ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार होगा आत्मनिर्भर, सूरज, हवा और कचरे से तैयार होगी बिजली!

ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार होगा आत्मनिर्भर, सूरज, हवा और कचरे से तैयार होगी बिजली!

चुनावी साल में बिहार सरकार की बड़ी पहल. मुफ्त बिजली के साथ अक्षय ऊर्जा की दिशा में तेज़ी बढ़ा रही कदम. आने वाले पांच सालों में 23,968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

Advertisement
ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार होगा आत्मनिर्भर, सूरज, हवा और कचरे से तैयार होगी बिजली!CM Nitish Kumar Announced 125 Unit Free Electricity in Bihar

चुनावी वर्ष में जहां बिहार सरकार ने आम लोगों को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना शुरू कर दिया है, वहीं अब राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ठोस पहल की जा रही है. आगामी पांच वर्षों में राज्य की बिजली व्यवस्था की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है. सरकार ने 2030 तक 23,968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके साथ ही, 6,100 मेगावाट घंटे बिजली को भविष्य के लिए संरक्षित रखने की योजना भी तैयार की गई है.

इस पहल से न केवल बिहार को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होगी, बल्कि राज्य में रोजगार के हजारों अवसर और निवेश की नई संभावनाएं भी उत्पन्न होंगी. इन प्रयासों के साथ बिहार आने वाले पांच वर्षों में ऊर्जा उत्पादक राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा.

बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ करार

ऊर्जा मंत्री विजयेंद्र यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार न सिर्फ बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि संपूर्ण देश को ऊर्जा नीति में दिशा भी दिखाएगा. इसी दिशा में राज्य सरकार ने आत्मनिर्भरता की ओर पहला बड़ा कदम उठाते हुए चार प्रमुख कंपनियों—एलएंडटी, एनटीपीसी, अवाडा ग्रुप और एसईसीआई—के साथ कुल 5,337 करोड़ रुपये का एमओयू (समझौता ज्ञापन) किया है. इस एमओयू के माध्यम से बिहार में 2,357 मेगावाट अक्षय ऊर्जा के उत्पादन का मार्ग साफ हुआ है.

सूरज, हवा और कचरे से बनेगी बिजली

राज्य सरकार की नई ऊर्जा नीति के तहत अगले पांच वर्षों में बिजली का उत्पादन सूर्य, वायु, जल और ठोस कचरे से किया जाएगा. योजना के अनुसार 18,448 मेगावाट बिजली भूमि आधारित सोलर प्लांट्स से उत्पादित की जाएगी. 1,795 मेगावाट बिजली सोलर पार्क, फ्लोटिंग सोलर और एग्री-सोलर परियोजनाओं से प्राप्त होगी. 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन घरों की छतों पर लगे सोलर पैनलों से होगा. इसके अतिरिक्त, 1,565 मेगावाट बिजली बायोमास, कचरे, वायु ऊर्जा और छोटे जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से उत्पादित की जाएगी. वहीं, 2,315 मेगावाट बिजली ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड सोल्यूशन से तैयार की जाएगी.

गांवों तक पहुंचेगा उजाला, दरें होंगी कम

सरकार द्वारा तैयार की गई योजना से न केवल बिजली की उपलब्धता में वृद्धि होगी, बल्कि दरों में भी कमी आएगी. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दरें शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा कम रखी जाएंगी. किसानों को खेती के लिए सस्ती बिजली सौर ऊर्जा से उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे लघु उद्योगों और स्टार्टअप्स को भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोत्साहन मिलेगा.

  • निवेशकों को मिल रही कई छूट
  • बिहार सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन दे रही है. इनमें प्रमुख रूप से:
  • औद्योगिक भूमि पर 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की छूट दी जा रही है. 
  • लैंड यूज़ बदले बिना काम शुरू करने की अनुमति.
  • बिजली ट्रांसमिशन और वितरण पर छूट.
  • ग्रीन टैरिफ, ऊर्जा बैंकिंग और सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा.
  • कार्बन क्रेडिट के माध्यम से अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर.
POST A COMMENT