बुआई के लिए नहीं थे पैसे, बैल की जगह खुद ही हल जोतने को मजबूर किसान पति-पत्नी

बुआई के लिए नहीं थे पैसे, बैल की जगह खुद ही हल जोतने को मजबूर किसान पति-पत्नी

दिल दुखाने वाली यह खबर महाराष्ट्र के लातूर जिले की है. यहां एक किसान दंपति को बैल की जगह खुद ही हल जोतने को मजबूर होना पड़ा. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि गरीबी की मार के चलते उनके पास बैल या ट्रैक्टर से खेत जुताई कराने के लिए पैसे नहीं थे. इस हल बंधुआ किसान जोड़े की तस्वीर देखकर सभी लोग चकित रह गए.

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बुआई के लिए नहीं थे पैसे, बैल की जगह खुद ही हल जोतने को मजबूर किसान पति-पत्नीखुद हल जोतने को मजबूर किसान

एक तरफ महाराष्ट्र सरकार राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर किसान बनाने को लेकर बातें कर रही है. वहीं दूसरी और महाराष्ट्र के लातूर जिले में हल बंधुआ किसान की तस्वीर सामने आई है. घर में आमदनी न होने के कारण ये मजबूर किसान का जोड़ा खुद हल चालकर अपने खेत में बुवाई करता हुआ दिख रहा है. ये तस्वीर लातूर जिले के हाडोलती इस गांव की है जिसमें किसान अंबादास पवार खुद हल को खींच रहे हैं, तो वही उनकी पत्नी मुक्ताबाई पवार पीछे हल चला रहीं हैं.

घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मजदूर, बैल या ट्रैक्टर से बुआई करने के लिए पैसे न होने के कारण खुद ही हल चालकर बुवाई करने के अलावा इस किसान जोड़े के पास दूसरा रास्ता नहीं है. 75 साल की उम्र में भी इस किसान जोड़े ने अपनी 5 एकड़ की खेती की खुद ही हल चलाकर बुवाई की है. किसान अंबादास पवार ने बताते हुए कहा कि मजदूर, बैल या ट्रैक्टर से बुवाई करने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं. इसलिए पिछले दो सालों से हम अपने खेत में खुद ही हल चलाकर बुवाई करने पर मजबूर हैं.

कर्ज के बोझ तले दबी जिंदगी

अंबादास कहते हैं कि इन दो सालों में भारी बारिश होने के कारण खेत में लगाई हुई लागत भी नहीं निकल पाई है. इस कारण उन्होंने खेत पर भी कर्जा लिया है. वे कहते हैं, हमारी सरकार से विनती है कि सभी किसानों का कर्ज सरकार माफ करे.

वहीं किसान की पत्नी मुक्ताबाई पवार ने कहा, हमारे पास 5 एकड़ की खेती है और हम खेती के पूरे काम दोनों पति-पत्नी ही मिलकर करते हैं. हम बैल या किसी भी तरह की खेती में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी को भाड़े से लेकर खेत का काम नहीं कर सकते. मजदूर या किसी भी तरीके की मशीनरी को भाड़ा देने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं. खेत में बुआई के बाद उसकी पूरी देखभाल के साथ खेत से पूरी उपज निकलने तक हम पूरा काम दोनों पति-पत्नी ही करते हैं. हमें एक लड़का है लेकिन वो भी बाहर शहर में मजदूरी करता है, इसीलिए पोता और पोती को शिक्षा देने के लिए हम दोनों पति-पत्नी ही खेत में काम करते हैं.

किसान ने सरकार से मांगी मदद

मुक्ताबाई पवार कहती हैं, हम दोनों पति-पत्नी बुजुर्ग होने के बावजूद भी इतनी मेहनत कर रहे हैं, इसलिए हमारी मेहनत को देखते हुए सरकार को हमें कुछ तो आर्थिक मुआवजा देना चाहिए. इन दोनों पति-पत्नी का वीडियो अब सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ है. मराठवाड़ा क्षेत्र में ज्यादातर किसान खेत में हुए नुकसान के कारण खुदकुशी करते हैं. ऐसे हालातों को देखते हुए सोशल मीडिया पर लोग इस बुजुर्ग किसान के जोड़े को आर्थिक मदद करने की मांग कर रहे हैं.

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