Rajasthan: ये कैसा मिलेट्स ईयर? सरकार के पास मोटे अनाजों के बीज ही नहीं, पढ़ें पूरी खबर

Rajasthan: ये कैसा मिलेट्स ईयर? सरकार के पास मोटे अनाजों के बीज ही नहीं, पढ़ें पूरी खबर

राजस्थान सरकार के पास मोटे अनाजों के उन्नत बीज ही नहीं हैं, जिसे वो किसानों को उपलब्ध करा सके. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि सरकार के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने खुद विधानसभा में कही है.

Advertisement
Rajasthan: ये कैसा मिलेट्स ईयर? सरकार के पास मोटे अनाजों के बीज ही नहीं, पढ़ें पूरी खबरराजस्थान में सरकार के पास मिलेट अनाजों के बीज ही नहीं हैं. GFX- Sandeep Bhardwaj

भारत सरकार की ओर से साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर घोषित किया गया है. सरकार के इस प्रस्ताव को दुनिया के 72 देशों ने समर्थन दिया है, लेकिन राजस्थान सरकार के पास मोटे अनाजों के उन्नत बीज ही नहीं हैं, जिसे वो किसानों को उपलब्ध करा सके. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि सरकार के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने खुद विधानसभा में कही है. बकौल मंत्री, “प्रदेश में वर्तमान में रागी, कंगनी, सावां, चीना, कोदो तथा कुटकी के बीज उपलब्ध नहीं हैं. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ही इन बीजों को विकसित करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद से बीज मंगाए गए हैं.”

विधानसभा में प्रश्नों का जवाब दे रहे थे कृषि मंत्री

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने यह जानकारी विधानसभा में दी है. उन्होंने कहा कि विभाग के पास किसानों के देने के लिए कि राज्य की बीज उत्पादक संस्थाओं, राजस्थान राज्य बी‍ज निगम लिमिटेड और राजस्थान राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के पास छोटे अनाजों जैसे रागी, कंगनी, सावां, चीना, कोदो, कुटकी के उन्नत बीज उपलब्ध नहीं हैं.

हैदराबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च से इन फसलों के बीज मंगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र में 99 प्रतिशत बुआई मक्का की होती है. इस क्षेत्र में मिलेट्स का उपयोग कम किया जाता है. इसीलिए छोटे मिलेट्स अनाजों के बीज उपलब्ध नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- Kharif Crops Sowing: बार‍िश की कमी से खरीफ फसलों की बुवाई पर लगा ब्रेक, कॉटन, त‍िलहन और दलहन पर बुरा असर 

मिलेट्स एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 3.37 करोड़ रुपये दिए

मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में जानकारी दी कि प्रदेश में 11 मिलेट्स एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 3.37 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है. उन्होंने बताया कि मिलेट्स एवं अन्य खाद्य सामग्री की प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निजी कम्पनियों के 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

ये भी पढ़ें- Rajasthan: ग्रीन टैक्स से सरकार ने कमाए 1024 करोड़ फिर भी दुनिया के प्रदूषित 15 शहरों में हमारे दो शहर

इनमें से 11 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए यह राशि सब्सिडी के रूप में दी गई है. राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत मिलेट्स एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए प्रदेश में एक भी किसान ने आवेदन नहीं किया है. 

क्या है मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन? 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन की घोषणा की थी. मिशन के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को उन्नत  किस्मों के बीज, सूक्ष्म पोषक तत्व एवं जैव कीटनाशी किट अनुदानित दर पर दी जा रही हैं.

साथ ही  मिलेट्स की पहली 100 प्रसंसस्करण इकाइयों की स्थापना पर अनुदान, बाजरा व अन्य मिलेट्स के संवर्धन, प्रोत्साहन व नवीनतम तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय में  मिलेट्स उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की गई है. 
 

POST A COMMENT