Reserve Price: गेहूं और चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमत बढ़ी, जानिए क्या है सरकार का नया फैसला

Reserve Price: गेहूं और चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमत बढ़ी, जानिए क्या है सरकार का नया फैसला

Reserve Price: सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत गेहूं, चावल और टूटे चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमतों में वृद्धि की है. जानिए नई दरें, बिक्री सीमा और किसे कितना फायदा मिलेगा.

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गेहूं और चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमत बढ़ी, जानिए क्या है सरकार का नया फैसलाअनाजों की आरक्षित कीमत बढ़ी

सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत बेचे जाने वाले गेहूं, चावल और टूटे चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमत (Reserve Price) बढ़ाने का फैसला किया है. यह फैसला 26 जून को सचिवों की समिति (Committee of Secretaries - CoS) की बैठक में लिया गया. अब गेहूं की बिक्री 2,550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी, जो कि पहले 2,325 रुपये और 2,300 रुपये थी. यह नई दर 2025-26 रबी विपणन सीजन से लागू होगी. चावल की नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी और तब तक पुरानी दरें (2,250 रुपये) 31 अक्टूबर तक मान्य रहेंगी.

टूटे चावल और एथेनॉल उत्पादन

टूटे चावल, जो डिस्टिलरियों को एथेनॉल उत्पादन के लिए बेचा जाता है, की नई दर 2,320 रुपये प्रति क्विंटल होगी (पहले 2,250 रुपये थी). इसकी बिक्री की अधिकतम सीमा 52 लाख टन तय की गई है.

ओएमएसएस के तहत क्यों होती है बिक्री?

खाद्य महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार समय-समय पर FCI (भारतीय खाद्य निगम) के गोदामों में मौजूद गेहूं और चावल को खुले बाजार में बेचती है. अभी FCI के पास भरपूर भंडार है:

  • चावल: 37.99 मिलियन टन
  • कच्चा धान: 32.25 मिलियन टन (जिससे लगभग 21.6 मिलियन टन चावल निकलेगा)
  • गेहूं: 36.92 मिलियन टन
  • मोटे अनाज: 0.46 मिलियन टन

भारत ब्रांड चावल की बिक्री

राज्य सरकारों और उनके निगमों को अब चावल 2,320 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा (पहले 2,250 रुपये थी). इसकी अधिकतम बिक्री सीमा 32 लाख टन होगी. भारत ब्रांड चावल बेचने वाले केंद्रीय सहकारी संगठनों जैसे NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार को अब चावल 2,480 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा (पहले 2,400 रुपये).

निजी व्यापारियों के लिए नई दरें

  • साधारण चावल (25% टूटे हुए): ₹2,890 प्रति क्विंटल (पहले ₹2,800)
  • मिल ट्रांसफॉर्मेशन योजना के तहत चावल (10% टूटे हुए): ₹3,090 प्रति क्विंटल (पहले ₹3,000)
  • मिल ट्रांसफॉर्मेशन योजना के तहत टूटे चावल: ₹2,320 प्रति क्विंटल (पहले ₹2,250)

मोटे अनाज की आरक्षित कीमतें

CoS ने मोटे अनाजों की निम्नलिखित न्यूनतम आरक्षित कीमतें तय की हैं, जो 30 जून 2026 तक मान्य होंगी:

  • बाजरा (Bajra): 2,775 रुपये प्रति क्विंटल
  • रागी (Ragi): 4,886 रुपये प्रति क्विंटल
  • ज्वार (Jowar): 3,749 रुपये प्रति क्विंटल
  • मक्का (Maize): 2,400 रुपये प्रति क्विंटल

इन कीमतों में परिवहन लागत भी जोड़कर अंतिम बिक्री मूल्य तय किया जाएगा.

स्टॉक का प्रबंधन और इमरजेंसी

FCI यह तय करेगा कि किस समय और कितनी मात्रा में गेहूं और चावल बेचा जाए, ताकि PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के लिए आवश्यक स्टॉक और बफर स्टॉक बना रहे. इसके अलावा, आपात स्थिति के लिए 20 लाख टन गेहूं और 30 लाख टन चावल का अतिरिक्त स्टॉक भी रखा जाएगा.

1 जुलाई से भारत ब्रांड चावल बेचने वाले संगठनों को 200 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता राशि अब नहीं मिलेगी. यह सहायता पहले कीमत स्थिरीकरण फंड से दी जाती थी. सरकार का यह कदम महंगाई नियंत्रण, स्टॉक प्रबंधन और एथेनॉल उत्पादन जैसे उद्देश्यों को संतुलित करने की दिशा में उठाया गया है. इससे किसानों को भी बेहतर दाम मिलेंगे और बाजार में संतुलन बना रहेगा.

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