यूपी में मौसम का मिजाज बिगड़ने का इस महीने लगातार दूसरा दौर देखने को मिला. बीते 10 दिनों में आज दूसरी बार प्रदेश में ओलावृष्टि और तूफानी हवाओं का सिलसिला शुरू हुआ. इससे किसानों की मुसीबत बढ़ गई है.
यूपी और राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश हुई है. बारिश के साथ तेज हवा और ओलावृष्टि ने फसलों को तबाह कर दिया है. गेहूं के अलावा चने और सरसों की फसल को सबसे अधिक नुकसान है. किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
मार्च के महीने में मौसम लगातार बदला है. महीने में छह पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हुए हैं. शुक्रवार सुबह धूप खिली, लेकिन दोपहर होते-होते आसमान में काले बादल मंडराने लगे हैं. हल्की ठंडी हवा चल रही हैं. मौसम केन्द्र का कहना है कि शुक्रवार को भी पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेशभर में रहेगा. इसीलिए किसान इसकी तैयारी कर के रखें.
उत्तर प्रदेश की सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर इस बार प्राकृतिक, ऑर्गेनिक और रासायनिक विधि से गेहूं की खेती की गई है. समान क्षेत्रफल में बोई गई गेहूं की खेती से फसल की गुणवत्ता उत्पादन के साथ-साथ लागत मापने का काम किया जाएगा.
मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक बारिश का यह दौर अभी कुछ दिनों तक जारी रहेगा. शुक्रवार यानी 31 मार्च को बारिश होने की संभावना जताई गई है. दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में काले बादल छाए हुए हैं. जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बारिश कभी भी शुरू हो सकती है.
यूपी में गुरुवार को दिन ढलने से पहले एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है. अगले 3 दिनों में ओलावृष्टि, आंधी और बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों और प्रशासन को सचेत रहने का अलर्ट जारी किया है.
दिल्ली आसपास के कई राज्यों में गुरुवार शाम को बारिश दर्ज की गई. इससे लोगों को लगातार बढ़ते तापमान से राहत मिली. लेकिन उन किसानों की चिंता बढ़ गई है जिनकी खड़ी फसलें खेतों में तैयार हैं. एक दिन पहले बुधवार शाम को भी कई इलाकों में बारिश हुई थी जिससे फसलों की क्षति हुई है.
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है. तेज हवा और आंधी की वजह से मौसम काफी सुहावना हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह मौसम में काफी बदलाव होगा, जिससे लोगों को राहत मिलेगी. वहीं, किसानों के लिए यह बारिश काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है.
यूपी में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है. अगले 3 दिनों में ओलावृष्टि, आंधी और बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. विभाग ने मौसम के खराब होने से किसानों की फसल प्रभावित होने के मद्देनजर चेतावनी जारी कर बताया है किन जिलों में ओलावृष्टि या आंधी तूफान के साथ बारिश हो सकती है.
देश के कई हिस्सों में बुधवार शाम को बारिश दर्ज की गई. इस बारिश से गेहूं सहित कई फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है. दिल्ली सहित पश्चिमी यूपी में भी बारिश दर्ज की गई. इससे खेत में खड़ी फसलों की भारी क्षति होगी जिनमें गेहूं के अलावा चना और सरसों शामिल हैं. तेज हवा चलने से गेहूं को सबसे अधिक नुकसान की खबर है.
मौसम विभाग ने बारिश की स्थिति को देखते हुए हरियाणा के किसानों के लिए जरूरी सूचना जारी की है. लगातार मौसम में हो रहे बदलाव को देखते यह सूचना जारी की गई है. ऐसे में किसान अगर अपनी फसलों को बचना चाहते हैं तो पहले कर लें यह काम, नहीं होगा नुकसान.
बिहार में 30 मार्च से 1 अप्रैल के बीच फिर से बारिश होने की आशंका जताई गई है. वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि अभी कुछ दिनों के लिए खड़ी फसलों की सिंचाई ना करें. बारिश होने से सब्जियों की खेती पर असर दिखेगा.
Crop Loss Compensation: हाल ही में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण खराब हुई किसानों की फसलों का आकलन कर मई माह तक मुआवजे की रकम भेज देगी हरियाणा सरकार. बीमा न कराने वाले किसानों को सरकार 15000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से देगी मुआवजा.
उत्तर प्रदेश में 17 मार्च से लेकर 24 मार्च के बीच में बारिश और अलग-अलग हिस्सों पर ओलावृष्टि हुई जिससे गेहूं ,सरसों की फसल को काफी ज्यादा नुकसान भी हुआ. वही यह बरसात जायद की फसलों के लिए वरदान भी साबित हुई है. बारिश और ओलावृष्टि से जहां 20 से 25 फ़ीसदी तक गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है
मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान कई राज्यों में आंधी के साथ बारिश की आशंका है. वही अगले 24 घंटों के दौरान कई राज्यों में ओलावृष्टि की आशंका है. वही अगले 5 दिनों के दौरान देश के किसी भी हिस्से में लू चलने की संभावना नहीं है. ऐसे में आइए आईएमडी के अनुसार जानते हैं मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियां
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, गेहूं उगाने वाले प्रमुख राज्य - पंजाब (152%), हरियाणा (143%), उत्तर प्रदेश (191%), राजस्थान (315%), और मध्य प्रदेश (211%) - सामान्य बेंचमार्क के मुकाबले 1-25 मार्च के दौरान अधिक बारिश हुई है. अब तक, 22 राज्यों में मार्च की बारिश सामान्य स्तर से 29% अधिक थी.
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक बार फिर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बन कर आई है. खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों, चना की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा उड़द, मूंग, तिल और मसूर की फसल भी चौपट हो गई है. जिले की कई एकड़ फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं.
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से वैसे तो मनुष्य सहित सभी जीव-जंतु एवं वनस्पतियां प्रभावित होती है, फर्क सिर्फ इतना है कि इन सभी पर तेजी से बदलते मौसम चक्र का परोक्ष असर पड़ रहा है, जो समय के साथ धीरे-धीरे दिखता है. मगर, खेती किसानी एक ऐसा क्षेत्र है, जो जलवायु परिवर्तन से सीधे तौर पर प्रभावित होता है.
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का असर बुधवार से देखने को मिलेगा. इससे दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि किसान इस बेमौसम बारिश से खास खुश नहीं दिख रहे हैं. किसानों का कहना है कि यह बारिश उनके लिए बर्बादी लेकर आई है.
पंजाब और हरियाणा में कई दिनों की बारिश के बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है और अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने का अनुमान है. ऐसे में मौसम विभाग ने किसानों को पंजाब और हरियाणा में परिपक्व फसलों की कटाई फिर से शुरू करने की सलाह दी है.
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के अलग-अलग जगहों पर बारिश होने की संभावना है. जबकि छत्तीसगढ़, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में आज छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है.
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