यूपीआईटीएस में 44 एग्जिबिटर कैटेगरीज के तहत प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इनमें ओडीओपी, एग्रीकल्चर एंड हॉर्टीकल्चर, एनीमल हस्बैंड्री, फिशरीज, डेयरी डिपार्टमेंट, एफएमसीजी, फूड प्रॉसेसिंग, फर्नीचर, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट्स एंड टेक्सटाइल समेत कई अन्य कैटेगरीज शामिल हैं.
इस समय, खरीफ और रबी के मौसम के बीच 'कैच क्रॉप ' के रूप में तोरिया की खेती करके अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है. सितंबर के महीने में, खेतों में तोरिया बोया जाता है. इस फसल की कटाई 80 से 90 दिनों में हो जाती है. इसके बाद नवंबर के अन्तिम सप्ताह से लेकर दिसंबर के पहले सप्ताह तक गेहूं बुआई कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण इलाकों में युवाओं को राेजगार के साधनों से जोड़ने के लिए Rural Industrial Park यानी RIPA योजना के तहत वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध करा रही है. नतीजतन, ग्रामीण महिलाएं इस योजना का लाभ उठा कर अपने गांव और परिवार की वित्तीय हालत सुधारने में अहम भूमिका निभा रही है. ये महिलाएं रीपा के तहत गारमेंट से लेकर फ्लाई ऐश की ईंट बनाने तक का कारोबार कर रही हैं.
यहां दुकानों में किसानों के लिए अटैच टॉयलेट की सुविधा दी गई है. मंडी में किसानों के लिए वाईफाई की भी सुविधा होगी. साथ ही हाईटेक तौल मशीन के साथ पूरी मंडी सीसीटीवी कैमरे से लैस होगी.
कृषि विभाग के द्वारा अब किसानों को जैविक कीटनाशक का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है. रासायनिक खाद और कीटनाशक के बढ़ते प्रयोग से जहां अन्य और सब्जियां जहरीली हो रही है. ऐसे में किसान इनकी उपयोग को कम करके अपने उत्पादों को ज्यादा सेहतमंद बन सकता है
टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग के साथ-साथ किसानों की कई ऐसी मांगे हैं, जो सरकार के पास लंबित हैं. लेकिन सरकार किसानों के लिए कोई ठोस और पुख्ता कदम नहीं उठा रहा है.
संवाद का यह नया प्रभावशाली मंच प्रदेश सरकार से जुड़ी जनहित की सूचनाओं का त्वरित संप्रेषण करेगा. इस चैनल की खास बात यह है कि इससे कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है.
राहुल धानुका ने कहा कि यह नया उत्पाद कंपनी के मजबूत गन्ना पोर्टफोलियो को और मजबूत करेगा और गन्ना किसानों के लिए मददगार होगा. टिज़ोम चालू वित्तीय वर्ष में लॉन्च किया गया 10वां नया उत्पाद है. इसने छह जैविक, दो शाकनाशी (herbicide) और एक कीटनाशक (pesticides) किसानों के लिए खास पेश किया है.
रघुपत सिंह ने बताया कि उन्हें हमेशा से कुछ नया करने का शौक था. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों पर जाकर ट्रेनिंग भी ली. इसके बाद जब घर पर आकर अभ्यास और प्रयोग किए तो सफलता मिल गई.
किसानों का कहना है कि अगर सरकार किसानों को आधी कीमत पर ड्रोन उपलब्ध करा दे तो नैनो यूरिया का छिड़काव आसान हो जाएगा और शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा, लेकिन ड्रोन के अभाव में नैनो यूरिया का छिड़काव नहीं हो पाता है. इसलिए भिंड के किसान नैनो यूरिया के इस्तेमाल से दूर भाग रहे हैं.
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि फिलहाल देश में 150 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडार उपलब्ध है. उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता से चालू खरीफ सीजन के साथ-साथ रबी सीजन में भी किसानों की उर्वरक की आवश्यकता पूरी हो जाएगी.
Chemical Fertilizers Sales: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में यूरिया, डीएपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की मांग में भारी वृद्धि. आखिर रासायनिक खाद की इतनी कैसे बढ़ी मांग. जबकि उर्वरकों के डायवर्जन, कालाबाजारी, जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का किया जा रहा है दावा
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में यूरिया, डीएपी, पोटाश तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों वाले उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. प्रदेश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड के नतीजों के आधार पर पीएम प्रणाम योजना के तहत वैकल्पिक पोषक तत्व उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
किसान सर्दी के मौसम में बैंगन, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च और ब्रोकोली की किसान बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. अगर किसान पुराने तरीके से नर्सरी तैयार करते हैं तो समय पर सही और स्वस्थ पौध नहीं मिलती है. ये नर्सरी पौध कीट-रोगों से अछूते नहीं रहते हैं. इसके विपरीत प्रो-ट्रे तकनीक से नर्सरी पौध उगाकर सब्जियों से बेहतर उपज ले सकते हैं.
धान की फसल (Paddy Crop) में बालियां और दाने बनने लगे हैं. मौसम में अचानक हो रहे बदलाव के कारण फसलें गर्दन तोड़ (नेक ब्लास्ट) बीमारी की चपेट में आ रही हैं. धान का पौधा सूखने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. पौधा सूखने का सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ेगा. यह बीमारी मौसम में अचानक हुए बदलाव और अधिक नमी के कारण फैलती है.
किसानों के अधिकारों पर तीन दिन तक मंथन करेंगे दुनिया के डेढ़ सौ देशों के कृषि वैज्ञानिक. संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने जी-20 की सफलता पर भारत की तारीफ की. कार्यक्रम में देसी और परंपरागत किस्मों के संरक्षण के लिए छह किसान समुदायों को मिलेगा 10-10 लाख का अवार्ड.
हमारे देश में प्रचलित फसल चक्र की कुछ फसलें ऐसी हैं, जो बहुत कम लागत और बहुत कम समय में बिना अधिक परेशानी के अच्छी पैदावार देती हैं. ऐसी फसलों को आजमाकर आप काफी लाभ उठा सकते हैं. ऐसी ही फसलों में मटर भी शामिल है. इसे किसान सितंबर के आखिरी सप्ताह से सितंबर के मध्य तक कम अवधि वाली मटर की किस्मों की बुआई कर लाखों की कमाई कर सकते हैं. अगर आप भी मटर की अगेती बुआई के बारे में सोच रहे हैं तो मटर की इन टॉप 5 किस्मों की बुआई कर सकते हैं.
किसान जनार्दन सिंह ने आगे बताया कि सतावर की खेती हर किस्म की मिट्टी में की जा सकती है. इसकी सबसे ज्यादा पैदावार लाल या पहाड़ी मिट्टी में होता है. वहीं छुट्टा पशुओं से भी इसको दिक्कत नहीं होती है, क्योंकि इसके पौधे में कांटा लगा होता है.
कृषि सचिव राजशेखर ने कहा कि एफपीओ किसानों को समय पर कृषि इनपुट उपलब्ध कराने में काफी मददगार साबित होंगे. कृषि उत्पाद समय पर बाजार में पहुंचेंगे और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश भर के हर नगर निकाय व हर विकासखंड से अमृतकलश एकत्र होकर लखनऊ और फिर दिल्ली के लिए जाएंगे. लखनऊ में जहां आजादी के अमृत कलश की स्थापना हुई है.
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी ने आगे बताया कि उक्त प्रशिक्षण पूर्णतयः आवासीय होगा जिसमें प्रशिक्षण अवधि में रहना एवं खाना निःशुल्क होगा.
Copyright©2023 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today