सरकार ने संसद में बताया कि AI तकनीक खेती को अधिक वैज्ञानिक और सुरक्षित बना रही है. खरीफ 2025 के लिए 13 राज्यों में AI आधारित मानसून पूर्वानुमान भेजे गए जिससे 31-52 फीसदी किसानों ने बुआई फैसले बदले. किसान ई-मित्र, कीट निगरानी और क्रॉप मैपिंग जैसे डिजिटल टूल भी तेजी से मदद कर रहे हैं.
NHAI ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया कि ट्रैक्टर और कंबाइन हार्वेस्टर से राष्ट्रीय राजमार्ग, पुल, बाईपास और टनल के उपयोग पर किसी तरह का यूजर शुल्क नहीं लिया जाए.
आंध्र प्रदेश विशाखापत्तनम के किसान वी. गणेश ने धान की खेती को आसान और सस्ता बनाने के लिए एक शानदार 'जुगाड़' किया है. इससे धान में नर्सरी तैयार करने और रोपाई का झंझट पूरी तरह खत्म हो गया है. नतीजा यह है कि किसान को प्रति एकड़ कई हजार रुपये की बचत हो रही है और मजदूरों के पीछे भागने की भी जरूरत नहीं.
ICAR–IIVR वाराणसी द्वारा विकसित स्मार्ट IPDM पैकेज से बैंगन की फसल में कीट-रोग नियंत्रण अब होगा ज्यादा प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल. फेरोमोन ट्रैप, जैविक उपाय और जरूरत-आधारित स्प्रे से किसानों को मिलेगा अधिक लाभ और सुरक्षित उत्पादन.
इंदौर में नेशनल सोयाबीन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाला मोबाइल ऐप बनाया है, जो किसानों को सोयाबीन की फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करेगा. इस ऐप का नाम ‘सोयाबीन ज्ञान’ रखा गया है.
31 दिसंबर की डेडलाइन से पहले कपास किसान ऐप पर तेजी से रजिस्ट्रेशन बढ़ा. देशभर में 41 लाख से ज्यादा किसान जुड़े. CCI की खरीद बढ़ने से ओपन मार्केट रेट में सुधार, वहीं ऐप-आधारित रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन को लेकर किसानों में अभी भी कई सवाल.
गेहूं की खेती में अंधाधुंध यूरिया के इस्तेमाल को रोकने और लागत घटाने के लिए वैज्ञानिकों ने बेहद सस्ती और कारगर तकनीक विकसित की है. यह तकनीक किसानों को बताती है कि फसल को कब और कितनी खाद की जरूरत है. इस विधि को अपनाकर किसान प्रति एकड़ आधी यूरिया बचा सकते हैं. इससे न केवल हजारों रुपयों की बचत होती है, बल्कि फसल निरोगी रहती है और मिट्टी व पानी भी जहरीला होने से बचता है, इसके साथ ही गेहूं की पैदावार बंपर होती है.
कर्नाटक के गदग जिले के अनुभवी किसान सुरेश मल्लप्पा ने कबाड़ और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके एक अद्भुत 'सुपर मशीन' बनाई है, जो छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. यह तीन पहियों वाली डीजल चालित मशीन खेती के तीन सबसे मुख्य काम, जुताई, निराई और कीटनाशक छिड़काव, बेहद आसानी से कर देती है.
Sugarcane Farming: गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में टिश्यू कल्चर लैब स्थापना को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. प्रदेश की चीनी मिलें लैब स्थापित करेंगी. True to Type पौधों से बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और किसानों को कम क्षेत्र में ज्यादा उत्पादन मिलेगा.
सोलिस ने भारत में नया जेपी 975 ट्रैक्टर लॉन्च किया है. इसमें उन्नत जेपी टेक 4-सिलेंडर इंजन और 15F+5R ट्रांसमिशन दिया गया है. यह ट्रैक्टर ज्यादा टॉर्क, बेहतर माइलेज, आरामदायक संचालन और उच्च उत्पादकता के लिए तैयार किया गया है.
जम्मू-कश्मीर एक किसान, ने अपनी सूझबूझ और 'देसी जुगाड़' से खेती को आसान बना दिया है. उन्होंने देखा कि पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ खेतों में बड़े ट्रैक्टर चलाना मुश्किल और महंगा है. इसलिए, उन्होंने अपने 18 साल के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए डीजल के इंजन और बनावट में कुछ खास बदलाव किए. उनका यह मॉडिफाइड हल न केवल संकरे और छोटे खेतों में आसानी से घूमता है, बल्कि डीजल भी बचाता है.
05 दिसंबर को वर्ल्ड सॉइल डे मनाया जाता है. इस खास दिन पर मिट्टी से जुड़ी सभी बारीकियों को समझने के लिए आपको सॉइल हेल्थ कार्ड से जुड़ी तमाम जानकारी देते हैं. आप इसके फायदों के साथ ही इसे बनवाने का तरीका और जरूरी बातें जान लेंगे.
Varanasi News: संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश ने बताया कि एआई-संचालित (एआई) का एकीकरण डेटा विश्लेषण को और उन्नत बनाएगा जिससे स्पोर काउंट और पर्यावरणीय मापदंडों का वास्तविक समय में विश्लेषण संभव होगा. यह एआई-आधारित दृष्टिकोण रोग पूर्वानुमान मॉडलों की सटीकता को बढ़ाएगा और किसानों को उचित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा.
सोनालिका ट्रैक्टर्स ने अप्रैल और नवंबर 2025 के बीच 126,162 ट्रैक्टरों की ऐतिहासिक YTD बिक्री करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है. कंपनी की बिक्री में बढ़ोतरी मॉडर्न टेक्नोलॉजी, पावरफुल इंजन और दुनिया भर में भरोसेमंद परफॉर्मेंस की वजह से हुई है. यह उपलब्धि भारतीय खेती में तेज़ी से हो रहे मशीनीकरण और किसानों के मॉडर्न खेती की ओर बढ़ने को दिखाती है.
दिसंबर की कड़ाके की ठंड में भी आप गन्ने का 100% जमाव पा सकते हैं, बस सही वैज्ञानिक तरीका अपनाएं. सबसे पहले बीज को उपचारित जरूर करें, इससे बीज को ठंड से लड़ने की गर्मी और ताकत मिलती है. बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी का ध्यान रखें और सबसे अहम बात यह है कि गन्ने के टुकड़ों पर सिर्फ 1 से 2 इंच मिट्टी ही चढ़ाएं.
I-STEM की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन इंस्ट्रूमेंट’ सूची में शामिल होने वाला XRD उपकरण, बीएयू सबौर को मिला अब तक का सबसे बड़ा सम्मान. अब कृषि, सामग्री विज्ञान और नैनो अनुसंधान को मिलेगा बड़ा लाभ.
ICAR-ASRB-Data Breach Case: फरवरी में अलर्ट, मार्च में डेटा उड़ा और जुलाई में बनी जांच कमेटी…आईटी और साइबर से जुड़े केस की जांच करने का जिम्मा क्रॉप साइंस के विशेषज्ञ को दिया गया. मेन सर्वर का डेटा डिलीट होने के बाद आखिर तुरंत क्यों नहीं लिया गया बैकअप? यह लापरवाही है या कोई साजिश?
UP News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अन्नादाता को कृषि संबंधित डाटा एकीकृत प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा रही है. किसान अब बीज, उर्वरक, मौसम, सिंचाई, बीमा, बाजार, लॉजिस्टिक और फसल से संबंधित डाटा आसानी से प्राप्त कर रहे हैं. डिजिटल कृषि नीति को अतंराष्ट्रीय तकनीक से जोड़ा गया है.
कर्नाटक के 10वीं पास गिरीश बद्रागोंड ने अपनी सूझबूझ से कमाल कर दिया है. उन्होंने चने की खेती के लिए एक अनोखा 'सोलर ट्रिमर' बनाया है, जो बिना पेट्रोल या बिजली के सिर्फ धूप से चलता है. जहां मजदूर दिन भर में मुश्किल से 1 एकड़ कटाई कर पाते थे, यह मशीन 4 एकड़ तक का काम चुटकियों में निपटा देती है.
ICAR Appointment Dispute: प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि डॉ. अनुराधा अग्रवाल के सेलेक्शन डिटेल्स को जानबूझकर डिलीट किया गया है. डाटा डिलीट करना सेलेक्टिव था. सिर्फ सेंसिटिव रिक्रूटमेंट फाइलें ही गायब की गईं. यह कोई एक्सीडेंट नहीं है. यह जानबूझकर सबूतों को नष्ट करना है.”
ICAR controversy: पहले ICAR और कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड का कोर डेटा उड़ा, फिर बैकअप सर्वर से भी गायब हुआ रिकॉर्ड. हर भर्ती पर औसतन 15.95 लाख का खर्च, इसके बावजूद कैसे उड़ गया डेटा? अब भर्तियों का नहीं मिलेगा रिकॉर्ड, कैसे होगी जांच? कृषि मंत्रालय ने की लीपापोती, वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने पीएम मोदी को भेज दिया पूरे कांड का कच्चा-चिट्ठा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today