कृषि विभाग और फसल बीमा के अधिकारियों का कारनामा, 145 किसानों के साथ किया फर्जीवाड़ा

कृषि विभाग और फसल बीमा के अधिकारियों का कारनामा, 145 किसानों के साथ किया फर्जीवाड़ा

यह घटना हरियाणा के फतेहाबाद जिले की है. यहां के 5 गांवों के किसानों के फसल बीमा के क्लेम खारिज हो गए. इसमें गलती किसानों की नहीं थी बल्कि कृषि विभाग और फसल बीमा कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत ने काम खराब कर दिया. फसल नुकसान के आकलन को कर दिया जिससे किसानों के क्लेम खारिज हो गए.

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कृषि विभाग और फसल बीमा के अधिकारियों का कारनामा, 145 किसानों के साथ किया फर्जीवाड़ाफर्जीवाड़े में खारिज हो गए किसानों के फसल बीमा के क्लेम (सांकेतिक फोटो-Unsplash)

फर्जीवाड़ा जो न कराए! फसल बीमा के नाम पर भी कोई लूट मचाए, तो इसे क्या कहेंगे. कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया है हरियाणा के फतेहाबाद से. ऐसा पता चला है कि हरियाणा कृषि विभाग के अधिकारियों और एक फसल बीमा कंपनी के सर्वेयर ने मिलकर फर्जीवाड़ा कर दिया. गड़बड़ भी ऐसी कि किसानों का सारा काम चौपट हो गया. उनके बीमा का क्लेम खारिज हो गया. आइए मामले को विस्तार से जानते हैं.

फतेहाबाद की इस घटना में कृषि विभाग के अधिकारियों और फसल बीमा कंपनी के सर्वे करने वालों ने मिलीभगत की. फिर बीमा से जुड़े कामगातों में फर्जीवाड़ा शुरू किया गया. किसानों को हुए फसल नुकसान को कम दिखाया गया. यहां तक कि कागजों में गड़बड़ी करके नुकसान का परसेंटेज कम किया गया. इससे फसल नुकसान का पूरा आकलन ही खराब हो गया. नतीजा ये हुआ कि किसानों के बीमा क्लेम खारिज हो गए और बीमा कंपनी फायदे में आ गई. 

क्या है पूरा मामला

फतेहाबाद के 145 किसानों के साथ ऐसी गड़बड़ी हुई है जिनका पैसा फंसा हुआ है. अब यह भी जान लेते हैं कि यह मामला कैसे प्रकाश में आया. 'दि ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट बताती है कि कुछ गांव वालों की शिकायत पर मुख्यमंत्री के फ्लाइंग स्कॉड ने जांच शुरू कराई. सूत्रों से जानकारी मिली है कि फतेहाबाद में काम देखने वाले फसल बीमा कंपनियों के कुछ अधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारियों में मिलीभगत रही. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत साल 2020 की रबी फसलों का बीमा इस इंश्योरेंस कंपनी को दिया गया था. लेकिन यहां गड़बड़ी शुरू हुई और बीमा कंपनियों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने मिलकर कागजों के साथ छेड़छाड़ कर दी.

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इस गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री के फ्लाइंग स्कॉड में तैनात सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने की है. जांच में पता चला कि 2020 की बारिश में किसानों की फसल को 30 फीसद या उससे अधिक का नुकसान हुआ. शिकायतकर्ता ने कहा है कि नुकसान के बाद दौरे पर बीमा और कृषि अधिकारी पहुंचे और आकलन में 30 परसेंट या उससे अधिक की क्षति दिखाई गई. इसे रिकॉर्ड में भी लिया गया. 

यहां से शुरू हुई गड़बड़ी

कुछ दिनों बाद सर्वे करने वाले और कृषि अधिकारियों ने मिलजुल कर कागजों में गड़बड़ी की और नुकसान को 25 परसेंट दिखा दिया. इस सूरत में उनके क्लेम खारिज होते गए. जैसे ही किसानों को इस बात की भनक लगी, उनके कान खड़े हो गए. उनके लिए यह नया मामला था क्योंकि भरोसा नहीं था कि आकलन के रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी हो सकती है. 

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किसानों को भरोसा नहीं था कि कागजों में कुछ और लिखा गया और बाद में उसे कुछ और दिखा दिया जाए. मामला थाने में पहुंचा और इस बाबत फतेहाबाद पुलिस ने कई धाराओं में कृषि विभाग के अधिकारियों और फसल बीमा कंपनी के सर्वेयर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है. फतेहाबाद जिले के 5 गावों के 145 किसानों के साथ यह गड़बड़ी हुई है और उनका क्लेम खारिज किया गया है.

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