देश में अब किसान पारंपरिक फसलों की खेती को छोड़कर कई तरह की फसलों की खेती करने लगे हैं. जिसमें फल-फूल और सब्जी शामिल है. इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकारें सब्सिडी भी देती है. ताकि किसानों की जेब पर बोझ कम पड़े और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो. इसी कड़ी में बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है. बिहार सरकार प्रदेश में फलदार पौधों की बागवानी करने पर सब्सिडी दे रही है. दरअसल राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. बागवानी फसलों से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
जिसमें फलों की खेती में किसान एक बार पौधा लगाकर कई वर्षों तक इससे कमाई कर सकते हैं. वहीं सरकार ने इस योजना के लाभ उठाने के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख की घोषणा कर दी है. आइए जानते हैं कैसे लें सकते हैं इस योजना का लाभ.
देश में कई राज्यों में जैसे, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत अन्य कई और राज्यों में बागवानी अधिक मात्रा में की जाती है. इसी को लेकर बिहार में बागवानी क्षेत्र में बढ़ोतरी करने के लिए बिहार सरकार आम, अमरूद, लीची, आंवला, कटहल और केला (टिश्यू कल्चर) के पौधे लगाने पर किसानों को सब्सिडी दे रही है.
राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत कृषकों को फलदार पौधों पर मिलेगा 50% अनुदान |
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) June 30, 2023
योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन https://t.co/LtEu7qEQA9 पर आवेदन कर सकते है।@KumarSarvjeet6
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बिहार सरकार के कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को फलदार पौधों लगाने पर इकाई लागत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दिया जाएगा. जैसे की उदाहरण के तौर पर कृषि विभाग के जानकारी के तहत एक हेक्टेयर में केले की खेती करने पर करीब सवा लाख रुपये का खर्च आता है. जिसका राज्य सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी यानी 62500 रुपये.
बागवानी फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान उद्यान विभाग की वेबसाइट के लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. वहीं सरकार द्वारा ऑनलाइन आवेदन की तारीख 15 जुलाई तक घोषित की गई है. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए किसान प्रखंड के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी या अपने जिला के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं.
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