एक जमाना था जब गांव में रहने वाले किसान ही फल-फूल और सब्जियां उगाते थे, लेकिन ये अब पुरानी बात हो गई क्योंकि लोग अब शहरों में भी अपने गार्डन, बालकनी और छत पर सब्जियों और फलों को उगाने लगे हैं. ऐसे में एक शख्स हैं जो अपनी घर की छत पर पौधा लगाकर पर्यावरण और घर पर बागवानी के जौहरी बने हुए हैं. बिहार की राजधानी पटना सिटी के रहने वाले सोना, चांदी के व्यापारी 72 वर्षीय शशि शेखर रस्तोगी घर की छत पर 1400 पौधा लगाकर युवाओं के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. शशि शेखर अपने व्यापार के साथ गमलों में पौधे लगाने से लेकर उसे संवारने तक में दिलचस्पी लेते हैं. मिट्टी की सौंधी खुशबू और हरियाली उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है. इनकी बगिया में देश विदेश के रंग-बिरंगे फूलों के साथ फलों के पौधे भी हैं.
गमले के छोटे से पेड़ में लटकते फल को देख लोग हैरान रह जाते हैं. इनकी वाटिका में आने वाले पौधों को देखकर लोग पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा ले रहे हैं. दोस्तों के बीच पर्यावरण जौहरी के नाम से चर्चित सफल व्यवसायी शशि शेखर लोगों को मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत छत पर फल-सब्जी उगाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने अपने घर की छत पर गमलों में कई देशों के अमरूद, अंजीर, हरा सेब, मियाजाकी नस्ल के कीमती आम, संतरा, अनार, अखरोट, बादाम समेत कई फलों के पेड़ लगाए हैं.
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अथोरियम, पैत्री, डालिया, सिस्लोरिया, जरबेरा, कई तरह के गुलाब, कई रंगों के गेंदा समेत अन्य बेशकीमती फूल लगाए हैं. उनकी बगिया में दर्जनों औषधीय पौधे भी हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में अपनी वाटिका से उन्होंने जरूरतमंदों को औषधि वितरित किया था. वहीं, आज भी वह कई बीमारियों में काम आने वाले पत्ते, फूल, जड़ देकर लोगों की सेवा करते हैं.
शशि ने बताया कि छत पर 1400 से अधिक पौधे गमलों में लगे हैं. हरियाली के बीच सक्रिय रहने वाले शशि शेखर पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बने हैं. मिट्टी, सीमेंट, तांबा से लेकर सामान पैक करने वाले थर्माकोल और मोबिल वाले प्लास्टिक के डिब्बों तक को काट कर उन्होंने गमला बना उसे जीवंत कर दिया है. उनके पास बागवानी के लिए आवश्यक सभी तरह के औजार उपलब्ध हैं.
पर्यावरण जौहरी शशि शेखर रस्तोगी ने कहा कि छत पर बागवानी के लिए बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ उठा कर लोग आत्मनिर्भर बनने के साथ ही पर्यावरण मित्र बन सकते हैं. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस दिशा में युवाओं को आगे आने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत छत पर फल-सब्जी उगाने के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी सरकार देती है. यदि बागवानी में दस हजार खर्च होता है तो 75 फीसदी रुपये लोगों को सब्सिडी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए.
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