किसान मित्र योजना पंजाब सरकार ने शुरू की है. इस योजना में पंजाब में किसान मित्रों का चयन किया जा रहा है जो किसानों को बासमती की खेती में मदद करेंगे. धान की रोपाई से लेकर धान की कटाई तक किसान मित्र पंजाब के किसानों की मदद करेंगे. इसके लिए पंजाब सरकार ने किसान मित्रों की भर्ती निकाली है. साथ ही, फील्ड सुपरवाइजर भी नियुक्त किए जा रहे हैं. पंजाब में हजारों किसान ऐसे हैं जो बरसों से धान की खेती कर रहे हैं और ऐसे किसानों को किसी एक्सपर्ट की मदद की जरूरत नहीं होती. लेकिन पंजाब के किसानों को धान के अलावा अन्य फसलों की खेती करने के लिए जोर दिया जा रहा है. इन किसानों को धान के विकल्प के तौर पर बासमती और कपास की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. अन्य धानों की तुलना में बासमती और कपास कम पानी खर्च करते हैं, इसलिए बासमती की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. ये किसान मित्र बासमती की खेती करने वाले किसानों की मदद करेंगे.
पंजाब सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, कपास प्रधान जिलों में हर गांव में एक किसान मित्र की नियुक्ति होगी जबकि बासमती वाले जिलों में हर दो गांव पर एक किसान मित्र को नियुक्त किया जाएगा.
पंजाब में कपास प्रधान जिलों में बठिंडा, मानसा, फजिल्का और मुक्तसर के नाम हैं. बठिंडा में 268, मानसा में 242, फजिल्का में 212 और मुक्तसर में 233 किसान मित्रों की नियुक्ति हो रही है. इस तरह पंजाब के कॉटन बेल्ट में 955 किसान मित्र किसानों की मदद करेंगे. बासमती बेल्ट में आने वाले जिले गुरदासपुर में 562, तरन तारन में 245, फिरोजपुर में 345, फजिल्का के बासमती ब्लॉक में 92, अमृतसर में 375 किसान मित्र नियुक्त हो रहे हैं. इस तरह पंजाब के कपास और बासमती बेल्ट में कुल 1619 किसान मित्र रखे जा रहे हैं.
किसान मित्रों की नियुक्ति 20 मार्च से लेकर 20 नवंबर, 2023 तक चल रही है. इसलिए इच्छुक उम्मीदावर इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
नियमित अंतराल पर किसान मित्र खेतों का दौरा करेंगे और किसानों से बात कर उन्हें सलाह देंगे. किसान मित्र किसानों को इस बात के लिए राजी करेंगे कि वे धान के बदले किसी और फसल की खेती करें. गांव और ब्लॉक स्तर पर किसानों को खेती की ट्रेनिंग देना और जरूरत पड़े तो किसानों को पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग में ले जाने का काम किसान मित्रों का होगा.
ये भी पढ़ें: Crop loss: फसल हुई बर्बाद तो इस राज्य ने खोले कंट्रोल रूम, किसान जरूर पढ़ लें ये खबर
किसानों को दूसरी फसल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना और एजुकेट करने का काम भी किसान मित्र करेंगे. किसानों को खेती से जुड़ी योजनाओं के बारे में बताना, सरकारी स्कीम, इंश्योरेंस, सर्वे आदि के लिए डेटा जुटाना, किसानों को कीटनाशक आदि के सही इस्तेमाल की जानकारी देना, खेती की तकनीकों के बारे में किसानों को बताना, खेती का रकबा, पैदावार को मॉनिटर करना, अपने इलाके में पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूकता फैलाने का काम किसान मित्र का होगा.
किसान मित्र बनने के लिए कम से कम दसवीं पास और होना चाहिए, 12वीं पास हो तो और भी अच्छा. कम से कम 45 साल की उम्र हो और 60 से अधिक की आयु नहीं होनी चाहिए. कपास या धान की खेती करने का अनुभव होना चाहिए. स्थानीय भाषा का ज्ञान हो. किसान मित्र के पास कम से कम दो एकड़ खेत हो जिसमें कपास या बासमती की खेती होती हो.
किसान मित्र को हर महीने कम से कम 5000 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा हर महीने परफॉर्मेंस आधारित इनसेंटिव दिया जाएगा. किसान मित्र जितना अच्छा काम करेंगे, उन्हें सरकार की तरफ से उतना ही इंसेंटिव मिलेगा.
ये भी पढ़ें: Kala Namak Rice: बासमती की तरह कैसे किसानों की ताकत बनेगा काला नमक चावल?
उम्र के अलावा जिन लोगों के पास एग्रीकल्चर में बीएससी की डिग्री है, वे ही किसान मित्र पोस्ट के लिए फॉर्म भर सकेंगे. उसके बाद कागजों की जांच होगी और नियुक्ति कर ली जाएगी. फार्म भरने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. नियुक्ति की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today