रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में सब्जियों की कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि के कारण, शाकाहारी थाली की कीमत में 11 फीसदी की वृद्धि हुई. इसी तरह पिछले महीने प्याज की आवक कम होने के चलते कीमतें 53 फीसदी बढ़ गईं.
पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 7 अक्टूबर तक कुल 90,436 टन धान की आवक हुई थी, और अब तक केवल 19,912 टन की खरीद हुई है. सोमवार तक की कुल खरीद में सरकारी एजेंसी ने 11,888 टन की खरीद की, जबकि निजी व्यापारियों की हिस्सेदारी 8,023 टन थी.
जिला कृषि अधिकारी संजय कचोले ने बताया कि यह बीमारी मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के कारण होती है. उन्होंने कहा कि पिछले महीने गर्म दिन और ठंडी रातों के चलते संक्रमण के लिए अनुकूल माहौल बना. उन्होंने कहा कि इस वर्ष, जिले में अच्छी बारिश के कारण औसत आंकड़े से अधिक 60,000 हेक्टेयर से अधिक धान की खेती दर्ज की गई.
मंत्री के अनुसार, पंजाब को करीब 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की उम्मीद है, जिसके लिए करीब 5.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत होगी. पंजाब सरकार ने आगामी रबी सीजन के लिए पंजाब के किसानों के लिए उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पहले केंद्र से संपर्क किया था.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान हितैषी हैं. किसानों के साथ संवाद उनकी समस्याओं को समझने में बहुत मदद करता है. चौहान ने कहा है कि किसान महापंचायत के प्रमुख रामपाल सिंह से भी अच्छी चर्चा हुई है.
बाजार के सूत्रों का कहना है कि टमाटर की कीमतों में हर साल इस तरह की बढ़ोतरी होती है. एक महीने या एक पखवाड़े में कीमतें कम हो जाएंगी. हालांकि, यह ऐसे समय में हुआ है जब अन्य राज्यों में भी आपूर्ति कम हो गई है.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने कहा कि फसलों के गिरने से उपज में कमी आ सकती है. जिन किसानों ने पोटाश (25 किलोग्राम प्रति एकड़) डाला है, वे फसल गिरने से बच गए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा, पंजाब और यूपी में नवंबर से सितंबर महीने के दौरान ज्यादा रबी फसलों की बुवाई की जाती है. ऐसे में इस दौरान पराली जलाने के ज्यादा मामले सामने आने की आशंका है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस समस्या से निपटने के लिए जिला नियोजन अभ्यासों पर आधारित इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन तकनीकों की आवश्यकता पर भी जोर दिया है.
Lucknow News: टिकैत ने कहा, भारतीय किसान यूनियन देशभर में कृषकों की समस्याओं को लेकर विगत 38 वर्षों से लगातार संघर्ष कर रही है. सरकारों के बदलने का क्रम केंद्र व प्रदेश में जारी है, लेकिन इस कृषक वर्ग का संघर्ष भी सरकार की बदलने की नीतियों के साथ में लगातार जारी है.
सरकार ने पहले ही साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए चावल बेचना शुरू कर दिया है, जिससे इस वित्तीय वर्ष में अब तक एक लाख टन से अधिक की खरीद हुई है. इस बीच, उपभोक्ता सहकारी संस्था एनसीसीएफ सोमवार को ई-नीलामी आयोजित करेगी.
UPPBPB ने आयोजित इस परीक्षा के पहले चरण का आयोजन 23, 24 और 25 अगस्त, 2024 को किया था, जबकि दूसरा चरण 30 और 31 अगस्त, 2024 को संपन्न हुआ था. परीक्षा दो पालियों में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की गई थी.
बासमती चावल के प्रमुख निर्यातक जोसन ग्रेन के प्रबंध निदेशक रंजीत सिंह जोसन ने एफई को बताया कि भारत और ईरान के बीच चावल के व्यापार में किसी भी तरह की बाधा से किसानों और निर्यातकों दोनों को काफी नुकसान हो सकता है. वहीं, वित्त वर्ष 2023 में भारत ने देश के कुल शिपमेंट 4.55 मिलियन टन में से ईरान को एक मिलियन टन सुगंधित चावल का निर्यात किया.
पंजाब को इस सीजन में 185 लाख टन धान की बंपर फसल की उम्मीद है, जिसकी प्रोसेसिंग करने के बाद करीब 120 लाख टन चावल मिलेगा. मंत्री ने आगे कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर और गोदामों का निर्माण किया जा रहा है.
आंध्र प्रदेश के कई जिलों में किसान बड़े स्तर पर टमाटर की खेती करते हैं. यहां से दूसरे राज्यों में भी टमाटर की सप्लाई की जाती है. लेकिन बारिश से फसल बर्बादी ने विशेष रूप से अन्नामय्या, चित्तूर और अनंतपुर जिलों से टमाटर की मांग बढ़ा दी है. मदनपल्ले के एक व्यापारी के नागराजू के अनुसार, पड़ोसी राज्यों से टमाटर की बढ़ती मांग और स्थानीय आपूर्ति में वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ गई हैं.
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि जून में 29.73 लाख किसानों को 17वीं किस्त मिली थी, जबकि इस बार 1.77 लाख अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य सभी पात्र किसानों को पीएम किसान योजना में शामिल करना है.
भारतीय रिजर्व बैंक के वर्किंग पेपर में कहा गया है कि उपभोक्ता द्वारा भुगतान की गई राशि में किसानों की हिस्सेदारी टमाटर के लिए लगभग 33 प्रतिशत, प्याज के लिए 36 प्रतिशत और आलू के लिए 37 प्रतिशत होने का अनुमान है.
पूरे देश में Climate Change का असर अलग अलग रूपों में दिख रहा है. सुहाने मौसम के लिए मशहूर North Eastern State असम में गत सितंबर में मौसम का सितम जमकर देखने को मिला. मौसम वैज्ञानिक इसके लिए Heat Dome Effect को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिसकी वजह से सितंबर के अंतिम सप्ताह में भी असम का तापमान 40 डिग्री से. को पार कर गया.
खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने 18वीं किस्त के लिए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है. सरकार को उम्मीद है कि इन पैसों से किसानों को रबी फसलों की समय पर बुवाई करने में मदद मिलेगी. साथ ही वे पीएम किसान की राशि से बीज और खाद भी समय रहते खरीद पाएंगे.
किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि सरकार द्वारा एमएसपी आधारित खरीद शुरू नहीं करने के कारण किसानों को अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सितंबर के आखिरी हफ्ते में सात दिनों की छोटी सी अवधि में राजस्थान के किसानों को काफी अधिक आर्थिक नुकसान हुआ है.
छत्तीसगढ़ में पारिस्थितिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण Forest Area की पहचान हुई है. राज्य के Dense Forest वाले दंतेवाड़ा इलाके में मिले इस वन क्षेत्र में लुप्त हो रही प्राचीन वनस्पतियों का जीवंत संग्रह मिलने से इन वनस्पतियों का दायरा फिर से बढ़ाने की उम्मीद जगी है.
UP News: इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले किसानों को खुद को पंजीकृत कराना होगा. अगर आपने पंजीकरण नहीं कराया है, तो आप इस योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे.
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