बीते 9 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. 2013 में IIMC से निकलकर राजस्थान पत्रिका और फिर दैनिक भास्कर तक का सफर. 2018 से 2022 तक स्वतंत्र पत्रकारिता. इस दौरान पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज, बालश्रम, जेंडर, टीबी, बंधुआ मजदूरी जैसे जमीनी मुद्दों पर लगातार काम. बंधुआ मजदूरी, एजुकेशन और स्वास्थ्य पत्रकारिता के लिए तीन मीडिया अवार्ड और छह मीडिया फैलोशिप. खबरें नौ से ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट. अब किसानतक के जरिए खेती-बाड़ी पर समझ बढ़ाना जारी.