तेलंगाना के निजामाबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां के एक किसान को सरकारी मुलाजिम बताकर फसल लोन देने से इनकार कर दिया. इस घटना के मीडिया में आने के बाद कांग्रेस सरकार की घोर आलोचना हो रही है. दरअसल, तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने लोन माफी स्कीम चलाई है. इसमें लाखों किसानों को लोन माफी का लाभ मिल रहा है. लेकिन इसमें ऐसी खबरें भी हैं कि कुछ किसान नाराज चल रहे हैं क्योंकि उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कुछ किसानों ने इस बाबत धरना प्रदर्शन भी किया है. इसी में यह यह निजामाबाद की घटना भी सामने आई है.
आइए पूरा मामला जान लेते हैं. सरकारी विभाग की गलती में फंसे इस किसान का नाम रोडा सुमन है जिन्होंने एक बैंक से 1.92 लाख रुपये का लोन लिया था. कायदे से इस किसान का भी लोन माफ होना चाहिए क्योंकि सरकार ने इस राशि के किसानों को लोन माफी में डाला है. लेकिन सुमन के साथ भारी धोखा हो गया. उन्हें कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे लोन माफी योजना के हकदार नहीं हैं. इसकी वजह है कि फार्मर्स इनफॉरमेशन डॉक्युमेंट में उनका नाम सरकारी मुलाजिम के नाम पर दर्ज है. यानी वे किसान नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारी हैं.
रोडा सुमन ने ज्योंहि सरकारी कर्मचारी होने की बात सुनी, वे चौंक गए. उन्हें लगा कि किसान को कैसे कोई सरकारी कर्मचारी बता सकता है. इस बात की जानकारी उन्होंने कृषि विभाग को दी. बताया कि वे किसान हैं, न कि सरकारी मुलाजिम. उन्होंने ये भी बताया कि पिछले कई साल से वे खेती कर रहे हैं. यहां तक कि परिवार का पालन-पोषण भी खेती से कर रहे हैं. लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई.
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'तेलंगाना टुडे' की एक खबर बताती है कि किसान रोडा सुमन की फरियाद को कृषि अधिकारियों ने नहीं मानी. अधिकारियों ने कहा कि लोन माफी की लाभार्थी सूची में वे उनका नाम दर्ज नहीं कर सकते क्योंकि वे सरकारी कर्मचारी के नाम से रजिस्टर्ड हैं. नाराज सुमन ने कृषि विभाग से कहा कि वे उस सरकारी दफ्तर को निर्देश दें कि उनके बारे में वेरिफिकेशन की जाए. सुमन ने कहा कि या तो उन्हें लोन माफी का लाभ दिया जाए, अन्यथा उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए.
किसान रोडा सुमन का आरोप है कि उन्हें लोन माफी योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है और किसी न किसी कारण में उन्हें भटकाया जा रहा है. वे जब भी सरकारी दफ्तर में जाते हैं, उन्हें कोई कारण बताकर लोन माफी नहीं दी जाती. कुछ न कुछ कारण बताकर उनके आवेदन को रद्द कर दिया जाता है. ऐसा देखा जा रहा है निजामाबाद के कुछ मंडलों में ऐसे किसानों की तादाद बहुत अधिक है जिन्हें लोन माफी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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तेलंगाना सरकार ने लोन माफी योजना चलाई है. अब तक तीन राउंड में किसानों के लोन माफ किए जा चुके हैं. इससे लाखों किसानों को लाभ मिला है और उनके लोन माफ हुए हैं. हालांकि कुछ किसानों की शिकायत है कि उनके कागजों में गड़बड़ है. इससे उन्हें लोन माफी का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कृषि विभाग पर आरोप लगाया है कि कागजों में खामियों की वजह से वे लोन माफी से वंचित हो रहे हैं. इन किसानों का सरकार से आग्रह है कि उन्हें भी लोन माफी में जोड़ा जाए.
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