फसल बीमा योजना से किसानों को बड़ी राहत, DBT से खातों में पहुंचेगा दावा भुगतान

फसल बीमा योजना से किसानों को बड़ी राहत, DBT से खातों में पहुंचेगा दावा भुगतान

11 अगस्त 2025 को झुंझुनू में होगा फसल बीमा योजना का ऐतिहासिक कार्यक्रम. 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये की बीमा राशि सीधे खातों में मिलेगी. जानें कैसे इस योजना से बदल रही है किसानों की किस्मत.

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फसल बीमा योजना से किसानों को बड़ी राहत, DBT से खातों में पहुंचेगा दावा भुगतानअब किसान होगे आर्थिक रूप से मजबूत

भारत सरकार लगातार किसानों के हित में नई-नई योजनाएं और तकनीक आधारित पारदर्शी व्यवस्थाएं ला रही है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाया जा रहा है. यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वर्ष 2016 में शुरू की गई थी. इस योजना ने देश के करोड़ों किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई कर आर्थिक सुरक्षा दी है.

बीमा दावा भुगतान समारोह

11 अगस्त 2025 को राजस्थान के झुंझुनू में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें करोड़ों किसानों को उनकी फसल बीमा की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी. यह कार्यक्रम झुंझुनू हवाई पट्टी पर दोपहर 12 बजे शुरू होगा.

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. मुख्य अतिथि होंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा. इसके अलावा राज्य और केंद्र सरकार के कई मंत्री, अधिकारी, किसान नेता और जनप्रतिनिधि भी इस आयोजन में शामिल होंगे.

डिजिटल माध्यम से होगा सीधा भुगतान

इस आयोजन की खास बात यह है कि देशभर के 30 लाख से अधिक किसानों को 3,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की बीमा राशि सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए उनके खातों में दी जाएगी.

  • राजस्थान के 7 लाख से अधिक किसानों को 1,100 करोड़ रुपये
  • मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपये
  • छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपये
  • अन्य राज्यों के किसानों को 773 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी.

पारदर्शिता और तकनीक का प्रभावी उपयोग

शिवराज सिंह चौहान जी ने बताया कि इस योजना में तकनीक और पारदर्शिता को विशेष महत्व दिया गया है. अब किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान तेजी से और बिना किसी देरी के मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और खेती में आत्मविश्वास बढ़ेगा.

सरकार ने यह व्यवस्था भी की है कि अगर कोई राज्य सरकार समय पर अपनी प्रीमियम सब्सिडी नहीं देती है, तो उसे 12% की पेनल्टी देनी होगी. इसी तरह बीमा कंपनियों द्वारा देर होने पर भी किसानों को 12% की ब्याज राशि मिलेगी.

अब तक का प्रदर्शन

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक:

  • 78 करोड़ से अधिक किसान आवेदनों को कवर किया गया है.
  • 1.83 लाख करोड़ रुपये की बीमा राशि किसानों को दी गई है.
  • जबकि किसानों ने केवल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा किया.
  • इससे यह साफ होता है कि किसानों को औसतन 5 गुना से ज्यादा लाभ मिला है, जो सरकार की किसान-हितैषी नीति को दर्शाता है.

आसान हुआ क्लेम और रजिस्ट्रेशन

सरकार ने कई तकनीकी नवाचार किए हैं, जैसे:

  • YES-TECH
  • WINDS पोर्टल
  • AIDE मोबाइल ऐप
  • कृषि रक्षक पोर्टल
  • हेल्पलाइन 14447

इनसे न केवल फसल क्षति का आकलन तेज और सटीक हुआ है, बल्कि ग्राम स्तर पर ही पंजीकरण और सहायता की सुविधा उपलब्ध हो गई है.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सिर्फ एक बीमा योजना नहीं है, बल्कि यह किसानों की मेहनत, आत्मनिर्भरता और भविष्य की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक सशक्त कदम है.

केंद्र सरकार की यह पहल दिखाती है कि तकनीक और पारदर्शिता के साथ किसानों को सशक्त बनाकर ही भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जा सकता है. 11 अगस्त 2025 को झुंझुनू में होने वाला यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक अवसर है, जो दिखाता है कि भारत सरकार किसानों के हित में दृढ़ संकल्पित है. इस योजना से किसानों को न सिर्फ आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उनका आत्मबल और खेती में भरोसा भी बढ़ता है.

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