मौजूदा समय में खेती और पशुपालन के क्षेत्र में लोग तेजी से जुड़ रहे हैं. आज आपको इससे अलग मधुमक्खी पालन के बारे में बताने जा रहे हैं. शहद का उत्पादन करने के फायदे तो सब जानते हैं लेकिन मधुमक्खी पालन से जुड़ी बारीकियों के बारे में जानकारी थोड़ा कम है.
कस्टर्ड एप्पल (सीताफल), जिसे शरीफा भी कहा जाता है, एक बेहद स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर फल है. इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.
घर में ऑर्गेनिक कीटनाशकों के कई ऑप्शन होते हैं. ऑर्गेनिक कीटनाशक केमिकल फ्री होते हैं जिसके चलते पौधों में लगे फलों की गुणवत्ता बेहतर होती है जो हमारी हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद है. आइए जान लेते हैं कि घर में कौन-कौन से कीटनाशक बनाए जा सकते हैं.
नींबू के छिलके कचरा नहीं हैं, बल्कि ये आपके घर के गार्डन के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं. यहां हम बता रहे हैं 6 आसान और असरदार तरीके, जिनसे आप नींबू के छिलकों का इस्तेमाल खाद के तौर पर कर सकते हैं.
सरसों का साग बहुत ही खास डिश है और लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है. वहीं, इसे घर पर गमलों में आसानी से उगाया जा सकता है. सही मिट्टी, समय, देखभाल और थोड़ी समझदारी से आप ताज़ा, हरा-भरा और केमिकल-फ्री सरसों का साग घर पर पा सकते हैं.
गजानन भालेराव और उनकी पत्नी माधुरी पिछले 18 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. वे 1000 बक्सों के साथ देशभर के खेतों में घूमते हैं और किसानों की उपज को परागण से 50% तक बढ़ाने में मदद करते हैं. भालेराव किसानों को कीटनाशकों से बचने की सलाह देते हैं, ताकि मधुमक्खियों की रक्षा हो सके.
IARI वैज्ञानिकों ने किसानों को चेताया है कि भूरा फुदका और तना छेदक की निगरानी करें. भूरा फुदका झुंड में तनों पर पाया जाता है और ‘हॉपर बर्न’ का कारण बनता है, जबकि तना छेदक पौधे को अंदर से काटकर सफेद बाली बनाता है. बचाव हेतु इमिडा क्लोप्रिड का छिड़काव व कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड दाना खेत में डालना प्रभावी उपाय हैं.
ड्रैगन फ्रूट एक कैक्टस प्रजाति का पौधा है इसलिए इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. यह पौधा कम पानी और साधारण देखभाल में भी आसानी से बढ़ता है. सेहत के लिए फायदेमंद और बाजार में महंगे दामों पर बिकने वाला इस फल को आप घर पर भी आसानी से उगा सकते हैं.
इटावा शहर में प्रतिष्ठित अत्याधुनिक तरीके से बना हुआ श्मशान घाट में लगभग 3 फीट तक पानी भर गया है. जलभराव होने की वजह से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बाधित हो चुकी है और अब अंतिम संस्कार उच्च स्थान पर किया जाएगा.
थोड़ा सा समय और थोड़ी सी जगह से आप अपने होम गार्डन में ताज़ी और ऑर्गेनिक शलजम उगा सकते हैं. वहीं, अक्टूबर-नवंबर की ठंडी शामों में घर की छत या बालकनी से तोड़े हुए ताज़े शलजम खाने का मजा ले सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
बरसात के मौसम में घर में कीड़े-मकोड़ों का आना आम हो जाता है. इससे सभी लोग परेशान होते हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह से उपाय भी किए जाते हैं. लेकिन राहत नहीं मिलती है तो कुछ ऐसे पौधे हैं, जिसको घर में लगाने से कीड़े-मकोड़े नहीं आते हैं.
काले गाजर की खेती में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है. काले गाजर की खेती के लिए एक गमला लेना चाहिए. उसमें अच्छी मिट्टी भर लें और उसमें गाजर के बीज बोन दें. इसके बाद पानी का छिड़काव करें. एक से दो हफ्ते में बीज अंकुरित होने लगेंगे.
Garlic Farming: लहसुन की खेती में सितंबर-अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है. बलुई दोमट मिट्टी, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और सही दूरी पर बुवाई करने से बंपर पैदावार संभव है. हल्की सिंचाई, जैविक खाद का उपयोग और कीट एवं रोग नियंत्रण से फसल मजबूत होती है और किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है.
बिहार में एक ओर जहां सोलर दीदी बनकर महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सोलर दीदियों के माध्यम से छोटी जोत वाले किसानों को बड़ी राहत मिल रही है. इसी बीच सोलर दीदी देवकी देवी भी काफी सुर्खियों में है.
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