बिहार में मॉनसून की दस्तक के साथ ही नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है और कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इस संकट के समय केवल इंसानों की नहीं बल्कि मवेशियों की सुरक्षा भी सरकार की प्राथमिकता में है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने बाढ़ जैसी आपदा की घड़ी में पशुओं के लिए निशुल्क चारा वितरण की व्यवस्था का ऐलान किया है. इसके लिए अस्थायी शिविर लगाए जाएंगे ताकि प्रभावित क्षेत्रों के पशुपालकों को राहत मिल सके.
विशेषज्ञों के मुताबिक आपदा के समय मवेशियों के लिए तय मानक के अनुसार चारा मुहैया कराया जाएगा. बड़े जानवरों के लिए प्रतिदिन 6 किलोग्राम, छोटे जानवरों के लिए 3 किलोग्राम और भेड़-बकरियों के लिए 1 किलोग्राम चारा की जरूरत मानी गई है. इसी आधार पर तीन से सात दिन तक का चारा मुफ्त वितरित किया जाएगा. इसी मानक को ध्यान में रखते हुए तीन दिन से लेकर एक सप्ताह तक के लिए चारा वितरित किया जाता है. चारा वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए पहले ही प्रभावित पशुपालकों को टोकन वितरित किया जाएगा. टोकन के आधार पर ही शिविर में चारा प्राप्त किया जा सकेगा.
चारा वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए प्रभावित पशुपालकों को पहले टोकन दिया जाएगा. टोकन के आधार पर ही शिविरों में चारा उपलब्ध कराया जाएगा. विभाग का कहना है कि यह व्यवस्था पशुओं की संख्या और प्रकार के हिसाब से की जाएगी. जिला प्रशासन की मदद से यह शिविर संचालन में लाए जाएंगे. पशुपालक अधिक जानकारी के लिए पशुपालन निदेशालय, बिहार, पटना के आपदा कोषांग टेलीफोन नंबर 0612-2230942 और पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना के नंबर 0612-2226049 पर संपर्क कर सकते हैं.
बाढ़ के दौरान अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि लोग तो किसी तरह बच निकलते हैं लेकिन मवेशियों के लिए चारे की कमी जानलेवा साबित होती है. सरकार की यह पहल बाढ़ग्रस्त इलाकों के हजारों पशुओं को जीवनदान दे सकती है. साथ ही पशुपालकों को भारी राहत भी मिलेगी. पशुपालकों को बारिश के दिनों में सबसे बड़ी समस्या चारे को लेकर होती है. लेकिन सरकार ने इसकी जिम्मेदारी ले ली है, तो यह टेंशन अब कम हो गई है. किसान सरकार की मदद से पशुओं के चारे की सुविधा ले सकेंगे. इस सुविधा के लाभ उन क्षेत्रों में अधिक कारगर होगा जो नदियों के तटीय इलाके हैं और चहां सबकुछ बाढ़ के पानी में डूबा रहता है.
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