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खाद-बीज News

खरीफ फसलों की कुल बुआई 1092 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में की गई है.

खरीफ सीजन में किसानों ने जमकर बोई फसलें, धान, श्रीअन्न, तिलहन और दालों के रकबे में भारी उछाल 

Sep 11, 2024

खरीफ फसलों की कुल बुआई 1092 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में की गई है, जो बीते साल की तुलना में अधिक है. धान की बुवाई में बंपर उछाल दर्ज किया गया है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान  393.57 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष 409.50  लाख हेक्टेयर में चावल की खेती की गई है. 

नैनो डीएपी-यूरिया

पौधे की जड़ मजबूत करती है नैनो डीएपी-यूरिया, ज्यादा पानी और तेज हवा से गिरती नहीं है फसल

Sep 11, 2024

डॉ. अवस्थी ने कहा कि अभी इफको किसानों को यह सलाह दे रहा है कि वो पारंपरिक डीएपी और यूरिया से इसे करीब 50 फीसदी तक रिप्लेस करें. अभी इसका बेसल डोज न दें, सिर्फ टॉप ड्रेसिंग करें. नैनो फर्टिलाइजर के बेसल डोज को लेकर इफको रिसर्च कर रहा है. आज नहीं तो कल हम इसका बेसल डोज भी लाएंगे. जिस दिन यह सफलता मिल गई उस दिन हम किसानों से कहेंगे कि पारंपरिक यूरिया और डीएपी को छोड़ दीजिए.

गुलाब की खेती के लिए बेहतर रहते हैं ये उर्वरक (प्रतीकात्‍मक फोटो)

गुलाब को चमत्कारी फायदा देता है DAP और एनपीके, मिलाकर कर सकते हैं छिड़काव 

Sep 10, 2024

एनपीके और डीएपी को अक्‍सर पूरी खेती के लिए ही विशेषज्ञ बेस्‍ट करार देते हैं. एनपीके यानी नाइट्रोजन, फॉस्‍फोरस और पोटेशियम के अलग-अलग अनुपातों वाले उर्वरक. वहीं डीएपी यानी डायमोनियम फॉस्‍फेट और इसमें एनपीके का भी कुछ हिस्‍सा होता है. जिन क्षेत्रों की मिट्टी में फॉस्‍फोरस की कमी होती है तो वहां पर इस उर्वरक का प्रयोग होता है. गुलाब के लिए डीएपी को सबसे अच्‍छा उर्वरक माना जाता है.

राजस्थान की महिला किसान सुनीता पूर्विया ने ढैंचा की खेती और उसे खाद बनाने का तरीका और फायदे बताए.

हरी खाद के ये फायदे नहीं जानते होंगे आप, महिला किसान ने ढैंचा उगाने और खाद बनाने का तरीका समझाया 

Sep 10, 2024

महिला किसान सुनीता पूर्विया ने बताया कि ढैंचा की फसल न तो बरसात में खराब होती है और न ही गर्मी का इस पर कोई फर्क पड़ता है. खास बात ये है कि इसमें किसी भी तरह का कीट भी नहीं लगता है. उन्होंने कहा कि जब खेत में ढैंचा का पौधा 4-5 फीट ऊंचाई का हो जाए तो उसमें ट्रैक्टर से हैरो लगाकर जुताई कर देनी चाहिए. यह ढैंचा का पौधा मिट्टी में मिलकर खाद बन जाता है. 

किसानों, ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र ने 3,448 करोड़ रुपये की राहत देने की घोषणा की है.

बाढ़ पीड़ितों को खाद-बीज उपलब्ध कराएगी केंद्र सरकार, 3,448 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा

Sep 09, 2024

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत कई राज्यों में बारिश और बाढ़ की स्थितियों से कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है. आंध्र प्रदेश में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक और तेलंगाना में भी बड़े पैमाने पर सोयाबीन, कपास, धान, केला और हल्दी की फसलों को नुकसान हुआ है.

केंद्र ने 2 सहकारी एजेंसियों को सोयाबीन खरीद की जिम्मेदारी दी है

महाराष्ट्र समेत 3 राज्यों में सोयाबीन की खरीद करेंगी NCCF और NAFED, प्राइस सपोर्ट स्कीम को मंजूरी

Sep 08, 2024

कृषि मंत्रालय के अनुसार NAFED और NCCF एजेंसियां के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है, ताकि किसानों की उपज को एमएसपी पर खरीदा जा सके. इससे सोयाबीन की निचले स्तर पर कीमतों के पहुंचने से परेशान महाराष्ट्र के किसानों को राहत मिलेगी.

कृषि मंत्री ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए फसल विविधीकरण जरूरी है.

खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई फसलें करना जरूरी, कृषि मंत्री ने बताया खेत से लौकी तोड़ने का सही तरीका 

Sep 08, 2024

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए फसल का डायवर्सिफिकेशन यानी विविधीकरण ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि सब्जियों की खेती हमें बड़ा लाभ पहुंचाती है. फसल विविधीकरण के तहत खेत में बदल-बदलकर फसलें बोई जानी चाहिए. एक ही तरह की फसलें बार बार करने से खेती की उत्पादकता घटती है.

सोयाबीन की फसल के लिए कुछ जरूरी टिप्‍स

सोयाबीन की फलियों में आने लगे हैं दाने, अच्छी उपज के लिए ये उपाय करें किसान 

Sep 06, 2024

कृषि विशेषज्ञों की तरफ से सोयाबीन की फसल के लिए कुछ खास टिप्‍स बताए गए हैं. कई ऐसे टिप्‍स हैं जिनकी जानकारी होना जरूरी है और ये सोयाबीन की अच्‍छी फसल में काफी कारगर हैं. लगातार बारिश की वजह से सोयाबीन के खेतों में बहुत ज्‍यादा पानी होगा. अगर खेत में पानी जमा हो जाए तो तुरंत ऐसा उपाय करना चाहिए जिससे पानी निकल सके.  

सोयाबीन की फसल पर रोग का खतरा

सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ जाएं या पत्तियों में दिखे छेद, तो तुरंत करें ये उपाय

Sep 06, 2024

बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक का खतरा मंडराने लगता है. खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल पीली पड़ने लगती है. उसके पत्तों में छेद होने लगते हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ जाती है. बारिश के बाद मौसम साफ होता है तो खेतों में नमी की मात्रा संतुलित हो जाती है, लेकिन खेतों में खड़ी सोयाबीन पर पीला मोजेक रोग का प्रकोप शुरू हो जाता है.

सोयाबीन की फसलों में खरपतवार का खतरा

सोयाबीन के खरपतवार के लिए रामबाण हैं ये दो दवाएं, छिड़काव की सही मात्रा भी जानें

Sep 05, 2024

सोयाबीन की फसल में उगने वाले खरपतवार फसल के पोषक तत्वों और पानी का उपयोग कर उसकी वृद्धि को प्रभावित करते हैं, जिससे प्रति एकड़ उत्पादन कम हो जाता है. सोयाबीन में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए आपके लिए कारगर दवाइयों का उपयोग और उनकी उचित मात्रा जानना जरूरी है.

यूरिया की बिक्री 1.6 फीसदी बढ़कर 108.87 लाख टन हो गई.

4 महीने में खाद सब्सिडी खर्च 45 हजार करोड़ रुपये पहुंचा, अप्रैल-जुलाई के दौरान खपत में 6 फीसदी का उछाल 

Sep 05, 2024

अप्रैल से जुलाई तक जायद और खरीफ फसलों की जमकर बुवाई के चलते इस दौरान खाद सब्सिडी खर्च रकम 45 हजार करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गई है. इस दौरान खाद की खपत में 6 फीसदी उछाल भी दर्ज किया गया है.

DAP की जगह इस खाद का करें इस्तेमाल

DAP की जगह इस खाद का इस्तेमाल करें किसान, कम लागत में अधिक मिलेगी पैदावार

Sep 05, 2024

डीएपी की तुलना में एसएसपी खाद बाजार में आसानी से उपलब्ध है. डीएपी के हर बैग में 23 किलो फास्फोरस और 9 किलो नाइट्रोजन पाया जाता है. यदि डीएपी के विकल्प के रूप में एसएसपी के 3 बैग और यूरिया के 1 बैग का प्रयोग किया जाए तो पौधों को 16 किलोग्राम कैल्शियम, 24 किलोग्राम फास्फोरस, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन और 16 किलोग्राम सल्फर मिलेगा.

किसानों को फायदा देती गेंदे की यह किस्‍म

शानदार कमाई देती है गेंदे की किस्म 'हिसार ब्यूटी', 40 दिन में ही निकलने लगते हैं फूल 

Sep 04, 2024

गेंदे की किस्‍म हिसार ब्‍यूटी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. यह एक बौने आकार की किस्म है जो रोपाई के 40-45 दिनों में ही फूल देना शुरू कर देती है. इस किस्‍म का प्रयोग सजावट के लिए तो किया ही जाता है साथ ही साथ यह कई और कामों में भी प्रयोग में आती है. यह फूल देने में काफी आगे है और काफी लंबे समय तक इस पर फूल आते रहते हैं.

गुलाब के पौधे को भी कई तरह के पोषक तत्‍वों की जरूरत होती है

गुलाब के पौधे की छंटाई के बाद सूखने लगें टहनियां तो हो जाएं सावधान, तुरंत डालें ये खाद 

Sep 04, 2024

कभी-कभी कटाई-छंटाईं के बाद गुलाब की कुछ टहनियां सूखने लगती हैं. ऐसे में आपको किस तरह की खाद की जरूरत पड़ेगी, यह जानना भी बहुत जरूरी है. सभी पौधों की ही तरह गुलाब को भी जिन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती हैं उनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम सबसे अहम हैं. लेकिन इसका प्रयोग कैसे करना है, यह जानना भी बहुत जरूरी है. 

जीवाणु खाद का प्रयोग

3 तरह से करें जीवाणु खाद का प्रयोग तो पैदावार की नहीं होगी कमी, पैसे भी बचेंगे

Sep 04, 2024

जैव उर्वरक यानी जीवाणु खाद एक प्रकार का प्राकृतिक उर्वरक है जो सूक्ष्मजीवों से बनाया जाता है. यह उर्वरक पर्यावरण के लिए अच्छा है और इसका उपयोग कृषि, बागवानी, बागवानी और पौधों के पालन में किया जाता है.

प्राकृतिक खेती के कीटनाशक कौन-कौन से हैं.

क्या होता है नीमास्त्र, अग्निअस्त्र और ब्रह्मास्त्र...यह कैसे होता है तैयार? 

Sep 04, 2024

Natural Farming: अब तक भारत में 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र प्राकृतिक खेती के तहत कवर क‍िया जा चुका है. इस तरह की खेती में कोई बाहरी इनपुट इस्तेमाल नहीं क‍िया जाता. साथ ही बीजों की स्थानीय किस्मों का उपयोग क‍िया जाता है. इसल‍िए इसमें लागत कम आती है. 

धान में लगने वाला खैरा रोग

इस महीने धान में लग सकता है खैरा रोग, बचाव के लिए तुरंत डालें ये दवा

Sep 03, 2024

खैरा रोग फसल में जिंक की कमी के कारण उत्पन्न होता है, जिससे न केवल फसल की क्वालिटी खराब होती है, बल्कि फसल का उत्पादन भी 40 फीसद तक कम हो जाता है. खैरा रोग से बचने के लिए धान की रोपाई के 25 दिन के अंदर ही खेत की निराई-गुड़ाई और निगरानी शुरू कर देनी चाहिए.

अरहर और मूंग दाल की बंपर बुवाई के पीछे एमएसपी भी बड़ी वजह है.

उड़द से मोह छूटा तो अरहर और मूंगदाल पर शिफ्ट हुए किसान, कुल्थी और मोथबीन दाल के रकबे में भी तेज उछाल

Sep 03, 2024

देशभर में खरीफ सीजन के दौरान किसानों ने दालों की बंपर बुवाई की है. इस बार किसानों ने अरहर और मूंग दाल की बुवाई पर खास रुचि दिखाई है. यही वजह है कि दोनों दालों का मिलाकर रकबा करीब 9 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है.

लगातार एनपीके खाद के अधिक इस्तेमाल से मिट्टी की क्षमता 20 फीसदी तक कम हुई.

खेत की मिट्टी पर उर्वरक इस्तेमाल का बुरा असर, 80 किलो तक होने वाली उपज घटकर 16 किलो रह गई

Sep 02, 2024

रसायनिक उर्वरकों के अधिक इस्तेमाल और फसल अवशेष खेत में जलाने के चलते मिट्टी की पोषकता का ग्रेड लगातार गिर रहा है. कृषि एक्सपर्ट ने कहा कि एनपीके खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की क्षमता 20 फीसदी तक कम हो गई है. उपज मात्रा और क्वालिटी सुधार के लिए मिट्टी की सेहत सुधारने पर जोर दिया है.

अब किसान खरीद सकेंगे ऑनलाइन बीज. (सांकेतिक फोटो)

इस सरकारी कंपनी ने शुरू की बीजों की ऑनलाइन बिक्री, खरीदने के लिए किसान यहां करें ऑर्डर

Sep 01, 2024

एनएससी की इस पहल से देश भर में किसान घर बैठे ही ऑनलाइन बेहतर क्वालिटी के बीज खरीद सकेंगे. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एनएससी के देशभर में 48 क्षेत्रीय कार्यालय, 11 क्षेत्रीय कार्यालय और पांच फार्म हैं.

किसानों के लिए तीन नए उत्पाद लॉन्च किए गए

इस कंपनी ने फसलों के लिए लॉन्च कीं तीन दवाएं, हर्बिसाइड और फंगीसाइड शामिल

Aug 30, 2024

खेती में खड़ी फसलों को कई तरह के नुकसान का डर बना रहता है. कभी बारिश तो कभी कीट और फफूंदनाशक फसल को नष्ट कर देते हैं. इससे फसलों को काफी नुकसान होता है. किसानों की इसी समस्या का समाधान करते हुए एफएमसी कॉरपोरेशन ने किसानों के लिए तीन अत्याधुनिक दवाएं लॉन्च करने की घोषणा की.