आईटीसीएमएएआरएस इकोसिस्टम अब 1,650 से अधिक एफपीओ का गठन करता है जो 1.5 मिलियन से अधिक किसानों को कवर करता है. पुरी ने कंपनी की वार्षिक आम बैठक के दौरान शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि 2030 तक, हम 10 मिलियन से अधिक किसानों को जोड़ने की आकांक्षा रखते हैं.
एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल और इसकी उपयोगिता को देखते हुए ड्रोन की ट्रेनिंग देने के साथ ही पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं. राजस्थान सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार समेत कई राज्य सरकारें, कृषि विश्वविद्यालय और केंद्रीय संस्थान युवाओं को एग्री ड्रोन की ट्रेनिंग और पढ़ाई करा रहे हैं.
पंजाब इस योजना को शुरू करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश बना रहा है, जहां केंद्र 30 प्रतिशत सब्सिडी देता है. शायद इसी प्रस्ताव के कारण वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने सोमवार को टिप्पणी की थी कि बढ़ती बिजली सब्सिडी पंजाब का अपना मुद्दा है.
सीएनएच इंडिया और सार्क के कंट्री मैनेजर और मैनेजिंग डायरेक्टर नरिंदर मित्तल ने कहा, कि वो और उनकी टीम 700,000 ट्रैक्टर बनाने के बाद काफी खुश हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि 'मेड इन इंडिया' और देश में कृषि विकास को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है."
खेती-किसानी में मौसम का अपना एक अहम रोल है. कई बार गांव के किसानों को मौसम की सही जानकारी न होने से फसलों का नुकसान भी हो जाता है. ऐसे में अगर किसान अपने गांव के मौसम की सटीक जानकारी लेना चाहते हैं तो कुछ ऐप की मदद से मौसम का सारा हाल जान सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.
डॉक्टर दुष्यंत ने बताया कि पिछले साल जब हम गए थे तो सीजन ऑफ हो गया था. फलों की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं थी. फिर भी जो फल और पौधे लाए गए थे उनका एक ब्लॉक बनाकर विकास किया जा रहा है.
कम्पोस्ट स्प्रेडर मशीन खेत में कम्पोस्ट खाद फैलाने वाला एक कृषि यंत्र है, जिसे ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चलाया जाता है. यह मशीन खेत में बराबर मात्रा में खाद फैलाती है. इससे खाद की बर्बादी भी रुकती है और किसान की मजदूरी और मेहनत भी बचती है. ये कम्पोस्ट स्प्रेडर मशीन कई तरह की होती हैं, जिसमें एक पंखे वाली कम्पोस्ट स्प्रेडर मशीन होती है.
कृषि कार्य में लगे किसानों के लिए ट्रैक्टर एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि इन ट्रैक्टर में कई तरह के उपकरण लगे होते हैं जो जुताई जैसे काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने में मदद करते हैं. गोल्लापु चेतन कुमार रेड्डी के शोरूम ने नंदीकोटकुर से दोरानाला तक डीलरशिप की जिम्मेदारी ली है.
आज हम आपको एक ऐसे झोला-कुंडी आधारित सोलर एनर्जी से चलने वाली सिंचाई सिस्टम के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब पूर्वी घाट के क्षेत्र में आदिवासी किसानों में काफी लोकप्रिय हो रहा है. ये किसान द्वारा सब्जी की खेती के लिए इस सिस्टम का प्रयोग तेजी से कर रहे हैं. सिंचाई के ये सिस्टम तेजी से किसानों के बीच हिट हो रहे हैं. इनके प्रयोग से न सिर्फ फसल में इजाफा हो रहा है बल्कि उनकी आय भी बढ़ रही है.
तूत गांव में सात एकड़ में खेती करने वाले किसान लखविंदर सिंह ने कहा कि परियोजना में देरी के कारण मिर्च उत्पादक काफी चिंतित हैं. फिलहाल, यहां उत्पादित मिर्च प्रोसेसिंग के लिए राजस्थान में बेची जाती है. फिर यह बाजार में पहुंचती है.
हर कीट किसी खास रंग की ओर आकर्षित होता है. अब अगर उसी रंग की चादर पर कोई चिपचिपा पदार्थ लगाकर उसे फसल की ऊंचाई से करीब एक फुट ऊपर लटका दिया जाए तो कीट उस रंग की ओर आकर्षित होकर चादर से चिपक जाता है. फिर वह फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाता.
चौंकिए मत. यह दावा सही है. अमेरिकी शहर कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने दावा किया है कि वह हवा से बटर बनाएगी. खास बात ये कि यह बटर उस ओरिजिनल बटर की तरह ही टेस्टी होगा. यानी अब दूध के बदले हवा से मक्खन बनेगा. अच्छी बात ये है कि सेवोर नाम का यह स्टार्टअप माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स से जुड़ा हुआ है.
कांति देवी ने बताया कि कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है. इससे कीट मित्र जमीन से खत्म होते जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि देश और प्रदेश में आपदाएं बढ़ती जा रही हैं.
कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है. कृषि ड्रोन से जहां किसान कम समय और कम लागत में दवाओं और उर्वरकों का छिड़काव कर सकते हैं वही इससे उत्पादन में भी वृद्धि होती है. जिसको देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में किसानों को ड्रोन खरीदने के लिये सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. खेतों में कीटनाशक और खाद के छिड़काव के लिए
इस अभियान की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने कहा कि धान की पराली जलाना किसानों और भूमि के लिए खतरनाक है, जिसे किसान अपनी मां मानते हैं. डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बताया कि धान की पराली जलाना कृषि अवशेष प्रबंधन का कोई समाधान नहीं है.
"ग्रीनहाउस और खुले मैदान के लिए टेलीरोबोटिक लक्ष्य-विशिष्ट चयनात्मक कीटनाशक एप्लीकेटर" नामक यह तकनीक बैटरी से चलने वाली मशीन है जो लगभग 2 घंटे में एक एकड़ क्षेत्र को कवर कर सकती है. एक बार पूरी तरह चार्ज होने के बाद, यह बैटरी पर दो घंटे तक काम कर सकती है, हालांकि संचालन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.
स्मार्ट हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के माध्यम से सब्जी और बागवानी में बंपर उपज और कई लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं. यह तकनीक न केवल उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करती है. स्मार्ट हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी को अपनाकर किसान अधिक उत्पादन, उच्च गुणवत्ता और कम लागत में बेहतर रिजल्ट पा सकते हैं. यह तकनीक भारतीय कृषि को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा रही है और भविष्य में इसके और अधिक विस्तार की संभावनाएं हैं.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन में कमी आएगी, यह लोगों का भ्रम है. प्राकृतिक खेती से न तो उत्पादन कम होगा और न ही भंडारण में कमी आएगी. उन्होंने ऐसे किसानों को बधाई दी जो बिना केमिकल फर्टिलाइजर के अनाज का उत्पादन कर रहे हैं.
FARMAI इंडिया के संस्थापक और सीईओ सुभाष बोस ने कहा कि मिट्टी रहित पौधा उगाने का यह मीडियम बाजार में वग्रो ब्रांड के नाम से बिकता है. इस मीडियम का इस्तेमाल धान, गन्ना, सब्जियां और सजावट वाले पौधे उगाने के लिए किया जा सकता है.
देश के लगभग सभी राज्यों में धान की रोपाई पूरी हो चुकी है. वहीं, कई राज्य ऐसे हैं जहां के किसान DSR तकनीक से धान की खेती करते हैं. ऐसा ही एक राज्य है हरियाणा जहां DSR तकनीक से धान की रोपाई के टारगेट को पार कर लिया गया है.
इस सम्मेलन में यूपी सहित 12 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख एवं चंडीगढ़ के लगभग 500 प्रतिनिधि अपने अनुभव एवं विशेषज्ञताओं को साझा करेंगे.
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