झारखंड के कई जिलों में इस साल अच्छी सख्यां में कुओं का निर्माण किया जा रहा है. कूप निर्माण से किसानों को दो तरह से फायदा होने वाला है. पहला यह कि अब उन्हें रबी सीजन में खेती करने के लिए सिंचाई से संबंधित परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि सभी कुएं इस बार की बारिश में भर चुके हैं. दूसरा फायदा यह होगा कि अधिक संख्या में कुओं के बन जाने से भूगर्भ जलस्तर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी. बता दें कि राज्य में कुआं निर्माण के लिए बिरसा कूप निर्माण योजना चलाई जा रही है. इसके तहत राज्य भर में एक लाख कुआं बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
लोहरदगा जिले में भी योजना के तहत कुओं का निर्माण किया जा रहा है. किसान भी इस योजना का लाभ पाकर खुश हैं क्योंकि उन्हें अब अपने खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. बिरसा कूप निर्माण योजना के तहत जिले में 1609 कुओं का निर्माण किया जाना है. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1207 और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 402 कुओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. निर्धारित लक्ष्य के तहत कुल 103 कुओं के निर्माण को मंजूरी दी गई है. फिलहाल बारिश के कारण निर्माण का काम धीमी गति से चल रहा है. बारिश खत्म होने के बाद एक बार फिर से निर्माण कार्य में तेजी आएगी.
ये भी पढ़ेंः फसल प्रबंधन और उत्पादन में मदद करेंगे विदेशी वैज्ञानिक, कटाई के बाद उपज क्वालिटी बेहतर होगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोहरदगा जिले के डीडीसी ने कहा कि कूप निर्माण की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया जाता है कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि जिले के सात प्रखंड भंडरा, कैरो, किस्को, कुड़ू, लोहरदगा, पेशरार और सेन्हा में कूप निर्माण कार्य चल रहा है. कूप निर्माण के लिए कुड़ू प्रखंड में सबसे अधिक 341 कुओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य के अनुसार अब तक यहां पर 24 कुओं की मंजूरी दी जा चुकी है. जिसका निर्माण कार्य चल रहा है. बता दें कि जिले में 3 लाख 95 हजार 988 रुपये की लागत से इन सभी कुओं का निर्माण किया जाना है.
ये भी पढ़ेंः कृषि विभाग ने किसान को बता दिया सरकारी मुलाजिम, लोन माफी देने से किया इनकार
झारखंड में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चलाई जा रही बिरसा कूप निर्माण योजना में मनरेगा के तहत कार्य कराया जा रहा है. इसमें मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार भी दिया जाता है. झारखंड में इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. योजना के तहत बोल्डर से सिंचाई कूप का निर्माण करने के लिए 50 हजार और ईंट से कूप का निर्माण करने के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे. इस योजना के तहत बिरसा हरिता ग्राम योजना के लाभार्थी को प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति, घुमंतु जनजाति, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को भी योजना का लाभ मिलेगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today