पंजाब में लैंड पूलिंग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे को लेकर शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी पंजाब में सत्ता में लौटती है, तो वह AAP सरकार द्वारा अपनी लैंड पूलिंग नीति के तहत अधिग्रहित की गई सारी ज़मीन किसानों को वापस कर देगी. ठीक उसी तरह जैसे उसने 2016 में सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के लिए अधिग्रहित जमीन किसानों को लौटाई थी.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम अपनी जान दे सकते हैं, लेकिन किसानों से एक इंच भी जमीन जबरन नहीं लेने देंगे. इसीलिए हम 1 सितंबर से 'जमीन बचाओ-पंजाब बचाओ मोर्चा' शुरू कर रहे हैं, जो मोहाली में हर दिन अनिश्चितकालीन मार्च निकालेगा.
बादल ने दावा किया कि उनकी सरकार हमेशा महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने पर किसानों को पर्याप्त मुआवज़ा देती थी. लेकिन आप नेता अरविंद केजरीवाल उपजाऊ कृषि भूमि को मूंगफली के दामों पर हड़पना और उसे 10 करोड़ रुपये के एक अभियान के तहत दिल्ली के बिल्डरों को सौंपना चाहते हैं. उन्होंने AAP सरकार पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि 30,000 करोड़ रुपये का एक गुप्त सौदा हुआ है.
उन्होंने आरोप लगाया कि 65,000 एकड़ ज़मीन के अधिग्रहण के कारण किसान पहले से ही सभी रजिस्ट्री और यहां तक कि राज्य में भूमि उपयोग परिवर्तन प्रक्रियाओं के ठप होने से समस्याओं का सामना कर रहे हैं. बादल ने कहा कि अगर हम 2027 में सरकार बनाते हैं, तो हम बाहरी लोगों को पंजाब में ज़मीन खरीदने पर प्रतिबंध लगा देंगे. उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर शिरोमणि अकाली दल सत्ता में लौटता है तो 'आटा-दाल' और 'शगुन' योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा और वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि की जाएगी.
इसके अलावा सुखबीर सिंह बादल ने यह भी दावा किया कि शिरोमणि अकाली दल हमेशा पंजाबियों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा रहा है. अगर हम 2027 में सरकार बनाते हैं, तो हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सरकारी नौकरियां केवल पंजाबियों को दी जाएं, और सभी नई कंपनियां 80 प्रतिशत तक पंजाबी कर्मचारियों की भर्ती करें. (सोर्स- PTI)
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