सिक्किम के लेप्चा किसान सबसे अधिक ऑर्गेनिक बैंगन की खेती करते हैं जिस पर बारिश के दौरान नमी बढ़ने से कीट हमला बोल देते हैं. इससे उपज को नुकसान होता है. यहां के किसानों की शुरू से आदत है कि वे फसलों को बचाने या उसकी सुरक्षा के लिए आधुनिक तौर-तरीकों का प्रयोग नहीं करते. वे पूरी तरह से प्राकृतिक स्रोतों का सहारा लेते हैं. इसे देखते हुए ICAR ने बैंगन की ऐसी किस्म इजाद की है जिस पर कीट नहीं लगते. इससे किसानों की ऑर्गेनिक खेती में पैदावार बढ़ रही है.
UP Vidhansabha: कृषि सेक्टर में जो रिफॉर्म हुए हैं, जो सुविधाएं मिली हैं, उससे किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का काम किया गया है. प्रोक्योरमेंट की पॉलिसी लाकर पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है. खेती की विविधीकरण की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं.
उत्तरी महाराष्ट्र, देश के प्याज उत्पादन का गढ़ है. नासिक इसी क्षेत्र में है. यहां तीन सीटें आती हैं जहां बीजेपी ने अपनी जीत दर्ज की है. पूरे उत्तरी महाराष्ट्र की बात करें तो इस क्षेत्र में कुल 47 विधानसभा सीटें हैं. साल 2019 में इस क्षेत्र की कुल 47 सीटों में से बीजेपी ने सबसे ज्यादा 16 सीटें हासिल की थीं.
नवाब मलिक अपने खिलाफ पीएमएलए मामले में मेडिकल बेल पर बाहर हैं. उनकी बेटी सना मलिक ने एनसीपी की अणुशक्ति नगर सीट से सीट हासिल की है. नवाब मलिक अणुशक्ति नगर से मौजूदा विधायक हैं. वह एसपी के अबू आसिम आजमी के खिलाफ एनसीपी के टिकट पर शिवाजी नगर-मानखुर्द सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर में लंबे समय के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. अब 25 सितंबर को दूसरे चरण में 26 सीटों पर वोटिंग होने जा रही है. इनमें से एक राजौरी की बुधल सीट भी है, जिस पर चाचा और भतीजे में चुनावी टक्कर है.
जम्मू-कश्मीर में युवा समेत हर आयु वर्ग में बेरोजगारी का स्तर काफी बढ़ गया है. यही वजह है कि पढ़े-लिखे और उच्च शिक्षा प्राप्त युवा भी रोजगार के लिए ठोकरें खा रहे हैं. यहां सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र में सीमित अवसर उपलब्ध हैं.
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव राज्य और देश दोनों की राजनीति तय करने वाले साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये उत्तर प्रदेश ही था जिसने साल 2014 और 2019 में BJP की बहुमत वाली सरकार को मजबूती दी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ सात सांसद ऐसे हैं जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए कुल वोटों के 70 फीसदी से ज्यादा वोट्स के साथ चुनाव जीते हैं. ये सभी सांसद बीजेपी से हैं. लिस्ट में दूसरी तरफ कांग्रेस के तीन सांसद थे जो अपनी सीटों पर डाले गए कुल वोटों के 30 फीसदी से कम वोटों के साथ चुने गए.
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