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महाराष्ट्र के पांच जिलों में भारी बारिश, फसली नुकसान के बाद CM ने दिए सर्वे के निर्देश

महाराष्ट्र के पांच जिलों में भारी बारिश, फसली नुकसान के बाद CM ने दिए सर्वे के निर्देश

महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कई शहरों और देहातों में तेज हवा के साथ बारिश हुई है. तेज हवाओं ने संतरे की फसल के साथ गेहूं और चने की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है. मालेगांव तहसील के मुंगला गांव में तूफान ने काफी कहर बरपाया है. यहां के किसानों की गेहूं और चने की फसल चौपट हो गई है.

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महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ है महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ है

महाराष्ट्र के पांच जिलों में आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश हुई है. इससे रबी की कई खड़ी फसलों का नुकसान हुआ है. इन फसलों की कटाई होने वाली थी, लेकिन उससे पहले बारिश ने किसानों की पूरी प्लानिंग पर पानी फेर दिया. बारिश के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कृषि विभाग को फसली नुकसान का सर्वे कराने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से नुकसान का हाल जाना और कृषि अधिकारियों को तुरंत पंचनामा करने का निर्देश दिया. पंचनामा में फसलों के नुकसान का आकलन किया जाता है और उसी आधार पर मुआवजे का ऐलान होता है.

एक सरकारी रिलीज में कहा गया है, बेमौसम बारिश से प्रदेश के कई जिलों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ठाणे और पालघर के अलावा, वाशिम, नासिक और औरंगाबाद जिलों के कई हिस्सों में तेज हवाएं और बारिश हुई, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा. फसलों की स्थिति के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि किसानों को राहत और विश्वास दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है. मुख्यमंत्री शिंदे ने राजस्व विभाग को किसानों को होने वाले नुकसान का तुरंत पंचनामा करने का निर्देश दिया. 

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महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कई शहरों और देहातों में तेज हवा के साथ बारिश हुई है. तेज हवाओं ने संतरे की फसल के साथ गेहूं और चने की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है. मालेगांव तहसील के मुंगला गांव में तूफान ने काफी कहर बरपाया है. यहां के किसानों की गेहूं और चने की फसल चौपट हो गई है. इस इलाके में कई किसान संतरे की खेती करते हैं. इन सबका का कहना है कि हालिया बारिश ने संतरे को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है.  

महाराष्ट्र में बारिश से फसलों का नुकसान

किसानों ने तहसील प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पंचनामा कर नुकसान भरपाई दी जाए नहीं तो किसान के पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा. वाशिम जिले के मालेगांव शहर में सोमवार रात 10 बजे के करीब तेज हवाएं शुरू हुईं और आसमान में बिजलियां चमकने लगीं. इसके बाद तेज हवाओं के साथ तेज बारिश दर्ज की गई. 

किसान प्रकाश राउत ने बताया कि बेमौसम बारिश से उनके संतरे की फसल का काफी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग से विनति है कि जल्द से जल्द पंचनामा कर नुकसान भरपाई दे, अन्यथा उनकी तरह कई किसान आत्महत्या जैसा कदम उठा सकते हैं. एक और किसान ने कहा कि मुंगला गांव में सोमवार रात तूफानी बारिश हुई, जिससे किसानों के गेहूं, चना और संतरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है. सरकार को जल्द से जल्द पंचनामा कर कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए.

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औरंगाबाद जिले में भी बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की खड़ी फसल खराब हो गई. सोमवार देर शाम से ही जिले में बारिश होती रही जिससे किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. मंगलवार जब किसान सुबह अपने खेतों में गए तो देखा कि उनकी पूरी फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इन फसलों में गेहूं, चना, प्याज, ज्वार, मक्का आदि शामिल हैं. कई किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन बेमौसम बारिश से पूरी फसल तबाह हो गई है. सरकार से मांग है कि तबाह फसलों का जल्द से जल्द पंचनामा कराकर किसानों की मदद की जाए.(इनपुट/PTI, औरंगाबाद से इसरार चिस्ती और वाशिम से जका खान)