उत्तर प्रदेश में खाद को लेकर काफी मारामारी चल रही है. रोज किसी ने किसी जिले से अव्यवस्था, मारामारी की तस्वीरें, वीडियो सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खाद की किल्लत पर योगी सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताया चाहिए किसानों के लिए खाद कहा है? दरअसल खाद है ही नहीं किसान के लिए. अखिलेश ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में किसान खाद के लिए लाइन में लगकर इंतजार कर रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि बलरामपुर में खाद लेने के लिए लाइन में लगे थे, जान से हाथ धोना पड़ा. सरकार बताए कि खाद कहां है? उन्होंने कहा कि बिजनौर में बड़ी संख्या में गुलदार लोगों को अपना शिकार बना रहा है. किसानों और बच्चों की, परिवार के लोगों की जो खेती करने जा रहे हैं, रात में सो रहे हैं, उन पर गुलदार हमला कर रहे हैं. नवाबगंज में एक को घायल कर दिया. जितने भी हमारे जंगल से जुड़े जिले हैं बिजनौर हो, लखीमपुर हो या बलरामपुर हो, इस तरह की सूचनाएं आईं कि जहां पर जानवर जान ले रहे हैं.
उधर, योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश में कुल 6.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.02 लाख मीट्रिक टन एनपीके की उपलब्धता है. इसका अर्थ है कि खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है. मुख्यमंत्री योगी ने किसानों से अपील कि वे खाद का अनावश्यक भंडारण न करें. जितनी जरूरत हो, उतनी ही मात्रा में खाद लें. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और समय-समय पर खाद की उपलब्धता व वितरण पर नजर रख रही है.उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और समय-समय पर खाद की उपलब्धता व वितरण पर नजर रख रही है.
बता दें कि योगी सरकार किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है. यूरिया का वास्तविक मूल्य 2,174 रुपये प्रति बैग है, लेकिन सब्सिडी के चलते यह किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है. समय से खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं की वजह से प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है. कृषि क्षेत्र से जुड़ा जीएसवीए, जो सपा शासन के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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