आज के समय में महिलाएं खेती से लेकर MNC तक में काम करने में सक्षम हैं. पहले के मुकाबले अब महिलाओं के लिए नए अवसर खुल रहे हैं. हालांकि यह बदलाव रातों-रात नहीं हुआ, बल्कि कई महिलाओं ने सीमाएं तोड़ीं, मुश्किलों का सामना किया और समाज की पुरानी सोच को बदल डाला. तब जाकर आज महिलाओं को उनकी आजादी और अपने हिसाब से जीने का मौका मिला है.
सुषमा मेहता हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास एक छोटे से गांव पामलाही की रहने वाली हैं. शादी के बाद उन्होंने अपने जीवन को घर और खेतों तक सीमित पाया. लेकिन उन्होंने अपने सपनों को मरने नहीं दिया. सुषमा ने अपने हालात को बदला और अपनी पहचान खुद बनाई.
सुषमा के पति की आमदनी केवल उनके सेब के बागानों से थी. सुषमा को खेती-बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन उनके ससुराल वालों ने उनका हौसला बढ़ाया. जब उन्होंने देखा कि सेब की गुणवत्ता बेहतर नहीं है, तो उन्होंने समाधान खोजने की ठानी.
इसी दौरान उन्हें यारा फर्टिलाइजर्स के बारे में जानकारी मिली. पास के खेत में एक डेमो हुआ जिसमें उन्हें यारा के बैलेंस्ड क्रॉप न्यूट्रिशन प्लान के बारे में बताया गया. सुषमा ने यारा की टीम को अपने खेत बुलाया. टीम ने मिट्टी की जांच कर एक खास पोषण योजना तैयार की.
सुषमा ने योजना को पूरे मन से अपनाया. जल्द ही परिणाम दिखने लगे – सेब चमकदार हो गए, पेड़ हरे-भरे दिखने लगे और आमदनी बढ़ने लगी. अब सुषमा को खुद पर भरोसा होने लगा था.
लेकिन सुषमा यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने देखा कि कई सेब बाजार नहीं पहुंच पाते और बर्बाद हो जाते हैं. तब उन्होंने फूड प्रोसेसिंग की शुरुआत की. एक छोटे से बर्तन से शुरू हुआ यह काम अब "पहाड़ी ज़ायका" ब्रांड के रूप में 8 महिलाओं की आजीविका का जरिया बन गया है.
सुषमा द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स को लोगों ने खूब पसंद किया. इनका स्वाद और गुणवत्ता उन्हें भीड़ से अलग बनाते हैं. अब सुषमा जब अपने बागों को देखती हैं, तो उन्हें सिर्फ पेड़ नहीं दिखते, बल्कि अपने सपने, आत्मविश्वास और संघर्ष की तस्वीर नजर आती है.
सुषमा की कहानी उन लाखों महिलाओं को प्रेरणा देती है जो किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानतीं. उन्होंने दिखाया कि अगर हौसला हो तो कोई भी दरवाज़ा बंद नहीं रहता.
सुषमा मेहता जैसे उदाहरण हमें सिखाते हैं कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर सीखने और आगे बढ़ने की ललक हो तो सफलता जरूर मिलती है. उनकी तरह हर महिला अपनी पहचान बना सकती है- बस ज़रूरत है आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास की.
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