खेती के लिए सबसे बेहतरीन समाधान- जानिए कैसे STIHL के पेट्रोल वॉटर पंप (WP 300, WP 600, WP 900) से करें बिना बिजली के आसान और तेज सिंचाई, मजबूत निर्माण और 2 साल की वारंटी के साथ.
फिलहाल भारत अपने ड्रोन के जरूरी हिस्से जैसे फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, एआई सॉफ्टवेयर, जीपीएस और कम्युनिकेशन सिस्टम दूसरे देशों से मंगाता है. ड्रोन का कंट्रोलिंग सॉफ्टवेयर भी अक्सर विदेशों में स्टोर रहता है, जिससे साइबर हमले और डाटा चोरी का खतरा बना रहता है. इसका मतलब है कि भारत में बना ड्रोन भी विदेश से कंट्रोल हो सकता है, जो हमारी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
दरअसल, खेत में शून्य जुताई होने से खेती की नमी या पानी भाप बनकर नहीं उड़ता. इससे खेत में फसल के लिए जरूरी नमी बनी रहती है. इसका फायदा कम सिंचाई के रूप में मिलता है. इस तरह जीरो टिलेज टेक्निक से किसान का कम से कम दो सिंचाई का खर्च बच जाता है. इसलिए आप भी मक्के की खेती करना चाहते हैं और दोहरा लाभ पाना चाहते हैं तो जीरो टिलेज टेक्निक का फायदा जरूर उठाएं.
फसल अवशेष जलाना कोई पुरानी बात नहीं है. लेकिन अब इसे रोकने का समय आ गया है. आज के समय में स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर मशीनों के माध्यम से किसान न केवल पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि उन्हें अतिरिक्त आय और मिट्टी को स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकता है. आप भी सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ उठाकर अपने खेत को स्वच्छ और उन्नत बना सकते हैं.
सत्यजीत और आंजिक्य ने साल 2012 में टू ब्रदर्स ऑर्गेनिक फार्म्स (TBOF) की शुरुआत की थी. आज उनकी यह फर्म अपने ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स के लिए मशहूर है. अब उनकी यह फर्म अपने बेचे जाने वाले हर उत्पाद की कहानी बताने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रही है. रिटेल स्टोर से लेकर ईकॉमर्स और क्विक कॉमर्स सर्विसेज के जरिए इसके बारे में कंज्यूमर्स को बताया जा रहा है.
वीडियो छोटे और आसान भाषा में होंगे, ताकि हर किसान उन्हें आसानी से समझ सके. कई बार कठिन भाषा की मदद से किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी आसान और सरल भाषा में मिल सके. ताकि किसान आसानी से घर बैठे फसलों की खेती कर सकें.
राज्य के एक जिले में इस प्रोजेक्ट को बतौर प्रयोग लागू करने की सिफारिश की गई थी. लेकिन अब यह फैसला किया जा चुका है कि इन दोनों ही तरीकों से फसल नुकसान का अंदाजा एक ही चरण में लगाया जाएगा. प्रयोग के तौर पर इसे एक जनवरी 2025 से लागू किया जाने वाला था. लेकिन कुछ मंत्रियों के विरोध के चलते इसे टाल दिया गया था.
कृषि विभाग बहुत जल्द कृषि यांत्रिकरण योजनान्तर्गत अनुदान भुगतान प्रक्रिया में संशोधन करने जा रही है. कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि यंत्र अनुदान प्रणाली में किसानों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विभाग विचार कर रहा है.
DGCpac के संस्थापक और CEO सुरेश बंसल ने बताया कि कंपनी अब "Product as a Service" (PAAS) मॉडल शुरू करने जा रही है. इसके तहत ग्राहक लंबे समय तक इस्तेमाल होने वाले पैकेजिंग प्रोडक्ट जैसे ट्रे, पैलेट और ऑटोमोबाइल किट्स को किराए पर ले सकते हैं. इससे उन्हें भारी पूंजी निवेश नहीं करना पड़ेगा.
दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी (SABC) केंद्र की ओर से किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि इन तकनीकों के इस्तेमाल से कपास की उत्पादन को बढ़ा सकते हैं. SABC ने हरियाणा के सिरसा जिले के गिंद्रन गांव में अपने उत्तर भारत हाई-टेक आरएंडडी स्टेशन पर खरीफ 2024 सीजन के दौरान हाई-टेक पुनर्योजी कपास प्रदर्शन आयोजित किया था.
बिहार में राज्य के सभी पंचायतों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना सरकार करने जा रही है. अब किसान किराए पर कृषि यंत्र का फायदा ले सकेंगे. वहीं, सेंटर की स्थापना को लेकर सरकार 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दे रही है.
Sugarcane Farmers News: उन्होंने बताया कि किसानों को अपना घोषणा-पत्र खुद ऑनलाइन भरना होगा, जिन किसानों के द्वारा ऑनलाइन घोषणा-पत्र उपलब्ध नहीं कराये जाएंगे, ऐसे गन्ना कृषकों का सट्टा आगामी पेराई सत्र 2025-26 में विभाग द्वारा कभी भी बंद किया जा सकता है.
धान की फसल को भूमिजनित कीटों और रोगों से बचाना एक बड़ी चुनौती होती है. इस समस्या से निपटने और बंपर पैदावार लेने के लिए प्रचंड गर्मी के समय खास तकनीक अपनाने की सलाह दी जाती है. यह तकनीक न केवल धान के पौधों को हानिकारक कीटों और विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उनकी बढ़वार और पैदावार में भी सहायक होती है.
किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) की 20वीं किस्त का इंतजार है. इसके तहत पात्र किसानों के खाते में 2000 रुपये आएंगे. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 20वीं किस्त जून 2025 में जारी की जा सकती है.
UP Farmers News: गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने यह भी बताया कि समस्त अधिकारियों को वेब पोर्टल को यूज करने के लिये यूजर मैनुअल तथा यूजर आईडी. पासवर्ड भी जारी कर दिये गये हैं. विभागीय अधिकारी पहली बार वेब पोर्टल पर लॉगिन करते हुए अपनी सुविधानुसार अपना पासवर्ड परिवर्तित कर सकते है, ताकि कोई अन्य व्यक्ति इसका दुरुपयोग ना कर सके.
ICAR ने एक ऐसा किट तैयार किया है जो एंथ्रेक्स के बारे में चटपट जानकारी दे देता है. इस किट का नाम एलएफए किट है जो इसकी फौरन जानकारी देता है. इसका पूरा नाम लैटरल फ्लो एसे यानी एलएफए है जो मिट्टी और पशुओं के चारे और दाने में एंथ्रेक्स की मौजूदगी के बारे में बताता है.
UP News: मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि वर्षामापी यंत्र ऑटोमेटिक होंगे, जो एकत्रित की गई जानकारी सर्वर पर भेजेंगे. एप के माध्यम से किसानों को सूचना मिलेगी. यहां प्रति घंटे की मौसम, नमी आदि की पूरी जानकारी अपडेट होती रहेगी.
मॉनसून अच्छा रहने से ट्रैक्टर की बिक्री 9.75 लाख यूनिट के नए सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच जाएगी. फसल एमएसपी में वृद्धि, पुराने ट्रैक्टरों के बदले नए ट्रैक्टरों के रिप्लेसमेंट की बढ़ती मांग की वजह से ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2026 में 9.75 लाख यूनिट तक पहुंचने वाली है. यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा.
UP Farmers News: उप निदेशक कृषि डॉ मनमोहन लाल ने कहा कि मृदा परीक्षण तकनीक और अम्लीय मृदा सुधार के उपाय कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सही तकनीकों और उपायों का उपयोग करके किसान न केवल अपनी भूमि की उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षण प्रदान कर सकते हैं.
STIHL भारतीय किसानों के लिए पावर टिलर, ब्रश कटर, मिस्ट ब्लोअर और वाटर पंप जैसे विश्वसनीय कृषि उपकरण लेकर आया है. जानिए कटाई के सीजन में खेती को कैसे आसान और लाभदायक बनाया जाए.
समुद्री शैवाल की खेती अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मदद कर सकती हैं. आईसीएआर- सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (ICAR-CMFRI) के डायरेक्टर ग्रिंसन जॉर्ज ने कहा कि समुद्री शैवाल की डिमांड में वैश्विक स्तर पर उछाल देखने को मिला है.
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