भारत में एक बार फिर मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. देश के कई राज्यों में जहां मॉनसून एक्टिव हो गया है. इसके चलते उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली-NCR में बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत और नॉर्थ ईस्ट में इस बार अच्छी बारिश होगी. मॉनसून के एक्टिव होने से खेती से जुड़ी गतिविधियां भी बढ़ गई हैं. मौसम के अलावा आप यहां किसानों को मिलने वाली सरकारी स्कीम के फायदे और अन्य किसानों से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं.
तेलंगाना सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और उनके आंध्र प्रदेश के समकक्ष एन चंद्रबाबू नायडू 16 जून को केंद्र द्वारा संचालित जल मुद्दों पर एक बैठक में शामिल होंगे. बैठक की शुरुआत केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल करेंगे. उन्होंने बताया कि तेलंगाना सरकार अपनी लंबे समय से लंबित परियोजनाओं को मंजूरी और धन मुहैया कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित पोलावरम (गोदावरी)-बनकाचारला नदी-जोड़ो परियोजना पर चर्चा होगी, सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना पक्ष पहले अपनी लंबित परियोजनाओं को मंजूरी देने पर जोर देगा. तेलंगाना सरकार ने पहले आंध्र की बनकाचारला नदी-जोड़ो परियोजना पर केंद्र को अपनी आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह तेलंगाना के हितों को नुकसान पहुंचाती है. तेलंगाना सरकार ने सोमवार को कृष्णा और गोदावरी नदी के पानी के अपने उचित हिस्से की रक्षा के लिए प्रयासों को तेज करने और केंद्र पर 'दबाव बनाने' का फैसला किया. राज्य सरकार कृष्णा नदी पर अपनी परियोजनाओं के लिए केंद्रीय मंजूरी पर जोर देगी, जल आवंटन को अंतिम रूप देगी और परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करेगी.
त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में स्थित मनु वैली चाय बागान, जो राज्य के कुल चाय उत्पादन में लगभग एक-चौथाई का योगदान देता है, जलवायु परिवर्तन और श्रमशक्ति की भारी कमी का सामना कर रहा है.पिछले तीन वर्षों में इसका उत्पादन धीरे-धीरे कम हो रहा है, एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में सालाना 90 लाख किलोग्राम प्रोसेस्ड चाय का उत्पादन होता है, और राज्य के सबसे बड़े बागान में उत्पादन 2022 में 24 लाख किलोग्राम से घटकर 2023 में 22 लाख किलोग्राम और 2024 में 21 लाख किलोग्राम रह गया है, जिससे प्रबंधन का भविष्य अनिश्चित हो गया है.
कर्नाटक में किसानों को एक बड़ी जीत हासिल हुई है. यहां पर सरकार ने देवनहल्ली तालुका के पास उद्योग के लिए किसानों की कृषि भूमि का अधिग्रहण बंद करने का फैसला किया था. किसान पिछले काफी समय से इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.अब मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार ने अधिग्रहण रद्द कर दिया है.
हिमाचल प्रदेश में बरसात से फिलहाल राहत मिलती हुई नजर नहीं आ रही है. 20 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश के अधिकतर स्थानों में भारी से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. मौसम विज्ञान केंद्र ने जिला मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, शिमला, सोलन जैसे जिलों में भारी बारिश का अनुमान जताया है. इसको देखते हुए अलर्ट भी जारी किए हैं. अब तक मॉनसून सीजन के दौरान प्रदेश के 9 जिलों में बदल सामान्य से ज्यादा बरसे हैं. मंडी में सबसे ज्यादा सामान्य से 91 फ़ीसदी अधिक बारिश रिपोर्ट की गई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला में मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि बीते 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर, शिमला और मंडी में मध्यम स्तर की बारिश दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि 14 जुलाई से 20 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश में बारिश का क्रम जारी रहने का पूर्वानुमान है. 14 और 15 जुलाई को प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है. इसे देखते हुए जिला कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सोमवार को एक किसान को बाघ ने मार डाला. बाघ ने उसकी गर्दन और छाती पर पंजे मारे और फिर उसे लगभग 20 मीटर दूर गन्ने के खेत में घसीट ले गया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. यह घटना, जो इस क्षेत्र में दो महीनों में बाघ का छठा हमला है, बारी फुलहर गाँव में उस समय हुई जब 39 वर्षीय दयाराम सुबह-सुबह अपनी गन्ने की फसल देखने के लिए घर से बाहर निकले थे. जैसे ही वह खेत में दाखिल हुए, घात लगाए बैठे एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी गर्दन और छाती पर घातक चोटें आईं और उनका शरीर खेत में और अंदर घसीट गया. उनकी चीखें सुनकर किसान मौके पर दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. दयाराम पहले ही दम तोड़ चुके थे. भीड़ को देखकर बाघ पास की एक नहर पार करके दूसरे खेत में भाग गया. (पीटीआई)
विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा में बीजों और उर्वरकों की कमी पर चर्चा की मांग की. कांग्रेस का दावा है कि इस कमी के कारण चालू फसल सीजन में कृषि गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए, विपक्ष के नेता चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार खरीफ सीजन 2025 के लिए उर्वरकों और बीजों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है.
जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले के किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. मानसर पंचायत में मक्के की फसल पर फॉल आर्मीवर्म के कहर से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ऐस किसान करनैल सिंह ने बताया कि उनकी ज्यादातर फसलें कीड़ों ने बर्बाद कर दी हैं. सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है.इतनी बर्बादी से उनकी आमदनी पर असर पड़ेगा.
झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी के बीच मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को झारखंड के 19 जिलों के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है. आईएमडी के सुबह के बुलेटिन में गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गढ़वा, पलामू, कोडरमा, गिरिडीह, जामताड़ा, देवगढ़, दुमका और रांची जिलों के लिए बुधवार शाम 5.30 बजे तक अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. बुलेटिन में कहा गया है कि गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, कोडरमा और हज़ारीबाग में मंगलवार सुबह 8:30 बजे से बुधवार सुबह 8:30 बजे तक भारी से बहुत भारी बारिश का 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया गया है.पलामू, चतरा, हज़ारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह के लिए 16 जुलाई सुबह 8:30 बजे से 17 जुलाई सुबह 8:30 बजे तक इसी तरह की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग ने बुधवार सुबह 8:30 बजे तक रांची समेत झारखंड के 10 ज़िलों में भारी बारिश का 'येलो' अलर्ट जारी किया है.
मध्य प्रदेश आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में इस मानसून सीजन में सोमवार तक सामान्य औसत से 76 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिसमें टीकमगढ़ जिले में 1 जून से अब तक 828.3 मिलीमीटर बारिश के साथ सबसे ज़्यादा बारिश हुई है. वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वी.एस. यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में 1 जून से 30 सितंबर के बीच औसत मानसूनी बारिश 1024 मिमी रही. मध्य प्रदेश में मॉनसून 16 जून को पहुंचा था. आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से राज्य भर में बारिश की तीव्रता में कमी आएगी. आईएमडी भोपाल केंद्र के मौसम विज्ञानी अभिलाष श्रीवास्तव ने बताया, 'मध्य प्रदेश में 1 जून से 14 जुलाई तक औसत 260 मिमी के मुकाबले 456.6 मिमी बारिश हुई है. यह 76 फीसदी ज्यादा है. टीकमगढ़ में औसत 250.4 मिमी के मुकाबले 828.3 मिमी बारिश हुई. शिवपुरी में औसत 204.8 मिमी के मुकाबले 632.7 मिमी बारिश हुई है, जबकि श्योपुर में औसत 161.3 मिमी के मुकाबले 612 मिमी बारिश दर्ज की गई है.' जबकि राज्य के तीन जिले ऐसे हैं जहां पर 200 मिमी से कम बारिश हुई है. इंदौर, आगर मालवा और बुरहानपुर में कम बारिश दर्ज की गई है.
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि 8 और 9 जुलाई को हुई भारी बारिश के बाद विदर्भ क्षेत्र में राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं. राज्य के पूर्वी हिस्से में नागपुर और अमरावती संभागों में हाल ही में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे व्यापक नुकसान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप आठ लोगों की मौत हो गई और घरों और फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, गढ़चिरौली और चंद्रपुर जिलों में बाढ़ आई. महाजन ने विधानसभा में एक बयान में कहा कि प्रभावित नागरिकों तक तुरंत और पारदर्शी तरीके से सहायता पहुंचाने के लिए सभी प्रशासनिक तंत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है. उन्होंने बताया कि 30 मई के सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, जिनके घर ढह गए हैं, उन्हें जिला स्तर पर वित्तीय सहायता पहले ही वितरित की जा चुकी है, जबकि विक्रेताओं और छोटे दुकानदारों को घरेलू बर्तन और कपड़े जैसी सहायता प्रदान करने की समय सीमा 28 जुलाई, 2023 के एक प्रस्ताव के तहत बढ़ा दी गई है. महाजन ने बताया कि जिला कलेक्टरों को आपदा राहत से संबंधित निर्णय लेने का पूरा अधिकार दिया गया है. उन्होंने बताया कि 20,854 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है और 29,920 किसान प्रभावित हुए हैं.
कोटा बैराज के 12 गेटों से पानी छोड़े जाने के बाद अचानक जलस्तर बढ़ने से सोमवार दोपहर चंबल नदी में पांच युवक बह गए. दीगोद पुलिस स्टेशन के एसएचओ पुरुषोत्तम मेहता ने कहा, 'लापता हुए पांच युवकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है क्योंकि बचाए गए व्यक्ति इस समय विस्तृत जानकारी देने की स्थिति में नहीं हैं.' जयपुर में, जयपुर मेट्रो स्टेशन के एक खंभे के पास सड़क का एक हिस्सा धंस गया, जिससे लगभग 12 फीट चौड़ा सिंकहोल बन गया. धौलपुर के बाड़ी इलाके में रविवार को उफनती बामनी नदी पार करते समय एक युवक बह गया. विभाग ने 15 जुलाई को कोटा, अजमेर और जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, जबकि कुछ स्थानों पर बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है. बीकानेर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ इलाकों में मध्यम से भारी बारिश जारी रह सकती है. 16 जुलाई को जोधपुर, बीकानेर और अजमेर संभाग में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार, 17 जुलाई से पूर्वी राजस्थान और 18 जुलाई से पश्चिमी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कमी आने की उम्मीद है.
मौसम विभाग (आईएमडी) ने हिमाचल प्रदेश के छह जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले दो दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया गया है. साथ ही, 20 जुलाई तक राज्य भर में बारिश जारी रहने की चेतावनी भी दी गई है. मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा के अनुसार, पिछले 24 घंटों में शिमला, सिरमौर, कुल्लू और मंडी सहित कई जिलों में मध्यम बारिश दर्ज की गई.उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बारिश राजगढ़ (सिरमौर जिला) में 72 मिमी दर्ज की गई, जबकि ऊना, बिलासपुर और सोलन जैसे जिलों में हल्की बारिश हुई. शर्मा ने कहा कि 15 जुलाई को, हमें ज़्यादातर मध्य-पहाड़ी और निचले-पहाड़ी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है. हालांकि, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर ज़िले आज भारी से भारी बारिश की संभावना के कारण ऑरेंज अलर्ट पर हैं और यह गतिविधि कल भी जारी रहेगी. 15 जुलाई के लिए, सोलन, शिमला और सिरमौर ज़िलों में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कुल्लू जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. हिमाचल में सक्रिय मॉनसून का यह दौर 16 जुलाई से 20 जुलाई तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसके दौरान ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है.इस मॉसून सीजन में अब तक राज्य में सामान्य से 19 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. शिमला और मंडी जिलों में औसत से लगभग दोगुनी बारिश हुई है, जबकि किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में मौसमी औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. बाकी सभी जिलों में अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को 14 से 18 जुलाई तक आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का अनुमान जताया है. साथ ही, राज्य के कुछ हिस्सों में गर्मी और उमस की स्थिति भी बनी रहेगी. मौसम विभाग ने इस दौरान उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश (एनसीएपी), यनम, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश (एससीएपी) और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का भी अनुमान जताया है. मौसम विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'एनसीएपी, यनम, एससीएपी और रायलसीमा के कुछ स्थानों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है.' गरज के साथ बारिश के अलावा, 18 जुलाई से तीन दिनों तक एससीएपी और 18 जुलाई से दो दिनों तक रायलसीमा में भारी बारिश का अनुमान है.
राजस्थान में पिछले 24 घंटों में मानसून की सक्रियता तेज़ रही है, कोटा जिले के खतौली में सबसे ज्यादा 198 मिमी बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के ऊपर बना एक परिसंचरण तंत्र कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है और वर्तमान में राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से और आसपास के इलाकों में स्थित है. इस तंत्र के कारण कोटा, अजमेर, जोधपुर और उदयपुर डिविजन के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, जबकि कई अन्य स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हुई. पश्चिमी राजस्थान के पाली में सोमवार सुबह तक 167 मिमी बारिश हुई. पूर्वी राजस्थान के कई स्थानों और पश्चिमी क्षेत्र के कई इलाकों में गरज के साथ बिजली चमकी और मध्यम बारिश हुई. जोधपुर में भारी बारिश के कारण मुख्य रेलवे स्टेशन पर जलभराव हो गया, पटरियां पानी में डूब गईं जिससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई. तिंवरी समेत कई इलाकों में सड़कें पानी में डूब गईं.
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