ओडिशा के कालाहांडी जिले के गोलामुंडा ब्लॉक के किसान कृष्ण चंद्र नाग ने रविवार को प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान अपना जिक्र होने पर पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने किसान कृष्ण चंद्र नाग के आत्मनिर्भरता और रोजगार बढ़ाने में उनके खास योगदान को याद किया. इसके बाद किसान कृष्ण चंद्र नाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है.
आधुनिक कृषि तकनीकों के इस्तेमाल के लिए मशहूर कृष्ण चंद्र 16 एकड़ जमीन पर टमाटर और दूसरी सब्जियां उगाते हैं, जिससे सालाना 1.5 करोड़ रुपये का कारोबार होता है और 75-80 लाख रुपये का मुनाफा होता है. खेती के प्रति उनके इस नए प्रयोग ने न केवल उनकी अपनी आजीविका को बदल दिया है, बल्कि क्षेत्र के 100 से ज्यादा किसानों को रोजगार के अवसर भी दिए हैं.
कार्यक्रम के दौरान, पीएम मोदी ने साथी किसानों के साथ मिलकर किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने में कृष्ण चंद्र के प्रयासों पर प्रकाश डाला. FPO ने एक टिकाऊ और मुनाफे वाला व्यवसाय मॉडल बनाया है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है और कृषि क्षेत्र में दूसरों को प्रेरित करता है.
साथी किसानों को कृषि में तकनीक अपनाने के लिए बढ़ावा देते हुए कृष्ण चंद्र ने उनसे बेहतर पैदावार और लाभ के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाने की अपील की. विशेषज्ञों का मानना है कि उनके प्रयास सीमांत किसानों के लिए बड़ी प्रेरणा का काम कर सकते हैं, ताकि वे उनके जैसे अनुभवी किसानों से सीखकर और उनके साथ मिलकर कामयाबी हासिल कर सकें.
किसान कृष्ण चंद्र नाग ने India Today से कहा, "आज मैंने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे कालाहांडी जिले के गोलामुंडा ब्लॉक को कृषि क्रांति के रूप में घोषित किया है. यह बहुत खुशी की बात है, और हम ऐसे पलों को कभी नहीं भूल सकते, आज खुशी की कोई सीमा नहीं है.
किसान कृष्ण चंद्र ने कहा, मैंने 25 डिसमिल से 16 एकड़ तक खेती शुरू की है, इसमें 18 साल का सफर है. मैं उत्पादकता बढ़ाने और अपने जिले में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में किसानों के विकास के लिए काम कर रहा हूं. मैंने अपने किसानों को भविष्य में लाखपति बनाने का दृढ़ संकल्प लिया है."
कृष्ण चंद्र ने बताया कि वे 2006 से खेती से जुड़े हैं और फिलहाल वे 16 एकड़ जमीन पर फसल उगाते हैं, जिसका सालाना कारोबार 1.5 करोड़ रुपये और मुनाफा करीब 75-80 लाख रुपये है. वे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनके गांव को सब्जियों का हब बताए जाने से बेहद खुश हैं और उन्होंने कहा, "देश के लोगों के सामने अपने ब्लॉक, गांव और जिले का नाम सुनकर बहुत अच्छा लग रहा है."
किसान ने बताया कि नाबार्ड और महाशक्ति फाउंडेशन आधुनिक खेती के तरीकों के लिए बड़ी सहायता देते हैं, और सब्सिडी भी देते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अकेले व्यक्तिगत प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे. उनका लक्ष्य जिले और ओडिशा के किसानों को एक साथ आगे बढ़ाना है.(अजय नाथ का इनपुट)
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