घर पर बीज से धनिया उगाना न केवल आसान है बल्कि यह आपकी रसोई को हरियाली और ताजगी से भर देता है. इसमें ज्यादा जगह या खर्च की जरूरत नहीं होती है.
झारखंड का सरायकेला अब अफीम मुक्त हो गया है. इस जिले में वर्ष 2024-25 में मात्र 678.96 एकड़ में ऐसी खेती पाई गई थी, जिसे जिला पुलिस ने तीन चरणों वाले प्री-कल्टीवेशन ड्राइव के माध्यम से पूरी तरह नष्ट कर दिया.
सर्दियों में खेती से जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं? जानिए इन 10 सर्दियों की सब्जियों की पूरी डिटेल — जैसे गाजर, मटर, टमाटर, आलू और लहसुन- जिन्हें उगाकर किसान बंपर आमदनी कमा सकते हैं. पढ़ें आसान खेती टिप्स और सीजन की सही जानकारी.
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए 6 नवंबर 2025 को मतदान जारी है. राज्य के विभिन्न जिलों में मतदान की शुरुआत उत्साहजनक रही है. राज्य के सभी नेताओं सहित जनता भी काफी उत्साहित दिख रही है. आइए देखते हैं मतदान की कुछ तस्वीरें.
ठंड के दिनों में किचन गार्डन की देखभाल खास तरीके से करनी चाहिए. खासतौर पर किचन गार्डनिंग के दौरान, क्योंकि इसका सीधा असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है. आज आपको सर्दी के दिनों में गार्डन की विशेष देखभाल का तरीका बताने जा रहे हैं.
महाराष्ट्र के जालना जिले से एक बेहद दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जहां एक किसान ने अपनी मिर्च की खेत में भेड़ें छोड़ दी. यह घटना जालना के भोकरदन तहसील के पोखरी गांव का है.
आंवला को Indian gooseberry या फिर नेल्ली के नाम से जाना जाता है, बहुत ज्यादा औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. इसके फलों का इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है. आंवला से बनी दवाएं एनीमिया से लेकर किसी घाव को भरने में, डायरिया, दांत दर्द और बुखार तक में प्रयोग की जाती हैं. नवंबर का महीना किसानों के लिए आंवला की खेती शुरू करने का बेहतरीन समय माना जाता है.
चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. इससे राज्य के लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों किसानों को भारी नुकसान हुआ है. चक्रवात से उपजे हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने खुद मैदान में उतरकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अफसरों को प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए जरूरी अभियानों को तेज करने के निर्देश दिए हैं. देखें चक्रवात से हुए नुकसान की तस्वीरें...
आलू जितनी आसानी से हर जगह मिलता है, इसकी खेती उतनी ही चुनौतीपूर्ण होती है. अगर किसान कुछ खास बातों का ध्यान न रखें तो उत्पादन चौपट हो सकता है. इसकी उत्पादकता और गुणवत्ता मुख्य रूप से तापमान और जलवायु पर निर्भर करती है. आलू की खेती मैदानी इलाकें में अक्टूबर से नवंबर में और पहाड़ी इलाकों में जनवरी से फरवरी और अप्रैल से लेकर जून तक की जाती है.
परिजात या हरसिंगार का पौधा गठिया, बुखार, डायबिटीज और त्वचा रोगों में फायदेमंद है. यह सिर्फ फूल नहीं, एक प्राकृतिक औषधि है. हिंदू धर्म में परिजात का विशेष स्थान है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान परिजात वृक्ष का उद्भव हुआ था.
गुलाब की खेती एक ऐसा बिजनेस है जिसमें लागत कम और मुनाफा बहुत ज्यादा है. सही योजना और वैज्ञानिक तरीके अपनाकर किसान लखपति बन सकते हैं. इसकी खेती खुले खेत में अक्टूबर-नवंबर में या पॉलीहाउस में साल भर की जा सकती है.
भारत में पीच (आड़ू) की खेती मुख्य रूप से ठंडे और पहाड़ी इलाकों में की जाती है, जहां पर काफी सर्दी पड़ती है और बर्फबारी होती है. सर्दियों के मौसम में अपने पीच (आड़ू) के पेड़ को ठंडी हवाओं, पाले और नमी की कमी से बचाना बेहद जरूरी है.
पुदीना (मिंट) अपनी ताजगी और खुशबू के लिए हर रसोई में पसंदीदा हर्ब है. सलाद, चटनी, ठंडे पेय या डेसर्ट, पुदीना हर जगह प्रयोग होता है. लेकिन अक्सर लोग इसे सीमित मौसम में ही ताजा खरीद पाते हैं. क्या आप जानते हैं कि थोड़ी सी मेहनत और सही देखभाल के साथ पूरे साल ताजा पुदीना घर पर उगाया जा सकता है.
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