पिछले हफ्ते राजस्थान में तेज ओले, बारिश और हवाओं के चलते 6-7 जिलों में बड़ी मात्रा में फसलें खराब हुई थीं. मौसम विभाग ने अब इस हफ्ते भी बरसात, ओले और तेज हवाओं की संभावना जताई है. मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है. मौसम विभाग, जयपुर ने अगले चार दिन में भरतपुर, जयपुर, कोटा और बीकानेर संभाग में मध्यम दर्जे तक बरसात का पूर्वानुमान लगाया है. कई जगहों पर ओले गिरने की संभावना भी है.
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में कहा कि 16 मार्च से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है. इससे अलवर, टोंक, बूंदी, नागौर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, बारां, जयपुर और सीकर जिलों एवं आसपास के क्षेत्रों में बूंदाबांदी, हल्कू बारिश हो सकती है.
इसके अलावा कई स्थानों पर 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बाद धौलपुर जिले में सुबह के वक्त तेज आंधी चली.
जयपुर मौसम विभाग के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 16 मार्च से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है. ऐसे में 19 मार्च तक मौसम खराब रह सकता है. विक्षोभ का सबसे ज्यादा असर 17 और 18 मार्च को रहेगा.17 मार्च को पूर्वी राजस्थान सहित उत्तरी और पश्चिमी जिलों में बारिश हो सकती है. यहीं स्थिति 18 मार्च को भी रहेगी. 19 मार्च को भी कई जगह आंधी-तूफान आ सकता है. प्रदेश में बुधवार 15 मार्च को पिलानी, बीकानेर और चूरू जिलों में बूंदाबांदी के साथ तेज रफ्तार से हवा चली.
आंधी- बरसात और तूफान के कारण अगले चार दिन में तापमान में गिरावट दर्ज होगी. कई शहरों में चार डिग्री तक तापमान में कमी आएगी. मौसम विभाग का कहना है कि मौसम के कारण कुछ शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से भी कम हो सकता है. जिन शहरों में तापमान अभी 33-34 डिग्री तक है, वहां भी गिरावट दर्ज होगी.
मौसम विभाग के इस अलर्ट के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है. विभाग ने उन्हें अपनी फसलें खेतों से हटाने की सलाह दी है. साथ ही फसलों को कोल्ड स्टोरेज या घरों में रखने की सलाह मौसम विभाग की ओर से दी जा रही है.
राजस्थान में पिछले हफ्ते आई बारिश के कारण पश्चिमी राजस्थान में जीरा, ईसबगोल में काफी नुकसान हुआ था. पश्चिमी जिले जालोर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर के साथ झालावाड़ और कोटा में ओलावृष्टि और बारिश हुई थी. कृषि विभाग के अनुमान के मुताबिक जालोर में जीरे में 20-40 फीसदी, बाड़मेर जिले में ईसबगोल में 40 से 70 प्रतिशत, नागौर जिले में जीरे में 40-50 प्रतिशत और ईसबगोल में 70 फीसदी तक नुकसान हुआ था.
ये भी पढ़ें: राजस्थान में 100 करोड़ से बनेगा बाजरा रिसर्च सेंटर, सरकार ने दी 40 हेक्टेयर जमीन
ये भी पढ़ें: किसानों से 70 लाख टन गेहूं खरीदेगी मध्यप्रदेश सरकार, 25 मार्च से शुरू होगी खरीद
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today