रोबस्टा कॉफी का उत्पादन कम होने और सप्लाई घटने से इसके दाम में तेजी देखी जा रही है. पूरी दुनिया में इस कॉफी की अच्छी मांग रहती है. भारत इस कॉफी का बड़े पैमाने पर उत्पादन करता है और निर्यात करता है. मगर इस बार भारत में इसकी पैदावार बड़े पैमाने पर गिरी है. इसकी वजह मौसमी मार बताई जा रही है. सप्लाई कम होने और मांग बढ़े रहने की वजह से इस कॉफी का दाम पहले से बढ़ गया है. भारत की रोबस्टा कॉफी सबसे अधिक यूरोप भेजी जाती है, लेकिन वहां के निर्यात में भी गिरावट आई है. इससे निर्यातकों को इस बात का डर हो गया है कि उपभोक्ता कहीं भारत का बाजार छोड़कर यूगांडा और इंडोनेशिया से कॉफी का आयात न शुरू कर दें.
मौजूदा समय में भारत की रोबस्टा कॉफी का दाम 1100-1200 डॉलर पर चल रहा है जो कि लंदन के भाव से थोड़ा अधिक है. रोबस्टा चेरी का भाव भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अधिक चल रहा है. इस तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय रोबस्टा कॉफी बाकी देशों की तुलना में अधिक रेट पर चल रही है. ऐसे में रोबस्टा के निर्यात पर गंभीर असर देखने को मिल सकता है. कॉफी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश राजा 'बिजनेसलाइन' से कहते हैं, रोबस्टा का अधिक दाम निर्यातकों के लिए जोखिम खड़ा कर सकता है.
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पश्चिम के कई देशों में भारत की रोबस्टा कॉफी बड़े पैमाने पर आयात की जाती है. जब बात रोबस्टा कॉफी की हो तो यूरोपीय देश भारत को ही प्राथमिकता देते हैं. लेकिन वहां अभी हालात सामान्य नहीं हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद सभी पश्चिमी देश आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं. जर्मनी और इटली भी इसमें शामिल हैं जो भारत से अधिक मात्रा में रोबस्टा कॉफी मंगाते हैं. ऐसे में निर्यातकों को डर है कि कॉफी का दाम बढ़ने से ये देश कहीं यूगांडा, इंडोनेशिया और वियतनाम से खेप मंगाना न शुरू कर दें. ऐसा होता है तो भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है.
एक तरफ इस कॉफी के दाम बढ़े हुए हैं, तो दूसरी ओर उत्पादन में बड़ी गिरावट देखी गई है. इसकी हार्वेस्टिंग भी लगभग खात्मे की ओर है. पिछले दो साल रोबस्टा के दाम बेहद कम रहे थे. इस वजह से उत्पादकों ने मौजूदा साल में इसका प्रोडक्शन कम कर दिया है. और भी कई वजहें हैं जिनसे रोबस्टा का उत्पादन इस साल घटा है. इन सभी कारणों ने भारत की कॉफी को महंगा कर दिया है.
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कॉफी के कई उत्पादक ऐसे भी हैं जो इस बात के इंतजार में हैं आगे चलकर इसके दाम बढ़ेंगे. इन उत्पादकों ने अपनी खेप जानबूझ कर रोक रखी है. इससे भी मार्केट में सप्लाई पर असर देखा जा रहा है. इस तरह बाजार में सप्लाई की एक कृत्रिम कमी खड़ी हुई है जिससे दाम में उछाल है. थोड़ी-बहुत सप्लाई अगर कोई उत्पादक निकाल भी रहा है, तो इसके लिए वह अधिक दाम वसूल रहा है. इस स्थिति में जल्दी कोई सुधार होता नहीं दिखता. इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रोबस्टा कॉफी के रेट बहुत जल्दी गिरने की संभावना नहीं है.
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