राजस्थान के कई जिलों में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकारी योजना के तहत बीज वितरण किया गया जिसका कई किसानों ने फायदा उठाया है. तिलहन फसलों के बीजों की बुआई कर किसानों ने बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है. इससे तिलहन का उत्पादन बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की जा रही है. किसानों की तिलहन की खेती की सफलता की यह कहानी जिला चित्तौड़गढ़ के गांव कोटड़ीकलां की है जहां कई किसान नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-तिलहन (NMEO-OS) अभियान का फायदा लेकर बड़े पैमाने पर सोयाबीन, सरसों जैसी फसलों की खेती करने में सफल हुए हैं.
चित्तौड़गढ़ जिले की पंचायत समिति निंबाहेड़ा के गांव कोटड़ीकलां में एफपीओ श्री सांवलिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड उंखलिया की ओर से किसानों को मुफ्त सोयाबीन बीज का वितरण किया गया. यहां के कई किसानों ने इस अभियान का पूरा-पूरा लाभ उठाया और सोयाबीन की बुआई की.
केंद्र सरकार ने साल 2024-25 से 2030-31 तक तिलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और तेल उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के अन्य जिलों की तरह चित्तौड़गढ़ में भी तिलहन मिशन चलाया है. इसके लिए चित्तौड़गढ़ जिले में सोयाबीन फसल के लिए 2000 हेक्टेयर, मूंगफली फसल के लिए 500 हेक्टेयर और सरसों फसल की बुआई के लिए 400 हेक्टेयर क्षेत्रफल का चयन किया है. खरीफ 2025 में सोयाबीन फसल की खेती के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिले में कुल 11 ब्लॉक का चयन कर 5 एफपीओ को बीज वितरण का काम दिया गया.
इन सभी एफपीओ ने 2000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की खेती के लिए उन्नत किस्म जेएस-2098 का 1600 क्विंटल बीज वितरित किया. बीज की यह राशि 1 करोड़ 28 लाख रुपये रही और इसका फायदा 2800 किसानों ने उठाया. यानी 2800 किसानों को सोयाबीन का बीज मुफ्त दिया गया. किसानों को अधिकतम 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती के लिए 80 किलो बीज दिया गया.
इस जिले में पहली बार ऐसा कार्यक्रम चलाया गया जिसमें किसानों का चयन कर उन्हें तिलहन खेती की तकनीकी जानकारी दिए जाने के साथ समय पर मुफ्त बीज उपलब्ध कराए गए. इसके पहले सभी किसानों के खेतों से मिट्टी जांच का सैंपल लिया गया. फिर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देकर उनके खेतों में पोषक तत्व डालने की सिफारिश दी गई. पोषक तत्वों के छिड़काव से पहले किसानों को इसकी ट्रेनिंग दी गई. किसानों को मिट्टी और पोषक तत्वों के अनुसार उन्नत बीज, खेती का तकनीकी ज्ञान और खाद प्रबंधन को अपनाते हुए फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए बताया गया.
केंद्र सरकार की इस योजना को लागू करने के लिए सरकार के कृषि मैपर ऐप का भी सहारा लिया गया. यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल तौर पर चलाई गई और काम जारी भी है. इसके लिए कृषि मैपर ऐप पर हर किसान का आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड और मोबाइल नंबर दर्ज करते हुए, साथ में फोटो अपलोड कर इस योजना को आगे बढ़ाया गया है. किसान सरकार की इस योजना का लाभ लेकर तिलहन फसलों की खेती को वैज्ञानिक तरीके से अपना रहे हैं और तिलहन उत्पादन को बढ़ा रहे हैं.
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