
पूरे देश में केवल राजस्थान ऐसा राज्य है जहां किसानों से कृषक कल्याण फीस 0.50 प्रतिशत लिया जाता है. सरकार इसको 2 परसेंट तक बढ़ाने की तैयारी कर रही थी. इसके विरोध में राजस्थान की 247 मंडियों में हड़ताल रही और कामकाज ठप रहा. इस दौरान राजस्थान में करीब 300 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ. हड़ताल को देखते हुए मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से बातचीत की. इसके बाद सरकार ने अपना फैसला वापस लिया और हड़ताल समाप्त हुई. गुरुवार से सभी मंडियों में काम काज शुरू हो चुका है.
राजस्थान में किसान से कृषक कल्याण फीस के रूप में 0.50 प्रतिशत टैक्स लिया जाता है. सालों से यह टैक्स वसूला जा रहा है. सरकार इस टैक्स में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही थी और टैक्स को दो प्रतिशत वसूलने की योजना थी. सरकार ने इसके आदेश भी जारी कर दिए. इसके विरोध में प्रदेश की 247 मंडियां बंद रहीं और इनमें कामकाज ठप रहा.
बुधवार को हड़ताल के दौरान पूरे राजस्थान में करोड़ों रुपये का कामकाज प्रभावित हुआ. इन हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत मंडी व्यापारियों के साथ एक मीटिंग की. इस दौरान व्यापारियों से उनकी समस्या के बारे में बातचीत की गई. व्यापारियों ने बताया कि देश में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां मंडी टैक्स वसूला जाता है जबकि अन्य राज्यों में किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता है.
ऐसे में सीमावर्ती जिले अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सीकर, झुंझुनू सहित अन्य जिलों में काम का ज्यादा प्रभावित होता है. इन क्षेत्रों के हरियाणा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब की मंडियों में फसल बेचने के लिए जाते हैं और वहां अपनी फसलों को बेचते हैं. मंडी व्यापारियों ने सरकार से टैक्स पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की.
अलवर कृषि उपज मंडी समिति अध्यक्ष सत्य विजय ने बताया कि सरकार से हुई सीधी बातचीत में सरकार ने उनकी बात मान ली और मंडी टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की. यथावत पहले की तरह 0.50% टैक्स वसूला जाएगा. हालांकि सरकार ने अब इसको पूरी तरह समाप्त नहीं किया है. अलवर मंडी सरसों, गेहूं, कपास, गवार की बड़ी मंडी है. यहां से पूरे देश में सरसों का तेल सप्लाई होता है. सबसे ज्यादा तेल मिल भी अलवर खैरथल में आसपास के क्षेत्र में है.
सरकार से सहमति बनने के बाद व्यापारियों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया. शुरुआत में व्यापारियों ने 5 जुलाई तक हड़ताल रखने की घोषणा की थी. लेकिन सरकार से सहमति के बाद यह फैसला वापस लिया गया. मंडी व्यापारियों द्वारा हड़ताल समाप्त करने के बाद गुरुवार सुबह से सभी मंडियों में कामकाज शुरू हुआ और फसलों की खरीद शुरू की गई.(हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today