एकीकृत कृषि प्रणाली (IFS) अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त करता है. IFS, खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन और बागवानी को मिलाकर आय के कई स्रोत बनाता है. इससे किसान बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रहते हैं और अपनी आय बढ़ाते हैं. यह दृष्टिकोण न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उड़ान भरने में भी मदद करता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है
'किसान-ई-मित्र' जैसे AI टूल्स की शुरुआत किसानों के लिए तकनीक को और ज्यादा सुलभ बनाएगी. इससे उन्हें योजना की जानकारी पाने के लिए बार-बार कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा और उनकी समस्या का हल तुरंत मिल सकेगा. यह पहल सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि डिजिटल भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम है.
खेती में रोटावेटर (Rotavator) एक आधुनिक कृषि यंत्र है जो मिट्टी की जुताई और तैयार करने के लिए इस्तेमाल होता है। ये आधूनिक खेती के लिए आज के दौर में सबसे जरूरी उपकरण साबित हो रहा है. मगर मार्केट में रोटावेटर के बहुत सारे ऑप्शन मौजूद हैं, जिस कारण किसान कन्फ्यूज हो जाते हैं. इसलिए हम आपको बाजार में उपलब्ध 5 सबसे बेस्ट रोटावेटर बता रहे हैं.
Agri Tech: मंत्रालय ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन (DAM) के तहत एग्री स्टैक पहल को मजबूत करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. मंत्रालय का मकसद टेक्नोलॉजी के जरिये भारत के कृषि परिदृश्य को बदलना है. मंत्रालय का मानना है कि यह फंडिंग राज्यों को किसान-केंद्रित शासन के लिए मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे को तैयार करने में मदद करेगी.
मशीनों का जिक्र होते ही आप जान लेते हैं कि इससे समय और मेहनत की काफी बचत होने वाली है. देश में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू होने से पहले आपको धान रोपने वाली पैडी ट्रांसप्लांटर (Paddy Transplanter) मशीन के उपयोग और फायदे बताने जा रहे हैं.
Cage fish farming: समुद्री पिंजरा खेती भारत के लिए मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने और भविष्य की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक अहम कदम हो सकता है. यह खाद्य मांग को पूरा करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने में सहायक है. दुनिया के कई समुद्री देशों की तरह, भारत में भी इसका व्यावसायिक और वैज्ञानिक विस्तार किया जाए तो 2030 तक मछली उत्पादन लक्ष्य हासिल करना संभव होगा. अब समय आ गया है कि समुद्र में तैरते पिंजरों में सुनहरी संभावनाओं की खेती को भारत में बड़े पैमाने पर अपनाया जाए.
प्रदेश के 75 जिलों में चले इस अभियान के दौरान 10,125 से अधिक स्थानों पर वैज्ञानिकों, कृषि विभाग के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने चौपालें लगाईं और किसानों के साथ सीधे संवाद किया. चर्चा का केंद्र रहा, लागत कैसे घटे? पैदावार कैसे बढ़े? और मुनाफा कैसे दुगुना हो?
Bihar Agrivoltaics Project: बिहार के गयाजी जिले में टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट (TCI), PRAN और जैन इरिगेशन ने राज्य की पहली एग्रीवोल्टाइक साइट का उद्घाटन किया. इस परियोजना में किसान एक ही खेत में सौर बिजली पैदा करने के साथ फसल भी उगाएंगे, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटेगा.
हरियाणा सरकार ड्रोन तकनीक को किसानों, महिलाओं और विभिन्न सरकारी विभागों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित कर रही है. यह पहल राज्य में तकनीकी प्रगति के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी.
Kishan Know AI Tool for Crop: ओडिशा के 21 वर्षीय ऋषिकेश नायक ने केवल ₹85 प्रति एकड़ की लागत वाला AI आधारित "Kishan Know" टूल विकसित किया है, जो किसानों को फसल बीमारियों और कीट हमलों की पहचान कर समय पर अलर्ट भेजता है. उनका यह नवाचार भारतीय कृषि को सुलभ तकनीक से जोड़ने में मदद कर रहा है.
UP News: कृषि मंत्री ने जल सखियों से कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा देने और मोटे अनाज की खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पानी बचाने का संदेश केवल भाषणों तक नहीं, बल्कि गांव-गांव की भागीदारी से साकार हो सकता है.
अगर आप पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं तो समय के साथ खुद को बदलने की जरूरत है. इस खबर में आपको खेती में फायदेमंद आधुनिक तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको अपना कर आप अच्छी खासी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा इन तकनीकों पर मिलने वाली सब्सिडी की भी चर्चा की है.
Mango Farming: आम की फसल को फल मक्खी (फ्रूट फ्लाई) से भारी नुकसान होता है, जिससे उपज 90 परसेंट तक कम हो सकती है. डॉ. एस.के. सिंह के अनुसार, जिसकी सुंडियां फल के गूदे को खाकर उसे सड़ा देती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए 'फ्रूट फ्लाई ट्रैप' सबसे प्रभावी तरीका है. यह पर्यावरण-हितैषी और लागत प्रभावी तकनीक है, जिससे आम की बंपर पैदावार संभव है.
AI Farming: महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर जयप्रकाश दांडेगांवकर ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट पहले से ही गन्ने की खेती के लिए एआई के इस्तेमाल पर लंबे समय से काम कर रहा है. गन्ने के उत्पादन में 30 फीसदी की वृद्धि और इसकी खेती में पानी के इस्तेमाल को आधा करने का भरोसा माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से दिया जा रहा है.
Agri Tech: इस साल खरीफ की फसलों के लिए पहला अग्रिम अनुमान जिसके सितंबर में जारी होने की संभावना है, सैटेलाइट डेटा पर आधारित होगा. इससे फसल क्षेत्र की गणना के लिए पारंपरिक मैनुअल 'गिरदावरी' प्रणाली खत्म हो जाएगी. कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पायलट स्टडीज में परिणामों ने 93-95 प्रतिशत तक सटीकता नजर आई है.
बिहार सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है. अब किसान सब्सिडी पर फार्म मशीनरी बैंक की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. इस योजना के तहत किसानों को कम कीमत पर आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी मेहनत और लागत दोनों कम होगी. इससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में सुधार होगा. बिहार सरकार की इस पहल से राज्य के किसान तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे और खेती की गुणवत्ता में सुधार होगा.
Top 5 Drone Companies: कृषि ड्रोन भारत के किसानों के लिए भविष्य की तकनीक नहीं, बल्कि आज की ज़रूरत बनते जा रहे हैं. जैसे-जैसे इनकी पहुंच बढ़ रही है और सरकार का सहयोग मिल रहा है, यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वर्षों में भारत की खेती और भी आधुनिक, सटीक और लाभदायक होगी.
आईसीएआर-सीपीसीआरआई (CPCRI) द्वारा विकसित नारियल और सुपारी आधारित फसल प्रणाली किसानों के लिए खेती को अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनाने का रास्ता दिखा रही है. मिश्रित फसलों जैसे नारियल, काली मिर्च, केला, अनानास और कोको के संयोजन से उत्पादकता में 2-3 गुना तक की वृद्धि संभव है.
AI Use In Sugarcane Farming: महाराष्ट्र में गन्ना खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पुणे में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. शरद पवार ने कहा कि AI तकनीक से गन्ने की पैदावार बढ़ाकर किसानों की आय और जीवनस्तर सुधारा जा सकता है. इसके लिए प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये की लागत में से किसानों को केवल 9,000 रुपये देने होंगे.
ऑफ सीजन में ट्रैक्टर से काम लेना आपके लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकता है. गांवों में इस मौसम में भी ऐसे बहुत सारे काम होते हैं जिनकी दम पर आप ट्रैक्टर से बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं और अपने ट्रैक्टर का खर्चा या किस्त आराम से निकाल सकते हैं. इस खबर में हम आपको ऐसे ही कुछ विकल्प बता रहे हैं.
Mango Farming: हाई डेंसिटी तकनीक और जल्दी फल देने वाली किस्म होने के कारण केसर आम की खेती अब महाराष्ट्र के कई जिलों में तेजी से फैल रही है. यह न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार रही है, बल्कि निर्यात के जरिये देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे रही है.
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