सिक्किम के एकमात्र लोकसभा सांसद डॉ. इंद्र हंग सुब्बा ने केंद्र सरकार के सामने एक अहम मांग उठाई है. इसका सीधा असर पहाड़ी और वनक्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों पर पड़ेगा. सांसद सुब्बा ने नई दिल्ली में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर से उनके कार्यालय में मुलाकात की और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत जंगली जानवरों द्वारा की जाने वाली फसल क्षति को भी बीमा दायरे में लाने की अपील की. यह मांग ऐसे समय आई है जब देश के कई हिस्सों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और किसानों की चिंताएं केंद्र और राज्यों दोनों के लिए अहम मुद्दा बनती जा रही हैं.
सांसद कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, सुब्बा ने अपने ज्ञापन में बताया कि सिक्किम जैसे राज्यों और खासकर जंगलों के पास के इलाकों में रहने वाले के किसान अक्सर जंगली सूअर, बंदर और हिरण जैसे जानवरों से होने वाली फसल बर्बादी से त्रस्त रहते हैं. जंगली जानवरों की समस्या ने न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि किसानों का मनोबल भी तोड़ा है, जिससे कई बार किसान खेती से मुंह मोड़ लेते हैं या अपनी जमीन को बिना इस्तेमाल के छोड़ देते हैं.
पीटीआई के अनुसार सुब्बा ने ज्ञापन में यह भी जिक्र किया कि वर्तमान में पीएम फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं और कुछ अपरिहार्य जोखिमों को तो कवर करती है, लेकिन जंगली जानवरों के हमलों को इस दायरे से बाहर रखा गया है. इससे ऐसे किसान जो पहले से ही कठिन परिस्थितियों में खेती कर रहे हैं, बीमा लाभ से वंचित रह जाते हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर केंद्र सरकार इस पहल को गंभीरता से ले और जंगली जानवरों के कारण होने वाले नुकसान को भी बीमा योजना में शामिल करे, तो यह न केवल किसानों को आर्थिक सुरक्षा देगा, बल्कि प्रधानमंत्री के "किसानों की आय दोगुनी करने" के विजन को भी मजबूती प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) देश के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है. वर्ष 2016 में शुरू हुई इस योजना ने अब तक 78.41 करोड़ कृषि आवेदनों को कवर किया है और करीब 22.67 करोड़ किसानों को 1.83 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है. राज्यसभा में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने हाल ही में संसद में ये आंकड़े पेश किए.
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