भारत में केला बना किसानों की नई उम्मीद, केले ने छीना आम का ताज!

भारत में केला बना किसानों की नई उम्मीद, केले ने छीना आम का ताज!

भारत में फलों की बादशाहत बदल गई है! अब तक आम को फलों का राजा कहा जाता था, लेकिन अब केला शीर्ष पर पहुंच गया है. जानिए कैसे केला भारत का सबसे कीमती फल बन गया.

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भारत में केला बना किसानों की नई उम्मीद, केले ने छीना आम का ताज!आम से छिना ताज

भारत में आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है. इसकी मिठास, स्वाद और सांस्कृतिक महत्व के कारण आम देशभर में प्रसिद्ध है. उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर इसकी खेती होती है. आम न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और खानपान का भी अभिन्न हिस्सा है. लेकिन अब आम का यह ताज किसी और ने छीन लिया है - और वह है साधारण सा केला.

आम को छोड़ केले ने मारी बाजी

हाल ही में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी "कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से उत्पादन का सांख्यिकीय रिपोर्ट" में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2023-24 में केले का कुल उत्पादन मूल्य (GVO) आम से ज्यादा रहा. यह लगातार दूसरा साल है जब केले ने आम को पीछे छोड़ दिया है.

केले और आम का आंकड़ा

2011-12 से 2021-22 तक आम का ही वर्चस्व था. लेकिन 2023-24 में स्थिति बदल गई. नीचे दिए गए आंकड़े बताते हैं कि कैसे केला आम पर भारी पड़ा:

  • 2011-12 में आम का GVO: 46,100 करोड़ रुपये
  • 2011-12 में केले का GVO: ₹33,700 करोड़ रुपये
  • 2023-24 में आम का GVO: ₹47,000 करोड़ रुपये
  • 2023-24 में केले का GVO: ₹52,000 करोड़ रुपये

इन आंकड़ों से साफ है कि अब केला भारत के फल उत्पादन में सबसे ऊपर पहुंच गया है.

अन्य फलों का भी बढ़ता योगदान

सिर्फ केला ही नहीं, बल्कि अन्य फलों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है:

  • संतरा: 9,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 15,500 करोड़ रुपये
  • नींबू: 4,800 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,300 करोड़ रुपये
  • अनार: 2,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,200 करोड़ रुपये

इसके अलावा "शेष फल" की श्रेणी में आने वाले फल भी कुल उत्पादन में सबसे बड़ा हिस्सा बनाते हैं.

कुल फल उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि

भारत में कुल फलों का उत्पादन मूल्य (GVO) भी लगातार बढ़ रहा है. 2011-12 में यह 1.18 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह 3.48% की वार्षिक वृद्धि दर दर्शाता है. भारत जैसे विशाल कृषि देश में फलों का महत्व सिर्फ स्वाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों की आय, रोजगार और अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभाता है. आम भले ही सांस्कृतिक तौर पर 'राजा' हो, लेकिन उत्पादन और बाजार मूल्य के मामले में अब केला नए ताजधारी बन चुके हैं.

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