Sarson MSP RMS 2026-27: सरसों के MSP को नाकाफी बताते हुए किसान महापंचायत ने बड़ा फैसला लिया है. अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि किसान अब 6200 रुपये प्रति क्विंटल से MSP पर सरसों नहीं बेचेंगे. उनका कहना है कि लागत और बाजार भाव के हिसाब से MSP काफी कम है.
Pyaz Mandi Bhav: महाराष्ट्र के किसान नेता भरत दिघोल ने कहा कि प्याज किसानों के लिए 2025 भारी घाटे का साल रहा. किसान संगठन का आरोप है कि उत्पादन लागत 22-25 रुपये प्रति किलो रही, जबकि बाजार भाव 8-18 रुपये के बीच रहे. अब किसान नेता ने सरकार को 2026 को लेकर पहले ही चेतावनी दी है. जानिए उन्होंने क्या कहा...
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर है. योगी सरकार ने गन्ने का दाम ₹30 प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. अब जल्दी पकने वाले गन्ने का दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य गन्ने का दाम 390 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इससे किसानों की इनकम बढ़ेगी और उनके लिए गन्ने की खेती ज़्यादा फ़ायदेमंद होगी.
Aloo Mandi Bhav: मंडियों में नए आलू की बढ़ती आवक के साथ कीमतों में तेज नरमी देखने को मिल रही है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बीते हफ्तों और महीनों में औसत भाव में बड़ी गिरावट आई है. कई इलाकों में मौजूदा दाम किसानों के लिए चिंता का कारण बनते नजर आ रहे हैं.
चित्तौड़गढ़-भुसावल हाईवे पर सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टर और बैलगाड़ी रोककर चक्काजाम किया. किसानों का गुस्सा कपास खरीदी कम होने पर फूटा. मंडी गेट बंद करने और हाईवे जाम करने के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे. किसान मांग कर रहे हैं कि एक एकड़ में 12 क्विंटल कपास खरीदी जाए.
एलोवेरा की खेती के लिए ज्यादा उपजाऊ जमीन की जरूरत नहीं होती. यह हल्की बलुई या दोमट मिट्टी में अच्छी तरह उगता है. जल निकास की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए क्योंकि पानी भराव से पौधे खराब हो जाते हैं. गर्म और शुष्क जलवायु एलोवेरा के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. कम पानी में भी यह फसल अच्छी पैदावार देती है जिससे सिंचाई का खर्च भी कम रहता है.
बहुत ज्यादा ठंड और लगातार कोहरे कुछ पौधों की बढ़वार रुक जाती है और उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है. खासतौर पर रबी सीजन की कुछ प्रमुख फसलें ठंड के प्रति बेहद संवेदनशील मानी जाती हैं. कुछ फसलें ऐसी होती हैं जिनके लिए बहुत ज्यादा ठंड अच्छी नहीं होती है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत ज्यादा ठंड और पाला फसलों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है.
राजस्थान के शुष्क और कम पानी वाले इलाकों में पश्चिमी राजस्थान के किसान रावल चंद जी ने शकरकंद की तीन उन्नत किस्में विकसित कर खेती की नई मिसाल पेश की है. थार मधु, सफेद शकरकंद और मरु गुलाबी किस्में कम पानी में अधिक पैदावार देती हैं और किसानों की आमदनी बढ़ा रही हैं.
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के जिला अध्यक्ष हनुमंत राजेगोर ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर जल्द ही नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के प्रेसिडेंट से मुलाकात की जाएगी. उनका आरोप है कि महाराष्ट्र में असंगठित हल्दी किसानों और छोटे व्यापारियों को फ्यूचर्स मार्केट के नाम पर लूटा जा रहा है.
बिहार सरकार ने कई सीनियर अधिकारियों के बड़े ट्रांसफर और नई नियुक्तियों का आदेश दिया है. विजयलक्ष्मी, के. सेंथिल कुमार और पंकज कुमार जैसे अधिकारी अब नए विभागों में ज़िम्मेदारी संभालेंगे. उम्मीद है कि इन बदलावों से विभागों का कामकाज सुचारू और तेज़ होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जनता को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ जल्दी और कुशलता से मिले.
साल 2025 में भारतीय कृषि क्षेत्र में खाद्यान्न उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. बेहतर मानसून से खरीफ और रबी फसलों को फायदा मिला. हालांकि किसानों की आय, एमएसपी की मांग और निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ का असर अब भी चिंता का विषय बना हुआ है.
कोल्ड स्टोरेज में अभी भी एक महीने से ज्यादा का स्टॉक है. इसकी वजह से भी आलू के होलसेल दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है. इससे आलू उगाने वालों और व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. किसानों को मजबूरी में आलू बेचना पड़ रहा है. उन्हें करीब 100-200 रुपये प्रति क्विंटल पर आलू बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
मुजफ्फरपुर के 23 वर्षीय आरव ने बैंक की नौकरी छोड़कर बतख पालन से सफलता हासिल की. मात्र 60 हजार रुपये में शुरू किए गए उनके फार्म से रोजाना 1,300 अंडे का उत्पादन होता है. उनकी मेहनत और आधुनिक सोच ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया और यह कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है.
उज्जैन के उटेसरा गांव के किसान हाईवे निर्माण के कारण अपनी जमीन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. हाईवे और खेतों के बीच गहरी खाई और छोटे अंडरपास के कारण ट्रैक्टर या बैलगाड़ी से जाना मुश्किल हो गया है. किसानों की लगातार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई समाधान नहीं दिया, जिससे उनकी खेती ठप हो गई है.
साल 2025 भारतीय इलायची के लिए वापसी का साल बना. बेहतर बारिश, साफ सप्लाई चेन और मजबूत निर्यात मांग से कीमतें पूरे सीजन अच्छी रहीं. किसानों को लंबे समय बाद अच्छा रिटर्न मिला. जानिए अब 2026 में कैसी स्थिति रहने की उम्मीद है...
नीलगिरि में कड़ाके की सर्दी और पाले की वजह से चाय की तुड़ाई प्रभावित हुई है. इसका असर कूनूर चाय नीलामी पर साफ दिखा, जहां चाय की आवक घटी और दामों में गिरावट दर्ज की गई. सर्द मौसम से चाय मजदूरों की आजीविका भी प्रभावित हुई है.
वायनाड के डीप-टेक स्टार्ट-अप न्यूबायोम लैब्स ने कॉफी किसानों के लिए ‘कैनोपी’ प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. यह सैटेलाइट, एआई और स्थानीय मौसम डेटा की मदद से फसल की सेहत, पैदावार और जोखिम की जानकारी देता है. कम लागत में यह तकनीक छोटे किसानों को सुरक्षित, टिकाऊ और लाभकारी कॉफी खेती में मदद करेगी.
रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की फसलों में फुटाव का समय आ गया है. ऐसे में किसानों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि गेहूं में अधिक से अधिक फुटाव के लिए किसान क्या करें और कौन सी दवा डालें?
यूपी सरकार की तरफ से शहरी बागवानी और रूफटॉप गार्डनिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही सीमित स्थान में भी सब्जियों और पौधों की खेती संभव है, इस संदेश को भी बढ़ावा मिल रहा है. गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में शहरी बागवानी के लिए निशुल्क बीज, सीडलिंग और प्लांटिंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.
महाराष्ट्र के अंगूर उगाने वालों के एसोसिएशन के हवाले से अखबार बिजनेसलाइन ने लिखा है कि चीन में किशमिश का सीजन पिछले महीने शुरू हुआ है.इसके बाद चीनी किशमिश दुबई एक्सपोर्ट की जाती है और फिर अफगानिस्तान के रास्ते भारत भेजी जाती है. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि यह नी किशमिश कुछ भारतीय खिलाड़ी अफगान किशमिश के तौर पर इंपोर्ट करके बाजार में बेच रहे हैं.
उत्तर भारत में सर्दियों की दस्तक के साथ मौसम पूरी तरह बदल चुका है और ठंड का असर साफ नजर आने लगा है. पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बढ़ती शीतलहर के बीच जनजीवन और खेती-किसानी की गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश का दौर बना हुआ है. इस लाइव और लगातार अपडेट होते सेक्शन में आपको खाद-बीज से जुड़ी जानकारी, खेती और गार्डनिंग के उपयोगी टिप्स, किसानों के लिए जरूरी सरकारी योजनाएं और कृषि जगत से जुड़े बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रम एक ही जगह मिलते रहेंगे.
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