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मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से कटेगा पूनम महाजन का टिकट, मौजूदा सांसद के काम से नाखुश है बीजेपी!   

मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से कटेगा पूनम महाजन का टिकट, मौजूदा सांसद के काम से नाखुश है बीजेपी!   

महाराष्‍ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक देश की वित्तीय राजधानी के केंद्र में स्थित लोकसभा सीट मुंबई उत्तर मध्य के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.  सूत्रों की मानें तो बीजेपी अब पूनम की जगह पर किसी नए चेहरे की तलाश कर सकती है. पूनम ने साल 2014 और 2019 में पार्टी के लिए यहां से सीट जीती थी. 

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इस बार कट सकता है पूनम महाजन का टिकट इस बार कट सकता है पूनम महाजन का टिकट

महाराष्‍ट्र में सीटों को लेकर गठबंधन में खींचतान के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्‍तर मध्य में नए चेहरे की तलाश कर रही है. यहां से बीजेपी की पूनम महाजन वर्तमान में सांसद हैं और वह दो बार से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व कर रही हैं. लेकिन यह बात भी सही है कि पार्टी सत्ता विरोधी लहर और सीट पर बदले हुए राजनीतिक समीकरण दोनों के बारे में अच्‍छे से वाकिफ है.  महाराष्‍ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक देश की वित्तीय राजधानी के केंद्र में स्थित लोकसभा सीट मुंबई उत्तर मध्य के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.  सूत्रों की मानें तो बीजेपी अब पूनम की जगह पर किसी नए चेहरे की तलाश कर सकती है. पूनम ने साल 2014 और 2019 में पार्टी के लिए यहां से सीट जीती थी. 

पूनम के नाम पर हिचकिचा रही बीजेपी 

महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. गठबंधन के बीच विवाद में फंसी सात सीटों में मुंबई उत्तर मध्य भी शामिल है. हालांकि, यह सीट बीजेपी की झोली में जाने की उम्मीद है.  बीजेपी सूत्रों  के मुताबिक मुंबई नॉर्थ सेंट्रल के लिए उम्मीदवार की घोषणा में देरी इस बात का संकेत है कि पार्टी वैकल्पिक उम्मीदवार खोजने पर गंभीरता से विचार कर रही है. सूत्रों ने बीजेपी पूनम महाजन को फिर से मैदान में उतारने में हिचकिचा रही है. पूनम को लेकर यहां पर सत्ता विरोधी लहर है. साथ ही शिवसेना में विभाजन के बाद 'निर्वाचन क्षेत्र में बदले हुए राजनीतिक समीकरण' के कारण बीजेपी यहां कमजोर हो गई है. 

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शेलार के नाम पर भी है चर्चा 

महाजन की जगह जिन नामों को लेकर चर्चा चल रही है उनमें बीजेपी मुंबई अध्यक्ष और बांद्रा पश्चिम के मौजूदा विधायक आशीष शेलार का नाम भी शामिल है. शेलार को समुदायों और धार्मिक समूहों में अपने मजबूत नेटवर्क को देखते हुए, उद्धव ठाकरे की सेना के खिलाफ एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही वह संसदीय क्षेत्र और मुंबई के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने में सक्रिय और मुखर रहे हैं. हालांकि उनके नाम पर सभी की सहमति नहीं है. कुछ बीजेपी नेता मानते हैं कि शेलार को मुंबई की राजनीति में बने रहना चाहिए क्‍योंकि कुछ समय के बाद बीएमसी के चुनाव भी होने हैं. अब तक बीजेपी ने महाराष्‍ट्र के 24 उम्मीदवारों की घोषणा की है. जबकि शिंदे की सेना ने आठ और अजित की एनसीपी ने सिर्फ एक उम्मीदवार की घोषणा की है. 

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प्रिया दत्‍त को भी लाने की कोशिशें 

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने मुंबई उत्‍तर मध्य सीट के लिए पूर्व कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त को भर्ती करने का प्रयास किया था. बॉलीवुड एक्‍टर और कांग्रेस नेता सुनील दत्‍त की बेटी  प्रिया ने साल 2009 में चुनाव जीता था लेकिन 2014 और 2019 में पूनम महाजन से हार गई थी. अभी तक दत्त गुट की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है. इससे पहले, जनवरी में, शिंदे सेना को एक बड़ी उपलब्धि मिली थी जब वह कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुंबई दक्षिण के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही थी. इसके तुरंत बाद देवड़ा को राज्यसभा सांसद बना दिया गया. 

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हाई प्रोफाइल सीट मुंबई नॉर्थ सेंट्रल 

दिवंगत बीजेपी लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की बेटी, पूनम ने 2014 और 2019 दोनों में क्रमशः 39.55 फीसदी और 53.97 फीसदी वोटों के साथ मुंबई उत्तर मध्य में आराम से जीत हासिल की. 1952 में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल अस्तित्‍व में आई थी. तब से ही यह एक बहुप्रतीक्षित सीट रही है. यहां से कई दिग्गजों ने चुनाव लड़ा है. सन् 1973 में, अनुभवी सीपीआई नेता रोजा देशपांडे ने सीट जीती. सन् 1972 में, बहुत सम्मानित सीपीआई नेता अहिल्या रंगनेकर यहां से विजेता थीं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री मधु दंडवते की पत्‍नी, जनता पार्टी की प्रमिला दंडवते ने 1980 में जीत हासिल की.

सन् 1980 और 1990 के दशक के दौरान मुंबई में शिवसेना की ताकत बढ़ने के साथ, इसके उम्मीदवारों विद्याधर गोखले और नारायण अठावले ने सन्  1989 और 1996 में सीट जीती. सन् 1998 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले इस सीट से जीते थे. फिर 1999 में शिवसेना के पूर्व सीएम और लोकसभा स्पीकर मनोहर जोशी विजेता रहे. सन् 2004 में यह सीट कांग्रेस के राज्य मंत्री एकनाथ गायकवाड़ ने जीती थी.