केंद्रीय कृषि ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को पूसा, दिल्ली स्थित आईसीएआर परिसर में वृहद “कर्मचारी संकल्प सम्मेलन” आयोजित हुआ. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में दोनों मंत्रालयों के कर्मचारी और अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए. सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से दिए गए संदेश को आधार बनाकर कर्मचारियों ने राष्ट्रहित और किसानों के कल्याण के लिए संकल्प लिया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नकली खाद, बीज और कीटनाशक के व्यापार पर भी जमकर हमला बोला.
उन्होंने साफ संदेश दिया कि किसानों को नकली खाद, बीज और कीटनाशक बेचकर लूटने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी. बेईमानों को बिल्कुल नहीं छोड़ा जाएगा. नकली खाद-बीज और कीटनाशक के नाम पर किसान लुटते रहें और हम देखते रहें, अब ऐसा बिल्कुल नहीं होगा.
इफेक्टिव गवर्नमेंट बनाना जरूरी है, ताकि किसानों को हर तरह से राहत मिल सके. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन का हर दिन और हर क्षण महत्वपूर्ण है. हमें ऐसा काम करना है, जिससे जनता की जिंदगी बेहतर बने. हमारा काम राष्ट्र निर्माण का है और इस भावना से हर कर्मचारी को योगदान देना चाहिए कि आत्मनिर्भर भारत बनाने में एक ईंट मेरी भी लगेगी.
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, आईसीएआर और ग्रामीण विकास मंत्रालय देश के विकास की धुरी हैं. आज हमारे पास अन्न भंडार भरे हुए हैं. साथ ही कई चुनौतियां हैं, लेकिन हम दृढ़ निश्चय से आगे बढ़ेंगे. सभी कृषि उत्पादों में किसानों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर हमें आत्मनिर्भर होना है. शिवराज सिंह ने ग्रामीण विकास योजनाओं की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि “लखपति दीदियों की सफलता, ग्रामीण सड़कों और आवास योजनाओं ने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव किया है.
प्रधानमंत्री के “स्वदेशी अपनाओ” आह्वान का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प लें. साथ ही, उन्होंने पीएम के कथन को भी दोहराया कि “सरकार फाइलों में नहीं, जनता की जिंदगी में दिखनी चाहिए.
वहीं, एक अन्य बयान में चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ग्रामीण विकास का महाभियान लगातार आगे बढ़ रहा है. अभी तक दो करोड़ से ज्यादा लखपति दीदियां बन चुकी हैं और तीन करोड़ का लक्ष्य भी जल्द हासिल कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, ग्राम सड़क और कौशल विकास जैसी योजनाओं का क्रियान्वयन तेज़ी से हो रहा है, जिससे गांवों में बड़ा बदलाव आ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण भारत को गरीबीमुक्त और समृद्ध बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. इसके लिए 4 और 5 सितंबर को उदयपुर में राष्ट्रीय चिंतन शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी राज्यों के मंत्री, अधिकारी, विशेषज्ञ और लाभार्थी भाग लेंगे. चौहान ने कहा कि इस शिविर में अगले पांच वर्षों की रूपरेखा बनेगी और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के साथ ही रोजगार सृजन व जनता की जिंदगी में बदलाव पर ठोस चर्चा होगी.
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