Success Story: खेती को बनाया करियर, हर साल कमा रहे 2.5 करोड़ से भी अधिक की कमाई

Success Story: खेती को बनाया करियर, हर साल कमा रहे 2.5 करोड़ से भी अधिक की कमाई

पंजाब के फरीदकोट जिले के बोहर सिंह गिल ने खेती में नए तरीके अपनाकर करोड़ों की कमाई की है. आधुनिक सिंचाई सिस्टम और शुगर-फ्री आलू की खेती से उन्होंने यह दिखा दिया कि विदेश जाए बिना भी गांव में रहकर शानदार सफलता पाई जा सकती है.

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खेती को बनाया करियर, हर साल कमा रहे 2.5 करोड़ से भी अधिक की कमाईखेत से कर रहे करोड़ों की कमाई

आज से करीब 10 साल पहले जब बोहर सिंह गिल के अधिकतर साथी विदेश जाकर डॉलर कमाने के सपने देख रहे थे, तब उन्होंने अपने गांव और खेती से जुड़ने का फैसला किया. पंजाब के फरीदकोट जिले के सईदके गांव के रहने वाले बोहर सिंह, जिन्हें अब यदवीर सिंह गिल के नाम से जाना जाता है, ने पारिवारिक खेती को अपनाया और आज 34 साल की उम्र में वे उतना ही कमा रहे हैं जितना उनके दोस्त विदेश में.

37 एकड़ से शुरू की थी खेती

बोहर सिंह ने अपनी पुश्तैनी 37 एकड़ जमीन से शुरुआत की. समय के साथ उन्होंने 200 एकड़ जमीन पट्टे पर लेकर खेती का विस्तार किया. उन्होंने पारंपरिक फसलें जैसे गेहूं और धान से शुरुआत की, लेकिन फिर आलू की खेती की ओर रुख किया. आज वे डायमंड और एलआर जैसी शुगर-फ्री आलू की किस्में उगाते हैं जिनकी बाजार में भारी मांग है.

आलू की खेती बनी टर्निंग पॉइंट

बोहर सिंह ने बताया, "मैंने पहले गेहूं और धान बोए, फिर दो एकड़ में आलू लगाया. नतीजा अच्छा रहा तो मैंने गेहूं छोड़ आलू पर ध्यान दिया." अब वे 250 एकड़ में आलू की खेती कर रहे हैं और मांग इतनी अधिक है कि पूरी नहीं हो पाती.

सिंचाई में नई तकनीक का इस्तेमाल

पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने दो साल पहले स्प्रिंकलर सिस्टम लगवाया. इससे आलू की खेती में 50% तक पानी की बचत हुई और उत्पादन भी बढ़ा. उन्होंने बताया कि नाइट्रोजन भी मिट्टी में आ जाता है जिससे यूरिया की खपत 40% तक कम हो गई. आज 150 एकड़ में स्प्रिंकलर सिस्टम लगा है और जल्द ही वे इसे पूरे खेतों में लागू करेंगे.

हर दिन 100 एकड़ की सिंचाई

स्प्रिंकलर सिस्टम से वे एक दिन में 100 एकड़ तक की सिंचाई कर लेते हैं, जबकि पारंपरिक तरीकों से केवल 15-20 एकड़ ही संभव होता था. इस विधि से मिट्टी नरम रहती है और कीड़े भी कम लगते हैं क्योंकि वे पानी से बह जाते हैं.

सरकारी सब्सिडी से मिली बड़ी मदद

सरकार की तरफ से स्प्रिंकलर सिस्टम पर पुरुष किसानों को 80% और महिला किसानों को 90% तक सब्सिडी मिलती है. सब्सिडी के बाद खर्च मात्र ₹15,000 प्रति एकड़ आता है. बोहर सिंह ने अन्य किसानों को भी इसका लाभ उठाने की सलाह दी.

2.5 करोड़ की सालाना कमाई

बोहर सिंह हर एकड़ से 1 लाख का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं. 250 एकड़ से उनकी सालाना आमदनी ₹2.5 करोड़ है. उनका कहना है कि यह आय उनके विदेश में बसे दोस्तों से कम नहीं है.

लोगों को दे रहे रोजगार

हर साल 250 लोगों को 3-4 महीने के लिए और करीब 20 लोगों को स्थायी रोजगार देते हैं. उनका फार्म एक मॉडल फार्म बन चुका है.

भविष्य की योजना और संदेश

बोहर सिंह का कहना है, “अभी मेरी यात्रा खत्म नहीं हुई. खेती में अपार संभावनाएं हैं. मेहनत, ईमानदारी और जुनून से कुछ भी संभव है.”

बोहर सिंह गिल की कहानी बताती है कि अगर सही सोच और आधुनिक तकनीक के साथ खेती की जाए, तो यह व्यवसाय भी करोड़ों की कमाई का जरिया बन सकता है. उनकी सफलता देश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है.

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