मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में दो भाई उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर बागवानी फसलों की खेती कर तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही इसमें सबसे रोचक बात यह है कि वे बाजार से पौधे नहीं खरीदते, बल्कि खुद ही 3 एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस की मदद से इसे तैयार करते हैं. जिले की कोलारस तहसील के निवोदा गांव के रहने वाले गिरवर रावत और उनका भाई महेंद्र रावत 2015 से करीब 100 एकड़ खेत में हरी सब्जियों और फलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है.
दोनों भाइयों ने 3 एकड़ जमीन में 4 पॉली हाउस बनाए हैं, जिसमें वे अपने और अन्य किसानों के लिए टमाटर, शिमला मिर्च, तीखी मिर्च, गोभी, बैगन, तरबूज और खीरा के बीज से पौधे तैयार करते हैं. 100 एकड़ जमीन में खेती से उन्हें अब सालाना 4 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर हासिल हो रहा है.
'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरवर रावत ने बताया कि उनके पिता रामचरण लाल रावत पारंपरिक रूप से गेहूं और सरसों की खेती करते थे. साल 2006 से दोनों भाई भी उनके साथ खेती से जुड़ गए, लेकिन जो मुनाफा होता था, वो कम लगता था. इसके बाद दोनों भाई साल 2015 में अंजड़ गए और वहां तार और बांस पर टमाटर की खेती होते देखी तो कुछ दिन रुककर इसके बारे में सीखा और लौटकर अपने खेती की 4 एकड़ जमीन पर टमाटर उगाना शुरू कर दिया. चार एकड़ में खेती के लिए उनके 2 लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन मुनाफा 20 लाख का हुआ. इसके बाद से उन्होंने टमाटर की खेती को अपना लिया.
गिरवर रावत ने बताया कि 2016 में 50 लाख रुपये लगाकर 50 एकड़ के खेत में ड्रिप सिस्टम और बांस बल्ली और तार लगवाकर टमाटर की फसल उगाई थी, लेकिन नोटबंदी के कारण मुनाफा नहीं कमा सके. हालांकि, ड्रिप सिस्टम पर उन्हें सरकार की तरफ से 45 प्रतिशत सब्सिडी मिली थी. वहीं साल 2017 में उन्हें सही बीज का इस्तेमाल नहीं करने से मुनाफा नहीं हुआ.
इस साल वे 80 एकड़ खेत में टमाटर की खेती, 5 एकड़ में गोभी और 12 एकड़ में शिमला मिर्च की खेती कर बंपर पैदावार हासिल कर रहे हैं. दोनों भाइयों ने 15 जुलाई से खेत में टमाटर की पौध लगाना शुरू की, जिससे 15 सितंबर तक पौधों ने टमाटर के फल देना शुरू कर दिए. पौधों से 15 सितंबर से 10 मार्च तक माटर की उपज मिलती रहती है.
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वहीं, दोनों भाइयों को टमाटर की उपज बेचने के लिए बेचने मंडी जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के व्यापारी खुद उनके खेत से टमाटरों की क्रेट ले जाते है. अभी उनके खेत से रोजाना 800 से 900 क्रेट टमाटर रोजाना अलग-अलग मंडियों में सप्लाई किए जा रहे हैं.
गिरवर के अनुसार, 80 एकड़ टमाटर की खेती में 15 जुलाई से लेकर 10 मार्च तक करीब 2 करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन अब तक वे कुल लागत में से डेढ़ करोड़ रुपये कमा चुके हैं. बाजार में टमाटर की बिक्री का सिललिसा मार्च के पहले हफ्ते तक जारी रहेगा. अगर सब कुछ ऐसे ही चला तो उन्हें दो करोड़ रुपए का मुनाफा मिलेगा.
इसी प्रकार 12 एकड़ में शिमला मिर्च की खेती से उन्हें फरवरी तक शिमला मिर्च से 25 लाख का मुनाफा हो सकता है. शिमला मिर्च की खेती में उनके 15 लाख रुपये खर्च हुए थे. वहीं, डेढ़ लाख की लागत से लगाई गोभी से वे 8 लाख रुपये का मुनाफा कमा चुके हैं. अब एक और फसल तैयार कर रहे है.
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