मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है और आखिरी तारीख अब नजदीक है. ऐसे में राज्य सरकार और प्रशासन ने किसानों से समय से फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की है. वहीं, मंगलवार को प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने एमएसपी पर मूंग खरीद के लिए 3.51 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा है और उड़द की खरीद के लिए 1.23 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य तय किया है.
सीएम ने जानकारी दी कि 30 जून तक 2 लाख 94 हजार किसानों मूंग बेचने के लिए लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और 11 हजार 495 किसानों ने उड़द बेचने के लिए रजिस्ट्रेश कराया है. वहीं, अब रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 6 जुलाई नजदीक है. इसके बाद 7 जुलाई से दोनों दलहन फसलों की उपार्जन केंद्रों पर खरीद शुरू हो जाएगी. वहीं, खरीद की प्रक्रिया 6 अगस्त तक चलेगी. सरकार की ओर से मध्य प्रदेश के 36 जिलों जिलों में मूंग और 13 जिलों में उड़द की खरीद की जाएगी, जिसके लिए केंद्र बना दिए गए हैं.
1. आधार कार्ड, 2. नेशनलाइज्ड बैंक या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का अकाउंट नंबर और IFSC कोड, जो आधार से लिंक हो, 3. भू-अधिकार लोन बुक की स्व-प्रमाणित फोटोकॉपी
प्रदेश सरकार ने हर खरीद केंद्र पर "व्यवस्था उपार्जन समिति" बनाने का ऐलान किया है. ये समितियां खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर काम करेंगी और प्रक्रिया को आसान बनाने में भूमिका निभाएंगी. साथ ही यह ध्यान रखेंगी कि किसानों को प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
बता दें कि 13 जून को सीएम मोहन यादव ने जायद मूंग और उड़द की खरीद का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की जानकारी दी थी. इससे पहले तक राज्य सरकार खरीद को लेकर सस्पेंस बनाए हुई थी और खुलकर कुछ नहीं कह रही थी. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफसरों के बयान के कारण भी बवाल मचा हुआ था, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार मूंग में रासायनिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल के कारण ‘जहरीली’ मूंग नहीं खरीदेगी. हालांकि, किसानों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने खरीद का प्रस्ताव भेजा और केंद्र ने भी इसे मंजूरी दे दी. वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने भी मामले को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की थी कि वह किसानों से दाल खरीदने में टालमटोल कर रही है.
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