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वह दिन दूर नहीं जब हर शख्‍स को रखनी होगी वेदर रिपोर्ट...बदलते मौसम पर IMD डायरेक्‍टर का बड़ा बयान 

वह दिन दूर नहीं जब हर शख्‍स को रखनी होगी वेदर रिपोर्ट...बदलते मौसम पर IMD डायरेक्‍टर का बड़ा बयान 

आईएमडी के डायरेक्‍टर जनरल मृत्‍युंजय महापात्र ने इस बात पर जोर दिया कि हर व्‍यक्ति को मौसम के बारे में सजग रहने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं हैं जब प्रत्येक व्यक्ति को मौसम की जानकारी पर नजर रखने की जरूरत होगी क्योंकि आज मौसम ऐसा हो गया है कि जिंदगी और संपत्ति के लिए जोखिम बढ़ गए हैं.  इसलिए, आईएमडी की योजना यह है कि हर घर को मौसम की जानकारी आसानी से मिल सके. 

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आईएमडी चीफ ने गिनाईं मौसम विभाग की चुनौतियां आईएमडी चीफ ने गिनाईं मौसम विभाग की चुनौतियां

आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रही है और हर हिस्‍से मौसम की कई ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं जो हैरान करने वाली हैं. ऐसे समय में जब चरम मौसम की घटनाएं जैसे लंबी ज्‍यादा समय तक गर्मी, हीटवेव और बहुत ज्‍यादा बारिश की घटनाएं नियमित रूप से हो रही हैं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की भूमिका तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है. मौसम विभाग की चुनौतियां बढ़ गई हैं और हर पल अपनी सटीकता को भी बरकरार रखना है. इन सबके बीच ही आईएमडी डायरेक्‍टर ने कहा है कि वह दिन दूर नहीं है जब हर शख्‍स को मौसम के बारे में जानकारी रखने की जरूरत होगी. 

क्‍यों जरूरी मौसम की खबर 

अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस को दिए इंटरव्‍यू में आईएमडी के डायरेक्‍टर जनरल मृत्‍युंजय महापात्र ने इस बात पर जोर दिया कि हर व्‍यक्ति को मौसम के बारे में सजग रहने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं हैं जब प्रत्येक व्यक्ति को मौसम की जानकारी पर नजर रखने की जरूरत होगी क्योंकि आज मौसम ऐसा हो गया है कि जिंदगी और संपत्ति के लिए जोखिम बढ़ गए हैं.  इसलिए, आईएमडी की योजना यह है कि हर घर को मौसम की जानकारी आसानी से मिल सके. 

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1200 शहरों का पूर्वानुमान  

उनका कहना था कि मानसून के पूर्वानुमानों के अलावा, आईएमडी को सिटी स्‍पेस्फिक पूर्वानुमानों की भी जरूरत है. आईएमडी ने ऐसे में प्रमुख शहरों और कस्बों में सुविधाओं को बढ़ाया है. उनकी मानें तो अब आईएमडी के पास 1200 शहरों के लिए पूर्वानुमान हैं. उसके पास 'हर, हर मौसम, हर घर मौसम' भी है, जो नागरिकों को पिनकोड-स्तर या क्लस्टर-स्तर पर मौसम की जानकारी प्रदान करता है.

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आईएमडी अपने 150वें साल में है और इतने साल बाद भी  एजेंसी अनियमित मौसम की घटनाओं के रूप में चुनौतियों का सामना कर रही है. उसे न केवल पूर्वानुमान में अपनी सटीकता बनाए रखने के लिए, बल्कि जनता के लिए सुलभ और उपयोगी होने के लिए भी अनुकूलन करना पड़ा है.

आज कितना बदला मौसम विभाग 

महापात्रा ने बताया कि पिछले कुछ सालों में एजेंसी ऐतिहासिक आंकड़ों पर आधारित पूर्वानुमानों के सांख्यिकीय मॉडल से गतिशील मॉडल की ओर बढ़ गई है. साल 2021 में, आईएमडी ने  केवल सामान्य, सामान्य से ऊपर या सामान्य से कम के रूप में मानसून को क्‍लासीफाइड न करके मल्‍टी मॉडल संयोजन पूर्वानुमानों को अपनाया है. इस मॉडल में एजेंसी जून-सितंबर मानसून अवधि के दौरान हर महीने का पूर्वानुमान भी देने में सक्षम है. उनका कहना था कि अब एजेंसी पूरे सीजन के लिए मानसून का पूर्वानुमान दे सकती है.