Crop Insurance Demand: पंजाब में हालिया बाढ़ से फसलें डूबने के बाद किसानों ने फसल बीमा योजना की मांग तेज कर दी है. किसानों का कहना है कि 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा नाकाफी है.
Shivraj singh chouhan: शिवराज सिंह चौहान ने कहा, देश के साथ-साथ विदेशों के लिए भी बनाएंगे कृषि यंत्र. कटाई के साथ अब रोपाई के लिए भी मशीनें उपलब्ध. छोटी जोत वाले किसानों के लिए किफायती कृषि यंत्र बनाना जरूरी. समृद्ध किसान और विकसित खेती हमारा लक्ष्य है.
Punjab Land Pooling Scheme: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को नई लैंड पूलिंग योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आय का एक स्थायी जरिया देना, क्योंकि कृषि अब लाभदायक उद्यम नहीं रह गई है. इस योजना के तहत, किसानों को अपनी जमीन देने के लिए स्वेच्छा से विकल्प होगा और कोई जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाएगा.
हाईवे का काम तब शुरू हुआ जब जब परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित जमीन के प्लॉट पर किसानों से कब्जा ले लिया गया, जो अपनी जमीन के लिए “अनुचित” मुआवज़े के ख़िलाफ़ विरोध कर रहे थे. 'द ट्रिब्यून' की जांच से पता चला कि किसानों ने 600 प्रतिशत ज्यादा मुआवजा दिए जाने के बाद अपनी जमीन खाली करना शुरू कर दिया.
पंजाब के स्पेशल डीजीपी ने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. पुलिस टीमों ने 874 मामलों में एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि 471 स्थानों पर पराली जलाने का कोई मामला नहीं पाया गया. हालांकि, संबंधित पुलिस स्टेशनों पर 471 मामलों की डेली डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) दर्ज की गई.
किसानों ने सरकार की सब्सिडी योजना के तहत सीटू और एक्स सीटू फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के लिए आवेदन किया है. इन मशीनों के जरिए पराली की समस्या से निपटने के लिए मदद मिलती है.
पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमरपाल सिंह ने मंत्री को बताया कि सौर पीवी पैनलों की स्थापना के लिए 436 सरकारी भवनों की पहचान की गई है और उनमें से 70 को जल्द ही पहले चरण में पैनलों से लैस किया जाएगा. पंजाब के कई जिलों के ब्लॉकों में केंद्र सरकार की योजना पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाए जाते हैं.
अगर पराली को निपटाना है तो उसके लिए बेलर मशीनें चाहिए. मगर जालंधर के किसान मशीनों के लिए तरस रहे हैं. लाखों एकड़ में पराली फैली है उसे निपटाने के लिए मुट्ठी भर मशीनें हैं. ऐसे में किसानों का कहना है कि वे पराली को आग में न झोकें तो क्या करें. आखिर इसका उपाय क्या है?
मान सरकार ने बाढ़ के कारण फसलों के हुए नुकसान के लिए मुआवजा राशि जारी की है. इसके बारे में पंजाब के मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा ने जानकारी दी. जिंपा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में फसलों के नुकसान के लिए सरकार की तरफ से 186 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है.
पंजाब के किसान पीएम किसान स्कीम से इसलिए बाहर हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने जरूरी नियमों का पालन नहीं किया है. इन किसानों ने अपना केवाईसी अपलोड नहीं किया. इन किसानों की तादाद लाखों में है. यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट.
पंजाब सरकार नौकरी का बड़ा मौका लेकर आई है. जिन लोगों ने कृषि क्षेत्र में बीएससी किया है, उनके लिए पंजाब सरकार किसान मित्र योजना लेकर आई है. इस योजना में पंजाब के कपास और बासमती के बेल्ट में किसान मित्र नियुक्त किए जा रहे हैं. नियुक्ति कैसे होगी, क्या योग्यता चाहिए, इसके लिए पूरी खबर पढ़ें.
पंजाब ने खेती में बड़ा नाम कमाया है, लेकिन उसका खामियाजा भी बहुत भुगतना पड़ा है. यहां भूजल का स्तर बहुत तेजी से गिरा है और वह 200 फीट तक चला गया है. इस स्तर को बचाए रखने और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के लिए पाइपलाइन प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में मक्का ब्रीडर के प्रिंसिपल डॉ सुरिंदर संधू ने कहा, "गेहूं के बाद मक्का बोने का चलन विनाशकारी है क्योंकि हर तीसरे दिन किसान अपने खेतों में पानी डाल रहे हैं. इससे धान की तरह ही एक और तबाही मच जाएगी. ताज्जुब इस बात को लेकर है कि डार्क जोन (जहां पानी कम है) में आने वाले जिलों के किसान भी यही तरीका अपना रहे हैं.
संगरूर के किसान गेहूं के खेत में फसल अवशेष जलाने के बाद पूरे खेत में पानी भर देते हैं ताकि राख खत्म हो सके. किसान ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकारी कार्रवाई से बचना है. खेतों में पानी भरने के लिए बिजली और पानी की बर्बादी अधिक हो रही है जिससे सरकार चिंता में पड़ गई है.
आंदोलन में उतरे किसान कहते हैं, हम सरकार से कहना चाहते हैं कि कटौती के फैसले को तुरंत वापस लिया जाए. किसानों ने कहा, प्राइवेट एजंसियां गेहूं का रेट एमएसपी से अधिक दे रही हैं जबकि सरकारी एजंसी उससे कम भाव दे रही है. यही वजह है कि किसान एमएसपी को लेकर रेलवे ट्रैक पर आंदोलन करने को उतारू हैं.
पंजाब में बारिश और ओलावृष्टि के बाद गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ा है. गेहूं की कटाई के बाद मंडियों में इसकी आवक शुरू हो गई है. गेहूं की क्वालिटी कैसी है, यह जानने के लिए एफसीआई के अधिकारी मंडियों का दौरा कर रहे हैं और गेहूं की सैंपलिंग कर रहे हैं.
अलाल गांव में कोरोना बीतने के बाद रेलवे ट्रैक को डबल करने का काम चला. रेलवे स्टेशन के लिए आधुनिक तरीके से नई बिल्डिंग भी बनाई गई. लेकिन यहां कोई भी ट्रेन नहीं रुकती. किसानों के अनुसार वे पहले भी 16 फरवरी को रेलवे स्टेशन पर धरना दे चुके हैं. मगर प्रशासन और रेलवे ने उनकी कोई बात नहीं सुनी.
बीटी कॉटन बीज के दाम केंद्र सरकार घोषित करती है और इस खरीफ सीजन के लिए अभी तक रेट सरकार ने नहीं बताए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बीज पर सब्सिडी का नियम लागू होने से किसान सही बीज की खरीद करने के लिए प्रेरित होंगे क्योंकि उन्हें जोखिम से राहत मिलने की पूरी उम्मीद रहेगी.
नई कृषि पॉलिसी पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, पंजाब में मौजूद पानी और फसलें, इन सभी बातों पर निर्भर करेगी. कृषि पॉलिसी में कृषि क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों और एक्सपर्ट की राय शामिल की जाएगी. साथ ही किसान संगठनों की मांगों को भी इसमें स्थान दिया जाएगा.
हरपाल सिंह ने फाजिल्का चीनी मिल से संबंधित वेतन और सेवानिवृत्ति बकाया राशि का भुगतान करने के लिए तुरंत 10 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया है. चीनी मिलों को पंजाब में सहकारी क्षेत्र की रीढ़ बताते हुए मंत्री ने उन्हें बचाए रखने के लिए सरकार के संकल्प को रेखांकित किया है.
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