पायलट प्रोजेक्ट में 5 जिलों के करीब 20 हजार किसानों ने ऐप के जरिए 60 हजार से ज्यादा यूरिया बैग खरीदे, अब पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी.
100 साल पूरे कर रहा CCRI जलवायु परिवर्तन, मजदूरी लागत और घटती पैदावार से निपटने के लिए नई कॉफी किस्में विकसित कर रहा है. जर्मप्लाज्म, बायोटेक्नोलॉजी और मशीनरी के जरिए किसानों को बेहतर उपज और गुणवत्ता देने की तैयारी है. बालेहोन्नूर स्थित CCRI ने कॉफी किसानों की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए दो नई अरेबिका किस्में पेश की हैं.
सीड ट्रीटमेंट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बुआई से पहले बीजों को फफूंदनाशक, कीटनाशक, ऑर्गेनिक एजेंट या पोषक तत्वों से उपचारित किया जाता है. इसका उद्देश्य बीज और शुरुआती पौधों को मिट्टी व बीज जनित रोगों, कीटों और प्रतिकूल मौसम से बचाना होता है. सर्दियों के मौसम में तापमान कम होने के कारण बीजों का अंकुरण धीमा हो जाता है.
महाराष्ट्र सरकार ने नेचुरल खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि अगले दो सालों में 2.5 मिलियन हेक्टेयर ज़मीन को नेचुरल खेती के तहत लाया जाएगा. इस पहल से किसानों का खर्च कम होगा, मिट्टी की सेहत बेहतर होगी और खेती जलवायु परिवर्तन के प्रति ज़्यादा मज़बूत बनेगी.
इफको नैनोवेंशंस ने नैनो-बेस्ड फर्टिलाइजर जैसे नैनो यूरिया और नैनो DAP बनाए हैं. इनका प्रयोग अब पूरे भारत में किसान कर रहे हैं. इन प्रोडक्ट्स से फसलें पोषक तत्वों को आसानी से सोख लेती हैं. किसानों को कम खाद की जरूरत होती है. फिर भी उन्हें बेहतर फसल मिलती है, जबकि मिट्टी और पानी भी स्वस्थ रहते हैं.
किसानों और पशुपालकों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन ज्वार के चारे की बीज बेच रहा है. इस चारे को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज पौधे और चारे वाली फसलें आसानी से मिल जाएंगी.
किसानों का कहना है कि दिनभर इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ता है और अगले दिन फिर लाइन लगानी पड़ती है. किसानों ने कहा कि वो लोग गेहूं की फसल के लिए जिस महीन खाद की मांग कर रहे हैं.
यूरिया की कालाबाजारी और अवैध भंडारण के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. उपजिला मजिस्ट्रेट फतेहाबाद स्वाति शर्मा के नेतृत्व में कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने फतेहाबाद क्षेत्र में छापेमारी कर इतने पैकेट यूरिया अवैध रूप से भंडारित पाए जाने पर सीज किया गया है.
Rajgarh Urea Crisis: राजगढ़ में यूरिया खाद को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ गई है. कागज, टोकन और बार-बार बदलते नियमों से किसान नाराज हैं. किसानों का आरोप है कि खाद ब्लैक में बेची जा रही है.
बहराइच जिले के संचालित बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति रायबोझा के उपकेंद्र शंकरपुर थाना रुपईडीहा का है, जहां किसानों को बिक्री की जाने वाली यूरिया खाद लेने गए बस्ती गांव निवासी किसान रंजीत वर्मा ने जब केंद्र संचालक पंकज मिश्रा से दो बोरी यूरिया खाद मांगी तो उन्होंने खाद देने से इनकार कर दिया और गाली दी.
लखनऊ से बहराइच तक खाद केंद्रों पर अफरा-तफरी, घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रही यूरिया, इंडो-नेपाल बॉर्डर इलाकों में हालात सबसे बदतर.
अगर किसान सच में बंपर उपज चाहते हैं, तो उन्हें सिर्फ NPK तक सीमित नहीं रहना चाहिए. मिट्टी जांच के आधार पर S, Zn और B का सही इस्तेमाल करके कम लागत में ज्यादा उत्पादन हासिल किया जा सकता है. यही तीन पोषक तत्व आज की खेती में बंपर पैदावार का असली फॉर्मूला बन चुके हैं. सल्फर, जिंक और बोरॉन तीनों मिलकर पौधे के संपूर्ण विकास में मदद करते हैं.
किसान वर्तमान समय में धान-गेहूं के अलावा सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन पेठा कद्दू का बीज बेच रहा है.
UP News: पिछले दो वर्षों में प्रदेश भर में 5,000 से ज्यादा खाद दुकानों का निरीक्षण किया गया. इस दौरान अनियमितता पाए जाने पर सैकड़ों दुकानों के लाइसेंस निलंबित और रद्द किए गए. कई मामलों में भारी जुर्माना भी लगाया गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यूरिया, डीएपी और एनपीके की कुल उपलब्धता 130 लाख मीट्रिक टन से अधिक है.
UP News: कृषि वैज्ञानिक डॉ आदित्य कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में आमंत्रित कर उन्हें बीज, पौधे और उर्वरक प्रदान किए गए हैं. इन किसानों को पैदावार बढ़ाने के तौर-तरीके प्रदान करने के साथ ही निरंतर मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है.
सूरजमुखी की खेती तिलहन फसल के अंतर्गत की जाती है. देश में सूरजमुखी को नकदी फसल के रूप में जाना जाता है. किसान सूरजमुखी की खेती रबी, जायद और खरीफ तीनों सीजन में कर सकते हैं. दिसंबर का महीना सूरजमुखी की खेती के लिए उपयुक्त समय माना जाता है.
खाद के मुद्दे पर आयोजित त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम में शामिल होने एचबीटीयू पहुंचे कृषि मंत्री से किसानों ने सीधा सवाल किया और उन्हें घेर लिया. कार्यक्रम के दौरान किसानों ने कृषि मंत्री से कहा कि उन्हें खाद सरकारी दर से कहीं अधिक कीमत पर खरीदनी पड़ रही है.
प्याज के छिलकों में पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सल्फर जैसे जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं. इनमें मौजूद क्वेरसेटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. यही वजह है कि प्याज के छिलकों से बना फर्टिलाइजर न सिर्फ ग्रोथ को बेहतर करता है, बल्कि कीट और फंगल रोगों से भी पौधों को बचाता है.
Seeds Bill 2025 का मसौदा केंद्र सरकार ने सार्वजनिक किया है. इसमें किसानों और पारंपरिक किस्मों को दायरे से बाहर रखा गया है. किसानों को बीज बचाने, बोने, बेचने और अदला-बदली का पूरा अधिकार मिलेगा, जबकि बाजार में बिकने वाले बीजों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी होगी.
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए जो 'Co 0238' किस्म कभी वरदान थी, वह अब 'लाल सड़न रोग' Red Rot के कारण मुसीबत बन गई थी, जिससे खड़ी फसलें खेतों में ही बर्बाद हो रही थी. किसानों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई और दमदार किस्म 'कोलख 16202' (COLK 16202) विकसित की है. यह नई वैरायटी न सिर्फ लाल सड़न जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है, बल्कि इसकी पैदावार भी पुरानी किस्म के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
UP News: सीएम योगी ने यह भी कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारियों की गतिविधियों की निरंतर निगरानी की जाएगी. यदि किसी स्तर पर मिलीभगत या लापरवाही सामने आती है तो खुली विजिलेंस जांच कराई जाएगी. उनका स्पष्ट संदेश था कि खाद संकट पैदा करने या कृत्रिम अभाव दिखाने की कोशिश करने वालों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है.
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