तेलंगाना के किसानों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है. मसलन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) राज्य के किसानों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. जिसकी शुरुआत शुक्रवार से हो गई है. मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्य के 1.5 लाख एसटी किसानों समेत अन्य लाभार्थियों को चार लाख एकड़ पोडु भूमि का पट्टा देने का फैसला लिया है. मसलन, इस जमीन पर अब इन किसानों का मालिकाना हक होगा. शुक्रवार को मुख्यमंत्री केसीआर ने 12 लाभार्थियों को भू स्वामित्व के कागजात प्रदान किए. आपको बता दें कि अतीत में किसी अन्य राज्य ने ऐसा नहीं किया है. इसलिए यह चार लाख एकड़ भूमि का वितरण एक महत्वपूर्ण विकास है.
वहीं मालिकाना हक मिलने के साथ ही किसानों को दोहरा फायदा भी होगा. वहां के किसानों को जमीन मिलने के बाद राज्य में सरकार द्वारा चलाई जा रही रायथु बंधु और रायथु बीमा का भी लाभ मिलेगा.
राव ने पहले कहा था कि राज्य सरकार 1.5 लाख लाभार्थियों को चार लाख एकड़ 'पोडु' भूमि का मालिकाना हक देगी. क्योंकि पीढ़ियों से वन भूमि पर खेती करने वाले आदिवासी भूमि पट्टों की मांग कर रहे थे. उसी मांग को राज्य सरकार को पूरा कर रही है. दरअसल वहां के किसानों को जमीनों के स्वामित्व न होने के कारण वन विभाग की दया पर निर्भर होना पड़ता था. वहां पर देखा गया कि इस दौरान पिछले कुछ वर्षों में कई झगड़े और हत्याएं भी हुई. वहीं जमीन न होने के कारण इन आदिवासियों के सामने जीविका की भी संकट खड़ा हो जाता था, लेकिन, अब सरकार के इस फैसले से किसानों में काफी लाभ होगा, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी.
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तेलंगाना सरकार ने किसानों की मदद के लिए रायतू बंधु योजना की शुरुआत की थी. केसीआर सरकार राज्य के किसानों को यासंगी यानी रबी और वनकलम यानी खरीफ दोनों ही मौसमों के लिए किसानों को कुल 10,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है. तेलंगाना सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत साल 2018 में की गई थी. हालांकि पहले इस योजना के तहत किसानों को कुल मिलाकर 8000 रुपए की मदद का प्रावधान था. लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर दस हजार कर दिया गया. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए किसानों के खातों में पैसा सीधे ट्रांसफर किया जाता है. जिसके चलते किसानों को सरकार की इस योजना का बिना किसी परेशानी के लाभ मिल पाता है. राज्य सरकार की इस योजना का मकसद छोटे पैमाने के खाद्य उत्पादकों की मदद को प्राथमिकता देना है.
तेलंगाना सरकार की ओर से साल 2018 में शुरू की गई रायतू बंधु योजना का मकसद किसानों की शुरुआती निवेशों का ख्याल रखना है. इसके जरिए छोटे पैमाने पर खेती कर रहे किसानों को आर्थिक मदद मिलती है. जिससे कि वे खेती संबंधित बीज, उर्वरक या फिर मजदूरी आदि का खर्चा उठाने में सहज होते हैं. यानी कि कुल मिलाकर कहें तो एक आम किसान को राज्य सरकार की यह योजना खेती की शुरुआत के लिए संजीवनी का काम करती है. वहीं रबी और खरीफ की दोनों ही फसलों की खेती से पहले इस रकम का किसानों के खातों में पहुंचना किसानों के लिए काफी सहायक है.
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