्थापित होगा. साथ ही उन्होंने बागवानी में उत्तराखंड को देश की राजधानी बनाने की भी बात की.
रायसेन जिले में धान का सही दाम ना मिलने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा, जिसके बाद गुस्साए किसानों ने सागर-भोपाल सड़क मार्ग पर चक्का जाम कर दिया. बता दें कि सागर-भोपाल सड़क मार्ग पर सैकड़ों किसान पहुंचे, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई.
किसान तक के किसान कारवां में किसानों को अपनी बात कहने और अपनी समस्याएं रखने का मौका मिला. यहां किसानों की सराहना भी की गई, जिससे उनका मनोबल बढ़ा. यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार और इंडिया टुडे ग्रुप (किसान तक) की मिलकर की गई पहल है.
मुजफ्फरपुर के कांटी में स्टेट सीड मल्टीप्लीकेशन फार्म की 44 डेसिमल सरकारी खेती की ज़मीन का एक प्राइवेट व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर होने का मामला गंभीर हो गया है. नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में सर्किल ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी जमीन से जुड़ी किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
किसान तक का किसान कारवां आज से शुरू हो चुका है. किसान कारवां पहले दिन अमरोहा के गजरौला के जलालपुर गांव में पहुंचा. किसान कारवां में विशेषज्ञों की भागीदारी भी रही.
किसानों को सस्ती और टिकाऊ सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है. डीजल पंप की बढ़ती लागत और बिजली की अनियमित आपूर्ति के बीच सोलर पंप किसानों के लिए एक स्थायी समाधान बनकर उभरे हैं. सोलर पंप से न सिर्फ सिंचाई की लागत घटती है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता. हरियाणा में सोलर पंप पर कुल लागत की 75 फीसदी सब्सिडी किसानों को मिलती है.
चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि नवंबर 2025 के फैसले की कई बातें गलत समझी जा रही हैं, इसलिए मामले में स्पष्टता जरूरी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा और प्रस्ताव रखा कि एक हाई-पावर्ड एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाए.
जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले में सेरीकल्चर विभाग ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के संपूर्ण विकास (HDB) योजना के तहत एक लाख से ज़्यादा शहतूत के पौधे उखाड़कर किसानों को बांटे हैं. इसका मकसद इस क्षेत्र में रेशम उत्पादन पर आधारित रोजगार को बढ़ावा देना है.
कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री ने सुभाष स्टेडियम में इस किसान मेले का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य किसानों को अलग-अलग सरकारी योजनाओं के बारे में शिक्षित करना है. वहीं, किसान मोहम्मद बशीर ने बताया कि ऐसे मेले लगते रहने चाहिए.
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