प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि यानी PM Kisan योजना की राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. सरकार ने इस बात की जानकारी दी है. मंगलवार को संसद को सूचित किया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता का दायरा और मात्रा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
फरवरी 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना का उद्देश्य कृषि योग्य भूमि वाले किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को तीन समान किश्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता देना है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत से अब तक 20 किश्तों में किसानों को 3.9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है.
पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में कृषि योग्य भूमि वाले किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था. इस योजना के तहत, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किश्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ ट्रांसफर किया जाता है. पीएम-किसान योजना के तहत, उच्च आय की स्थिति से संबंधित कुछ अपवादों के अधीन, योजना का लाभ पाने के लिए कृषि योग्य भूमि प्राथमिक पात्रता मानदंड है.
किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ देश भर के सभी किसानों तक बिना किसी बिचौलिये की भागीदारी के पहुंचे. लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने योजना की शुरुआत से अब तक 20 किश्तों के माध्यम से 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है.
इस योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है और यह महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों के लिए खुला है. किसान पीएम-किसान पोर्टल, पीएम-किसान ऐप और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं. ऐसे सभी आवेदनों को संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उचित सत्यापन के बाद अनुमोदित किया जाता है. जिन मामलों में आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज़/विवरण उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं, उन मामलों में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है. राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अनुमोदन प्राप्त होने के बाद, विभाग द्वारा तुरंत लाभ की प्रक्रिया शुरू की जाती है और अगली किस्त में राशि जारी कर दी जाती है.
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र किसान इस योजना से वंचित न रहे, भारत सरकार अक्सर राज्य सरकारों के साथ समन्वय में संतृप्ति अभियान (सैचुरेशन ड्राइव) चलाती है. 15 नवंबर 2023 से विकसित भारत संकल्प यात्रा (VBSY) के तहत एक बड़ा राष्ट्रव्यापी संतृप्ति अभियान चलाया गया, जिसके दौरान 1.0 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान के अंतर्गत शामिल किया गया. इसके अलावा, नई सरकार की 100 दिनों की पहल के तहत, लगभग 25 लाख और पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत जोड़ा गया. इसके अतिरिक्त, लंबित स्व-पंजीकरण मामलों को निपटाने के लिए सितंबर 2024 से एक विशेष अभियान चलाया गया. अभियान की शुरुआत से, 30.11.2024 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 30 लाख से अधिक लंबित स्व-पंजीकरण मामलों को मंजूरी दी जा चुकी है. यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.
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