ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट इन राजस्थान योजना (TOFR) के तहत अब तक 50 लाख से अधिक पौधे बांटे जा चुके हैं. वन विभाग के मुताबिक पारंपरिक जंगलों के बाहर राज्य के सभी जिलों में बड़े स्तर पर पौधों के वितरण और रोपने का काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी साल के बजट में टीओएफआर योजना शुरू करने की घोषणा की थी. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की कोशिश की जा रही है.
इसके अलावा वन विभाग पौधों की ऑनलाइन बिक्री भी कर रहा है.
शिखर अग्रवाल ने बताया कि टीओएफआर योजना के तहत विभागों, संस्थाओं के साथ-साथ लोग भी बड़ी संख्या में पौधे ले रहे हैं. इसी रुझान को देखते हुए रियायती दरों पर राज्य सरकार की ओर से पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
इसके तहत यदि 50 हजार से दो लाख तक पौधे लिए जाते है, तो पौधों के लिए उसकी रेट से 50 प्रतिशत डिस्काउंट दिया जा रहा है. इसके अलावा यदि दो लाख से ज्यादा पौधे कोई ले रहा है तो उसे 75 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जा रहा है.
वन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट इन राजस्थान के तहत विभागों,संस्थाओं एवं आमजन द्वारा पौधे लेने के लिए विभाग की वेबसाइट / या पौधों के बारे में दी गई सारी जानकारी देख सकता है.
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यहां पौधों के नर्सरीवार एवं प्रजातिवार उपलब्धता की जानकारी भी है. कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन ही पौधों की मांग कर सकता है. विभाग की ओर से सभी ज़िलों की नर्सरियों में विभिन्न प्रजातियों के पौधों को तैयार किया जा रहा है.
शिखर अग्रवाल ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में टीओएफआर योजना के तहत विभिन्न विभागों, संस्थाओं एवं नागरिकों के सहयोग से बड़े स्तर पर पौधरोपण का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य में प्रदूषण नियंत्रण करने में अहम भूमिका अदा करेगी.
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साथ ही बेहतर पर्यावरण और आम नागरिकों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने में मील का पत्थर साबित होगी. योजना के तहत वन क्षेत्र के बाहर गोचर,ओरण,चारागाह और कई शहरी क्षेत्रों के साथ आमजन अपने घरों एवं खेतों पर पौधरोपण कर सकते हैं.
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