मशरूम की खेती ने अनीता देवी की संवारी जिंदगी, समूह बनाकर महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

मशरूम की खेती ने अनीता देवी की संवारी जिंदगी, समूह बनाकर महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

सिरखड़िया गांव की 40 साल की अनीता देवी के पति दूसरे राज्य में मजदूरी का काम करते हैं. उनके कमाई से परिवार का भाषण-पोषण नहीं हो पाता था. तब अनीता देवी ने अपनी माली हालत को देखते हुए खेती को अपना लक्ष्य बनाकर 7 कट्ठा जमीन में साग-सब्जी से लेकर अन्य फसल उपजाने लगीं.

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मशरूम की खेती ने अनीता देवी की संवारी जिंदगी, समूह बनाकर महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भरमशरूम की खेती

आर्थिक तंगी से जूझ रही बिहार के झंझारपुर जिले के सिरखड़िया गांव निवासी अनीता देवी ने मशरूम उगाकर अपनी जिंदगी को बदल लिया है. अनीता देवी ने खेती से जुड़कर मशरूम उत्पादन किया और अब वो अपनी ही नहीं बल्कि परिवार की जिंदगी को संवार दिया है. अपनी गरीबी को देखते हुए उन्होंने दूसरी महिलाओं को भी जागरूक करते हुए समूह बनाया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ओर हैं. आइए जानते हैं अनीता देवी की सफलता की कहानी.

साग-सब्जी से खेती की शुरुआत

सिरखड़िया गांव की 40 साल की अनीता देवी के पति दूसरे राज्य में मजदूरी का काम करते हैं. उनके कमाई से परिवार का भाषण-पोषण नहीं हो पाता था. तब अनीता देवी ने अपनी माली हालत को देखते हुए खेती को अपना लक्ष्य बनाकर 7 कट्ठा जमीन में साग-सब्जी से लेकर अन्य फसल उपजाने लगीं. उन्होंने अपनी खेती में रासायनिक खाद को त्याग कर खुद से बनाई वर्मी खाद को अपने खेत में डालना शुरू कर दिया, जिससे घर में सब्जी पर होने वाले खर्च की बचत के साथ-साथ शुद्ध साग-सब्जी मिलना शुरू हो गया.

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विधि समझ कर उगाई मशरूम

अनिता देवी ने कहा कि इसी दौरान वर्ल्ड नेबर्स के सहयोग से रूरल डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से संचालित मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण चल रहा था. प्रशिक्षण में शामिल होने के बाद मशरूम तैयार करने की सभी विधि समक्ष कर उन्होंने मशरूम उगाना शुरू कर दिया जिससे हालत सुधरने लगी.

अनीता ऐसे उगाती हैं मशरूम

अनीता देवी ने बताया कि गेहूं की भूसी उबालकर धूप में सुखाते है. फिर पीवीसी (प्लास्टिक) थैले में डालते हैं. इसमें चार प्रतिशत पानी का अंश दिया जाता है. इसके बाद उसमें मशरूम का बीज डालकर जमीन से एक फीट पर शिका डालकर ठंड में रखा जाता है. इसके 26 दिनों के बाद मशरूम तैयार हो जाता है.

इतने किलो करती हैं उत्पादन

मशरूम उत्पादन करने में एक किट पर 60 रुपए लगता है. वहीं, एक किट से मशरूम को तीन बार काटा जाता है. एक मशरूम की किट से 1.750 किलोग्राम उत्पादन होता है जबकि तीन बार काटने पर इसकी उपज 3.5 किलो के आसपास होती है. वही, 200 ग्राम के पैकेट की बाजार में कीमत 60 से 65 रुपए है. ऐसे में अनीता ने बताया कि उनकी कमाई अब हजारों रुपये हो जाती है. वहीं, अनीता देवी अपनी सफल को देखते हुए महिला समूह बनाकर उसे जागरूक करने के साथ-साथ मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दे रही है. साथ ही साथ वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से साग-सब्जी उगाने का भी प्रशिक्षण दे रही हैं. 

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