Fake Fertilizer: अमेठी के एक इंटर कॉलेज में महीनों से नकली कीटनाशक और खाद का कारोबार चल रहा था. शिकायत के बाद कृषि विभाग ने जाल बिछाकर भंडाफोड़ किया. मौके से पैकिंग मशीन, नकली दवाएं और खाद जब्त की गई हैं, अब जांच आगे बढ़ रही है.
कर्नाटक की प्रगतिशील महिला किसान श्रीमती पद्मिनी गौड़ा ने खेती की दुनिया में अपनी अनोखी सोच से क्रांति ला दी है. उन्होंने जमीन के 13.5 फीट नीचे एक विशेष 'सनकन चैंबर' तैयार किया है, जो बिना किसी महंगी मशीन के मशरूम के लिए जरूरी नमी और तापमान को प्राकृतिक रूप से बनाए रखता है .
पिछले एक हफ्ते से जारी कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच यदि डेयरी पशुओं की देखभाल में लापरवाही बरती गई, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सबसे बड़ा नुकसान पशुओं की मृत्यु का खतरा है, जो अत्यधिक ठंड लगने के कारण हो सकती है .ठंड के तनाव से पशुओं की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं .डेयरी मालिकों के लिए आर्थिक रूप से सबसे बड़ी चोट दूध उत्पादन में भारी गिरावट के रूप में आती है, इसलिए गाजियाबाद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सुझाव दिया है ताकि वे कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच डेयरी पशु सुरक्षित रहें और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान न हो.
जयपुर में किसान महापंचायत की अन्नदाता हुंकार रैली ने किसान राजनीति को नई धार दे दी. सरसों के दाम, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे और कृषि भूमि संरक्षण को लेकर किसानों ने बड़े फैसलों का ऐलान किया. रैली में साफ संदेश दिया गया कि अब अन्नदाता अपने हक खुद तय करेगा.
कर्ज से परेशान किसान की किडनी बेचने के मामले में पुलिस जांच ने कई चौंकाने वाले राज खोले हैं. SP ने बताया कि यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि देशभर में फैले बड़े रैकेट की ओर इशारा कर रहा है. इसके तार अब दिल्ली और तमिलनाडु से भी जुड़ गए हैं.
टमाटर की जड़ें गहरी जाती हैं, इसलिए कंटेनर कम से कम 12 से 15 इंच गहरा होना चाहिए. कंटेनर के नीचे पानी निकासी के लिए 3–4 छेद जरूर बनाएं, ताकि पानी जमा न हो. जमा पानी जड़ों को सड़ा सकता है. प्लास्टिक, मिट्टी या लोहे का कोई भी कंटेनर चल सकता है, बस वह साफ होना चाहिए. टमाटर के लिए हल्की, भुरभुरी और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी जरूरी होती है.
Chickpea Farming Tips: चने की फसल में उकठा रोग किसानों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. यह रोग धीरे-धीरे पूरे खेत में फैलकर पौधों को सुखा देता है. जानिए इस पर एक्सपर्ट ने क्या सुझाव दिए.
सर्दियों में फल देने वाले पौधों की सुरक्षा करना बहुत ज़रूरी है. यह लेख लीची, अनार और पपीते के पौधों को पाले, कीड़ों और पोषक तत्वों की कमी से बचाने के लिए आसान और असरदार तरीके बताता है, जिससे अच्छी और फ़ायदेमंद फसल मिल सके.
खरीफ सीजन में राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन, मक्का, कपास, अरहर जैसी फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं. इसके अलावा प्याज और दूसरी फसलें भी होती हैं. राज्य सरकार के 'एक रुपया फसल बीमा योजना' बंद करने के बाद भी, फसल खराब होने पर बीमा मिलने की उम्मीद में करीब 94 लाख किसानों ने खुद बीमा कवर की रकम देकर अपनी फसलों का बीमा कराया. राज्य में करीब 50 हजार जगहों पर फसल कटाई के एक्सपेरिमेंट किए गए.
सरसों की खेती में खरपतवार और कीट नियंत्रण की आसान जानकारी. जानिए सही समय पर निराई-गुड़ाई, पौधों की दूरी और कीटों से बचाव के सरल उपाय, जिससे फसल अच्छी हो और पैदावार व तेल की मात्रा बढ़े.
Kisan Karwan Sambhal District: संभल में पहुंचे किसान कारवां में खेती से कमाई बढ़ाने पर खुलकर चर्चा हुई. जैविक खेती को लेकर किसानों के अनुभव और विशेषज्ञों की सलाह ने कार्यक्रम को खास बना दिया. सरकारी योजनाओं और नए तरीकों पर भी अहम संकेत दिए गए.
उत्तर प्रदेश में किसान तक किसान कारवां के दूसरे पड़ाव पर संबल के बनियाखेड़ा में सैकड़ों किसान जुटे. इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और कृषि विशेषज्ञों ने नई तकनीक, उपकरण और खेती के लाभकारी तरीके बताए. कार्यक्रम में पुरुष और महिला किसानों ने सक्रिय भागीदारी की और अपने सवाल व सुझाव साझा किए.
आशीष मेहता धान, गेहूं, कपास जैसी परंपरागत फसलों के साथ-साथ दलहन, तिलहन, सब्जी और फल फसलों की विविध खेती कर रहे हैं. इसके अलावा वे डेयरी और बकरी पालन भी करते हैं. जैविक गुड़ और सरसों तेल के निर्माण से उन्होंने खेती को मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) से जोड़ा है. वह खेती में ड्रोन तकनीक का भी उपयोग कर रहे हैं. ड्रोन के जरिए सटीक कीटनाशक छिड़काव और फसल निगरानी से न सिर्फ लागत घटी है बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत हुई है.
Onion Farming Tips: रबी मौसम में प्याज की खेती किसानों के लिए मुनाफे का मौका बन सकती है, अगर रोपाई और शुरुआती देखभाल समय पर हो. किन किस्मों पर भरोसा करें, किन रोग-कीटों से सतर्क रहें और खेत में क्या जरूरी काम करें, इसको लेकर कृषि विशेषज्ञों ने अहम सलाह दी है.
साल 2024-25 के दौरान भारत का नेचुरल रबर इंपोर्ट 9,000 करोड़ रुपये को पार कर गया. यह घरेलू प्रोडक्शन में सप्लाई-डिमांड के अंतर को दिखाता है. इसमें सुधार करने के लिए कई रबर रिसर्च स्टेशनों पर चल रहे क्लोनल ट्रायल से पता चलता है कि अगले दो सालों में ज्यादा पैदावार देने वाले, क्लाइमेट-रेजिलिएंट रबर क्लोन पेश किए जा सकते हैं.
वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए निर्णायक साबित हुआ. योगी सरकार ने सस्ता कृषि ऋण, गन्ना मूल्य में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, फूल किसानों को मंडी शुल्क से राहत और कृषि श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाकर खेती-किसानी को मजबूती दी.
सरकार ने MGNREGA कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि उनका रोजगार नए VB–G Ram G Act 2025 में भी सुरक्षित रहेगा. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी और मानदेय समय पर मिलेंगे.
Wheat Farmers Advisory: कृषि वैज्ञानिकों ने देर से बोई गई गेहूं की फसल को लेकर अहम सलाह जारी की है. वैज्ञानिकों की ओर से सही समय पर सिंचाई, यूरिया की टॉप ड्रेसिंग और कीट-रोग की नियमित निगरानी से पैदावार सुधर सकती है. संतुलित उर्वरक और मौसम देखकर सिंचाई से बेहतर उत्पादन संभव है. पढ़ें पूरी सलाह...
झांसी के मऊरानीपुर तहसील में जमीन विवाद से परेशान महिला किसान भारती देवी ने न्याय न मिलने पर गुस्से में आकर उपजिलाधिकारी की सरकारी गाड़ी पर ईंट फेंक दी. उन्होंने बार-बार तहसील में अपनी फरियाद की, लेकिन समाधान नहीं हुआ. प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द समाधान का भरोसा दिलाया है.
विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डॉ. महक सिंह ने सरसों की आजाद गौरव किस्म के बारे में बताया कि यह अधिक तापमान को सहन करने में सक्षम है और देर से बुवाई के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में अनुशंसित की गई है. सरसों की यह प्रजाति 120 से 125 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर औसतन 18 से 19 क्विंटल उत्पादन देती है. यह रोग प्रतिरोधी है और इस पर कीटों का प्रभाव भी कम होता है.
मकोय की खेती किसानों के लिए कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती बन रही है. सर्दी से लेकर गर्मी तक इसकी मांग बनी रहती है. एक बीघा खेत में मकोय उगाकर किसान 40 से 50 हजार रुपये तक कमा सकते हैं. सही समय पर बुआई और देखभाल से यह खेती छोटे किसानों के लिए भी फायदेमंद है.
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