मध्य प्रदेश के धार ज़िले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है. एक ही खेत में, एक ही समय पर कई लेयर पर फसलें उगाते हैं और जमीन के हर इंच का पूरा उपयोग करते हुए इसी 'स्मार्ट' खेती से वह प्रति वर्ष लाखों का भारी मुनाफा कमा रहे हैं, जो पारंपरिक खेती से कई गुना अधिक है.
धान खरीदी सीजन 2025–26 में किसानों को मंडी की लंबी कतारों से राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘टोकन तुहर हाथ’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे किसान अब घर बैठे ऑनलाइन टोकन हासिल कर सकेंगे.
कोटा, राजस्थान के एम.कॉम पास किसान मनोज खंडेलवाल ने अमरूद की खेती में कमाल कर दिया है. खेती में सात साल का अनुभव लेने के बाद मनोज जी समझ गए कि बंपर मुनाफे के लिए पारंपरिक खेती छोड़कर कुछ नया करना होगा. इसी सोच के साथ उन्होंने 6 हेक्टेयर जमीन पर पारंपरिक खेती छोड़ नई 'स्मार्ट' तकनीक अपनाई.
खेती में कम जगह होना एक बड़ी चुनौती है. लेकिन, 'इनोवेटिव फार्मर' इसका भी हल निकाल रहे हैं. ऐसा ही एक 'सीक्रेट' है 'स्टोली सिस्टम. यह खेती करने का एक बहुत ही खास और नया तरीका है. इस सिस्टम या तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान बहुत कम जमीन पर भी बंपर पैदावार ले सकते हैं. यह सिस्टम उन किसानों के लिए एक वरदान है क्योकि नई तकनीक अपनाकर कम लागत और कम जगह में भी खेती से बंपर पैदावार लेकर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.
University of Sydney और Australian National University की टीम ने एंजाइम Rubisco को संकुचित स्थान में रखने वाले ‘ऑफिस’-साइज नैनो-स्ट्रक्चर बनाए हैं. यह काम अभी प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट है, लेकिन सफल हुआ तो फसलों की पैदावार बढ़ने के साथ संसाधनों का इस्तेमाल कम होगा.
Agriculture News: बाराबंकी के दौलतपुर गांव निवासी पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा ने आगे बताया कि पहले हम लोग हाथ से आलू की बुवाई करते थे जिससे समय और मजदूरी दोनों ज्यादा लगती थी. लेकिन अब आलू रोपण ट्रैक्टर की मदद से खेत में आसानी से बुवाई कर रहे है.
हरियाणा के हिसार निवासी किसान राजेंदर पुनिया ने खेती की लागत और मजदूरों की कमी जैसी समस्याओं का शानदार हल निकाला है. उन्होंने अपने 'देसी जुगाड़' से कई मशीनें बनाई हैं. इसमें धान की सीधी बिजाई कर, पारंपरिक रोपाई का झंझट खत्म करती है, जिससे 95-100% अंकुरण मिलता है और पैदावार 5-6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बढ़ती है. इसके अलावा, उन्होंने 'टारज़न' नाम की एक बहु-उपयोगी, बिना ट्रैक्टर के चलने वाली मशीन बनाई है, जो लेवा, खरपतवार नियंत्रण, खाद डालने और स्प्रे करने जैसे कई काम करती है.
सोनालिका ट्रैक्टर्स ने अक्टूबर 2025 में 27,028 ट्रैक्टर की रिकॉर्ड मासिक बिक्री दर्ज की. जीएसटी कटौती के बाद यह सबसे बड़ा महीना रहा, जिसमें कंपनी ने उद्योग प्रदर्शन से 2.3 गुना बेहतर और मार्केट शेयर में 2.2% की बढ़त हासिल की.
अगर आपके आम के पुराने पेड़ों ने फल देना बंद कर दिया है, तो उन्हें काटने की जरूरत नहीं है. एक खास 'नई जान देने वाली विधि' जिसे जीर्णोद्धार कहते हैं अपनाकर आप इन बूढ़े पेड़ों को फिर से फलदार बना सकते हैं. यह तकनीक आपके पुराने बाग को फिर से फायदेमंद बनाने का एक बहुत अच्छा और आसान तरीका है, जिससे बूढ़े पेड़ भी ज़्यादा फल देने लगते हैं.
यह जानकारी उन किसानों के लिए है जो गेहूं कटाई के बाद गन्ने की बुवाई करते हैं. आमतौर पर गेहूं कटने के बाद अप्रैल में गन्ना बोने में बहुत देर हो जाती है, जिससे गन्ने की पैदावार 35 से 50 प्रतिशत तक घट जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए एक खास तकनीक अपनाई जा रही है. इस तकनीक में, किसान एक ही खेत में गेहूं और गन्ना, दोनों फसलें एक साथ उगा सकते हैं.
आधुनिक कृषि यंत्र खेती को तेज, सटीक और लाभदायक बनाते हैं. ये समय, मेहनत और लागत की बचत करते हैं. ट्रैक्टर, रोटावेटर, सुपर सीडर और हार्वेस्टर जैसी मशीनें फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं. इनसे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है, पराली प्रबंधन आसान होता है और किसानों की आय बढ़ती है.
कोयंबटूर के आईसीएआर वैज्ञानिकों की नई खोज — मिनी ट्रैक्टर ऑपरेटेड “शुगरकेन सेटलिंग ट्रांसप्लांटर” से गन्ना रोपाई में समय, बीज और पानी की बचत के साथ पैदावार देने में बड़ा सुधार. किसानों के लिए चमत्कारी साबित हो सकती है यह मशीन.
वैसे तो ट्रैक्टर की बैटरी 3 से 5 सालों तक आराम से चलती है. कंपनियां भी ट्रैक्टर की बैटरी पर 3 से 3.5 साल तक की वारंटी देती हैं. लेकिन जब ये बैटरी खराब हो जाती है तो किसान की जेब पर बड़ा खर्चा आता है. इसलिए हम आपको ट्रैक्टर की बैटरी के मेंटेनेंस की कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं.
महिंद्रा ने गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए नया Groundnut Thresher लॉन्च किया. यह मशीन मूँगफली की कटाई और थ्रेशिंग को आसान, तेज और कम मेहनत वाला बनाती है. टिकाऊ डिजाइन और रीयल-टाइम निगरानी के साथ किसान अपनी फसल का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.
ड्रिप इरिगेशन एक आधुनिक सिंचाई प्रणाली है जिसमें पानी पाइप और ड्रिपर के माध्यम से पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद रूप में पहुंचाया जाता है. इस खबर में इस तकनीक से जुड़ी सारी बातें बताने जा रहे हैं.
ट्रैक्टर में आगे और पीछे के टायर अलग-अलग जिम्मेदारी संभालते हैं. आगे के टायर स्टीयरिंग और लोडर का भार संभालते हैं, इसलिए उनके बाहरी किनारे तेजी से घिस जाते हैं. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप ट्रैक्टर के टायरों का रोटेशन कर सकते हैं.
खेती में आधुनिकता अपनाने वाले किसानों को पारंपरिक खेती करने वाले किसानों के मुकाबले अधिक लाभ देखने को मिल सकता है. आज आपको खेती के क्षेत्र में अपनाई जाने वाली एक फायदेमंद तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं.
पराली के बदनाम मौसम में सांझ पंजाब ने एक अहम महत्वपूर्ण रिपोर्ट ‘लिसनिंग टू फार्मर्स ऑन सीआरएम मशीनरी’ को कुछ दिनों पहले लॉन्च किया था. इसके साथ ही एक चैटबॉट भी लॉन्च किया गया जो किसानों को पंजाबी भाषा बताता है कि आखिर उन्हें धान के पुआल को कैसे प्रबंधित करना है. ए2पी एनर्जी की तरफ से विकसित यह चैटबॉट पंजाबी भाषा में एक सरल और बातचीत पर आधारित इंटरफेस मुहैया कराता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today