बिहार में एक ओर जहां सोलर दीदी बनकर महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सोलर दीदियों के माध्यम से छोटी जोत वाले किसानों को बड़ी राहत मिल रही है. इसी बीच सोलर दीदी देवकी देवी भी काफी सुर्खियों में है.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसान अब रोजमेरी की खेती करने लगे हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि हर्बल खेती से किसानों को आय के नए स्रोत मिल रहे हैं.
सितंबर का महीना लेटस (सलाद पत्ता) की खेती के लिए सबसे उत्तम है, जिससे किसान शानदार मुनाफा कमा सकते हैं. यह फसल सिर्फ 90-100 दिनों में तैयार ती हो जाती है.
अंजीर (Anjeer) एक लोकप्रिय सूखा मेवा है जो ना सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. लेकिन आजकल बाजार में असली और नकली अंजीर की पहचान करना मुश्किल हो गया है.
इटावा में किसानों की चिंता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. खेतों में खड़ी फसलों को समय पर खाद न मिलने से नुकसान झेल रहे किसान अब समितियों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं.
छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में है. बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. भारी बारिश से नदियां और नाले उफान पर आ गए, जिससे सैकड़ों गांव डूब गए और कई पुल-पुलिया बह गए. सात लोगों की मौत हो चुकी है और तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हुई है. राहत शिविरों में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित रखा गया है.
हम सब जानते हैं कि धान की खेती के लिए भरपूर पानी की जरूरत होती है. जिसके चलते भूमिगत जल के स्तर में भी कमी देखी जाती है. खासतौर पर हरियाणा और पंजाब में पानी का स्तर काफी नीचे जा रहा है जिसके कारण सरकार की ओर से धान की खेती को लेकर कई तरह के दिशा निर्देश दिए जाते हैं. हरियाणा के करनाल जिले में कई किसानों ने इस बात को गंभीरता से समझा है.
राजस्थान के प्रतापगढ़ में खाद की किल्लत से किसान बहुत ज्यादा परेशान हैं. यहां बड़ी संख्या में महिला और पुरुष खाद के लिए ट्रक के पीछे भिंड लगाकर खड़े रहे लेकिन कई किसानों को खाद नहीं मिला.
कई लोग बालकनी में सब्जी या फूल उगाने की सोचते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में ऐसा नहीं कर पाते हैं. धनिया को बालकनी में सबसे आसानी से उगा सकते हैं. इसमें ज्यादा कुछ खास नहीं करना पड़ता है.
गुलाब के पौधों की सही देखभाल करना एक कला है. अगर सही जानकारी और तकनीक अपनाई जाए तो आप अपने गार्डन को खूबसूरत बना सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
कई लोगों को बालकनी में फूल लगाने का शौक होता है. कुछ ऐसे फूल होते हैं, जिनको लगाने से घर की खूबसूरती बढ़ जाती है. इसमें गुलाब के फूल से लेकर गुड़हल के फूल तक शामिल हैं. चलिए आपको 5 ऐसे फूलों के बारे में बताते हैं.
परंपरा के अनुसार, पोला के दिन बैलों को खेत के काम में नहीं जोता जाता. सुबह उन्हें नहलाकर हल्दी और घी का लेप उनके कंधों व गर्दन पर लगाया जाता है, ताकि सालभर हल जोतने से हुए दबाव का असर कम हो सके और किसी तरह का संक्रमण न हो.
खेती में जैविक तरीकों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. फसलों में किसान अब रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भर रहने की बजाय प्राकृतिक और जैविक विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. नीम का पाउडर टमाटर की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह न केवल पौधों को बीमारियों से बचाता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और कीटों को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाता है.
जालना में इन दिनों भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है, जिसकी वजह से नदी नाले उफान पर हैं और कुछ गांवों में खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. यहां तक कि बाढ़ के चलते एक बुजुर्ग किसान पानी के तेज बहाव में बह गए, प्रशासन की टीम किसान की तलाश में जुटी हुई है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today