02 अगस्त को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 20वीं किस्त जारी की. इस बार 9 करोड़ 70 लाख से अधिक किसानों के खाते में पैसे पहुंचे. आपको बता कि पिछले कुछ किस्तों के बाद से ज्यादातर लाभार्थी किसानों के नाम इस योजना से काटे गए थे जिसके चलते उनके खाते में किस्त के पैसे नहीं पहुंच पाए थे. अगर आपके खाते में भी 20वीं किस्त के पैसे नहीं पहुंचे हैं तो हो सकता है कि आपकी भी छंटनी हो गई है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए की गई थी, लेकिन सरकार का मानना है कि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो फर्जी तरीके से योजना का लाभ ले रहे हैं, जिसके चलते उनकी पहचान कर उन्हें योजना के लाभार्थियों वाली लिस्ट से बाहर किया जा रहा है. फर्जी लोगों की पहचान करने के लिए लिए सरकार ने ई-केवाईसी, लैड रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन, एक्टिव बैंक अकांउड, खाते में डीबीटी का विकल्प चालू करने, साथ ही फार्मर आईडी जैसी जरूरी चीजों को अनिवार्य कर दिया है. अगर किसान इन छोटी-छोटी चीजों को पूरा नहीं कराते तो उनकी छंटनी हो सकती है.
पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे DBT के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में भेजे जाते हैं. इस योजना में सरकार और लाभार्थी के बीच कोई तीसरा या बिचौलिया का कोई रोल नहीं होता है. किसान खुद से भी अपने खाते संबंधित जरूरी जानकारी को चेक कर सकते हैं. आप ये भी जान सकते हैं कि आपके खाते में पैसे आए या आपकी भी छंटनी हो गई है.
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खुद से जांच करने के लिए आपको पीएम किसान योजना की आधिकारीक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा. फिर 'फॉर्मर कॉर्नर' पर जाएं इसके बाद “Beneficiary Status” का ऑप्शन चुनिए. फिर अपना राज्य, जिला और गांव सिलेक्ट करें फिर गेट डेटा पर क्लिक करें. यहां आपको एक लिस्ट मिलेगी जिसमें आपके गांव के सभी लाभार्थियों की सूची मिल जाएगी, इस लिस्ट में आप अपना नाम ढूंढ लें अगर नाम दिख जाए तो पैसे भेजे जा चुके हैं, अगर नाम नहीं है तो हो सकता है कि छंटनी हो गई हो.
19वीं किस्त बिहार के भागलपुर से जारी की गई थी. जिसमें देश के कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में जानकारी दी थी की 19वीं किस्त का लाभ देश के लगभग 10 करोड़ से अधिक किसानों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खाते में भेजी गई. इस बार लगभग 9.7 करोड़ किसानों के खाते में पैसे भेजे गए हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश के लाखों किसानों के नाम काटे गए हैं. नाम कटने वाले किसानों में या तो अपात्र लोगों को हटाया गया है या फिर ऐसे किसानों की छंटनी हुई है जो जरूरी गाइडलाइंस को पूरा नहीं कर पाए थे.
सरकार ने e-KYC अनिवार्य करने के साथ ही इसके प्रचार-प्रसार में भी खूब जोर दिया था. कई ग्रामीण इलाकों में कृषि अधिकारियों की ओर से कैंप लगाकर किसानों की e-KYC कराई गई थी. इसके साथ ही मीडिया के माध्यम से भी e-KYC के लिए पटवारी या फिर कृषि संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों को किसानों तक सूचना पहुंचाने की अपील भी की थी. अगर आप वंचित किसानों में हैं तो जरूरी दिशा निर्देश का पालन कर फिर से योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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